बागेश्वर, 12 सितंबर: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बागेश्वर में 'कृत्रिम बुद्धिमता-संभाव्यता और सरोकार' विषय पर राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी का आज भव्य उद्घाटन हुआ। इस संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली के मार्गदर्शन में किया गया है, जिसमें राज्यभर से बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अनुश्रवण के उपाध्यक्ष शिव सिंह बिष्ट, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक कमल पाण्डे, आकाश सारस्वत, डायट प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार पांडेय और मुख्य शिक्षा अधिकारी गजेन्द्र सिंह सौन ने संयुक्त रूप से किया। मुख्य अतिथि राज्यमंत्री शिव सिंह बिष्ट ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि आने वाला समय कृत्रिम बुद्धिमता का है, और इसके सकारात्मक उपयोग से विद्यार्थी अपनी रचनात्मक एवं विश्लेषणात्मक क्षमताओं को सशक्त बना सकते हैं।
अपर निदेशक, एससीईआरटी, आशा रानी पैन्यूली ने राज्यभर से आये बाल वैज्ञानिकों को निरंतर प्रयास करने और अच्छी आदतों को विकसित करने की प्रेरणा दी। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने अपने संदेश में विद्यार्थियों से अपनी रचनात्मक और विश्लेषणात्मक शक्तियों को बढ़ाने का आह्वान किया।
राज्य विज्ञान समन्वयक डॉ. देवराज सिंह राणा ने बताया कि इस संगोष्ठी में 13 जनपदों के 26 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रत्येक प्रतिभागी 6 मिनट का प्रस्तुतीकरण और 2 मिनट का प्रश्नोत्तर सत्र प्रस्तुत करेंगे। राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को मुंबई में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जहाँ विजेता को एक साल तक प्रतिमाह 4000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी।
इस अवसर पर निर्णायक मंडल में डॉ. दीपक कुमार, डॉ. रेखा वर्थवाल और सहायक प्रोफेसर डॉ. हेमलता बिष्ट ने मूल्यांकन कार्य किया। कार्यक्रम का संचालन डायट प्रवक्ता डॉ. राजीव जोशी द्वारा किया गया, जिसमें डीएलएड प्रशिक्षुओं और निकटस्थ विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी दर्शक के रूप में हिस्सा लिया।
संगोष्ठी ने राज्य के युवा वैज्ञानिकों के लिए एक सशक्त मंच प्रदान किया है, जहाँ वे कृत्रिम बुद्धिमता के क्षेत्र में अपने विचार और शोध प्रस्तुत कर रहे हैं।
प्रथम तीन विजेता के नाम -