Saturday, October 11, 2025

उत्तराखण्ड डिजिटल शिक्षा का नया अध्याय — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया 840 विद्यालयों के वर्चुअल क्लास नेटवर्क का शुभारंभ

देहरादून, 11 अक्टूबर 2025।
उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को आधुनिक, समावेशी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, प्रदेश के 840 राजकीय विद्यालयों को ‘वर्चुअल क्लास नेटवर्क’ से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज (शनिवार) राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा (देहरादून) में स्थापित केन्द्रीयकृत वर्चुअल स्टूडियो का उद्घाटन कर इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि—

“डिजिटल एजुकेशन अब नई पीढ़ी की सीखने की शैली का हिस्सा बन चुकी है। स्मार्ट कक्षाओं और हाइब्रिड शिक्षण पद्धति से सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर नई ऊँचाइयों पर पहुँचेगा। हमारा उद्देश्य हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुँचाना है, चाहे वह पहाड़ के दूरस्थ गाँव में ही क्यों न रहता हो।”

उन्होंने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराकर विद्यार्थियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ना है, ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुरूप ज्ञान अर्जित कर सकें।

  • ICT योजना के तहत प्रदेश के 840 विद्यालयों में हाइब्रिड मोड में वर्चुअल एवं स्मार्ट कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।

  • डिजिटल प्रसारण के लिए राजीव गांधी नवोदय विद्यालय रायपुर, देहरादून में दो नवीन केन्द्रीय वर्चुअल स्टूडियो विकसित किए गए हैं।

  • प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम आधारित विषयों का सजीव प्रसारण किया जाएगा।

  • यह पहल पर्वतीय एवं दुर्गम क्षेत्रों के बच्चों तक डिजिटल शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करेगी।

  • मूल्यांकन प्रक्रिया भी सरल, पारदर्शी और त्वरित होगी।

डॉ. रावत ने इस नई प्रणाली की प्रमुख विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा —

  1. घर से पढ़ाई की सुविधा:
    उत्तराखंड वर्चुअल लर्निंग ऐप के माध्यम से छात्र अब घर बैठे लाइव कक्षाओं से जुड़ सकते हैं। कठिन मौसम या दूरी अब पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी।

  2. तुरंत मूल्यांकन प्रणाली:
    विद्यार्थियों को Assessment Tools प्रदान किए गए हैं, जिससे वे तुरंत यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितना सीखा और किन विषयों पर और अभ्यास की आवश्यकता है।

  3. विशेषज्ञ शिक्षकों से सीधा जुड़ाव:
    छात्र अब राज्य और देश के विशेषज्ञ शिक्षकों से वर्चुअल माध्यम से सीधे जुड़ सकेंगे, जिससे गुणवत्ता और समान अवसर दोनों सुनिश्चित होंगे।

  4. स्थानीय समुदाय के लिए भी उपयोगी:
    यह प्लेटफॉर्म केवल विद्यार्थियों तक सीमित नहीं रहेगा। ग्रामीण समुदाय भी कृषि, स्वास्थ्य, स्टार्टअप और उद्यमिता से जुड़ी जानकारियों के विशेष सत्रों से लाभान्वित होंगे।

  5. प्रेरणा और प्रतिस्पर्धा का वातावरण:
    विशेष कार्यक्रमों में राज्य के टॉपर्स, सफल नागरिक और प्रेरणादायी व्यक्तित्व छात्रों से संवाद करेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

उत्तराखण्ड की शिक्षा में डिजिटल क्रांति

यह केन्द्रीयकृत वर्चुअल स्टूडियो राज्य में डिजिटल शिक्षा के एकीकृत मॉडल के रूप में कार्य करेगा। इसके माध्यम से शिक्षक गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री तैयार करेंगे, लाइव क्लास संचालित करेंगे और छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की शिक्षण सामग्री तक पहुंच मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि—

“प्रदेश में शिक्षा का यह डिजिटल मॉडल आने वाले समय में ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की दूरी को समाप्त करेगा। हमारा लक्ष्य ‘हर बच्चा डिजिटल रूप से सशक्त’ बनाना है।”