Saturday, November 30, 2024

आशा रानी पैन्यूली: एससीईआरटी की अपर निदेशक को सेवानिवृत्ति पर मिला भव्य सम्मान और भावुक विदाई


एससीईआरटी, देहरादून में आज का दिन बेहद खास और भावनात्मक रहा, जब संस्था के अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली को उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर एक भव्य विदाई समारोह में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में एससीईआरटी और उत्तराखण्ड  शिक्षा विभाग के अधिकारी, संकाय सदस्य, कर्मचारी, और शिक्षक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


कार्यक्रम की शुरुआत: कार्यों की सराहना

कार्यक्रम का शुभारंभ एससीईआरटी के सभागार में हुआ, जहां महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा , झरना कमठान ने अपने  संबोधन में आशा रानी पैन्यूली के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, "उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन शैली का मैं हमेशा सम्मान करती हूं। उन्होंने शिक्षा विभाग में अपनी सेवा से एक मिसाल कायम की है।"


इसके बाद निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बंदना गर्ब्याल, ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा, "वे हमेशा समय पर निर्णय लेने वाली और काम को कुशलतापूर्वक पूरा करने वाली अधिकारी रही हैं। उनके साथ काम करना हमेशा प्रेरणादायक रहा।"


माध्यमिक शिक्षा निदेशक, डॉ. एस.बी. जोशी, ने कहा, "हम दोनों एक ही बैच के अधिकारी हैं। उनकी कार्यशैली और नेतृत्व क्षमता ने विभाग में नई ऊंचाइयों को छुआ है।"


प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, रामकृष्ण उनियाल, ने आशा रानी पैन्यूली को एक अद्भुत नेतृत्वकर्ता बताते हुए कहा, "वे हमारे विभाग की एक मजबूत स्तंभ रही हैं। उनकी कार्यकुशलता और समर्पण अविस्मरणीय है।"


भावुक क्षण और पारिवारिक सहभागिता

इस अवसर पर आशा रानी पैन्यूली के परिवार के सदस्य, जिनमें उनके पिता, दोनों पुत्र, बहुएं, पोते-पोतियां, और अन्य रिश्तेदार उपस्थित थे, ने अपनी भावनाएं साझा कीं। उनके बड़े पुत्र ने कहा, "मां ने हमेशा हमें प्रेरित किया है। उनकी मेहनत और समर्पण से हमने बहुत कुछ सीखा। अब समय आ गया है कि वे हमारे साथ समय बिताएं।"


उनके पिता ने कहा, "आशा मेरा  राजा बेटा  है जिसने  हमेशा परिवार और अपने कर्तव्यों के बीच संतुलन बनाए रखा। उनकी इस सफलता पर मुझे गर्व है।"


विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

समारोह को यादगार बनाने के लिए कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं:

  • प्रिया गोसाई ने आशा रानी पैन्यूली के पसंदीदा गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया।
  • डॉ. उषा कटिहार और डॉ. मुकुल सती ने अपने मधुर गीतों से माहौल को सराबोर कर दिया।
  • आशा रानी पैन्यूली ने भी महानिदेशक झरना कमठान के अनुरोध पर मंच पर नृत्य प्रस्तुत किया।


सहकर्मियों और मित्रों के संदेश

अपर निदेशक, गढ़वाल मंडल बेसिक शिक्षा, और वर्तमान में संयुक्त निदेशक, एससीईआरटी, कंचन देवराड़ी ने कहा, "आशा जी के साथ बिताए समय और उनके कार्य करने के अनोखे अंदाज को मैं हमेशा याद रखूंगी। उनकी सकारात्मक ऊर्जा प्रेरणादायक है।"




शैलेन्द्र नेगी, नगर आयुक्त ऋषिकेश ने अपने प्रिय प्रेरणा स्रोत  आशा रानी पैन्यूली को सभागार मे उपहार देकर सम्मानित किया । 

मंच का संचालन प्रवक्ता सुनील भट्ट ने किया। उन्होंने आशा रानी पैन्यूली के कार्यों में नवाचार और उनकी बुलंद आवाज की प्रशंसा की।
डॉ. साधना डिमरी ने पूरे कार्यक्रम की एंकरिंग करते हुए उनके जीवन की उपलब्धियों और यादगार क्षणों को सभी के सामने प्रस्तुत किया।


  • राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष, राम सिंह चौहान, और उनके समूह ने  पैन्यूली के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें "शिक्षा विभाग की प्रेरणा स्रोत" बताया।
  • SIEMAT के डॉ. दिनेश चंद्र गौड़ और उनके अधिकारियों ने कहा, "उनकी कार्यशैली और नेतृत्व ने शिक्षा क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं।"
  • महानिदेशक कार्यालय और विद्या समीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने उनके कार्यकाल की उपलब्धियों को याद करते हुए उनके लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।


संयुक्त निदेशक पदमेंद्र सकलनी ने कहा, "उनके साथ काम करना हमेशा सीखने का अनुभव रहा है। उनकी प्रतिबद्धता और प्रबंधन क्षमता असाधारण है।"

माध्यमिक शिक्षा निदेशक, डॉ. आनंद भारद्वाज, ने कहा, "वे न केवल एक कुशल अधिकारी थीं, बल्कि एक मार्गदर्शक भी रहीं। उनकी सेवा और समर्पण शिक्षा विभाग के लिए प्रेरणादायक है।"

सीईओ, देहरादून और पूर्व में सेवानिवृत्त अधिकारी भी इस समारोह में उपस्थित थे। उन्होंने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा, "आशा रानी पैन्यूली ने अपनी मेहनत और लगन से विभाग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।"


डॉक्यूमेंट्री और संदेशों का आदान-प्रदान

कार्यक्रम में आशा रानी पैन्यूली के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म प्रस्तुत की गई, जिसमें उनके बचपन से लेकर सेवानिवृत्ति तक के सफर को खूबसूरती से दिखाया गया। साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों ने वीडियो संदेशों के माध्यम से अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।


भविष्य की योजनाएं और योगदान

अपने विदाई भाषण में आशा रानी पैन्यूली ने कहा, "मैं जल्द ही DNA संस्था के साथ निदेशक के रूप में जुड़ने जा रही हूं। इसके अलावा, मैंने अंगदान करने का संकल्प लिया है। अगर एससीईआरटी में कोई पार्क बनता है या गेट का निर्माण होता है, तो मैं उसमें योगदान देने के लिए हमेशा तैयार रहूंगी।"


समारोह का समापन

कार्यक्रम का समापन एक भव्य रात्रिभोज के साथ हुआ। इस अवसर पर रघुनाथ लाल आर्य, डॉ. एस.बी. जोशी, और अन्य अधिकारियों ने  पैन्यूली को उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन कौशल के लिए विशेष रूप से सराहा।


पैन्यूली ने अपने व्यक्तित्व, समर्पण, और नेतृत्व से शिक्षा विभाग में एक अमिट छाप छोड़ी है। उनकी सेवानिवृत्ति शिक्षा क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत है, जहां वे अपने अनुभव और ज्ञान से समाज को और समृद्ध करेंगी।

Friday, November 29, 2024

राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत पांच दिवसीय सामग्री विकास कार्यशाला सफलतापूर्वक संपन्न

 

स्थान: राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड

तिथि: 26 नवंबर से 30 नवंबर 2024

राज्य के विभिन्न जिलों से आए शिक्षकों ने राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम (NPEP) के अंतर्गत पांच दिवसीय सामग्री विकास कार्यशाला में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों के साथ सहयोग करके कैलेंडर और पोस्टर निर्माण के माध्यम से शैक्षिक सामग्री तैयार करना था, जो जनसंख्या शिक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उजागर करे।


कार्यशाला की मुख्य थीम

इस कार्यक्रम में SCERT के विशेषज्ञ डॉ  संजीव चेतन के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम की निम्नलिखित विषयवस्तुओं पर आधारित पोस्टर और कैलेंडर बनाए गए:

  1. लैंगिक समानता (Gender Equality)
  2. पारस्परिक संबंध (Interpersonal Relationships)
  3. घरेलू हिंसा (Domestic Violence)
  4. आदर्श नागरिकता (Ideal Citizenship)
  5. सड़क सुरक्षा (Road Safety)


