Saturday, May 31, 2025

उत्तराखण्ड में शिक्षा की नई क्रांति: स्कूली स्तर पर विश्वविद्यालय जैसी पढ़ाई, मूल्यों पर आधारित शिक्षा पर भी होगा ज़ोर

उत्तराखण्ड में शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज के समकक्ष पाठ्यक्रम को लागू करने की घोषणा की है। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को अधिक सक्षम, व्यावहारिक और वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करना है।

SCF को मिल चुकी है स्वीकृति

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बन्दना गर्ब्याल ने जानकारी दी कि State Curriculum Framework (SCF) को केंद्र से स्वीकृति मिल चुकी है और अब यह इसी वर्ष से राज्य के विद्यालयों में लागू किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परंपरा, व्यावसायिक शिक्षा, नैतिक मूल्यों और तकनीकी दक्षताओं को समाहित किया गया है।

राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से तैयार होगा छात्र

नई शिक्षा प्रणाली के तहत विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि उन्हें भारतीय संस्कृति, कला, संगीत, नैतिक शिक्षा और वैश्विक विषयों से भी जोड़ा जाएगा। यह उन्हें एक जिम्मेदार, सशक्त और जागरूक नागरिक बनाएगा।

व्यावसायिक शिक्षा को मिलेगा बढ़ावा

2025-26 के शैक्षिक सत्र से लागू होने वाले इस पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, कृषि, स्वास्थ्य सेवाएं और आईटी जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा ताकि छात्र शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के लिए भी तैयार हो सकें।

छात्रों को मिलेगा आत्मनिर्भरता का संबल

बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि यह बदलाव छात्रों को परीक्षा केंद्रित शिक्षा से आगे ले जाकर उन्हें जीवनोपयोगी और व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ेगा, जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

"विकसित और तकनीकी युग में मूल्यों पर आधारित शिक्षा अत्यंत आवश्यक है। यही हमें अपने देश और विश्व पटल पर स्थिर रहने की प्रेरणा देती है। हमें शिक्षा को एक समग्र दृष्टिकोण और शुद्ध मिशन भावना के साथ अपनाकर राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।"

बन्दना गर्ब्यालनिदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड 

विदाई समारोह विशेष : एससीईआरटी उत्तराखंड ने दी दो महान शिक्षाविदों को भावभीनी विदाई

देहरादून, 31 मई 2025उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के सभागार में आज का दिन भावनाओं और कृतज्ञता से ओतप्रोत रहा, जब संस्था ने दो वरिष्ठ और समर्पित शिक्षाविदों — श्री मदन मोहन जोशी और डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी — को सेवानिवृत्ति के उपलक्ष्य में भावभीनी विदाई दी। इन दोनों महानुभावों ने शिक्षा के क्षेत्र में चार दशकों तक अपनी अमूल्य सेवाएं दीं और आज उनके योगदान का सम्मान करते हुए समस्त संकाय एवं अधिकारीगण भावविभोर हो उठे।



समारोह की गरिमामयी शुरुआत

कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक पद्मेंद्र सकलानी, सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजलवाण, उपनिदेशक नेगी तथा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रावत द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे  जोशी और डॉ. सेमल्टी ने सम्मिलित रूप से संपन्न किया। इस शुभारंभ के साथ ही डॉ. उषा कटिहार ने "गुरुर्ब्रह्मा..." मंत्र का सस्वर उच्चारण करते हुए वातावरण को आध्यात्मिकता से भर दिया।


संचालन और स्मृतियों का सिलसिला

समारोह का सफल मंच संचालन  सुनील भट्ट ने अपनी प्रभावशाली शैली में किया। दोनों सेवानिवृत्त शिक्षाविदों के जीवनवृत्त और उनके योगदान को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। आईटी विभाग द्वारा निर्मित एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से जोशी और डॉ. सेमल्टी के जीवन के कार्यों की झलकियां प्रस्तुत की गईं, जिन्होंने उपस्थितजनों को भावुक कर दिया।


