इस महोत्सव में उत्तराखंड प्रदेश के 13 जनपदों से लगभग 650 बाल वैज्ञानिक भाग लेंगे, जो सात प्रमुख थीम्स पर आधारित अपने मॉडल प्रस्तुत करेंगे। इन थीम्स में सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खाद्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, परिवहन एवं संचार, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, गणितीय प्रतिरूपण, कचरा प्रबंधन, और संसाधन प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। सहायक निदेशक डॉ के एन बिजलवाण ने कहा इन मॉडल्स के माध्यम से, बाल वैज्ञानिकों को युवाओं के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सोच को विकसित करने का एक मंच मिलेगा।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. धन सिंह रावत (शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार) समारोह में उपस्थित होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोद चमोली (विधायक धर्मपुर विधानसभा ) इस अवसर पर होंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत देवेंद्र दास जी महाराज (दार्शनिक संप्रदाय) करेंगे, जो इस महोत्सव की महत्ता को और बढ़ाएंगे।
इस महोत्सव का उद्देश्य केवल विज्ञान के प्रति युवाओं में रुचि जागृत करना ही नहीं, बल्कि "वसुधैव कुटुंबकम" (One Earth, One Family, One Future) के माध्यम से एकता और पर्यावरण संरक्षण की भावना को भी प्रोत्साहित करना है।
अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा यह महोत्सव न केवल उत्तराखंड के लिए एक गर्व का क्षण है, बल्कि यह देशभर में युवा वैज्ञानिकों को एक नई दिशा और पहचान देने की ओर एक कदम है।
अवधारणा पत्र (Concept Note)
सभी बच्चे स्वाभाव से जिज्ञासु एवं खोजी प्रवृत्ति के होते हैं तथा समाज की विविध समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर नवाचार करते हैं। मानव समुदाय ने अधिक सुविधाओं और सुरक्षा की तीव्र गति से प्राप्त करने के लिए विश्व के सीमित संसाधनों पर अधिक दबाव बनाया है और इनके परिणामस्वरूप उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्र निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रमुख साधनों के रूप में कार्य करते हैं। मानव की मूलभूत समस्याओं को सुलझाने में विज्ञान, गणित एवं प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग हेतु बच्चों एवं शिक्षकों के बीच जागरूकता एवं अभिरुचि के उद्देश्यों से प्रत्येक वर्ष अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड द्वारा विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जाता है। विज्ञान महोत्सव, विज्ञान प्रदर्शनी एवं विज्ञान ज्ञान का सामूहिक कार्यक्रम है।
विज्ञान प्रदर्शनी – यह गतिविधि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित की जाती है। इसका प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में हो रहे परिवर्तनों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डालना, राष्ट्रीय विकास तथा वैश्विक परिवर्तन में विज्ञान की भूमिका की महत्ता के संदर्भ में प्रासंगिकता विकसित करना, आत्मविश्वास तथा शैक्षिक संस्थाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु विद्यालयों को प्रेरित करना, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को स्कूल में अध्ययन की गुणवत्ता को संवारा है और उसके उपयोग के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना है। इसमें विभिन्न विद्यालयों द्वारा किसी समस्या का समाधान प्रस्तुत करने हेतु मॉडल या पोस्टर के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
प्रतिभागी वर्ग – कक्षा 6-12 में अध्ययनरत विद्यार्थी। प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित की जाती है –(अ) जूनियर वर्ग – कक्षा 6 से 8 में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं।(ब) सीनियर वर्ग – कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं।विज्ञान नाट्य प्रतियोगिता – यह गतिविधि राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, भैरों मार्ग, प्रगति मैदान नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित की जाती है। विद्यार्थी खेल-खेल में अभिनय द्वारा सारी बात समझ लेते हैं। प्रचार-प्रसार के इस सुगम एवं आनंददायक माध्यम से अभिप्रेरित होकर शिक्षाविदों द्वारा सोचा गया कि क्यों न सांस्कृतिक की इस सरलता एवं आसन विधा को विज्ञान के साथ जोड़ दिया जाए, जिससे छात्र-छात्राएं इसे आत्मसात कर सकें। यह प्रतियोगिता एक समूह (Team) में आयोजित की जाती है। एक समूह (Team) में अधिकतम 8 छात्र/छात्राएं प्रतिभाग करते हैं।
प्रतिभागी वर्ग – कक्षा 6-10 तक में अध्ययनरत विद्यार्थी।