मुख्य अतिथि कौशल विकास और रोजगार मंत्री सौरभ बहुगुणा एवं निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने इस अवसर पर छात्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किए। उन्होंने डिजिटल तकनीक के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि आज के युग में छात्रों और शिक्षकों को नई तकनीकों से जुड़ने और उन्हें सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल कौशल व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए अत्यधिक उपयोगी है और इसे सभी स्तरों पर अपनाना चाहिए।
निदेशक बंदना गर्ब्याल ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस प्रकार की ऑनलाइन ट्रेनिंग छात्रों को नए स्किल्स सीखने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक का उपयोग सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे छात्रों और शिक्षकों के लिए सीखने और सिखाने के एक प्रभावी माध्यम के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
- डिजिटल कौशल विकास:कार्यक्रम में वर्ड प्रोसेसिंग, डेटा प्रजेंटेशन, और क्रिटिकल थिंकिंग जैसे विषयों पर छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया।
- प्रमाणपत्र वितरण:इस आयोजन में 16 छात्रों को उनके प्रदर्शन और प्रयासों के लिए प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
- विशेषज्ञों की भूमिका:कार्यक्रम का संचालन त्रिज्या जुयाल, शिवाशिष बोस, और दीपक राणा ने किया। प्रिंसिपल राम सिंह चौहान ने इसे प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि यह छात्रों के कौशल को मजबूत करेगा।
- शिक्षा में तकनीकी समावेश:यह प्रशिक्षण छात्रों को आधुनिक डिजिटल तकनीकों को आत्मसात करने में मदद करेगा, जिससे उनके करियर की संभावनाएं और मजबूत होंगी।
उत्तराखंड स्कूल शिक्षा में इस कार्यक्रम का महत्व
- डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा:इस पहल से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के छात्रों को भी तकनीकी और डिजिटल टूल्स की जानकारी मिलेगी।
- समग्र विकास:शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए यह कार्यक्रम उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सुधार का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- रोजगार के अवसर:डिजिटल कौशल विकास छात्रों को नौकरी के नए अवसरों के लिए तैयार करेगा।
- शिक्षा का आधुनिकीकरण:इस पहल से शिक्षा प्रणाली अधिक इंटरैक्टिव और तकनीक-समर्थ बन सकेगी।