Monday, January 29, 2024

29 जनवरी, सभागार में एससीईआरटी उत्तराखण्ड : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम

29 जनवरी, सभागार में एससीईआरटी उत्तराखण्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम

आज, परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ एससीईआरटी उत्तराखण्ड के सभी संकाय प्रवक्ताओं और कार्मिकों ने वर्चुअल तकनीकी माध्यम से संवाद मे प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने छात्रों को मोटिवेट करने के लिए कई महत्वपूर्ण बातें शेयर की।


प्रधानमंत्री ने छात्रों से उनकी मेहनत, समर्पण, और आत्मविश्वास की महत्वपूर्णता पर बातचीत की और उन्हें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूरी तरह से समर्थ होने के लिए प्रेरित किया। सभी संकाय प्रवक्ताओं ने प्रधानमंत्री के इस मोतिवेशनल भाषण को सुनते हुए उनकी उपस्थिति को समृद्धि और सशक्ति से भरा महसूस किया।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर छात्रों को सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने के लिए समर्थन दिया और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए नए दिशा-निर्देश प्रदान किए।

इस प्रकार के अवसर छात्रों को उनकी पढ़ाई में नए उत्साह और उत्सव के साथ पुनर्निर्माण का मौका प्रदान करता है। छात्रों ने इस मौके पर प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव और सवालों को साझा करने का भी अवसर पाया।

सभी संबंधित प्रशासनिक और शिक्ष संगठनों ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए योजना बनाने और आयोजन करने में अपना योगदान दिया।

इस उत्कृष्ट कार्यक्रम ने छात्रों में उत्साह और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें परीक्षा की तैयारी में नए दृष्टिकोण प्रदान करने में भी सहायक होने का संदेश दिया।

 

Friday, January 26, 2024

SCERT Uttarakhand Celebrates 75th Republic Day with Enthusiasm

 

SCERT Uttarakhand Celebrates 75th Republic Day with Enthusiasm

In a vibrant celebration marking the 75th Republic Day of India, the State Council of Educational Research and Training (SCERT) Uttarakhand brought together a distinguished gathering at its campus. The event was graced by the presence of Additional Director Ajay Naudiyal, who hoisted the national flag, and Joint Director Kanchan Devradi.

The campus resonated with patriotic fervor as faculty members, officers, and concerns joined in the festivities. Vijay Semwal, a respected faculty member, read out messages from the Education Minister and the Director of Academic Research and Training. The messages shared in this gathering underscored the importance of education in shaping the future and fostering national pride.

The celebration received added significance with greetings from the Director General of Education and the Secretary of Education. Their presence and well-wishes highlighted the integral role of education in the nation's progress and development.

This event not only showcased the unity and enthusiasm within the academic community but also emphasized the commitment of SCERT Uttarakhand towards the larger goals of education and research. As the tricolor fluttered in the air, it symbolized the spirit of patriotism and dedication that resonates within the hearts of those contributing to the educational landscape in Uttarakhand.

Thursday, January 25, 2024

एस सी ई आर टी के अधिकारियों और प्रवक्ताओं सहित कर्मचारियों ने ली मताधिकार दिवस पर शपथ

संयुक्त निदेशक आशा रानी पैनुयली द्वारा दिलाई गई शपथ  


संदेश: निदेशक अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन

 संदेश: निदेशक अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन : 75 वें  गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या 

शब्द रहित पुस्तकों का विमोचन : बाल वाटिका कक्षाओं के लिए उपयोगी संसाधन।

शब्द रहित पुस्तकों का विमोचन -
बाल वाटिका 
कक्षाओं के लिए उपयोगी संसाधन

जिला शिक्षा एवम प्रशिक्षण संस्थान, देहरादून के प्रांगण में शब्द रहित पुस्तकों का विमोचन किया गया जो कि बाल वाटिका कक्षाओं के लिए बनाई गई। इन शब्द रहित पुस्तको को डायट देहरादून, एससीईआरटी उत्तराखण्ड , रूम टू रीड और USAID के संयुत प्रयासों से बनाया गया है, इन पुस्तकों  की कहानियां और चित्रांकन में देहरादून जिले के शिक्षक, लेखकों और चित्रकारों ने अपना योगदान दिया है, जिन्हे कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के दौरान अतिथियों एवम शिक्षा अधिकारियों द्वारा डायट में ही क्रियान्वित बालवाटिका कक्षा के बच्चों के साथ उक्त शब्द रहित पुस्तकों के साथ बातचीत की गई, जो कि कार्यक्रम का आकर्षण रहा।

