Mahavir Singh Bisht Assumes Role as Director of Secondary School Education in Uttarakhand, Promising Positive Transformations
In a poignant and memorable farewell ceremony, Mrs. Seema Jaunsari bid adieu to her distinguished role as the Director of Secondary Education, leaving behind a legacy of educational excellence and leadership.
Director Academic Research and Training, Mrs. Bandana
Garbyal, took the stage to extend her heartfelt gratitude to Mrs. Seema
Jaunsari. She highlighted the transformative initiatives and positive changes
brought about under Mrs. Jaunsari's leadership, emphasizing her commitment to
advancing the quality of secondary education in Uttarakhand.
The event was graced by the presence of key officials, including Additional Director of SCERT, Mr. Ajay Naudiyal, and Joint Directors Mrs. Asha Rani Painuly and Mrs. Kanchan Devradi. Their presence underscored the collective appreciation for Mrs. Jaunsari's impactful tenure.
The farewell party saw the active participation
of faculty members from the State Council of Educational Research and Training
(SCERT) and the State Institute of Education Management and Training (SIEMAT).
Their presence reflected the unity and camaraderie that Mrs. Jaunsari fostered
among the educational community.
Colleagues and associates took turns sharing
heartfelt speeches and testimonials, recounting Mrs. Jaunsari's leadership
qualities, vision, and the positive influence she had on the education system.
These reflections painted a vivid picture of Mrs. Jaunsari's commitment to
fostering a conducive learning environment.
The ceremony was not just about speeches; it also
featured cultural performances that added a touch of celebration to the
farewell. Additionally, Mrs. Jaunsari was presented with mementos as tokens of
appreciation and remembrance, symbolizing the enduring impact of her tenure.
Mrs. Jaunsari, visibly moved by the expressions
of gratitude, expressed her appreciation for the unwavering support and
cooperation she received throughout her tenure. She acknowledged the
collaborative efforts that contributed to the success of various educational
initiatives under her leadership.
Seema Jaunsari bids farewell to her role as the
Director of Secondary Education, the educational community in Uttarakhand
reflects on her tenure with gratitude and admiration. Her legacy continues to
inspire, marking a chapter of progress and innovation in the pursuit of quality
education in the state.
In a heartfelt farewell ceremony held at
the Directorate General office's Conference Hall, Ms. Seema Jaunsari, the
distinguished Director of School Education in Uttarakhand, concluded her
illustrious career, leaving a lasting impact on the education community. The
event was graced by the presence of esteemed Chief Guest, Education Minister
Dr. Dhan Singh, along with Director General of Education, Banshidhar Tiwari and
Director of Academic Research and Training, Ms. Bandana Garbyal.
Legacy of Leadership: Ms. Jaunsari, known for her visionary leadership, successfully
steered the education department during her tenure, leaving behind a trail of
accomplishments and innovations. Her ability to navigate the educational
landscape on her own terms garnered her a commendable reputation. Colleagues
and subordinates alike acknowledged her as a mentor who set high standards in