प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन और सराहना

कार्यशाला के दौरान, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड की निदेशक बन्दना गर्ब्याल  और SCERTअपर निदेशक आशारानी पैन्यूली ने शिक्षकों के कार्य की प्रशंसा की और उन्हें प्रेरित किया। समापन सत्र में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया गया।


कलात्मक सहयोग और योगदान

कार्यशाला में शिक्षकों ने न केवल अपने विचारों और अनुभवों को साझा किया, बल्कि अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करते हुए आकर्षक और शिक्षाप्रद पोस्टर तथा कैलेंडर बनाए। कला शिक्षक संजय रावत, कुलदीप सिंह, अवनीश सिंह, शाइस्ता प्रवीण, सुमन बिष्ट , पुष्प पठोई और हिमानी भट्ट   ने अपनी कलात्मकता और सृजनात्मकता से इस कार्यशाला को खास बनाया।


कार्यशाला का महत्व

यह कार्यशाला न केवल शिक्षकों के लिए एक सीखने का अवसर थी, बल्कि छात्रों और समाज के लिए जनसंख्या शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने का एक मंच भी। इस कार्यक्रम से उत्पन्न सामग्री स्कूलों में जनसंख्या शिक्षा पर आधारित गतिविधियों और जागरूकता अभियानों के लिए उपयोगी साबित होगी।


आयोजन की सफलता

प्रवक्ता सुधा पैन्यूली और नीलम पँवार ने कार्यशाला में सामग्री विकास, क्रियान्वयन, और विषय आधारित सत्रों का संयोजन किया गया, जिससे शिक्षकों को उनके विचारों को सृजनात्मक रूप में प्रस्तुत करने का अवसर मिला। यह कार्यशाला शिक्षकों और विशेषज्ञों के सामूहिक प्रयासों का उत्कृष्ट उदाहरण बन गई।


SCERT, उत्तराखंड इस प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन करके शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है और शिक्षक समुदाय को नए तरीके से सोचने और सीखने के लिए प्रेरित कर रहा है।

Thursday, November 28, 2024

एससीईआरटी उत्तराखंड में डिज़ाइन थिंकिंग पर व्याख्यान: प्रोफेसर राहुल नैनवाल का सत्र

देहरादून: एससीईआरटी उत्तराखंड ने एक विशेष अभिमुखिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, देहरादून के डायरेक्टर बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर राहुल नैनवाल ने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में डिज़ाइन थिंकिंग पर व्याख्यान दिया। अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने उनका मोमेंटो और फ्लॉवर पॉट देकर औपचारिक स्वागत किया।

डिज़ाइन थिंकिंग: उपयोगकर्ता-केंद्रित दृष्टिकोण
संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने प्रो नैनवाल के नवाचारी अनुप्रयोगों और डिजाइन थिंकिंग जैसे आधुनिक विषयों पर विशेषज्ञता पर उन्हे हार्दिक बधाई दी और स्वागत किया।  कार्यक्रम का समन्वयक, डॉ. अजय चौरसिया, ने डिज़ाइन थिंकिंग की अवधारणा और इसके शैक्षिक महत्व पर आरंभिक परिचय दिया। उन्होंने कहा, "डिज़ाइन अपने लिए नहीं, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए होता है।" उन्होंने प्रतिभागियों को एक अभ्यास दिया जिसमें उन्होंने कल्पना करने को कहा कि लोग अपने घरों में फूलों का आनंद कैसे लेना चाहेंगे और इसका डिज़ाइन तैयार करने को कहा।

प्रोफेसर राहुल नैनवाल ने डिज़ाइन थिंकिंग को समस्या-समाधान के एक प्रभावी उपकरण के रूप में समझाया। उन्होंने इसके उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को समझने, विचारशील समाधान विकसित करने, और शिक्षण-प्रशिक्षण प्रक्रिया में इसके महत्व पर जोर दिया।

सत्र के प्रमुख उद्देश्य और परिणाम:
सत्र के बाद, प्रतिभागियों और संकाय सदस्यों को निम्नलिखित क्षमताएँ प्राप्त होने की अपेक्षा की गई:

  1. डिज़ाइन थिंकिंग की अवधारणा और इसके महत्व को स्पष्ट रूप से समझाना।
  2. समस्या समाधान के लिए डिज़ाइन थिंकिंग का उपयोग करना।
  3. कक्षा शिक्षण प्रक्रिया को बेहतर बनाने में डिज़ाइन थिंकिंग की भूमिका को समझना।
  4. शिक्षकों और प्रशिक्षकों की शिक्षण शैली, विधियों और अभ्यासों में वांछनीय बदलाव लाना।
  5. शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकताओं को पूरा करना और तीव्र बदलावों के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देना।

कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन:
कार्यक्रम का समापन प्रवक्ता आई टी विभाग  रमेश बडोनी द्वारा प्रस्तुत वोट ऑफ थैंक्स के साथ हुआ। उन्होंने प्रोफेसर राहुल नैनवाल और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

निदेशक अकादमिक शोध एवं  प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल  ने अपने संदेश मे कहा कि यह सत्र शिक्षकों के लिए डिज़ाइन थिंकिंग की समझ को गहरा करने और इसे कक्षा शिक्षण में लागू करने के लिए एक प्रेरणादायक पहल साबित होगा 

इस कार्यशाला मे चर्चा प्रश्नों मे डॉ साधना डिमरी, डॉ रंजन भट्ट, शिव प्रकाश वर्मा, शुभ्रा सिंघल, डॉ हरेन्द्र अधिकारी , भुवनेश पंत, राकेश रावत, प्रिय गुसाईं , सुधा डिमरी, सुनील भट्ट, डॉ मनोज शुक्ला, आदि संकाय सदस्यों ने प्रतिभाग किया जिसने सत्र को रोचक बनाए रखा । 

ऑनलाइन बैठक: एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा हैकाथॉन कार्यक्रम पर चर्चा


देहरादून: एससीईआरटी उत्तराखंड के अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने गूगल मीट के माध्यम से 13 जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों, डाइट प्राचार्यों और अन्य अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया। बैठक में एससीईआरटी के आईटी विभाग के प्रवक्ता रमेश बडोनी ने "हैकाथॉन: डिजिटल सोल्यूशंस, एआई कोडिंग और रोबोटिक्स चैलेंज सीरीज 2024-25" के आधार पत्रक को प्रस्तुत किया और प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी।

हैकाथॉन का उद्देश्य और महत्त्व:
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में एआई, कोडिंग, और रोबोटिक्स कौशल के साथ-साथ उनकी आलोचनात्मक और गणनात्मक सोच को विकसित करना है। यह पहल एनईपी-2020 के लक्ष्यों के अनुरूप, बहु-विषयक शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक होगी।

कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु:

  1. लक्षित समूह: कक्षा 6 से 12 के छात्र-छात्राएं।
  2. प्रमुख गतिविधियाँ: तकनीकी कक्षा संसाधन निर्माण, स्मार्ट खेती, जल शोधन प्रणाली, अक्षय ऊर्जा समाधान, और व्यक्तिगत सुरक्षा को बढ़ावा देने वाली तकनीकी परियोजनाएं।
  3. शिक्षकों के लिए समाधान: एआई आधारित आकलन प्रणाली, पर्सनलाइज्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म, और वर्चुअल टीचिंग असिस्टेंट जैसी पहल।

सहयोग की अपील:
बैठक में  अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण के डॉ. दिनेश चंद्र गौड़ ने सभी अधिकारियों से इस प्रतियोगिता में सक्रिय सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम उत्तराखंड के छात्रों के कौशल विकास और प्रौद्योगिकी के प्रति उनकी रुचि बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अंत में, अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह पहल छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

संदर्भ: हैकाथॉन आधार पत्रक, एससीईआरटी उत्तराखंड।

Wednesday, November 27, 2024

राज्य स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समापन समारोह-2024, जागर पद्म श्री, बसंती बिष्ट एवं लोक गायिका मीना राणा ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ

 

