Tuesday, April 15, 2025

ई-कंटेन्ट निर्माण कार्यशाला: नवाचार, तकनीक और शिक्षण का समागम

 

15 अप्रैल से 20 अप्रैल 2025 तक चल रही ई-कंटेन्ट निर्माण कार्यशाला ने उत्तराखण्ड के शिक्षकों को डिजिटल युग की शिक्षा प्रणाली में दक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस कार्यशाला का आयोजन SCERT उत्तराखण्ड द्वारा किया गया, जिसमें कक्षा 6 से 12 तक के विज्ञान एवं कला वर्ग के कुल 32 शिक्षक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

शुभारंभ एवं प्रेरक सत्र

कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ डॉ. के. एन. बिजलवान (सहायक निदेशक, SCERT उत्तराखण्ड) के प्रेरणास्पद संबोधन से हुआ। उन्होंने ई-कंटेन्ट के वर्तमान परिदृश्य, संभावनाओं और गुणवत्ता पर बल देते हुए कार्यशाला की रूपरेखा साझा की।

इसके बाद रमेश बडोनी आई. टी. प्रवक्ता  द्वारा ई-कंटेन्ट राइटिंग पर एक विस्तृत एवं व्यावहारिक प्रस्तुति दी गई, जिसमें कंटेन्ट निर्माण के आधुनिक ICT अनुप्रयोगों, स्क्रिप्ट लेखन, वीडियो निर्माण और प्रस्तुति कौशल को प्रमुखता दी गई।

6E मॉडल आधारित शिक्षण: भविष्य की नींव

इस कार्यशाला की विशेषता रही 6E मॉडल आधारित पाठ योजनाओं का निर्माण और प्रदर्शन। शिक्षकों को Engage, Explore, Explain, Elaborate, Evaluate और Extend के सिद्धांतों के आधार पर मॉडल लेसन प्लान और डेमो सत्र के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया।

स्क्रिप्ट राइटिंग एवं वीडियो निर्माण प्रशिक्षण

एक अन्य प्रमुख आकर्षण था स्क्रिप्ट राइटिंग और वीडियो स्क्रिप्ट लेखन का प्रशिक्षण, जहाँ शिक्षकों को विषयवस्तु को रोचक, प्रभावी और तकनीकी दृष्टि से अनुकूल बनाने की विधियाँ सिखाई गईं।

प्रायोगिक अभ्यास और संदर्भ सामग्री

कार्यशाला में संदर्भदाता राजमोहन रावत  ने स्प्रेडशीट पर आधारित कंटेन्ट प्लानिंग को सरल व प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों को अभ्यास के लिए दैनिक रूप से विषय चयन, स्क्रिप्ट ड्राफ्टिंग और ICT टूल्स का उपयोग कर प्रोटोटाइप तैयार करने का अवसर मिला।

निरीक्षण और मार्गदर्शन

अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों से संवाद कर उनकी रचनात्मकता और नवाचार की सराहना की। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को सिर्फ कंटेन्ट निर्माता नहीं, बल्कि गुणवत्ता के संरक्षक के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने तकनीकी दक्षता के साथ संवेदनशीलता और छात्र-केंद्रित सोच को आवश्यक बताया। साथ ही, उन्होंने भोजन और आवास सुविधाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की बात भी कही।

समन्वय और संचालन

इस संपूर्ण कार्यशाला के समन्वय की जिम्मेदारी  प्रवक्ता एस. पी. वर्मा और  पुष्पा असवाल ने बखूबी निभाई। उनके समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन ने कार्यशाला को निरंतर सक्रिय और प्रभावशाली बनाए रखा। आई टी डी ए एवं लैब संचालन टीम के प्रमुख संजीव सूँठा ,शिल्पी और उनकी टीम ने निरंतर तकनीकी मे सपोर्ट कर कार्यशाला को निरन्तरता बनाई रखी । 

समापन एवं फीडबैक

कार्यशाला के अंतिम सत्र में डॉ. बिजलवान ने ई-कंटेन्ट स्क्रिप्ट की गुणवत्ता के सूक्ष्म पक्षों पर प्रकाश डाला और प्रतिभागियों को भावी कंटेन्ट निर्माण के लिए प्रेरित किया।

यह कार्यशाला केवल प्रशिक्षण का माध्यम नहीं रही, बल्कि एक ऐसा मंच बनी जहाँ शिक्षक तकनीकी दक्षता, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेन्ट निर्माण की दिशा में एकजुट होकर आगे बढ़े। यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखण्ड की शिक्षा व्यवस्था में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।