education administration.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-
2020 के आलोक में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों का अभिमुखीकरण दिनांक 27 दिसंबर
2023 को निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के सभागार में आयोजित किया गया जिसमे राज्य के सभी
खण्डशिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, प्रारंभिक और मुख्यशिक्षा अधिकारी
सहित मंडलीय अपर निदेशक, और मुख्यालय के समस्त अधिकारियों का अभिमुखीकरण किया गया ।
कार्यशाला का शुभारंभ निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड श्रीमती बंदना गर्ब्याल ,निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री आर के उनियाल, निदेशक संस्कृत श्री एस पी खाली ,अपर निदेशक एससीईआरटी श्री अजय नौडियाल, अपर निदेशक श्री महाबीर सिंह बिष्ट, श्री एस बी जोशी श्रीमती कंचन देवराड़ी संयुक्त निदेशक एन ई पी प्रकोष्ठ एवं श्री शैलेन्द्र अमोली उप निदेशक, एनईपी प्रकोष्ठ ने दीप प्रज्वलित के साथ किया ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत राष्ट्रीय
पाठ्यचर्या की रूपरेखा- 2022 के आलोक में बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा-
2023 को निर्मित किया गया है जिसके कार्यान्वयन हेतु राज्य के शिक्षाधिकारियों का अभिमुखीकरण
किया गया । साथ ही राज्य की विद्यालयी शिक्षा को राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के आलोक
में विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठयचर्या की रूपरेखा का निर्माण किया जाना है जो
कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2023 के अनुरूप तैयार किया जा रहा है जिसमें प्रदेश
के समस्त अधिकारियों के सुझाव मांगे गए ताकि राज्य की आशाओं अपेक्षाओं के अनुरूप इस
पाठ्यचर्या को निर्मित किया जा सके। इसके अलावा स्कूल कॉम्प्लेक्स, स्कूल पेयरिंग
, पीएमई- विद्या , दीक्षा पोर्टल ,निपुण प्रगति एप पर सभी शिक्षा अधिकारियों से चर्चा
परिचर्चा की गयी और समस्त अधिकारियों का अभिमुखीकरण किया गया ।
निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती
बंदना गर्ब्याल ने अधिकारियों को उद्वेलित किया कि हम अपने प्रदेश की शिक्षा की दशा
और दिशा को एनईपी 2020 के अनुरूप संवारने के लिये प्रयतशील हो जाय। इस अभिमुखीकरण कार्यशाला
का लाभ इसी अनुरूप क्षेत्र के स्कूली दशा को संवारने के लिये करेंगे।
पी एम ई- विद्या के अंतर्गत शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पांच चैनल आवंटित किये गए हैं जिनमें कक्षा एक से 12 तक की कक्षाओं हेतु समस्त विषयों का 24 घंटे प्रसारण किया जाता है जिसके संचालन की विस्तृत जानकारी शैलेन्द्र अमोली द्वारा दी गयी ।
शैक्षिक संदर्भों को लेकर दीक्षा पोर्टल
को किस प्रकार प्रयोग किया जाना है इस पर आई टी विभाग एससीईआरटी से श्री रमेश बडोनी
द्वारा जानकारी जी गयी।
बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या
की रूपरेखा-2023 जो कि विगत 11 दिसंबर को माननीय मंत्री शिक्षा डॉ धन सिंह रावत जी
द्वारा लोकार्पित किया गया जिस पर प्रदेश के समस्त अधिकारियों का अभिमुखीकरण श्री शैलेन्द्र
अमोली द्वारा किया गया और अपील की कि अब इसके
अनुरूप बुनियादी स्तर हेतु शिक्षाक्रम को क्रियान्वित किया जाय।
विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या
की रूपरेखा को प्रदेश की आशाओं-आकांओं के अनुरूप हो इस पर श्री रविदर्शन तोपाल द्वारा
विद्यालयी शिक्षा हेतु राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के महत्वपूर्ण पहलुओं को रखा
जिसके अनुरूप राज्य पाठयचर्या की रूपरेखा निर्मित की जानी है इस पर प्रदेश के समस्त
अधिकारियों से सुझाव मांगे जिन्हें विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा
में समाहित किया जाएगा।
राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित
