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Monday, January 22, 2024

उत्तराखण्ड राज्य अकादमिक,शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक, बंदना गर्ब्याल ने कर्नाटक राज्य के DSCERT संस्थान और अजीम प्रेमजी के सहयोग से विकसित मुथआर्यनगर के हाइयर प्राइमेरी स्कूल का भ्रमण और गुणवत्ता शिक्षा के नए आयामों पर चर्चा

 दिनांक – 22 जनवरी 2024

Department of State Educational Research and Training(DSCERT), Bengaluru, Karnataka


निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण ने कर्नाटक राज्य के DSCERT संस्थान में भ्रमण कार्यक्रम के दौरान वहां चल रही शैक्षिक संवर्धन पर गतिमान बेस्ट प्रैक्टिसेज और नए शैक्षिक आयामों पर चर्चा की गई। इस दौरान, कर्नाटक राज्य के DSCERT संस्थान की निदेशिका, डॉ सुमंगला द्वारा उत्तराखण्ड अकादमिक,शोध एवं प्रशिक्षण निदेशका ,बंदना गर्ब्याल का स्वागत कर सेमीनार हाल मे संस्थान के अधिकारियों और प्रवक्ताओं के साथ राज्य में चल रहे नवाचारी कार्यक्रम के प्रस्तुतीकरण में शामिल होकर उत्तराखण्ड की शैक्षिक प्रक्रियाओं को समझने का प्रयास किया।

बेंगलुरु में स्थित डीएससीआरटी मे प्रस्तुतीकरण और चर्चा के दौरान, राज्य की निदेशका ने बताया कि राज्य ने दीक्षा पोर्टल पर 30000 से अधिक ई कंटेंट का निर्माण किया है और उनके द्वारा 47 से अधिक ऑनलाइन कोर्स मूकस के रूप में उपलब्ध हैं, जहाँ अभी तक एक लाख शिक्षक और विद्यार्थी अपनी दक्षताओं और कौशलों को निखार चुके हैं।


इसी क्रम में, संयुक्त निदेशक के साथ सम्पूर्ण विभागों और डीएसईआरटी मे मौजूद भौतिक संसाधनों का भ्रमण करवाया। 


जहां उन्होंने दो ऑडियो-वीडियो स्टूडियो, आईटी लैब, प्रशिक्षण केंद्र, लाइब्रेरी, और कॉन्फ्रेंस हॉल के आधुनिकीकरण का विवरण दिया जहाँ पर व्यापक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सुविधाएं शामिल हैं, जो शैक्षिक व्यवस्थाओं की गुणवत्ता में सुधार करने का संकेत करती हैं।


इस कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड राज्य की निदेशिका द्वारा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से एक हायर प्रायमरी स्कूल का भ्रमण किया है, जो बेंगलुरु के मुथआर्यनगर मे स्थित है। इस स्कूल में विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा अंडर-प्रिविलेज बच्चों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं, जहां सभी आधुनिक संसाधनों का संयोजन है और स्लम के बच्चों के लिए कक्षा 7 तक की शिक्षा का प्रदान की जा रही है।


इस प्राइमरी स्कूल में गुणवत्ता शिक्षा के लिए सभी साधनों का पूरा-पूरा खयाल रखा गया है और यहां के शिक्षक, प्रशिक्षक गुणवत्ता शिक्षा के लिए सतत कार्य कर रहे हैं। इस स्कूल की खास बात यह है कि मुख्य शिक्षक इंदुमति जी ने अपने सहयोग से इस प्राइमरी स्कूल को एक मॉडल स्कूल के  रूप में विकसित कर स्लम के बच्चों को सहारा देने का वादा किया है, ताकि हर युवा बच्चा पढ़ने को खुशी – खुशी स्कूल आए और उसे सहयोग मिल सके।


इस स्कूल में एक अनोखा दृश्य यह है कि यहां पर वेजिटेबल गार्डन भी है, जो बच्चों के लिए एक स्वस्थ और शिक्षाप्रद वातावरण प्रदान करता है। 


स्कूल में सभी खेल की सुविधाएं हैं
, कंप्यूटर लैब है, और प्रत्येक कक्षा में दोस्ताना वातावरण है, जो खेल और शिक्षा को एक नई ऊर्जा और आदर्शता देने के लिए खास प्रयास है।

उत्तराखंड राज्य के निदेशिका ने इस स्कूल का भ्रमण करते हुए और यहां के बच्चों और शिक्षकों से बात करते हुए कहा कि यह एक गुणवत्ता शिक्षा का अनूठा मॉडल है जो हमारे जैसे स्कूलों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस स्कूल का पूरा केंद्र नैतिक मूल्यों पर आधारित है और यहां सभी कार्यक्रम नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखकर ही चलाए जाते हैं।

इस यात्रा के दौरान निदेशिका ने शेयरिंग के दौरान बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में कौन-कौन से नवाचारी कार्यक्रम चल रहे हैं और भविष्य की योजनाओ पर भी DSERT संस्थान के अधिकारियों के साथ साझा की गई ।









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