डायट प्राचार्य श्री जुगरान ने इन पुस्तिकाओं के निर्माण की पूरी यात्रा को साझा करते हुए कहा कि फाउंडेशन स्टेज में बच्चों के लिए साहित्य का बहुत अभाव है और ये पुस्तकें अपने आप में एक अनोखा प्रयास है जिससे इस स्टेज में बच्चों के पास गुणवत्ता पूर्ण साहित्य उपलब्ध होगा। 

निदेशक,अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन, बंदना गर्ब्याल  ने अपने व्यक्त्व में कहा कि इस तरह की किताबों की मदद से शुरुआती कक्षाओं विशेषकर बालवाटिका कक्षाओं से ही पढ़ने की आदत एवम पढ़ने में रुचि को विकसित कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रवक्ता डायट श्री राम सिंह चौहान और विजय रावत ने किया।

कार्यक्रम में एससीईआरटी से संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी , सह निदेशक के एन बिजलवान, डायट देहरादून प्राचार्य  राकेश जुगरान, प्रणय बहुगुणा,बाल विकास से तरूणा चमोला, त्रिपाठी, रूम टु रीड से सिम्मी,भावना, पुष्पलता और USAID से शिखा जैन कार्यक्रम में शामिल रहे।



WEBINAR CIET-NCERT : भौतिक विज्ञान के शिक्षण और सीखने के लिए ई-सामग्री विकसित करना - Ramesh Badoni SCERT Uttarakhand

     

Wednesday, January 24, 2024

SCERT उत्तराखण्ड द्वारा विज्ञान शिक्षकों के लिए वर्चुअल लैब्स पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

 

उत्तराखंड के राज्य माध्यमिक शिक्षा परिषद (SCERT) ने विज्ञान शिक्षकों के लिए एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें DIET और स्कूलों के शिक्षकों ने भाग लिया।


कार्यक्रम का उद्घाटन संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने किया। कार्यशाला के दौरान, विभिन्न जनपदों से प्रवक्ताओं और प्रशिक्षकों को कक्षा शिक्षण में वर्चुअल लैब्स का सबसे अधिक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

पहले सत्र में DIET प्रवक्ता सुधीर नौटियाल ने OLabs पर रसायन, गणित और सामान्य मुद्दों पर OLabs की महत्वपूर्ण भूमिका पर व्याख्यान दिया। दोपहर के सत्रों में SCERT उत्तराखंड के आईटी प्रवक्ता रमेश बड़ोनी ने भौतिक विज्ञान, ई-कंटेन्ट निर्माण के लिए विभिन्न वर्चुअल लैब्स पर अभिमुखिकरण किया।


शिव प्रकाश वर्मा आई टी विभाग ने वी आर यंत्र से प्रतिभागियों को परिचय के साथ अभ्यास सत्र मे इन उपकरणों को डाइट द्वारा अपने संस्थान मे रखने के लिए भी सुझाव दिए।

समापन सत्र में उप निदेशक शैलेंद्र अमोली ने दिशा-निर्देश किया कि कैसे एक शिक्षक लैब-विहीन स्कूल में वर्चुअल लैब का उपयोग कर सकता है। घोषित किया गया कि आने वाले वर्षों की सेवा प्रशिक्षण सत्रों में वर्चुअल लैब प्रशिक्षण को भी शामिल किया जाएगा।



Monday, January 22, 2024

उत्तराखण्ड राज्य अकादमिक,शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक, बंदना गर्ब्याल ने कर्नाटक राज्य के DSCERT संस्थान और अजीम प्रेमजी के सहयोग से विकसित मुथआर्यनगर के हाइयर प्राइमेरी स्कूल का भ्रमण और गुणवत्ता शिक्षा के नए आयामों पर चर्चा