किया गया है जिस पर उप राज्य परियोजनक निदेशक
समग्र शिक्षा श्री मदन मोहन जोशी ने व्यापक सुझाव व जानकारी सांझा की इस केंद्र का
उद्देश्य प्रथमतः विद्यालयी छात्रों एवं अध्यापकों से संबंधित आंकड़ों को पोर्टल पर
अपडेट करना है वर्तमान में लगभग 11000 विद्यालयों से अध्यापक / छात्र रियल टाइम उपस्थित
प्रारंभ कर दी गई है लेकिन शत प्रतिशत किए जाने हैं, जिसके लिए सार्थक प्रयास किए जाने
होंगे समस्त अधिकारियों को यह भी बताया गया कि प्रतिदिन छात्र उपस्थित, अध्यापक उपस्थित
पोर्टल पर अपडेट कर ली जाए तथा इसे विद्यालय की प्रतिदिन की गतिविधि का भाग बनाया जाए।
इस संदर्भ में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि बंद हो गए स्कूल, अध्यापकों की अन्यत्र
व्यवस्था, इंटरनेट कनेक्टिविटी आदि के कारण शत- प्रतिशत सहभागिता ना हो पाने के कारणों
से अवगत कराया गया। जिस संदर्भ में जनपदों को अवगत कराया गया कि इस समस्या के समाधान
हेतु शीघ्र सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं।
बैठक में परीक्षा पे चर्चा में राज्य से छात्र,
शिक्षक एवं अभिभावकों की प्रतिभागिता बढ़ाये जाने हेतु तत्काल प्रयास किए जाएं यह भी अवगत कराया गया कि इसके लिए 12 जनवरी अंतिम
तिथि है लिहाजा समय से प्रतिभागिता बढाई जाने हेतु समुचित प्रयास की जांय। कार्यशाला में प्रदेश के समस्त अधिकारियों सहित एससीईआरटी ,और एन ई पी प्रकोष्ठ से अनेक अधिकारी
उपस्थित रहे जिनमें श्री ललित मोहन चमोला, श्री हरीश चंद्र सिंह रावत, श्री आर एल आर्य
, श्रीमती कंचन देवराड़ी, श्रीमती आशारानी पैन्यूली, श्री कुलदीप गैरोला, श्री प्रदीप
रावत, श्री डी सी गॉड, श्री शिव प्रसाद सेमवाल, श्री विनोद सिमल्टी, श्री बृजमोहन रावत,
श्री मेहरवान सिंह रावत, श्री आकाश सारस्वत, श्री आनन्द भारद्वाज,श्री राकेश जुगरान,
श्रीमती हेमलता भट्ट, श्री शैलेन्द्र अमोली, श्री अमित चंद , श्री अशोक जकारिया, श्रीमती
मंजू भारती, डॉ रवि मेहता, श्री कैलाश डंगवाल, श्री के एन बिजल्वाण, श्री रविदर्शन
तोपाल , श्री मनोज बहुगुणा , डॉ कामाक्षा मिश्रा, आदि लोग उपस्थित रहे कार्यक्रम का
संचालन श्री मनोज किशोर बहुगुणा ने किया ।
इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री ने सेवा निवृत्त होने जा रहे अधिकारी को हार्दिक शुभकामनाएं दी और विभागीय अधिकारियों से कहा कि स्कूलों को ABCD ग्रेड में बांटे और उसी अनुरूप उन्हें संसाधन प्रदान किया जाएगा। और कहा कि D ग्रेड की स्कूल जो पूर्ण रूप से बननी है उन्हें इस साल हर हाल में पूर्ण किया जाय और 7 जनवरी की डेट लाइन दी और कहा कि इस तिथि तक सही जानकारी प्रदान कर दें ताकि उन विद्यालयों को यथासमय बजट स्वीकृत किया जा सके। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति शत प्रतिशत सुनिश्चित की जानी होगी ।
सभी अधिकारियों ने सेवा निवृत्त होने वाली अधिकारी श्रीमती सीमा जौनसारी को उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामना दी और उनके द्वारा प्रतिपादित कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की । विदाई समारोह का संचालन डॉ मोहन सिंह बिष्ट द्वारा किया गया ।
उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने 18 दिसंबर 2023 से 23 दिसंबर 2023 तक देहरादून के सौरभ होटल में आयोजित हुई ई-कंटेन्ट निर्माण कार्यशाला के समापन सत्र का आयोजन किया। इस कार्यशाला में 30 विषय एक्सपर्ट शिक्षकों ने एक सप्ताह तक मेहनत करके डिजिटल ई-कंटेन्ट बनाया, जिसमें टेक्स्ट स्क्रिप्ट, विडियो स्क्रिप्ट, और दीक्षा पोर्टल के अनुरूप डिजिटल सामग्री शामिल थी। समापन सत्र में संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी और उप निदेशक शेलेन्द्र अमोली ने शिक्षकों के बनाए गए ई-कंटेन्ट की समीक्षा की और सुझावों के साथ प्रतिभागियों को बधाई दी। उन्होंने इस सामग्री की गुणवत्ता को सराहा और भविष्य के लिए सहयोग करने का