Wednesday, July 24, 2024

उत्तराखंड के SCERT भवन का भव्य लोकार्पण: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया उद्घाटन


 

आज उत्तराखंड को  शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि : राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद (SCERT) के अत्याधुनिक नए भवन का उद्घाटन किया गया। इस  समारोह  में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में नए भवन का किया लोकार्पण । इस कार्यक्रम में शिक्षा जगत के कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की और राज्य की शैक्षिक उन्नति पर विचार-विमर्श किया।

SCERT के नए परिसर की विशेषताएं: 

SCERT का नया परिसर अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जो उत्तराखंड की शैक्षिक व्यवस्था को और भी उत्कृष्ट बनाने में मदद करेगा। इसमें निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:

  • आवासीय सुविधाएं: शिक्षक और प्र-शिक्षकों के लिए विशेष आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे वे प्रशिक्षण के दौरान अपनी एकाग्रता बनाए रख सकें।
  • कॉन्फ्रेंस हॉल: एक विशाल कॉन्फ्रेंस हॉल बनाया गया है, जहां सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

  • विभागीय कार्यशालाएं: विभिन्न विभागों के लिए संसाधनों से युक्त कार्यशालाएं बनाई गई हैं, जहां शिक्षक और छात्र गहन अध्ययन और अनुसंधान कर सकते हैं।

  • ऑडिटोरियम: 200 लोगों की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम तैयार किया गया है, जो विशेष ध्वनिकी तकनीक से सुसज्जित है, जिससे दर्शकों को उच्च गुणवत्ता का अनुभव प्राप्त हो सके।

  • भविष्य के लिए स्टूडियो की योजना: भविष्य में शैक्षिक सामग्री के निर्माण और प्रसार के लिए स्टूडियो के विकास की योजना भी बनाई गई है।

  • प्रशासनिक भवन: एक समर्पित प्रशासनिक भवन की भी व्यवस्था की गई है, जो शैक्षिक कार्यों को सुगमता से संपन्न करेगा।

समारोह की मुख्य बातें और पुरस्कार वितरण

उद्घाटन समारोह में राज्य स्तर पर शैक्षिक उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले विद्यालयों और छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उत्कृष्ट पुरस्कारों का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाथों से मेधावी छात्रों और विद्यालयों को पुरस्कृत किया।


विद्यालय पुरस्कार

  1. एस.डी. एकेडमी, गोविंदगढ़, देहरादून: इंटरमीडिएट स्तर पर सर्वोच्च परीक्षा परिणाम देने के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 10 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

  2. ग्लोबल आईसी, डीडी हाट, पिथौरागढ़: द्वितीय पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिया गया।

  3. टीएमजी, खटीमा, उधम सिंह नगर: तृतीय पुरस्कार के रूप में 3 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

हाई स्कूल स्तर पर:

  1. ग्लोरियल स्कूल: प्रथम पुरस्कार के रूप में 8 लाख रुपए और मुख्यमंत्री ट्रॉफी प्रदान की गई।

  2. देवभूमि चिल्ड्रन एकेडमी: 4 लाख रुपए और मुख्यमंत्री ट्रॉफी के साथ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

  3. शिखर स्कॉलर एकेडमी, गाजा, टिहरी गढ़वाल: तृतीय पुरस्कार के रूप में 2 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिए गए।


मेधावी छात्र पुरस्कार

  • हाई स्कूल के मेधावी छात्र:

    • प्रियांशी रावत: 100% अंक प्राप्त करने के लिए जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ को ₹15,000 और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
    • शिवम मलेथा: जनता एचएसएस मणिपुर, रुद्रप्रयाग के छात्र को द्वितीय पुरस्कार के रूप में ₹11,000 की धनराशि दी गई।
    • आयुष, एसबीएमआईसी, श्रीकोट गगनाली, पौड़ी गढ़वाल: तृतीय पुरस्कार ₹8,000 और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
    • अन्य 10 छात्रों को भी ₹5,100 की धनराशि और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
  • इंटरमीडिएट के मेधावी छात्र:

    • पियूष खोलिया: विवेकानंद इंटर कॉलेज, रानीधारा, अल्मोड़ा के छात्र को 97.6% अंक प्राप्त करने पर ₹21,000 और प्रशस्ति पत्र दिया गया।
    • कंचन जोशी: एचजीएस इंटर कॉलेज, कुसुमखेड़ा, हल्द्वानी, नैनीताल को भी प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹21,000 प्रदान किया गया।
    • अंशुल नेगी: एपी जवाहर नगर, रुद्रप्रयाग के छात्र को द्वितीय पुरस्कार के रूप में ₹15,000, प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो से सम्मानित किया गया।
    • शेष अन्य 10 छात्रों को ₹11,000 और ₹5,100 की क्रमवार धनराशि देकर सम्मानित किया गया।


