आज दिनांक 16 जुलाई 2025 को SCERT उत्तराखंड, देहरादून के परिसर में पारंपरिक पर्व हरेला के पावन अवसर पर एक विशेष वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निदेशक अकादमिक बन्दना गर्ब्याल और अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी द्वारा परिसर मे वृक्षारोपण किया गया। उनके साथ-साथ सभी संकाय सदस्यों ने भी मिलकर संस्थान के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से गेस्ट हाउस परिसर में फलदार और छायादार वृक्षों का रोपण किया।
हरेला पर्व उत्तराखंड में पर्यावरण संरक्षण, हरियाली और कृषि समृद्धि के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व लोगों को प्रकृति से जुड़ने, वृक्षों की महत्ता को समझने और हरित जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देता है।
इस अवसर पर निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि वृक्ष केवल लगाने से नहीं बल्कि उनके संरक्षण और नियमित देखभाल से ही पर्यावरण संतुलन सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने वृक्षों के रखरखाव हेतु एक व्यवस्थित कार्य योजना बनाने की बात कही ताकि SCERT परिसर हमेशा हरित और स्वच्छ बना रहे।
अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने कहा कि यह पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित संदेश है। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे वृक्षों को अपने बच्चों की तरह पालें।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया गया कि वे वृक्षारोपण के साथ सेल्फी लेकर उसे सरकारी पोर्टल पर अपलोड करें, जिससे यह अभियान एक जन-आंदोलन का रूप ले सके और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैले। इस अवसर पर प्रवक्ता अरुण थपलियाल ने सभी के लिए कार्यक्रम की गरिमा को और भी मधुर बनाने हेतु स्वीट (मिष्ठान्न) वितरण की भी व्यवस्था की थी। सभी प्रतिभागियों को इस हरित पर्व की शुभकामनाओं के साथ स्वादिष्ट मिठाइयाँ प्रदान की गईं, जिससे पूरे परिसर में सांस्कृतिक उल्लास और आपसी सौहार्द का माहौल बना रहा।
सहायक निदेशक डॉ के एन बिजलवान , SCERT उत्तराखंड ने हरेला पर्व को पर्यावरणीय चेतना के एक उत्सव के रूप में मनाते हुए एक प्रेरणादायक संदेश दिया है - आइए हम सब मिलकर इस हरियाली के उत्सव में भाग लें और धरती को हरा-भरा बनाएं!