आग्रह किया। ई-कंटेन्ट निर्माता शिक्षकों के साथ मिलकर कार्यशाला में आई सी टी के दक्ष माडरैटर और समीक्षकों ने भी पूर्णकालिक सत्रों में कार्य निष्पादन हेतु योगदान दिया और सामग्री के विकास पर जोर दिया। मुख्य समीक्षकों में सुप्रिय बहुखंडी, प्रदीप नेगी, अर्चना गार्गय, और भास्कर जोशी शामिल थे, जो राज्य के 13 जनपदों से आए विषय विशेषज्ञों के साथ मिलकर ई-कंटेन्ट निर्माण में अहम योगदान दिया। निदेशक, अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन, उत्तराखंड, बन्दना गर्ब्याल ने अपने संदेश में यह बताया कि इस कार्यशाला से प्रदेश की शिक्षा में नए नवाचार और व्यावसायिक शिक्षा और एन ई पी के आलोक में राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने के लिए सम्पूर्ण शिक्षा समाज के लिए प्रेरक होगी।
राष्ट्रीय शिक्षा
नीति 2020 के अंतर्गत विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण
हेतु गठित ड्राफ्टिंग कमेटी के द्वारा राज्य के लिए पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण हेतु छ: दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है जिसका
शुभारंभ दिनांक 11 दिसंबर 2023 को माननीय विद्यालय शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी
के कर कमलों से प्रारंभिक निदेशालय के सभागार में
किया गया । शेष पांच दिनों की कार्यशाला अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभागार में
सम्पन्न हुयी।
पाठ्यचर्या निर्माण हेतु गठित ड्राफ्टिंग कमेटी ने पांच महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रथम ड्राफ्ट निर्मित किया । ये पांच महत्वपूर्ण भाग हैं भाग ए - दृष्टिकोण ,भाग बी- क्रॉस कटिंग थीम, भाग सी- विद्यालयी विषय, भाग डी- विद्यालयी संस्कृति और प्रक्रियाएं तथा भाग ई- सहायक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण , यह पांच महत्वपूर्ण भाग विद्यालयी शिक्षा हेतु संपूर्ण पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्धारित करेंगे।
निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती वंदना गर्ब्याल ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा इस तरह निर्मित की जानी होगी जो राज्य की आशाओं, अपेक्षाओं और जरूरतों पर खरा उतरे।
श्रीमती कंचन देवराडी, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी,एनईपी प्रकोष्ठ, ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से व्यापक विचार विमर्श के उपरांत राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्मित की जानी होगी । श्री शैलेंद्र अमोली उपनिदेशक एन ई पी प्रकोष्ठ, ने कार्यशाला में आए सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और कहा कि सभी साथी आपसी संपर्क और संवाद बनाए रखें और आवश्यक विमर्श करते हुए इसमें निरंतर सुधार की प्रक्रिया से जुड़े रहे। अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन देहरादून के राज्य समन्वयक श्री अम्बरीश सिंह बिष्ट ने कहा कि उनके संस्थान का संपूर्ण सहयोग आगे भी राज्य पाठ्यचर्या के निर्माण हेतु मिलता रहेगा। समन्वयक (राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण) श्री रविदर्शन तोपाल ने कार्यशाला में राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा निर्माण की व्यापक संकल्पना प्रस्तुत की और ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किये।
कार्यशाला में श्रीमती हिमानी बिष्ट ,श्रीमती सुनीता भट्ट, श्री सुनील जोशी, श्री कैलाश डंगवाल, श्री सोहन सिंह नेगी,श्री सुनील भट्ट, श्रीमती सुनीता बड़ोंनी, श्रीमती संध्या कठैत, श्री वीर सिंह रावत श्री धनंजय उनियाल, श्रीमती दीप माला रावत, श्री पाठक जी सहित सभी प्रतिभागियों के अलावा एन ई पी प्रकोष्ठ से समन्वयक श्री मनोज किशोर बहुगुणा , श्रीमती कामाक्षा मिश्रा व सचिन नौटियाल का निरंतर सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।