Sunday, January 21, 2024

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस

 

दिनांक – 19 जनवरी -22 जनवरी 2024

अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन,कुप्पम,आंध्रप्रदेश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस: उत्तराखण्ड से प्रतिभागी सदस्य निदेशक अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन और एस सी आर टी, आई टी प्रवक्ता रमेश बडोनी रहे मौजूद  

भविष्य की तकनीकी चुनौतियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारतीय संदर्भ में अनुप्रयोग और विकास के लिए सुगम बनाने पर अगस्त इंटरनेशनल फाउंडेशन ने छात्र,शिक्षक और AI विषय पर राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस में राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने तकनीकी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की चर्चा की, जिसमें शिक्षा, औद्योगिक क्षेत्र, और नैतिकता के मामलों पर बातचीत हुई।


कांफ्रेंस के मुख्य आकर्षण में आईआईटी मुंबई, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी खरगपुर, आईआईटी बेंगलुरु और विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुख शिक्षाविदों ने; तकनीकी क्षेत्र में अपनी भौगोलिक संसाधनों के साथ कृत्रिम बौद्धिक क्षमता का समावेश कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा की। नवम फाउंडेशन और पूर्व मुख्य अधिकारी नितिन देसाई द्वारा सम्पूर्ण ईवेंट को रोचक बाय गया। प्रोग्राम समन्वयक डॉ अनतः ने कॉन्फ्रेंस को सुगम बनाने के लिए संसाधनों को यथा समय प्रातभागियों को उपलब्ध करवाया गया।


इस मौके पर, इंफोसिस के फाउंडर मेंबर सुधा मूर्ति, अगस्त्य फाउंडेशन के फाउंडर रामजी राघवन, प्रोफेसर गोपीनाथ, और अन्य अधिकारीगण ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही और नैतिक उपयोग करने के लिए तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर कैसे कदम उठाये जा सकते हैं, इस पर चर्चा की।


कॉन्फ्रेंस में विभिन्न एनजीओ और स्टार्टअप्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नए-नए अनुप्रयोगों पर चर्चा की, जिसमें राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी अपने संदर्भों के साथ ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों के साथ अपनी विचारधारा साझा की।


AI प्रशिक्षण और आगे की योजनाएं: इसी क्रम में, शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी संस्थानों जैसे आईआईटी मुंबई, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी खरगपुर, और विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के यंत्रों को सुगम बनाने के लिए कई तकनीकी योजनाओं की घोषणा की।


पैनल डिस्कशन और स्किल एनहैंसमेंट: दूसरे दिन पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ओपन डिस्कशन और स्किल एनहैंसमेंट पर विशेष व्याख्यानों में भी भाग लिया गया। इस दौरान विभिन्न विषयों पर चिंतन मंथन सत्रों में श्री राम और अभिनेत्री सुभाषिणी ने क्रियाकलापों से प्रतिभागियों को सहयोग करने के लिए सभी को सक्रियता के लिए आवाहन किया।


अंतिम दिवस पर इस कॉन्फ्रेंस में इसरो के पूर्व चेयरमैन और निदेशक डॉक्टर पदम विभूषण किरण कुमार, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य को लेकर चर्चा की और प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब दिए। उत्तराखंड से बंदना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक, शोध एवं मूल्याकन ने इसरो के पूर्व निदेशक से चर्चा मे जिज्ञासा की कि कैसे हम अपने शैक्षणिक संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को वास्तविक और नैतिक रूप से प्रयोग करने के लिए एक स्वतंत्र वातावरण बना सकते है।

एस सी आर टी आई टी प्रवक्ता रमेश बडोनी ने इसरो के वैज्ञानिक से भुवन पोर्टल पर चर्चा की गई और इस पोर्टल को पाठ्यक्रम के साथ सम्बद्ध करने के लिए इसरो को सुझाव के साथ नए विकल्पों जिनमे नेवीगेशन और अनलाइन प्रतिभाग करने के लिए और अंतरिक्ष की जानकारी के लिए संसाधनों पर समीक्षा करने को कहा गया । इस क्रम मे वैज्ञानिक  किरण कुमार द्वारा भुवन के नए अवतार और संसाधनों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की गई।

कॉन्फ्रेंस के समापन के दौरान, देश, प्रदेश, और विभिन्न तकनीकी संस्थानों से आए वैज्ञानिकों, शिक्षकों, और अन्य प्रतिभागियों ने ए आई को समग्रता में उपयोग  करने के लिए अधिक से अधिक तैयारी और सुझाव दिए। इन चर्चाओं के माध्यम से भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का प्रयास किया गया, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सुगमता से समझा जा सके और इसे व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाया जा सके।