आज होलिस्टिक
प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) को राज्य में लागू किए जाने के सम्बन्ध में
महत्वपूर्ण बैठक श्रीमती बन्दना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं
प्रशिक्षण उत्तराखंड की
अध्यक्षता में अकादमिक शोध एवं
प्रशिक्षण निदेशालय, ननूरखेडा, देहरादून में आयोजित की गई ।
"नई शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के अनुसार, होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) विद्यार्थियों का समग्र विकास को मापने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसका लक्ष्य छात्रों के शैक्षिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक, और आत्मिक विकास को समझने और समर्थन करने में सहायक होगा। यह कार्ड विद्यार्थियों के सभी क्षेत्रों में प्रगति को मापता है और उनके प्रोफाइल को एक आंतरिक और बाहरी समाधान के रूप में प्रस्तुत करता है। NEP-2020 के अनुसार, इस प्रोग्रेस कार्ड के माध्यम से विभिन्न गुणों, कौशलों, और प्रतिभाओं को मापने के लिए संपूर्ण और विश्वसनीय डेटा प्राप्त होगा। इसके अलावा, होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) छात्रों के विकास में सहायक और संरक्षक की भूमिका को भी प्रदर्शित करेगा जिससे छात्र की समग्र प्रगति और स्थिति का पर्याप्त ध्यान रखा जा सके।"
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में होलिस्टिक प्रोग्रेस
कार्ड (एच.पी.सी.) को लागू किए जाने की संस्तुति की गई है । समग्र प्रगति कार्ड एक 360 डिग्री, प्रगति की बहुआयामी रिपोर्ट है, जो संज्ञानात्मक,
भावनात्मक, सामाजिक-भावनात्मक और साइकोमोटर डोमेन में प्रत्येक
शिक्षार्थी की प्रगति के साथ-साथ विशिष्टता को विस्तार से दर्शाती है। इसके साथ ही होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड
(एच.पी.सी.) बच्चे के घर एवं विद्यालय के मध्य एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य
करेगा ।
श्रीमती बन्दना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड द्वारा एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड, द्वारा विकसित होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए । साथ ही विद्यालय स्तर पर होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड का रिकॉर्ड रखे जाने को एक रजिस्टर का प्रारूप विकसित किए जाने को निर्देशित किया।
बैठक में श्री अजय नौडियाल, अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी.
उत्तराखंड, श्रीमती कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड, श्री राकेश जुगराण, प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं
प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून, श्रीमती कमला बडवाल, उपनिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय (प्रतिनिधि निदेशक,
प्रारंभिक शिक्षा, उत्तराखंड), श्री चंडी प्रसाद रतूड़ी, उपनिदेशक, माध्यमिक शिक्षा
निदेशालय (प्रतिनिधि निदेशक, माध्यमिक शिक्षा), श्री अजीत भंडारी, उप राज्य
परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, डॉ. दीपक प्रताप सिंह, प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड, डॉ. रंजन भट्ट, प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड,
श्रीमती अंजुम फातिमा, समग्र शिक्षा एवं श्रीमती नेहा रावत, समन्वयक, समग्र शिक्षा उत्तराखंड के द्वारा भी होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) को राज्य
में लागू किए जाने के सम्बन्ध महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए गए ।
सार :-
होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) स्कूलों के लिए विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह कार्ड विद्यार्थियों की समग्र प्रगति को मापने का एक प्रभावी तरीका है और उनके विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। निम्नलिखित कुछ मुख्य कार्य होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) के स्कूलों के लिए हो सकते हैं:
- विद्यार्थी की प्रगति का मूल्यांकन- Assessment of student progress
- विद्यार्थी की विशेषता का पता लगाना-Identification of student's strengths
- शिक्षा योजना का अनुकूलन-Alignment of educational plan
- संपर्क और संचार के साधन-Means of communication and contact
- शैक्षिक नीतियों का अनुकूलन-Alignment of educational policies