Friday, March 29, 2024

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर (SEP@IISc 2024) में विज्ञान संवर्धन कार्यक्रम

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर (SEP@IISc 2024) में विज्ञान संवर्धन कार्यक्रम (एसईपी) के लिए अपने राज्य से 2-5  छात्रों को नामांकित किया जाएगा ।  यह प्रस्तावित कार्यक्रम 15 मई से 15 जून 2024 तक होने वाला है। एसईपी -2020 के उद्देश्य के अनुसार उच्च उपलब्धि हासिल करने वाले छात्रों को उन्नत एसटीईएम प्राप्ति के लिए आईआईएससी के प्रतिष्ठित प्रोफेसरों से सीखने और मार्गदर्शन के तहत एक परियोजना में शामिल होने का अवसर प्रदान करने के लिए कार्यक्रम को तैयार किया गया है जो  छात्रों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट, निष्कर्षों और सीखने के परिणामों को प्रदर्शित करेगी। चयनित छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने का अनूठा अवसर और उन्हें विज्ञान और इंजीनियरिंग में उच्च अध्ययन एवं अनुसंधान मे करियर बनाने के लिए भी प्रेरणा मिलेगी। इस शैक्षणिक वर्ष 2024 में 11वीं कक्षा उत्तीर्ण, और 10वीं कक्षा की परीक्षाओं में विज्ञान और गणित में 95% से अधिक अंक प्राप्त पाँच छात्रों/छात्राओं के नाम 10 अप्रैल 2024 तक गूगल  फॉर्म https://forms.gle/5seWU88Jk232n3EE7  से  भेजे जाने हैं। छात्रों को  लिखित परीक्षा देनी होगी। परीक्षण के माध्यम से चयनित किए गए छात्रों को साक्षात्कार के  आधार पर कार्यक्रम के लिए चुना जाएगा। 

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल ने सभी संबंधित जनपदों के सी ई ओ को निर्देशित किया है कि  भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बैंगलोर में विज्ञान संवर्धन (एसईपी) मे प्रतिभाग करवाने हेतु हाईस्कूल परिषदीय परीक्षा परिणामों से नामित मेधावी छात्र/छात्राओं को राज्य से प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित करें। 

Friday, March 22, 2024

एस सी ई आर टी उत्तराखंड द्वारा आयोजित Second Phase MOOCs कार्यशाला का समापन

 

देहरादून, 22 मार्च , 2024:

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विभाग, एस सी ई आर टी उत्तराखंड द्वारा आयोजित तीन दिवसीय MOOCs (Massive Open Online Courses) कार्यशाला का समापन 22 मार्च 2024 को हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक शिक्षा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के उपयोग के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए आनलाइन कोर्स तैयार करना था।

कार्यशाला के समापन समारोह में निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि ICT शिक्षा को अधिक प्रभावी और आकर्षक बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने कहा कि MOOCs शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों और तकनीकों से अवगत कराने का एक शानदार तरीका है।

निदेशक ने कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों और विषय विशेषज्ञों को धन्यवाद दिया और कहा कि एस सी ई आर टी शिक्षकों को प्रशिक्षित करने और उन्हें ICT के उपयोग में सक्षम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने कार्यशाला में शिक्षकों के विभिन्न विषयों पर ई-कंटेंट और वीडियो ट्यूटोरियल परीक्षण कर सुझाव साझा किए। उन्होंने MOOCs के माध्यम से शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न तरीकों पर भी चर्चा की।

मुख्य समीक्षक डॉ अजय सेमल्टी ने कार्यशाला के प्रगति का मूल्यांकन किया और समीक्षक डॉ इस्तेययक अहमद और आशीष रतूडी ने अपने सुझाव दिए।

कार्यशाला के समन्वयक, रमेश प्रसाद बडोनी ने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए बहुत उपयोगी थी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए MOOCs के माध्यम से शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए कई नए विचार और तकनीकें का प्रयोग कर कोर्स बनाया गया है।

