देहरादून: एससीईआरटी उत्तराखंड ने एक विशेष अभिमुखिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, देहरादून के डायरेक्टर बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर राहुल नैनवाल ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डिज़ाइन थिंकिंग पर व्याख्यान दिया। अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने उनका मोमेंटो और फ्लॉवर पॉट देकर औपचारिक स्वागत किया।
डिज़ाइन थिंकिंग: उपयोगकर्ता-केंद्रित दृष्टिकोण
संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने प्रो नैनवाल के नवाचारी अनुप्रयोगों और डिजाइन थिंकिंग जैसे आधुनिक विषयों पर विशेषज्ञता पर उन्हे हार्दिक बधाई दी और स्वागत किया। कार्यक्रम का समन्वयक, डॉ. अजय चौरसिया, ने डिज़ाइन थिंकिंग की अवधारणा और इसके शैक्षिक महत्व पर आरंभिक परिचय दिया। उन्होंने कहा, "डिज़ाइन अपने लिए नहीं, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए होता है।" उन्होंने प्रतिभागियों को एक अभ्यास दिया जिसमें उन्होंने कल्पना करने को कहा कि लोग अपने घरों में फूलों का आनंद कैसे लेना चाहेंगे और इसका डिज़ाइन तैयार करने को कहा।
प्रोफेसर राहुल नैनवाल ने डिज़ाइन थिंकिंग को समस्या-समाधान के एक प्रभावी उपकरण के रूप में समझाया। उन्होंने इसके उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को समझने, विचारशील समाधान विकसित करने, और शिक्षण-प्रशिक्षण प्रक्रिया में इसके महत्व पर जोर दिया।
सत्र के प्रमुख उद्देश्य और परिणाम:
सत्र के बाद, प्रतिभागियों और संकाय सदस्यों को निम्नलिखित क्षमताएँ प्राप्त होने की अपेक्षा की गई:
- डिज़ाइन थिंकिंग की अवधारणा और इसके महत्व को स्पष्ट रूप से समझाना।
- समस्या समाधान के लिए डिज़ाइन थिंकिंग का उपयोग करना।
- कक्षा शिक्षण प्रक्रिया को बेहतर बनाने में डिज़ाइन थिंकिंग की भूमिका को समझना।
- शिक्षकों और प्रशिक्षकों की शिक्षण शैली, विधियों और अभ्यासों में वांछनीय बदलाव लाना।
- शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करना और तीव्र बदलावों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देना।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन:
कार्यक्रम का समापन प्रवक्ता आई टी विभाग रमेश बडोनी द्वारा प्रस्तुत वोट ऑफ थैंक्स के साथ हुआ। उन्होंने प्रोफेसर राहुल नैनवाल और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने अपने संदेश मे कहा कि यह सत्र शिक्षकों के लिए डिज़ाइन थिंकिंग की समझ को गहरा करने और इसे कक्षा शिक्षण में लागू करने के लिए एक प्रेरणादायक पहल साबित होगा
इस कार्यशाला मे चर्चा प्रश्नों मे डॉ साधना डिमरी, डॉ रंजन भट्ट, शिव प्रकाश वर्मा, शुभ्रा सिंघल, डॉ हरेन्द्र अधिकारी , भुवनेश पंत, राकेश रावत, प्रिय गुसाईं , सुधा डिमरी, सुनील भट्ट, डॉ मनोज शुक्ला, आदि संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग किया जिसने सत्र को रोचक बनाए रखा ।