Thursday, June 20, 2024

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, देहरादून में मनाया गया

देहरादून, 21 जून 2024 –  अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विद्यालय शिक्षा विभाग ने राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, देहरादून के प्रांगण में भव्य योग दिवस समारोह का आयोजन किया। इस आयोजन में महानिदेशक; विद्यालयी शिक्षा, बंशीधर तिवारी, माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा निदेशक; महावीर बिष्ट, अकादमिक  शोध एवं मूल्यांकन निदेशक;  बंदना गर्ब्याल   और समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

समारोह का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को योग और प्राणायाम के महत्व से अवगत कराना था। सुबह 6:00 से 7:00 बजे तक आयोजित योग सत्र में विद्यालय परिवार के शिक्षक साथियों, समग्र शिक्षा के अधिकारियों, अकादमिक शोध निदेशालय के अधिकारी और संकाय सदस्यों ने भाग लिया। सभी ने पूरे मनोयोग से विभिन्न योगासन और प्राणायाम की क्रियाएं कीं।

महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आत्मिक शांति का मार्ग भी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि योग को नियमित दिनचर्या में शामिल करने से व्यक्ति स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जी सकता है। उन्होंने योग के द्वारा असाध्य रोगों को मात देने वाले उदाहरणों का उल्लेख करते हुए योग की अद्वितीय शक्ति पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर माध्यमिक विद्यालयी शिक्षा निदेशक महावीर बिष्ट और अकादमी शोध एवं मूल्यांकन निदेशक बंदना गर्ब्याल  ने भी योग के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में योग का समावेश छात्रों की एकाग्रता, मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में समग्र शिक्षा के अधिकारियों और एससीईआरटी के अपर निदेशक अजय नौडियाल की भी उपस्थिति रही। स्कूल प्रबंधन ने इस अवसर पर सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान कीं और कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

योग दिवस के इस आयोजन ने न केवल छात्रों और शिक्षकों को योग और प्राणायाम के महत्व को समझने का अवसर दिया, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन में अपनाने की प्रेरणा भी दी। यह समारोह शिक्षा के क्षेत्र में योग के महत्व को पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस सफल आयोजन ने सभी उपस्थित लोगों को स्वस्थ जीवन शैली की ओर अग्रसर करने का संकल्प दिलाया। विद्यालय शिक्षा विभाग का यह प्रयास सराहनीय है और इस प्रकार के आयोजन से समाज में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

उत्तराखंड की भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

उत्तराखंड, जिसे 'योग की भूमि' के नाम से भी जाना जाता है, ने योग को वैश्विक मंच पर मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ योग की प्राचीन परंपरा और ज्ञान का गहरा इतिहास है। ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे स्थानों ने योग के प्रसार में अद्वितीय योगदान दिया है।

  1. ऋषिकेश - योग की राजधानी: ऋषिकेश को विश्व योग राजधानी के रूप में जाना जाता है। यहाँ पर विभिन्न योग शिक्षण संस्थान और आश्रम हैं, जो विश्व भर से आने वाले योग साधकों को प्रशिक्षण देते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव जैसे आयोजन भी यहाँ पर होते हैं, जो योग के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने में सहायक होते हैं।

  2. पर्यटन और शिक्षा: उत्तराखंड में योग पर्यटन ने बहुत तेजी से विकास किया है। हर साल हजारों विदेशी पर्यटक योग सीखने और प्राचीन भारतीय संस्कृति का अनुभव करने के लिए यहाँ आते हैं। यह राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

  3. योग गुरुओं का योगदान: उत्तराखंड के योग गुरुओं ने विश्वभर में योग के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने योग के विभिन्न पहलुओं को सिखाने और योग को जीवन शैली में शामिल करने के लिए प्रेरित किया है।

  4. सरकारी पहल: उत्तराखंड सरकार ने योग के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीतियाँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी राज्य द्वारा किया जाता है।

निष्कर्ष

योग का महत्व शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास के लिए अनमोल है। उत्तराखंड ने योग को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और योग की समृद्ध परंपरा ने इसे विश्व योग के केंद्र के रूप में मान्यता दिलाई है। योग के माध्यम से उत्तराखंड ने न केवल भारत की प्राचीन विरासत को संरक्षित किया है, बल्कि इसे विश्वभर में प्रसारित भी किया है। योग की यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी रहेगी।