दिनांक: 27 नवंबर 2024
स्थान: सभागार, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), देहरादून
राज्य स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह के द्वितीय दिवस का समापन विद्यार्थियों की शानदार प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ। बच्चों ने संगीत और गायन की विभिन्न विधाओं, जैसे लोक नृत्य, लोक गायन, शास्त्रीय वादन आदि में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
समापन सत्र का शुभारंभ पद्म श्री बसंती बिष्ट और प्रसिद्ध लोक गायिका मीना राणा ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संगीत और गायन से जुड़ी प्रेरणादायक और रोचक जानकारी दी। मीना राणा ने अपने प्रसिद्ध गीत ‘हम उत्तराखंडी छां’ का गायन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बच्चों को लोकगीत, लोक नृत्य, और शास्त्रीय संगीत में अपनी रुचि बढ़ाने और स्थानीय वाद्ययंत्रों को सीखने के लिए प्रेरित किया।
पद्म श्री बसंती बिष्ट ने भगवान श्री रामचंद्र जी के बालपन और अयोध्या प्रवास का जागर के माध्यम से भावपूर्ण प्रदर्शन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक समाज को बेहतर दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बसंती बिष्ट अपनी स्वरचित पुस्तक महानिदेशक झरना कमठान को भेंट की और उन्हे शुभकामनाएं भी दी ।
प्रतियोगिता विजेताओं का सम्मान
दूसरे दिन की प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स प्रदान की गई।
शिक्षक वर्ग के विजेता
सुगम संगीत प्रतियोगिता:
- प्रथम: श्री मनोज थापा, अटल उत्कृष्ट रा.इ.का., रुद्रप्रयाग
- द्वितीय: डॉ. सिद्धार्थ पंत, रा.प्रा.वि., दौलतपुर, नैनीताल
- तृतीय: डॉ. लता पांडे, रा.बा.इ.का., श्रीनगर
शास्त्रीय सुगम वादन प्रतियोगिता:
- प्रथम: हर्षवर्धन भट्ट
- द्वितीय: राजन बोहरा
- तृतीय: मनोज हटवाल
विद्यार्थी वर्ग के विजेता
शास्त्रीय गायन प्रतियोगिता:
- प्रथम: हर्षित, रा.इ.का., अल्मोड़ा
- द्वितीय: कु. स्नेहा, रा.इ.का., दौलिया, नैनीताल
- तृतीय: कु. संगीता, रा.बा.इ.का., राजपुर रोड, देहरादून
लोक नृत्य (जूनियर वर्ग):
- प्रथम: कु. मानसी, रा.बा.इ.का., लक्खीबाग
- द्वितीय: कु. खुशी, पी.एम.श्री, लंढौरा, हरिद्वार
- तृतीय: कु. डॉली, रा.बा.इ.का., कपकोट, बागेश्वर
मुख्य अतिथियों के संदेश और सुझाव
समापन सत्र में उत्तराखंड की महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, सुश्री झरना कमठान ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने प्रतिभागियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में और अधिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल शिक्षकों और छात्रों के ज्ञान व कौशल को निखारते हैं, बल्कि उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया और संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बसंती बिष्ट और मीन राणा की प्रशंसा की। झरना कमठान ने उनके स्कूल शिक्षा में योगदान के लिए स्वागत और धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने महिलाओं के इस योगदान को आगे बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना की।
निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, श्रीमती बन्दना गर्ब्याल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों की प्रतिभा को राज्य स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस तरह की गतिविधियों को सतत रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि छात्रों और शिक्षकों को अपने ज्ञान और कौशल को बेहतर बनाने के अवसर मिलते रहें। इसके अलावा, उन्होंने अपनी मधुर आवाज में कुछ सुंदर पंक्तियां गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
कार्यक्रम के विशेष क्षण में, आशा रानी पैन्यूली ने लड़कियों के ग्रुप में एक बालक कलाकार की प्रतिभा को मान्यता देते हुए उसे 1100 रुपये का पुरस्कार देकर उसका हौसला बढ़ाया। यह पहल न केवल कलाकार की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने वाली थी, बल्कि इससे सभी उपस्थित लोगों को प्रेरणा भी मिली।
इस मौके पर निदेशक प्रारम्भिक राम कृष्ण उनियाल, विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र गौड़ सीमेट और कई अन्य गणमान्य हस्तियाँ रही मौजूद ।
संगीत एवं गायन के विशेष सत्र
संयुक्त निदेशक श्रीमती कंचन देवराड़ी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।
उत्कृष्टता की ओर एक कदम
इस कार्यक्रम ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और संगीत प्रतिभाओं को नए आयाम दिए। भविष्य में ऐसे आयोजन राज्य की नई पीढ़ी को अपनी कला और संस्कृति के प्रति जागरूक बनाएंगे।