दिनांक: 9 नवम्बर 2025 | स्थान: देहरादून
उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी , राज्यपाल ले क गुरमीत सिंह , युवाओं, महिलाओं, बच्चों और समस्त नागरिकों को 25 वर्षों की इस ऐतिहासिक यात्रा पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि “उत्तराखंड की यह 25वीं वर्षगांठ केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि असीम संभावनाओं और उपलब्धियों का प्रतीक है।” उन्होंने याद दिलाया कि उत्तराखंड राज्य की नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में रखी गई थी, जिन्होंने इस राज्य को एक नए स्वरूप में उभरने का अवसर प्रदान किया।
25 वर्षों की विकास यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन 25 वर्षों में उत्तराखंड ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है —
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रेल मार्गों और ऑल-वेदर सड़कों के निर्माण से कनेक्टिविटी में सुधार,
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पर्यटन और सुरक्षा अवसंरचना में मजबूती,
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और शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी एवं डिजिटल नवाचारों का समावेश।
उन्होंने यह भी कहा कि अब राज्य को “विकसित भारत 2047” की दिशा में अपने प्रयासों को और तेज़ करना होगा ताकि उत्तराखंड, विकसित भारत की संकल्पना में अपनी सशक्त भूमिका निभा सके।
स्थापना दिवस कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें राज्य के शिक्षा संबंधी नवाचारों और पहलों को प्रदर्शित किया गया।
प्रदर्शनी में निम्न प्रमुख कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया गया —
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गुणवत्ता शिक्षा और तकनीकी शिक्षा,
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डिजिटल एजुकेशन एवं कौशलम
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निपुण स्कूल कार्यक्रम, पी एम ई विद्या एवं दीक्षा पोर्टल
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उद्यमशीलता आधारित शिक्षण मॉडल,
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शिक्षक प्रशिक्षण एवं गुणवत्ता विकास और बाल वाटिका ।
शिक्षा विभाग के इन प्रयासों ने शिक्षा को केवल ज्ञानार्जन तक सीमित न रखकर सृजनशीलता, नवाचार और व्यावहारिक कौशल के रूप में परिवर्तित किया है।
इस अवसर पर निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सुश्री वंदना गर्ब्याल, माध्यमिक निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, सहायक निदेशक डॉ. के. एन. बिजलवान, प्रोफेशनल मोहन बिष्ट, उपनिदेशक पंकज शर्मा, प्रवक्ता सुनील भट्ट, और शैक्षिक सलाहकार मदन मोहन जोशी उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी प्रदर्शनी क्षेत्र का भ्रमण किया और शिक्षा विभाग के नवाचारों की सराहना की।
विद्यालय शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने राज्य के सभी शिक्षकों, अधिकारियों और शिक्षा परिवार के सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि “गुणवत्ता शिक्षा के लिए हमारा प्रयास निरंतर जारी रहेगा, और यह उत्तराखंड की उज्जवल पहचान बनेगा।”
उत्तराखंड की रजत जयंती केवल एक मील का पत्थर नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है —
पर्वतीय राज्य की संभावनाओं को साकार करने, शिक्षा को सशक्त बनाने और ‘विकसित भारत 2047’ की दिशा में अग्रसर होने की प्रेरणा।
“उत्तराखंड – सृजनशीलता, संस्कृति और समृद्धि की धरती।”