मदन मोहन जोशी : शिक्षा के इन्साइक्लोपीडीया 

मदन मोहन जोशी उत्तराखंड की समग्र शिक्षा व्यवस्था के एक ऐसे आधार स्तंभ रहे हैं जिन्होंने शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से किया। SCERT, समग्र शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान सहित अनेक परियोजनाओं में उनकी भूमिका नेतृत्वकारी और दूरदर्शी रही। मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री , शिक्षा सचिव से लेकर केंद्रीय स्तर तक उनके द्वारा प्रस्तुत योजनाओं को न केवल सराहा गया बल्कि उन्हें अनुकरणीय भी माना गया। जोशी की कार्यशैली में गहराई, स्पष्टता और योजनागत सोच की झलक हमेशा दिखाई देती थी। उन्होंने शिक्षा को केवल एक प्रशासनिक उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व समझा और उसी समर्पण भाव से सेवा की। उनके कार्यों की छाप आने वाले वर्षों तक उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली पर बनी रहेगी।


डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी : पाठ्यक्रम निर्माण के धरोहर

डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी एक शांत, विचारशील और गंभीर व्यक्तित्व के धनी शिक्षक रहे हैं जिन्होंने SCERT के पाठ्यक्रम विभाग में अपनी विद्वता और लगन से शिक्षा सामग्री निर्माण को नई दिशा दी। 18 से अधिक पाठ्यपुस्तकों के निर्माण में उनका योगदान न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि यह एक शिक्षा मनीषी के रूप में उनकी पहचान को पुष्ट करता है। वे अपने साथियों के लिए मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और एक बड़े भाई जैसे थे, जिन्होंने न केवल शिक्षाविदों को प्रशिक्षित किया बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता को भी समृद्ध किया। उनका अनुशासन, कार्य के प्रति निष्ठा और सहज व्यवहार उन्हें विद्यार्थियों और सहकर्मियों के बीच सदैव प्रिय बनाए रखेगा। उनके कार्य और विचार भावी पीढ़ी के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।


निदेशक का भावुक संबोधन
"आज हम न केवल दो व्यक्तित्वों को विदाई दे रहे हैं, बल्कि शिक्षा विभाग की दो जीवंत पुस्तकों को समेट रहे हैं, जिनके हर पृष्ठ पर अनुभव, समर्पण और सेवा की अमिट छाप है। श्री मदन मोहन जोशी और डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी का योगदान केवल विभाग की दीवारों तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने उत्तराखंड की पीढ़ियों को शिक्षित करने की नींव रखी है। इनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकेगी, लेकिन इनका मार्गदर्शन हमें हमेशा दिशा दिखाता रहेगा।"
वंदना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण, SCERT उत्तराखंड

निदेशक बंदना गर्ब्याल ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि “आज हम दो ऐसे स्तंभों को विदाई दे रहे हैं, जिन्होंने न केवल विभाग को दिशा दी, बल्कि पूरे राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को प्रभावित किया। इनके योगदान की भरपाई करना संभव नहीं है।” उन्होंने डॉ. सेमल्टी द्वारा पाठ्यक्रम विकास में 18 से अधिक पाठ्यपुस्तकों के निर्माण और जोशी द्वारा समग्र शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान और अन्य योजनाओं में दिए गए योगदान की विशेष सराहना की।


संस्मरणों और काव्य की प्रस्तुति

डॉ. अवनीश उनियाल ने अपनी कविताओं के माध्यम से दोनों विभूतियों के कार्यों का भावपूर्ण चित्रण किया। डॉ. के.एन. बिजलवाण ने  जोशी को प्रोजेक्ट मे कार्य करने पर सहयोग के लिए अपना मार्गदर्शक गुरु बताया  और उनके  प्रेरक अनुभव भी साझा किए और डॉ. सेमल्टी को बड़े भाई के रूप में संबोधित किया।