 दिनांक – 22 जनवरी 2024

Department of State Educational Research and Training(DSCERT), Bengaluru, Karnataka


निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण ने कर्नाटक राज्य के DSCERT संस्थान में भ्रमण कार्यक्रम के दौरान वहां चल रही शैक्षिक संवर्धन पर गतिमान बेस्ट प्रैक्टिसेज और नए शैक्षिक आयामों पर चर्चा की गई। इस दौरान, कर्नाटक राज्य के DSCERT संस्थान की निदेशिका, डॉ सुमंगला द्वारा उत्तराखण्ड अकादमिक,शोध एवं प्रशिक्षण निदेशका ,बंदना गर्ब्याल का स्वागत कर सेमीनार हाल मे संस्थान के अधिकारियों और प्रवक्ताओं के साथ राज्य में चल रहे नवाचारी कार्यक्रम के प्रस्तुतीकरण में शामिल होकर उत्तराखण्ड की शैक्षिक प्रक्रियाओं को समझने का प्रयास किया।

बेंगलुरु में स्थित डीएससीआरटी मे प्रस्तुतीकरण और चर्चा के दौरान, राज्य की निदेशका ने बताया कि राज्य ने दीक्षा पोर्टल पर 30000 से अधिक ई कंटेंट का निर्माण किया है और उनके द्वारा 47 से अधिक ऑनलाइन कोर्स मूकस के रूप में उपलब्ध हैं, जहाँ अभी तक एक लाख शिक्षक और विद्यार्थी अपनी दक्षताओं और कौशलों को निखार चुके हैं।


इसी क्रम में, संयुक्त निदेशक के साथ सम्पूर्ण विभागों और डीएसईआरटी मे मौजूद भौतिक संसाधनों का भ्रमण करवाया। 


जहां उन्होंने दो ऑडियो-वीडियो स्टूडियो, आईटी लैब, प्रशिक्षण केंद्र, लाइब्रेरी, और कॉन्फ्रेंस हॉल के आधुनिकीकरण का विवरण दिया जहाँ पर व्यापक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए विभिन्न सुविधाएं शामिल हैं, जो शैक्षिक व्यवस्थाओं की गुणवत्ता में सुधार करने का संकेत करती हैं।


इस कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड राज्य की निदेशिका द्वारा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से एक हायर प्रायमरी स्कूल का भ्रमण किया है, जो बेंगलुरु के मुथआर्यनगर मे स्थित है। इस स्कूल में विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के द्वारा अंडर-प्रिविलेज बच्चों के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं, जहां सभी आधुनिक संसाधनों का संयोजन है और स्लम के बच्चों के लिए कक्षा 7 तक की शिक्षा का प्रदान की जा रही है।


इस प्राइमरी स्कूल में गुणवत्ता शिक्षा के लिए सभी साधनों का पूरा-पूरा खयाल रखा गया है और यहां के शिक्षक, प्रशिक्षक गुणवत्ता शिक्षा के लिए सतत कार्य कर रहे हैं। इस स्कूल की खास बात यह है कि मुख्य शिक्षक इंदुमति जी ने अपने सहयोग से इस प्राइमरी स्कूल को एक मॉडल स्कूल के  रूप में विकसित कर स्लम के बच्चों को सहारा देने का वादा किया है, ताकि हर युवा बच्चा पढ़ने को खुशी – खुशी स्कूल आए और उसे सहयोग मिल सके।


इस स्कूल में एक अनोखा दृश्य यह है कि यहां पर वेजिटेबल गार्डन भी है, जो बच्चों के लिए एक स्वस्थ और शिक्षाप्रद वातावरण प्रदान करता है। 


स्कूल में सभी खेल की सुविधाएं हैं
, कंप्यूटर लैब है, और प्रत्येक कक्षा में दोस्ताना वातावरण है, जो खेल और शिक्षा को एक नई ऊर्जा और आदर्शता देने के लिए खास प्रयास है।

