Wednesday, March 06, 2024

SQAAF : स्टेट क्वालिटी एसेसमेंट एंड एक्रॆडिटेशन फ्रेमवर्क निर्माण कार्यशाला

 

बंदना गर्ब्यालनिदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा SQAAF निर्माण पर व्याख्यान  

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसानुसार राज्य में स्टेट क्वालिटी एसेसमेंट एंड एक्रॆडिटेशन फ्रेमवर्क बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। श्रीमती बंदना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की अध्यक्षता में एस.सी.ई.आर.टी के एन.ई.पी प्रकोष्ठ द्वारा समग्र शिक्षा सभागार में आयोजित  कार्यशाला से कल इसका विधिवत प्रारंभ किया गया। नीपाऔर एनसीईआरटी नई दिल्ली से प्राप्त  दिशा निर्देशों के अनुसार राज्य में एससीईआरटी द्वारा SQAAF का निर्माण किया जाएगा । श्री अजय कुमार नौड़ियाल, अपर निदेशक एससीईआरटी ने कार्यशाला का औचित्य स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि यह फ्रेमवर्क इस प्रकार का हो जिसे सभी हितधारक आसानी  से समझ सकें।


श्री शैलेंद्र अमोली, उपनिदेशक एन.ई.पी प्रकोष्ठ ने कार्यशाला का औचित्य स्पष्ट किया और एसक्यूएएएफ क्यों बनाया जाना है, यह किस प्रकार काम करेगा तथा किस रूप में हितधारकों के लिए लाभकारी हो सकेगा इससे सदन को अवगत कराया। 


कार्यशाला का संचालन डॉ  कामाक्षा मिश्रा, कार्यक्रम समन्वयक एन ई पी प्रकोष्ठ द्वारा किया गया । समग्र शिक्षा से श्री मदन मोहन जोशी उप राज्य परियोजना निदेशक द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से समस्त प्रतिभागियों को एसक्यूएएएफ और शाला सिद्धि की जानकारी साझा की गई।  निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण ने कहा कि यह समूह कोर कमेटी के रूप में काम करेगा और अग्रिम कार्यशालाओं में अन्य प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेगा। 


श्रीमती कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक एनसीईआरटी उत्तराखंड ने कार्यशाला के समापन में सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए कहा की यह दस्तावेज धरातल से जुड़ा हुआ हो और विद्यालयों के लिए कारगर सिद्ध हो जिससे गुणवत्ता शिक्षा के क्षेत्र में सफलतापूर्वक कार्य किया जा सके। कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों में प्राचार्य श्री राकेश जुगरान, संयुक्त निदेशक श्री हरिश्चंद्र सिंह रावत, संयुक्त निदेशक  श्री पदमेन्द्र सकलानी, श्री दलेर सिंह राजपूत, अमित कुमार चंद, अजीत भंडारी, पल्लवी नैनहेमलता गौड़, प्रद्युम्न रावत, डॉ विनोद ध्यानी अंजुम फातिमा, सुधीर चंद्र नौटियाल, पुष्पा असवाल, प्रदीप बहुगुणा, नीलम पवार, शालिनी गुप्ता, रवि दर्शन तोपाल, सचिन नौटियाल आदि उपस्थित रहे।

SQAAF का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

  • शैक्षणिक संस्थानों के गुणवत्ता की मान्यता: इ
  • समानता का संवर्धन
  • साक्षात्कार और प्रमाणीकरण
  • समायोजन

  1. SQAAF का उद्देश्य एक सामान्य मानक प्रणाली को बनाना है जिसमें शैक्षणिक संस्थानों की गुणवत्ता और मानकों को मापने और मान्यता देने के लिए संगठित प्रक्रियाएं शामिल हों।