अधिकारियों की ओर से शुभकामनाएं

"इन दोनों शिक्षाविदों ने शिक्षा विभाग की नींव को सिर्फ मज़बूत ही नहीं किया, बल्कि उसे नई दिशा भी दी। इनका योगदान पत्थर पर लिखी इबारत की तरह है—अमिट, अडिग और प्रेरणादायी। आज हम भले ही इन्हें औपचारिक रूप से विदा कर रहे हैं, लेकिन इनका प्रभाव और मार्गदर्शन सदैव हमारे साथ रहेगा।"
पद्मेंद्र सकलानी, अपर निदेशक, SCERT उत्तराखंड

अपर निदेशक पद्मेंद्र सकलानी ने कहा, “आज हम दो ऐसे व्यक्तित्वों को सम्मानित कर रहे हैं जिनका स्थान लेना असंभव प्रतीत होता है।” उन्होंने कहा कि जोशी और डॉ. सेमल्टी जैसे कर्मठ, स्वाभिमानी और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी मिलना दुर्लभ है। उन्होंने दोनों शिक्षकों को विभाग में परामर्शदाता के रूप में बनाए रखने की भी सिफारिश की।


आईटी विभाग के प्रवक्ता  रमेश बडोनी ने  जोशी को प्रेरणा का प्रतीक बताते हुए कहा कि “इन्होंने शिक्षा विभाग में जो मानक स्थापित किए हैं, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनेंगे।”


शुभकामनाओं और विदाई का क्षण

डॉ. अजय चौरसिया और विनय थपलियाल हित कई संकाय सदस्यों ने दोनों सेवानिवृत्त शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए उनके साथ बिताए गए अनमोल क्षणों को साझा किया। समारोह के अंत में अपर निदेशक  सकलानी द्वारा दोनों संकाय सदस्यों को वित्तीय सम्मान राशि के चेक प्रदान किए गए। जलपान के साथ सभी संकाय सदस्यों ने एक परिवार के रूप में मिलकर इस विदाई समारोह को स्मरणीय बना दिया।


यह समारोह केवल एक विदाई नहीं, बल्कि दो महान संकाय सदस्यों के कार्यों, मूल्यों और समर्पण के प्रति सम्मान समारोह के रूप मे अमूल्य क्षण थे। मदन मोहन जोशी और डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी ने शिक्षा विभाग को जो प्रेरणा, अनुभव और सेवा दी, वह सदैव अमिट रहेगी। उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली में उनका नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेगा।

Thursday, May 29, 2025

परिवर्तन की पहल: एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड के संकाय शाखा की नई कार्यकारिणी 2025 सक्रिय योगदान के लिए सक्रिय


आज दिनाँक 29 मई 2025 को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एस.सी.ई.आर.टी.), उत्तराखण्ड के कॉन्फ्रेंस हाल में नवनिर्वाचित कार्यकारिणी की प्रथम बैठक उत्साह और प्रतिबद्धता के वातावरण में सम्पन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता  विनय थपलियाल ने की तथा संचालन सचिव  अखिलेश डोभाल द्वारा किया गया।

बैठक में विभिन्न एजेण्डा बिन्दुओं पर गहन चर्चा हुई और परिषद की शैक्षिक दिशा को और अधिक प्रभावी व सशक्त बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से यह संकल्प लिया कि एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड को देश के श्रेष्ठतम संस्थानों में शामिल करने हेतु सतत नवाचार और समर्पण के साथ कार्य किया जाएगा।

बैठक के प्रमुख निर्णय:

  1. राज्य व एस.सी.ई.आर.टी. की प्रगति हेतु संकल्प: कार्यकारिणी ने राज्य के शैक्षिक विकास और एस.सी.ई.आर.टी. को उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर करने हेतु नवाचार, शैक्षिक मंथन और गतिविधियों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए नियमित बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