उत्तराखंड राज्य के निदेशिका ने इस स्कूल का भ्रमण करते हुए और यहां के बच्चों और शिक्षकों से बात करते हुए कहा कि यह एक गुणवत्ता शिक्षा का अनूठा मॉडल है जो हमारे जैसे स्कूलों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस स्कूल का पूरा केंद्र नैतिक मूल्यों पर आधारित है और यहां सभी कार्यक्रम नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखकर ही चलाए जाते हैं।

इस यात्रा के दौरान निदेशिका ने शेयरिंग के दौरान बताया कि उत्तराखण्ड राज्य में कौन-कौन से नवाचारी कार्यक्रम चल रहे हैं और भविष्य की योजनाओ पर भी DSERT संस्थान के अधिकारियों के साथ साझा की गई ।









Sunday, January 21, 2024

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस

 

दिनांक – 19 जनवरी -22 जनवरी 2024

अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन,कुप्पम,आंध्रप्रदेश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस: उत्तराखण्ड से प्रतिभागी सदस्य निदेशक अकादमिक शोध एवं मूल्यांकन और एस सी आर टी, आई टी प्रवक्ता रमेश बडोनी रहे मौजूद  

भविष्य की तकनीकी चुनौतियों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में भारतीय संदर्भ में अनुप्रयोग और विकास के लिए सुगम बनाने पर अगस्त इंटरनेशनल फाउंडेशन ने छात्र,शिक्षक और AI विषय पर राष्ट्रीय लीडरशिप कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस कॉन्फ्रेंस में राज्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने तकनीकी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग की चर्चा की, जिसमें शिक्षा, औद्योगिक क्षेत्र, और नैतिकता के मामलों पर बातचीत हुई।


कांफ्रेंस के मुख्य आकर्षण में आईआईटी मुंबई, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी खरगपुर, आईआईटी बेंगलुरु और विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुख शिक्षाविदों ने; तकनीकी क्षेत्र में अपनी भौगोलिक संसाधनों के साथ कृत्रिम बौद्धिक क्षमता का समावेश कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा की। नवम फाउंडेशन और पूर्व मुख्य अधिकारी नितिन देसाई द्वारा सम्पूर्ण ईवेंट को रोचक बाय गया। प्रोग्राम समन्वयक डॉ अनतः ने कॉन्फ्रेंस को सुगम बनाने के लिए संसाधनों को यथा समय प्रातभागियों को उपलब्ध करवाया गया।


इस मौके पर, इंफोसिस के फाउंडर मेंबर सुधा मूर्ति, अगस्त्य फाउंडेशन के फाउंडर रामजी राघवन, प्रोफेसर गोपीनाथ, और अन्य अधिकारीगण ने शिक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही और नैतिक उपयोग करने के लिए तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर कैसे कदम उठाये जा सकते हैं, इस पर चर्चा की।


कॉन्फ्रेंस में विभिन्न एनजीओ और स्टार्टअप्स ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर नए-नए अनुप्रयोगों पर चर्चा की, जिसमें राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी अपने संदर्भों के साथ ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों के साथ अपनी विचारधारा साझा की।


AI प्रशिक्षण और आगे की योजनाएं: इसी क्रम में, शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी संस्थानों जैसे आईआईटी मुंबई, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी खरगपुर, और विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के यंत्रों को सुगम बनाने के लिए कई तकनीकी योजनाओं की घोषणा की।


पैनल डिस्कशन और स्किल एनहैंसमेंट: दूसरे दिन पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर ओपन डिस्कशन और स्किल एनहैंसमेंट पर विशेष व्याख्यानों में भी भाग लिया गया। इस दौरान विभिन्न विषयों पर चिंतन मंथन सत्रों में श्री राम और अभिनेत्री सुभाषिणी ने क्रियाकलापों से प्रतिभागियों को सहयोग करने के लिए सभी को सक्रियता के लिए आवाहन किया।