दिनांक: 27 नवंबर 2024

स्थान: सभागार, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), देहरादून

राज्य स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह के द्वितीय दिवस का समापन विद्यार्थियों की शानदार प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हुआ। बच्चों ने संगीत और गायन की विभिन्न विधाओं, जैसे लोक नृत्य, लोक गायन, शास्त्रीय वादन आदि में अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

समापन सत्र का शुभारंभ पद्म श्री बसंती बिष्ट और प्रसिद्ध लोक गायिका मीना राणा ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संगीत और गायन से जुड़ी प्रेरणादायक और रोचक जानकारी दी। मीना राणा ने अपने प्रसिद्ध गीत ‘हम उत्तराखंडी छां’ का गायन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बच्चों को लोकगीत, लोक नृत्य, और शास्त्रीय संगीत में अपनी रुचि बढ़ाने और स्थानीय वाद्ययंत्रों को सीखने के लिए प्रेरित किया।

पद्म श्री बसंती बिष्ट ने भगवान श्री रामचंद्र जी के बालपन और अयोध्या प्रवास का जागर के माध्यम से भावपूर्ण प्रदर्शन किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षक समाज को बेहतर दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बसंती बिष्ट अपनी स्वरचित पुस्तक महानिदेशक  झरना कमठान को भेंट की और उन्हे शुभकामनाएं भी दी । 

प्रतियोगिता विजेताओं का सम्मान

दूसरे दिन की प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स  प्रदान की गई।

शिक्षक वर्ग के विजेता

  1. सुगम संगीत प्रतियोगिता:

    • प्रथम: श्री मनोज थापा, अटल उत्कृष्ट रा.इ.का., रुद्रप्रयाग
    • द्वितीय: डॉ. सिद्धार्थ पंत, रा.प्रा.वि., दौलतपुर, नैनीताल
    • तृतीय: डॉ. लता पांडे, रा.बा.इ.का., श्रीनगर
  2. शास्त्रीय सुगम वादन प्रतियोगिता:

    • प्रथम: हर्षवर्धन भट्ट
    • द्वितीय: राजन बोहरा
    • तृतीय: मनोज हटवाल

विद्यार्थी वर्ग के विजेता

  1. शास्त्रीय गायन प्रतियोगिता:

    • प्रथम: हर्षित, रा.इ.का., अल्मोड़ा
    • द्वितीय: कु. स्नेहा, रा.इ.का., दौलिया, नैनीताल
    • तृतीय: कु. संगीता, रा.बा.इ.का., राजपुर रोड, देहरादून
  2. लोक नृत्य (जूनियर वर्ग):

    • प्रथम: कु. मानसी, रा.बा.इ.का., लक्खीबाग
    • द्वितीय: कु. खुशी, पी.एम.श्री, लंढौरा, हरिद्वार
    • तृतीय: कु. डॉली, रा.बा.इ.का., कपकोट, बागेश्वर

मुख्य अतिथियों के संदेश और सुझाव

समापन सत्र में उत्तराखंड की महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, सुश्री झरना कमठान ने कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने प्रतिभागियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में और अधिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल शिक्षकों और छात्रों के ज्ञान व कौशल को निखारते हैं, बल्कि उन्हें नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने मुख्य अतिथियों का स्वागत किया और संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए बसंती बिष्ट और मीन राणा की प्रशंसा की। झरना कमठान ने उनके स्कूल शिक्षा में योगदान के लिए स्वागत और धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने महिलाओं के इस योगदान को आगे बढ़ाने के प्रयासों की भी सराहना की।

निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, श्रीमती बन्दना गर्ब्याल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों की प्रतिभा को राज्य स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस तरह की गतिविधियों को सतत रूप से आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि छात्रों और शिक्षकों को अपने ज्ञान और कौशल को बेहतर बनाने के अवसर मिलते रहें। इसके अलावा, उन्होंने अपनी मधुर आवाज में कुछ सुंदर पंक्तियां गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और कार्यक्रम को यादगार बना दिया।