  2. भारत में श्रेष्ठ एस.सी.ई.आर.टी. का लक्ष्य: सभी सदस्यों ने एकरूपता से कार्य कर एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टतम संस्थान बनाने का निर्णय लिया।

  3. विभागीय कार्यों के त्वरित निस्तारण पर विमर्श: सभी विभागों के कार्यों को शीघ्रता से निपटाने हेतु प्रभावी रणनीतियों पर चर्चा की गई।

  4. वार्षिक कार्यक्रमों की रूपरेखा: इस वर्ष के वार्षिक कार्यक्रमों को अधिक जनोपयोगी व सुलभ बनाने पर विमर्श कर कार्य योजना तय की गई।

  5. विदाई समारोह का आयोजन: दिनाँक 31 मई 2025 को डॉ. शक्ति प्रसाद सिमल्टी एवं मदन मोहन जोशी को उनके सेवानिवृत्त होने के अवसर पर भव्य विदाई समारोह आयोजित करने का निर्णय लिया गया। समारोह में उन्हें परिषद की ओर से स्मृति चिन्ह व विदाई पत्र भेंट किए जाएंगे।

  6. महत्वपूर्ण एजेण्डा बिन्दुओं पर अपर निदेशक से चर्चा: कार्यकारिणी ने आगामी कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन हेतु अपर निदेशक महोदय से विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कार्यकारिणी को बधाई देते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

  7. जिला उपाध्यक्ष पद हेतु घोषणा: आगामी शिक्षक संघ के जिला स्तरीय चुनाव हेतु डॉ. अजय कुमार चौरसिया को सर्वसम्मति से जिला उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया।

  8. परिषद के उन्नयन हेतु प्रतिबद्धता: कार्यकारिणी ने परिषद के सर्वांगीण विकास और गुणवत्ता उन्नयन हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता व्यक्त की।

बैठक के समापन पर सचिव अखिलेश डोभाल द्वारा अपर निदेशक महोदय का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया गया और बैठक के समापन की घोषणा की गई।

बैठक में उपस्थित गणमान्य सदस्य:

  1.  विनय प्रकाश थपलियाल, अध्यक्ष

  2. अखिलेश डोभाल, सचिव

  3. सुनील दत्त भट्ट, संरक्षक

  4. डॉ. अजय कुमार चौरसिया, उपाध्यक्ष (पुरुष)

  5.  गंगा घुघत्याल, उपाध्यक्ष (महिला)

  6. डॉ. रंजन कुमार भट्ट, संयुक्त मंत्री

  7. डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, संगठन मंत्री

  8. दिनेश चौहान, कोषाध्यक्ष

  9. डॉ. अवनीश उनियाल, मीडिया प्रभारी

  10.  मनोज किशोर बहुगुणा, मीडिया प्रभारी

  11. रविदर्शन तोपाल, सचेतक

यह बैठक न केवल कार्यकारिणी की दिशा और दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने को तैयार है।

– एस.सी.ई.आर.टी. संवाद प्रकोष्ठ

Tuesday, May 27, 2025

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 पर राज्य स्तरीय कार्यशाला: उत्तराखंड में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक कदम

 

प्रेक्षा गृह, संस्कृति विभाग, हरिद्वार बाईपास रोड, उत्तराखंड: दिनांक: 27 मई 2025 उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग (SCPCR) के अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना और डॉ. शिव कुमार बर्णवाल के संरक्षण में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) 2009 पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, अभिषेक रोहिला के निर्देशन में समग्र शिक्षा उत्तराखंड और एससीईआरटी ने संयुक्त रूप से RTE एक्ट 2009 के प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की।

कार्यशाला का उद्देश्य

इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य RTE एक्ट 2009 के प्रावधानों के प्रति शिक्षा अधिकारियों, डाइट एवं एससीईआरटी के संकाय सदस्यों और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत अन्य हितधारकों को जागरूक करना था। साथ ही, राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श किया गया।