अंतिम दिवस पर इस कॉन्फ्रेंस में इसरो के पूर्व चेयरमैन और निदेशक डॉक्टर पदम विभूषण किरण कुमार, ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भविष्य को लेकर चर्चा की और प्रतिभागियों के प्रश्नों के जवाब दिए। उत्तराखंड से बंदना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक, शोध एवं मूल्याकन ने इसरो के पूर्व निदेशक से चर्चा मे जिज्ञासा की कि कैसे हम अपने शैक्षणिक संस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को वास्तविक और नैतिक रूप से प्रयोग करने के लिए एक स्वतंत्र वातावरण बना सकते है।

एस सी आर टी आई टी प्रवक्ता रमेश बडोनी ने इसरो के वैज्ञानिक से भुवन पोर्टल पर चर्चा की गई और इस पोर्टल को पाठ्यक्रम के साथ सम्बद्ध करने के लिए इसरो को सुझाव के साथ नए विकल्पों जिनमे नेवीगेशन और अनलाइन प्रतिभाग करने के लिए और अंतरिक्ष की जानकारी के लिए संसाधनों पर समीक्षा करने को कहा गया । इस क्रम मे वैज्ञानिक  किरण कुमार द्वारा भुवन के नए अवतार और संसाधनों पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की गई।

कॉन्फ्रेंस के समापन के दौरान, देश, प्रदेश, और विभिन्न तकनीकी संस्थानों से आए वैज्ञानिकों, शिक्षकों, और अन्य प्रतिभागियों ने ए आई को समग्रता में उपयोग  करने के लिए अधिक से अधिक तैयारी और सुझाव दिए। इन चर्चाओं के माध्यम से भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का प्रयास किया गया, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सुगमता से समझा जा सके और इसे व्यापक रूप से लोगों तक पहुंचाया जा सके।

Friday, January 19, 2024

National Leadership Conference on AI in Education: Agastya International Foundation in collaboration with Infosys India


The National Leadership Conference on AI in Education, organized by the Aagastya International Foundation at Agastya's creativity campus in Kuppam, Hyderabad, Andhra Pradesh, was a noteworthy event that brought together key figures in education, technology, and leadership. The conference aimed to address concerns, challenges, and opportunities related to the integration of AI in education, with a focus on the perspectives of students, teachers, and AI.


The participation of the Director of of Academic, Research and Training, Bandana Garbyal, and IT faculty Ramesh Badoni from the State Council of Educational Research and Training (SCERT) Uttarakhand, added significant value to the National Leadership Conference on AI in Education. Their active involvement in the discussion forum focused on technology-enabled classrooms and AI interventions in teaching-learning processes.

The inauguration of the event was conducted by esteemed personalities such as Dr. V K Atray, Padma Vibhushan, Ram Ji Raghwan, Founder of Agastya Foundation, and renowned educationist Dr. Gopinath. The conference also featured the well-known actress Subhashini as the anchor and facilitator.

Mr. Ananath, the program coordinator, showcased a film screening on the work of the Agastya Foundation, providing an overview of the creativity campus and the facilities available. Nitin Desai, CEO of Navam and former Head of Agastya, focused on setting the context of the conference, leading a warm session along with grounding sessions.

Following a tea break, Dr. Atray, Ram Ji Raghwan, and Dr. Gopinath engaged in a talk show discussing emerging trends in technology and the extension of AI in education. After lunch, the program continued with sessions, group sharing, a panel discussion, and a Q&A session aimed at demystifying AI.

Dr. Gopinath conducted a reflective talk, and a creative circle talk featured various speakers such as Anand Rangrajan from Google Group, Nagraja from Infosys, and CK Manjunath from SMVITM. An open discussion forum provided an opportunity for participants, including educationists and officers from different organizations, and state and central bodies heading education in India and worldwide, to share insights.

In the evening session, a Veena concert led by Vidushi Sujata Thiyarajan and Jagdeesha Babu with melodious instrumental play added a soothing and enjoyable touch to the conference. The musical interlude also served as a networking opportunity for participants, fostering connections and collaboration among the diverse groups gathered for the event. Overall, the program successfully addressed key issues in AI in education while providing a platform for meaningful discussions and networking.