देहरादून में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दो महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया—
नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विमोचन
सड़क सुरक्षा नियमों पर आधारित जन-जागरूकता ऑडियो-वीडियो गीतमाला का लोकार्पण
नई पाठ्यचर्या की रूपरेखा
एनईपी-2020 का समावेश: एससीईआरटी द्वारा तैयार पाठ्यचर्या विद्यालयों की कार्य संस्कृति और प्रक्रियाओं में बदलाव लाने में सक्षम है।
भारतीयता और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर: छात्रों को स्थानीय शिल्प और कौशल जैसे पिरूल-रिंगाल क्राफ्ट, मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, जैम-जैली खाद्य प्रसंस्करण आदि सीखने का अवसर मिलेगा।
सर्वांगीण विकास: कला, खेल, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को भी पाठ्यचर्या में प्रमुख स्थान दिया गया है।
विषय चयन की स्वतंत्रता: कक्षा 11 से छात्रों को अपनी रुचि और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार विषय चुनने की आज़ादी होगी।
शैक्षणिक सत्र का ढांचा: कुल 240 दिवस—200 शिक्षण दिवस, 20 परीक्षा दिवस, और 20 दिवस बस्ता रहित/अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित।
स्तरवार विषय संरचना:
प्राथमिक (कक्षा 3–5): 6 विषय
उच्च प्राथमिक (कक्षा 6–8): 9 विषय
माध्यमिक (कक्षा 9–12): 10 विषय
सड़क सुरक्षा गीतमाला
जन-जागरूकता का नया माध्यम: सड़क सुरक्षा नियमों को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए 6 ऑडियो-वीडियो गीत तैयार किए गए।
लक्ष्य समूह: विद्यालयी शिक्षक, छात्र और समाज के अन्य वर्ग।
उद्देश्य: यातायात नियमों को समझना और उनका पालन करना आसान बनाना।
पृष्ठभूमि: यह पहल उत्तराखंड 2017 के अंतर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में की गई है।
यह कार्यक्रम उत्तराखंड में शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के नए आयाम खोलता है। नई पाठ्यचर्या छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से बल्कि कौशल और रोजगारपरक दृष्टि से भी सशक्त बनाएगी। वहीं सड़क सुरक्षा गीतमाला बच्चों और समाज को सुरक्षित यातायात की ओर प्रेरित करेगी।
यह पहल शिक्षा और जीवन कौशल को जोड़ते हुए एक सुरक्षित, सक्षम और भविष्य-उन्मुख उत्तराखंड की दिशा में कदम है।