कार्यशाला में भाग लेने वाले शिक्षकों ने कहा कि यह कार्यशाला उनके लिए बहुत ही मेहनत वाली और प्रेरक थी। उन्होंने कहा कि वे इस कोर्स के माध्यम से शिक्षण में ICT का उपयोग करने के नावाचारी तरीकों से भी अवगत होते रहे हैं।

कार्यशाला ई कंटेन्ट समीक्षक : · डॉ अजय सेमल्टी एसो प्रो एच एन बी सेंट्रल यूनिवर्सिटी श्रीनगर · डॉ इस्तेययक अहमद स प्रो उत्तरांचल यूनिवर्सिटी देहरादून · डॉ आशीष रतुड़ी स प्रो डॉल्फिन संस्थान देहरादून कार्यशाला में भाग लेने वाले विषय विशेषज्ञों की सूची: · अर्चना गारग्या · सुप्रिया बहुखंडी · प्रदीप नेगी · दौलत गोसाई · अशोक भट्ट · राजमोहन रावत · भास्कर जोशी · मनोहर नैनवाल · प्रदीप नेगी · अतुल बमरारा · सौरव जोशी · शिव प्रकाश वर्मा · पुष्पा असवाल · सुधीर नौटियाल कार्यशाला के समन्वयक: · रमेश प्रसाद बडोनी

कार्यशाला की समाप्ति के समारोह में उपस्थित लोगों ने उत्साह और प्रेरणा से भरपूर माहौल में साझेदारी की। यह कार्यशाला शिक्षकों को नवीनतम तकनीकों और शिक्षण विधियों को समझने और उनका उपयोग करने का एक अद्वितीय मंच प्रदान करती है। इसके माध्यम से, शिक्षक समुदाय को नई दिशाएँ और संभावनाएं दी जा रही हैं, जो शिक्षा क्षेत्र में एक नया उत्साह और उत्थान ला सकती हैं।


Wednesday, March 20, 2024

Second Phase of MOOCs Development Workshop in Dehradun

 


The State Council of Educational Research and Training (SCERT) in Uttarakhand recently hosted the second phase of a pivotal MOOCs (Massive Open Online Courses) development workshop at Pearl Avenue in Dehradun. This workshop was strategically designed to meticulously review and moderate content for a course titled "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers."

The overarching objective of this workshop was to ensure the seamless progression and coherence of the course content. Here's a breakdown of the main activities undertaken during this phase:

Review and Moderation of Content:

The workshop primarily focused on reviewing all content developed for Modules 1 through 7, meticulously ensuring consistency and coherence. Facilitators and subject matter experts collaborated closely to assess each module, making necessary revisions or enhancements based on feedback from the course development team. This process aimed to refine the content to align with the course objectives and standards set forth by SCERT.

Finalization of Modules:

One of the key highlights of the workshop was the finalization of Module 1. Facilitators and moderators worked diligently to refine the script, presentation slides, multimedia content, and interactive elements, ensuring they effectively engage learners and cater to their learning needs. This meticulous approach was vital to laying a solid foundation for subsequent modules.

Moderator/Reviewer Responsibilities:

Moderators and reviewers played a pivotal role in conducting a final quality check to ensure all components met the course objectives and standards. They meticulously combed through the content, ensuring it was error-free, coherent, and aligned with the learning outcomes. Additionally, they collaborated closely with the technical team to plan for the integration of Module 1 into the MOOCs platform, coordinating platform setup and testing to ensure a seamless user experience.

The second phase of the MOOCs development workshop organized by SCERT Uttarakhand at Pearl Avenue, Dehradun, marked a significant milestone in the journey towards delivering an exceptional online learning experience. Through meticulous review, moderation, and refinement of course content, coupled with strategic planning and coordination, the workshop set the stage for the successful integration of Module 1 into the MOOCs platform. As the project progresses, SCERT remains committed to upholding the highest standards of quality and excellence in educational delivery, empowering school teachers with the fundamental ICT tools they need to thrive in the digital age.

