Saturday, April 05, 2025

SCERT उत्तराखण्ड में नव वित्तीय वर्ष 2025-26 की योजनाओं पर आंतरिक बैठक सम्पन्न

 
05 अप्रैल 2025

नववित्तीय वर्ष 2025-26 के शुभारंभ के अवसर पर SCERT उत्तराखण्ड में एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का नेतृत्व SCERT के अपर निदेशक डॉ पदमेन्द्र सकलानी द्वारा किया गया। बैठक का उद्देश्य आगामी शैक्षणिक वर्ष की योजनाओं की समीक्षा करना, कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की रूपरेखा तैयार करना और पाठ्यक्रम विकास, पुस्तक निर्माण, डिजिटल सामग्री एवं पुस्तकालय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में समन्वित प्रयास सुनिश्चित करना रहा।

डॉ के. एन. बिजलवान द्वारा प्रस्तुतीकरण और निर्देशन

बैठक में प्रोग्राम मॉनिटरिंग विभाग के प्रमुख एवं सहायक निदेशक डॉ के. एन. बिजलवान ने भारत सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्तावों (Proposals) की विस्तृत जानकारी साझा की। साथ ही उन्होंने हाल ही में सम्पन्न Project Approval Board (PAB) बैठक के निर्णयों पर भी प्रकाश डाला।

डॉ बिजलवान ने कहा कि इस वर्ष कक्षा 1 से 6 तक की पाठ्यपुस्तकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 तथा राज्य पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क (SCF) के अनुरूप विकसित किया जाएगा। उन्होंने पाठ्यक्रम निर्माण कार्य को विभागीय समन्वय के साथ प्राथमिकता पर ससमय पूर्ण करने पर बल दिया ताकि आगामी वर्ष में पुस्तकों की स्कूलों तक समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

डॉ बिजलवान ने विशेष रूप से यह निर्देश भी दिए कि कक्षा 1-3 और कक्षा 6 की नई पाठ्यपुस्तकों के लिए विषयवार ऑनलाइन ओरिएंटेशन की तैयारी की जाए। इसके लिए सभी संकाय सदस्यों को निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक विषय का प्रस्तुतीकरण तैयार कर 8 अप्रैल तक प्रस्तुत करें, ताकि शीघ्र ही ऑनलाइन बैठक आयोजित की जा सके और पाठ्यपुस्तक निर्माण की प्रक्रिया को गति दी जा सके।


समग्र शिक्षा एवं DIKSHA से जुड़ी परियोजनाएं

बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं की कार्ययोजना (Timeline) तय करने के निर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही DIKSHA पोर्टल के लिए गुणवत्तापरक ई-कंटेंट निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
डॉ बिजलवान ने सभी विषय प्रवक्ताओं से कहा कि वे एक-एक मॉडल ई-कंटेंट प्रदर्शित करें, जिससे आगे की सामग्री निर्माण की दिशा स्पष्ट की जा सके। उन्होंने गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए विषय विशेषज्ञता एवं नवाचार का समावेश करने पर जोर दिया।


पुस्तकालय प्रबंधन एवं डिजिटल संसाधनों पर बल

बैठक में पुस्तकालय (लाइब्रेरी) के प्रबंधन, संदर्भ पुस्तकों के नवीन संग्रह और सूची निर्माण पर भी विशेष चर्चा हुई। आईटी प्रवक्ता आर. पी. बडोनी ने सुझाव दिया कि पुस्तकालय को डिजिटल संसाधनों के रूप में भी विकसित किया जाए, जिसमें डाइट से प्रशिक्षित शिक्षक-प्रशिक्षुओं की मदद से  पुस्तकालय संचालन और प्रबंधन में सहयोग लिया जा सकता है। ई कंटेन्ट निर्माण पर बडोनी से अपने सुझाव भी रखे ताकि दीक्षा पोर्टल पर रोचक और आकर्षक संसाधनों की प्रदेश अपनी रीपाज़टॉरी बना सके ।  

अनुभव साझा, प्रेरणादायक संवाद और नवाचार पर बल

बैठक के दौरान अपर निदेशक डॉ पदमेन्द्र सकलानी ने अपने दीर्घकालीन सेवाकालीन अनुभव साझा करते हुए शिक्षकों से तकनीकी उपयोग में विवेक और संतुलन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग शिक्षक को "स्मार्ट" तो बना सकता है, किंतु शिक्षक को तकनीक का गुलाम नहीं बनना चाहिए।

उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने भीतर एक "प्रेरणादायक शिक्षक" को खोजें, जो विद्यार्थियों के प्रति संवेदनशील हो और उन्हें जीवनमूल्यों से जोड़ने में सक्षम हो। उन्होंने कवि जॉन कीट्स की रचनाओं और अपने विद्यालय जीवन के प्रेरक शिक्षकों का स्मरण करते हुए शिक्षकों को "निर्णायक भूमिका निभाने वाले शिक्षक" बनने की अपील की।

प्रवक्ताओं के विचार और चर्चाएं

  • प्रवक्ता सुनील भट्ट ने अपने विभाग द्वारा विकसित "विरासत पुस्तक" का उल्लेख किया।

  • भुवनेश पंत ने एनिमेटेड टीचिंग प्लान पर विचार रखे।

  • डॉ अजय चौरसिया ने अपने अपने प्रॉपजल पर timeline देने की बात अपील की गई 

  • आईटी प्रवक्ता एस. पी. वर्मा ने बताया कि इस दिशा में कार्य के लिए पर्याप्त संसाधनों की आवश्यकता है, और उस पर योजनाबद्ध ढंग से कार्य किया जाएगा।

  • डॉ अवनीश उनियाल और डॉ संजीव चेतन ने पूर्ववर्ती कार्यक्रमों से सीख लेते हुए भविष्य की दिशा पर जोर दिया।

  • डॉ रंजन भट्ट ने प्रवक्ताओं को श्रेणीबद्ध तरीके से कार्य करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया।

  • डॉ कामक्षा मिश्रा और मनोज बहुगुणा ने NEP 2020 के तीन प्रमुख वर्टिकल्स पर प्रस्तुति देकर अपर निदेशक को संक्षिप्त जानकारी दी।


बैठक के अंत में डॉ बिजलवान ने सभी संकाय सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए विश्वास जताया कि SCERT उत्तराखण्ड आगामी वर्ष में शैक्षिक नवाचार, गुणवत्तापूर्ण सामग्री निर्माण और समयबद्ध कार्यक्रमों की दिशा में अनुकरणीय कार्य करेगा।