उत्तराखंड की प्रतिनिधित्व टीम और सम्मान
उत्तराखंड की ओर से इस महत्त्वपूर्ण आयोजन में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के नेतृत्व में एक प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। उनके साथ ही समग्र शिक्षा अभियान के अपर परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला तथा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक और नेशनल मेंटर मिशन (NMM) के सदस्य शामिल रहे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड द्वारा दिनांक 26 जुलाई 2025 को जारी आदेश संख्या-67 के अनुसार, जिन शिक्षकों ने राज्य का प्रतिनिधित्व किया, वे हैं:
- रमेश प्रसाद बडोनी, SCERT उत्तराखंड, देहरादून
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दौलत सिंह गुसाईं, राजकीय इंटर कॉलेज सौंली कोडिया, पौड़ी गढ़वाल
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राखी पांडे, डाइट देहरादून
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कौस्तुभ जोशी, राजकीय इंटर कॉलेज प्रतापपुर, नैनीताल
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कुसुमलता गड़िया, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बीना, चमोली
इस आयोजन में SCERT के पूर्व अपर निदेशक प्रदीप रावत भी सम्मिलित रहे।
मुख्य आयोजन और गतिविधियाँ
समागम का शुभारंभ डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित कर हुआ, जो NEP 2020 की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन, सभी माननीय मंत्रियों का सामूहिक छायाचित्र, और स्वागत गीत जैसी सांस्कृतिक गतिविधियाँ प्रारंभिक सत्र में आयोजित की गईं।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का नाम मुख्य अतिथि के रूप में था, किंतु अन्य अत्यावश्यक व्यस्तताओं के कारण वे उपस्थित नहीं हो सके।
विषयगत सत्र (Thematic Sessions)
इस समागम में विभिन्न विषयगत सत्रों का आयोजन हुआ, जिनमें देशभर से शिक्षाविदों और विशेषज्ञों ने विचार साझा किए:
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भारतीय भाषाओं का शिक्षण-अधिगम में प्रयोग(नेतृत्व में: प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, प्रो. एम. जगदीश कुमार आदि)
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अनुसंधान और पीएमआरएफ – युवा नेतृत्व को बढ़ावा(आईआईटी, दिल्ली विश्वविद्यालय और FITT के वरिष्ठ वक्ताओं द्वारा)
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माध्यमिक शिक्षा का पुनर्परिचालन – 2030 तक 100% GER का लक्ष्य(संजय कुमार, सचिव SE&L द्वारा संचालन)
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शिक्षा के लिए AI आधारित COE – अध्यापन-प्रणाली में परिवर्तन(आईआईटी मद्रास, खान अकादमी, Wadhwani AI आदि के विशेषज्ञों द्वारा)
समापन समारोह (Valedictory Session)
समापन सत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी, और डॉ. सुकांत मजूमदार (राज्य मंत्री, शिक्षा व पूर्वोत्तर) ने प्रेरणादायक उद्बोधन दिए। इस सत्र में विषयगत सत्रों की संक्षिप्त प्रस्तुति और भविष्य की दिशा पर प्रकाश डाला गया।
उत्तराखंड की भूमिका और प्रेरणा
इस महत्त्वपूर्ण मंच पर उत्तराखंड के शिक्षक प्रतिनिधियों की भागीदारी, राज्य के शिक्षा क्षेत्र की उन्नति और राष्ट्रीय नीति में सहभागिता का प्रतीक रही। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों और मेंटर मिशन सदस्यों की सक्रिय उपस्थिति ने राज्य की पहचान को और सशक्त किया।
राज्य अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ. बन्दना गर्ब्याल ने प्रतिभागी टीम को शुभकामनाएँ देते हुए कहा,
"NEP 2020 के पांच वर्षों की यह यात्रा केवल नीतिगत प्रगति नहीं, बल्कि जमीनी नवाचारों की बुनियाद रही है। अब समय है कि हम ‘कार्य योजना 2030’ के दृष्टिकोण से आगे बढ़ें और समावेशी, नवाचारी और भारत-केन्द्रित शिक्षा प्रणाली को मजबूती दें।"
SCERT के अपर निदेशक पद्मेन्द्र सकलानी ने भी टीम को अपनी शुभकामनाएँ दीं और इसे उत्तराखंड के शिक्षकों के लिए प्रेरणादायक अवसर बताया, जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर की शैक्षिक प्रक्रियाओं से जुड़ने का मंच प्रदान करता है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पांच वर्षों में देश ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक अनेक परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं। फाउंडेशनल लिटरेसी और न्यूमरसी (FLN) को मिशन मोड में लागू करते हुए निपुण भारत अभियान की शुरुआत हुई, जिससे कक्षा 3 तक के बच्चों में बुनियादी दक्षताओं पर ज़ोर दिया गया। भारतीय भाषाओं के माध्यम से शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय भाषा समिति और भाषा संसाधन केन्द्रों की स्थापना की गई। मल्टीडिसिप्लिनरी उच्च शिक्षा को सुदृढ़ करते हुए अनेक संस्थानों को एकीकृत विश्वविद्यालयों में परिवर्तित किया गया और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के लिए LoI (Letter of Intent) प्रदान किए गए। शिक्षक प्रशिक्षण, डिजिटल कंटेंट निर्माण, एकलव्य मॉडल स्कूल, स्कूलों का एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, और एआई आधारित शिक्षण तकनीकों का समावेश भी इन वर्षों में देखने को मिला। NEP के इन प्रयासों ने शिक्षा को अधिक समावेशी, लचीला और भारत-केंद्रित बनाने की दिशा में ठोस नींव रखी है।