Resource Persons:

  • Dr. Ajay Seymalti:
  • Associate Professor at HNB Central University.
  • Provided valuable insights and guidance on course content development.
  • Dr. Aashish Raturi:

  • Assistant Professor at DOLFIN Institute, Dehradun.
  • Contributed expertise in instructional design and educational technology.
  • Dr. Ishteyaaq Ahmad
  • Associate Professor at Uttaranchal University, Dehradun.
  • Offered expertise in curriculum development and pedagogical approaches.

Subject Matter Experts:

The workshop benefited from the expertise of several subject matter experts, including:

  • Bhaskar Joshi
  • Suptiya Bahukhandi
  • Archana Gargya
  • Ashok Bhatt
  • Raj Mohan Rawat
  • Daulat Gusaian
  • Atul Bamrara
  • Pradeep Negi

These experts brought diverse perspectives and deep domain knowledge to the table, ensuring the relevance and accuracy of the course content.

Program Coordinator and Technical Team:

R.P. Badoni served as the program coordinator, overseeing the logistical aspects of the workshop and ensuring smooth coordination among the participants and facilitators. The technical team, consisting of S. Joshi, A. Uniyal, and Rajat, played a crucial role in setting up and maintaining the MOOCs platform.

Their expertise in technology infrastructure and platform management ensured the seamless integration and functionality of the course modules. Together, these individuals collaborated tirelessly to review, refine, and finalize the course content, ensuring it met the highest standards of quality and educational effectiveness. Their collective efforts paved the way for the successful development and implementation of the MOOCs on "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers."

In conclusion, the workshop exemplified the power of collaboration and expertise in educational development. The contributions of each team member were instrumental in shaping a comprehensive and engaging learning experience for school teachers in Uttarakhand and beyond. As the project progresses, their dedication and commitment continue to drive its success, empowering educators with essential ICT tools to excel in today's digital world.

Thursday, March 14, 2024

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का हेलसिंकी विश्वविद्यालय का भ्रमण उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र में नई उम्मीदें

 

देहरादून, उत्तराखंड - उत्तराखंड प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का हेलसिंकी विश्वविद्यालय का भ्रमण उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र में नई उम्मीदें जगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

डॉ. रावत ने अपने भ्रमण के दौरान हेलसिंकी विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों का विस्तृत अध्ययन किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्लेफुल लर्निंग सेंटर व पुस्तकालय का भी अवलोकन किया, जहां उन्हें बच्चों के शिक्षा में खेल गतिविधियों के महत्व का अनुभव मिला।

डॉ. रावत ने अपने भ्रमण के दौरान हेलसिंकी विश्वविद्यालय के साथ शिक्षा के क्षेत्र में MOU किए जाने की आवश्यकता को जताया। उन्होंने विचार किया कि उत्तराखंड और फिनलैंड के बीच छात्रों के एक्सचेंज प्रोग्राम का संचालन किया जा सकता है, जो दोनों देशों के छात्रों को एक-दूसरे के शैक्षणिक और सांस्कृतिक वातावरण का अनुभव करने का मौका देगा।

इसी दौरान उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था के विकास को लेकर विभागीय सचिव रविनाथ रामन ने भी हेलसिंकी विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों के साथ मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। उन्होंने फिनलैंड की तर्ज पर प्लेफुल लर्निंग सेंटर की स्थापना के लिए भी बातचीत की। यहाँ निदेशक, अकादमिक शोध एवम प्रशिक्षण वंदना गर्बयाल, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी, बी पी मैंदोली, एम एम जोशी, प्रद्युम्न रावत, डॉ दीपक प्रताप व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

इस महत्वपूर्ण कदम के तहत उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में नए उत्साह और ऊर्जा का संचार किया जा सकता है, जो अगले कुछ वर्षों में प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।

Wednesday, March 13, 2024

पी एम ई विद्या चैनल हेतु ई कंटेन्ट निर्माण : शिक्षकों के कंटेन्ट चयन प्रक्रिया

 

अधिक जानकारी के लिए इस QR कोड को स्कैन करें 

संस्कृत विनोदिनी भाग-1 (कक्षा 9-10) पुस्तक विकास कार्यशाला

 

