इस कार्यशाला में राज्य के चयनित 20 विषय विशेषज्ञ शिक्षक (SMEs/Content Writers) ने भाग लिया, जिन्होंने विभिन्न विषयों पर समकालीन और आकर्षक डिजिटल कंटेंट निर्माण की दिशा में रचनात्मक सहयोग प्रदान किया।
प्रशिक्षण का नेतृत्व व मार्गदर्शन
इस महत्वपूर्ण कार्यशाला का निर्देशन आईसीटी अवार्डी शिक्षिक सुप्रिया बहुखंडी द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को न केवल तकनीकी कौशल में दक्ष किया बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि किस प्रकार पाठ्यवस्तु को बच्चों के लिए प्रभावशाली और बोधगम्य बनाया जा सकता है।
प्रशासनिक सुझाव और सहभागिता
एससीईआरटी उत्तराखण्ड के अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा:
"डिजिटल संसाधनों का सही उपयोग कर हम शिक्षा को न सिर्फ रोचक बना सकते हैं, बल्कि इसे बच्चों की समझ और रुचि के अनुसार ढाल सकते हैं। गुणवत्तापूर्ण कंटेंट ही नई शिक्षा प्रणाली की रीढ़ होगा।"
सहायक निदेशक डॉ. के एन बिजलवाण ने ई-कंटेंट की विषयवस्तु की प्रामाणिकता, बाल मनोविज्ञान के अनुरूप प्रस्तुति और स्थानीयकरण पर विशेष सुझाव दिए।
इस अवसर पर आईटी संकाय सदस्य आर.पी. बडोनी ने कुछ उत्कृष्ट Exemplar Content Models पर प्रस्तुति दी, जो प्रतिभागियों के लिए व्यवहारिक रूप से अत्यंत उपयोगी रही।
सुनियोजित समन्वयन और संचालन
पूरे कार्यक्रम का समन्वयन एस.पी. वर्मा द्वारा कुशलता से किया गया, जिनका सहयोग संकाय पुष्पा असवाल ने किया। कार्यशाला का संचालन आधुनिक तकनीक से सुसज्जित राज्य स्तरीय आईटी लैब में किया गया, जिसने प्रशिक्षण को और भी सशक्त और प्रभावशाली बनाया।
यह कार्यशाला न केवल ई-कंटेंट निर्माण में गुणवत्ता को स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह उत्तराखण्ड के शिक्षकों को डिजिटल युग के अनुरूप शिक्षण के लिए तैयार करने की दिशा में भी एक प्रभावशाली पहल है। दीक्षा और पीएम ई-विद्या जैसे राष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों पर प्रदेश का गुणवत्तापूर्ण कंटेंट अब देशभर के शिक्षार्थियों तक पहुंचेगा।
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