जादुई पीटारा, साहित्य लेखन और पीएमई विद्या का प्रदर्शन

इस कार्यक्रम में SCERT द्वारा विकसित जादुई पीटारा, साहित्य लेखन, और पीएमई विद्या के विभिन्न पहलुओं को भी शोकेस किया गया। यह प्रदर्शनी छात्रों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत साबित हुई। जादुई पीटारा के माध्यम से शिक्षकों को नई तकनीकों और संसाधनों के बारे में जानकारी दी गई, जिससे उनकी शिक्षण विधियों में सुधार होगा। साहित्य लेखन ने रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया और छात्रों को अपनी सोच को लेखन के माध्यम से व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया। पीएमई विद्या के तहत डिजिटल लर्निंग के नए आयामों पर भी प्रकाश डाला गया।


मुख्यमंत्री का अभिभाषण और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अभिभाषण में कहा, "यह नया SCERT भवन उत्तराखंड की शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। हमारी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, और हम भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखेंगे।"


उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी शैक्षणिक कार्यों को डिजिटल बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इससे पारदर्शिता और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "उत्तराखंड को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना हमारा उद्देश्य है। हम शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाकर राज्य को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे।"


क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा की अपील

विधायक उमेश शर्मा काऊ ने मुख्यमंत्री से न्यू SCERT प्रांगण में बरसात के पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए एमडीडीए के उपाध्यक्ष को निर्देश दिए कि वे परिसर के चारों ओर उचित निकासी व्यवस्था करें, ताकि भवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

स्वागत समारोह 

महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी (आई ए एस) ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया और राज्य की शैक्षिक उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा, "उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए SCERT का यह नया भवन एक महत्वपूर्ण कदम है।"

समारोह का समापन मुख्यमंत्री के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को शैक्षिक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है, और इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।"

उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत

इस कार्यक्रम में विद्यालय शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशिका बंदना गर्ब्याल , प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्री रामकृष्ण उनियाल, अपर निदेशक अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली, कंचन देवराड़ी एवं डॉ के एन बीजलवान SCERT के सभी सम्मानित शिक्षा संकाय के सदस्य उपस्थित थे।  इस महत्वपूर्ण अवसर पर शिक्षा जगत के कई अन्य अधिकारी  मौजूद थे जिनमे डॉ. मुकुल सती समग्र शिक्षा अपर राज्य परियोजना निदेशक, एम.एम. जोशीडेप्यूटी परियोजना निदेशक, डॉ. मोहन बिष्ट, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण के मंच संचालक, जिन्होंने कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी संभाली,डॉ. कुलदीप गैरोला संयुक्त निदेशक,  पदमेन्द्र सकलानी और आनंद भारद्वाज ,प्रदीप रावत मुख्य शिक्षा अधिकारी, इनके अलावा अन्य कई अधिकारी और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिन्होंने SCERT के नए भवन के उद्घाटन को सफल बनाया।

इस प्रकार, SCERT के नए भवन के उद्घाटन के साथ ही उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ गया, जो आने वाले वर्षों में राज्य की शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

SCERT संकाय और अधिकारियों के साथ समापन विचार

अपने धन्यवाद ज्ञापन के अंत में, बंदना गर्ब्याल ने कहा:"हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है, और इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। यह नया SCERT भवन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और हम आशा करते हैं कि इसके माध्यम से हम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगे।" प्रोग्राम एवं मोनिट्रिंग विभाग से डॉ रंजन भट्ट के सपर्पण के लिए और सतत प्रबंधन के लिए निदेशक ने सराहना की । डॉ के एन बिजलवाण और डॉ अजय चौरसिया, डॉ गैरोला, सुबरा सिंघल और सूर्यकांत ममगाईं एवं निदेशक ने अन्य सदस्यों के योगदान को याद कर कहा कि उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में प्रेरणादायक भूमिका निभाई।

"मैं आप सभी का धन्यवाद करती हूँ और विश्वास दिलाती हूँ कि हम शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। हमारे विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य ही हमारा सर्वोच्च लक्ष्य है, और हम इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।" बंदना गर्ब्याल