उत्तराखंड एस सी ई आर टी द्वारा संस्कृत विनोदिनी भाग-1 (कक्षा 9-10) पुस्तक विकास कार्यशाला- एन ई पी 2020

उत्तराखंड एस सी ई आर टी ने संस्कृत शिक्षा को समृद्ध करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। संस्कृत विनोदिनी भाग-1 पुस्तक के विकास के लिए एन ई पी 2020 कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मुफ्त पाठ्यपुस्तक के रूप में नई पाठ्यक्रम के तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है:

  1. निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण के निर्देश: यह कार्यशाला अध्ययन सामग्री, शिक्षण पद्धति और शैक्षिक उपकरणों के निर्माण और संदर्भित शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए निर्देशों को प्रदान करेगी।
  2. समय पर पूर्ण करें पुस्तक का निर्माण और सम्पादन: इस कार्यशाला में समयबद्धता को महत्वपूर्ण मानते हुए, पुस्तक के निर्माण और सम्पादन के लिए समय सीमा तय की जाएगी।
  3. सभी लेखकों से लिए गए परामर्श: इस प्रक्रिया में संग्रहित होने वाले सभी लेखकों के सुझावों और परामर्शों का महत्वपूर्ण रूप से मूल्यांकन किया जाएगा।
  4. हिन्दी पुस्तक के साथ संस्कृत सहपुस्तिका: अध्यापकों और छात्रों को दोनों भाषाओं में समृद्ध साहित्य का लाभ उठाने के लिए, हिंदी पुस्तक के साथ संस्कृत सहपुस्तिका भी डिजाइन की जाएगी।

यह कार्यशाला संस्कृत शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए एक प्रभावी कदम है और उत्तराखंड के शैक्षिक क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार करेगा।



Consultative Meet on SDG 4.7 at NCERT, New Delhi

Date: 12-03-2024

Venue: NCERT, New Delhi


Dr. Ajay Chaurasiya, representing Uttarakhand SCERT, participated as the Nodal Officer in a three-day Consultative Meet on Sustainable Development Goal (SDG) 4.7 at NCERT, New Delhi. The primary objective of this meeting was to facilitate the sharing of works related to SDG 4.7 goals, with a specific focus on education for sustainable development and global citizenship.

Objectives:

The consultative meeting aimed to achieve the following objectives:

  1. Exchange of Ideas: To provide a platform for stakeholders to exchange ideas, experiences, and best practices related to SDG 4.7, particularly focusing on education for sustainable development and global citizenship.

  2. Collaboration: To foster collaboration among various organizations, institutions, and individuals working towards the implementation of SDG 4.7 goals.

  3. Review of Progress: To review the progress made by different stakeholders in implementing initiatives aimed at promoting education for sustainable development and global citizenship.


  4. Key Discussions:

During the three-day meet, participants engaged in discussions and deliberations on various aspects of SDG 4.7, including:

  1. Importance of Education: Participants highlighted the crucial role of education in promoting sustainable development and fostering global citizenship among learners.

  2. Best Practices: Various organizations and institutions shared their best practices and successful initiatives aimed at integrating sustainability education into formal and informal education systems.

  3. Challenges and Opportunities: Participants discussed the challenges faced in implementing SDG 4.7 initiatives and explored opportunities for overcoming these challenges through collaborative efforts.

  4. Policy Recommendations: Recommendations were made to policymakers for developing comprehensive policies and strategies to mainstream education for sustainable development and global citizenship.


  5. The consultative meeting on SDG 4.7 at NCERT, New Delhi, provided a valuable platform for stakeholders to share their experiences and insights on promoting education for sustainable development and global citizenship. Dr. Ajay Chaurasiya's participation as the Nodal Officer from Uttarakhand SCERT contributed to enriching the discussions and fostering collaboration among stakeholders. Moving forward, it is essential to continue such collaborative efforts to ensure the effective implementation of SDG 4.7 goals and contribute towards building a sustainable and inclusive future.