Thursday, July 25, 2024

शिक्षा सप्ताह के चतुर्थ दिवस के रूप में प्रदेश भर में मनाया गया सांस्कृतिक दिवस

दिनांक : 25/07/2024 , एस सी ई आर टी ; एन ई पी सेल : मनोज बहुगुणा
राष्ट्रीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान एवं एससीईआरटी उत्तराखंड के निर्देशन में दिनांक 22 से 28 जुलाई 2024  तक  मनाए जा रहे शिक्षा सप्ताह के चतुर्थ दिवस सांस्कृतिक दिवस के अवसर पर आज दिनांक 25 जुलाई 2024 को राज्य के विद्यालयों, विकास खंड, जनपद एवं राज्य स्तरीय कार्यालयों एवं सभी 13 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 

इसके अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप मातृभाषा तथा स्थानीय बोली/भाषाओं को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करते हुए क्षेत्रीय बोलियों में नुक्कड़ नाटक, लोक कथाओं जैसे राजुला मालूशाही, रामी बौराणी, तीलू रौतेली, जीतू बगड़वाल आदि पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अतिरिक्त झोड़ा, चांचरी, छपेली, तांदी, नाटी, जागर आदि लोक गीत एवं लोक नृत्य,  ऐपण तथा मुखौटे जैसे स्थानीय कला, आर्ट और क्राफ्ट आदि पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती बंदना गर्बयाल ने बताया कि उत्तराखंड अपनी समृद्ध सांकृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुशंसाओं के अनुसार राज्य की इस अनमोल धरोहर को सजाने, संवारने और प्रसारित करने का कार्य विभिन्न कार्यों के माध्यम से किया जा रहा है। 

इस दिशा में एनसीईआरटी द्वारा विकसित बरखा सीरीज की पुस्तकों का स्थानीय  बोलियों गढ़वाली, कुमाऊनी तथा जौनसारी में अनुवाद किया गया है। गढ़वाली, कुमाऊनी, गुरमुखी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में द्विभाषी पुस्तकें विकसित करने का निर्णय लिया गया है।


एससीईआरटी के पाठ्यक्रम विभाग द्वारा हमारी विरासत हमारी विभूतियां नाम से पुस्तकें विकसित की गई हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ (एन. ई.पी. सेल) द्वारा राज्य में बोली जाने वाली विभिन्न स्थानीय बोलियों में शब्द कोश विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।