अपर निदेशक, एससीईआरटी, श्रीमती आशा रानी पैन्यूली ने भी इस कार्यक्रम की सफलता पर सभी प्रतिभागियों और आयोजन से जुड़े व्यक्तियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक होते हैं, बल्कि यह सहभागिता करने वालों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को भविष्य में और भी बेहतर तैयारी के साथ भाग लेने के लिए प्रेरित किया, ताकि उनके प्रदर्शन में निरंतर सुधार हो सके। अपने नृत्य प्रदर्शन से उन्होंने सभागार में समां बांध दिया और सेवा निवृत्ति के इस अवसर को भावुक और यादगार बना दिया। उनकी जिंदादिली और सहयोग की भावना ने सभी को प्रेरित किया।

कार्यक्रम के विशेष क्षण में, आशा रानी पैन्यूली ने  लड़कियों के ग्रुप में एक बालक कलाकार की प्रतिभा को मान्यता देते हुए उसे 1100 रुपये का पुरस्कार देकर उसका हौसला बढ़ाया। यह पहल न केवल कलाकार की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने वाली थी, बल्कि इससे सभी उपस्थित लोगों को प्रेरणा भी मिली।

इस मौके पर निदेशक प्रारम्भिक राम कृष्ण उनियाल, विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र गौड़ सीमेट और कई अन्य गणमान्य हस्तियाँ रही मौजूद । 

संगीत एवं गायन के विशेष सत्र

कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डॉ. उषा कटियार ने संगीत और गायन की महत्ता पर प्रकाश डाला और शानदार प्रस्तुतियां दीं।
कार्यक्रम संचालन का दायित्व सुधा पनौली, प्रिया गोसाई, डॉ. अवनीश उनियाल, और डॉ. मनोज कुमार शुक्ला ने बखूबी निभाया।
डॉ. साधना डिमरी और एनसीईआरटी के अन्य प्रवक्ताओं ने भी आयोजन में विशेष योगदान दिया।

संयुक्त निदेशक श्रीमती कंचन देवराड़ी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।


उत्कृष्टता की ओर एक कदम

इस कार्यक्रम ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और संगीत प्रतिभाओं को नए आयाम दिए। भविष्य में ऐसे आयोजन राज्य की नई पीढ़ी को अपनी कला और संस्कृति के प्रति जागरूक बनाएंगे।

Tuesday, November 26, 2024

SCERT Uttarakhand Launches MOOC Level 1 on "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers"


Dehradun, Uttarakhand – SCERT Uttarakhand has successfully launched its first-ever MOOC (Massive Open Online Course) on "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" aimed at empowering government school teachers with essential ICT skills. The course, with a duration of 10 hours, is open to teachers from primary to senior secondary levels across the state.

In its first week, the initiative has seen remarkable participation:

  • 16,500 teachers enrolled.
  • 6,000 teachers successfully completed and received certification.

This program is being run at the Vidya Samiksha Kendra, Uttarakhand, utilizing the innovative ई-सृजन BOT platform. A comprehensive dashboard is in place to track the progress of participants, linking data through UDISE codes of schools and employee IDs for real-time monitoring and transparency.

Aiming Higher : The program targets 60,000 teachers to complete this course in the current academic session. The successful completion of Level 1 is critical for launching Level 2, which will delve deeper into advanced ICT applications for classroom management and teaching strategies.

Recognitions and Acknowledgements

The Director of Academic Research and  Training Uttarakhand Bandana Garbyal,  extended heartfelt congratulations to:

  • The course creators for their innovative curriculum design.
  • The dedicated support team at Vidya Samiksha Kendra for ensuring seamless execution.
  • The teachers who showcased commitment by completing the course within the stipulated time.

The Additional Director Asha Rani Painuly expressed amazement at the overwhelming response and expects the program's success to grow exponentially in the coming weeks.

Course Objectives:

The "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" course aims to:

  1. Provide Continuous Professional Development (CPD) opportunities for teachers.
  2. Enhance teachers' ICT skills to better manage classroom teaching and engage students effectively.

A Step Towards Digital Empowerment

With this initiative, SCERT Uttarakhand is setting a benchmark in integrating technology with education. By equipping teachers with ICT tools, the program ensures they are better prepared to adapt to modern educational challenges, ultimately benefiting students across the state.

Stay tuned as we track the progress of this initiative and look forward to the launch of MOOC Level 2.