मुख्य अतिथि का सम्बोधन

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा कि "शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 बच्चों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है। सभी शिक्षा अधिकारियों को इसके प्रावधानों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।" उन्होंने विशेष रूप से निजी स्कूलों द्वारा अचानक फीस बढ़ाने और बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

RTE अधिनियम पर गहन चर्चा

कार्यशाला में समग्र शिक्षा उत्तराखंड और एससीईआरटी (SCERT) द्वारा संयुक्त रूप से RTE 2009 के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। उप राज्य परियोजना निदेशक (RTE), मदन मोहन जोशी ने विशेषज्ञ संदर्भदाता के रूप में अधिनियम के सभी प्रावधानों पर प्रकाश डाला और शिक्षा अधिकारियों को इसके क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया।

डॉ. गीता  खन्ना, अध्यक्ष, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, ने बाल अधिकारों और RTE के बीच संबंध को रेखांकित करते हुए कहा कि "शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना बाल संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और हमें इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए।"
  • डॉ. गीत खन्ना (अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग) ने कहा कि "बच्चों के अधिकारों के प्रति हम सभी को संवेदनशील होना चाहिए। RTE एक्ट के तहत 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए।"

  • महानिदेशक, शिक्षा, अभिषेक रोहिला ने RTE एक्ट के अनुपालन की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि "राज्य सरकार इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।"

  • डॉ. मदन मोहन जोशी (उप राज्य परियोजना निदेशक) ने RTE एक्ट के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी और बताया कि "राज्य में 97% विद्यालय 1 किमी के दायरे में स्थित हैं, जिससे बच्चों की शिक्षा सुलभ हो सके।"

  • डॉ. के.एन. बिजलवान (सहायक निदेशक) ने विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) की भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि "SMC को विद्यालय के विकास में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।"

  • निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बंदना गर्ब्याल ने कहा कि "आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिक विद्यालयों से जोड़कर बच्चों की शिक्षा को मजबूत किया जाएगा।"

महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, अभिषेक रोहिला ने अपने संबोधन में कहा कि "RTE अधिनियम का पूर्ण अनुपालन राज्य के शैक्षणिक ढाँचे को मजबूत करेगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाएगा।"


निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण (SCERT), बंदना गर्ब्याल ने प्रेक्षा हॉल में अपना वक्तव्य देते हुए शिक्षकों और अधिकारियों से RTE के विभिन्न आयामों पर सजगता से काम करने का आह्वान किया।

सहायक निदेशक, डॉ. के.एन. बिजलवान ने विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) की भूमिका पर विस्तृत प्रस्तुति दी और इसके गठन व कार्यप्रणाली को स्पष्ट किया।

कार्यशाला का संचालन एवं समापन

इस कार्यशाला का कुशल संचालन सुनील  भट्ट, प्रवक्ता एवं पूर्व RTE समन्वयक, SCERT द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अपर निदेशक, एस सी ई आर टी पदमेन्द्र सकलानी , अपर राज्य परियोजना निदेशक,समग्र शिक्षा, कुलदीप गैरोला सहित राज्य के सभी जनपदों के शिक्षा अधिकारी, DIET व SCERT के संकाय सदस्य तथा अन्य 200 से अधिक शिक्षाविद् और हितधारक उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ उषा कटियार की टीम द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। 

यह कार्यशाला उत्तराखंड में शिक्षा के अधिकार को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। सभी हितधारकों ने RTE एक्ट 2009 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने का संकल्प लिया। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि "शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और हम सभी को मिलकर इसे सुनिश्चित करना होगा।"

इस कार्यशाला में समग्र शिक्षा उत्तराखंड, एससीईआरटी, बाल अधिकार संरक्षण आयोग और अन्य शिक्षा विभागों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। यह आयोजन राज्य में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास साबित हुआ।


📢 #RightToEducation #RTE2009 #UttarakhandEducation #BalAdhikar #SamagraShiksha

Monday, May 26, 2025

Strategic Meeting on NEP 2020 Task Implementation: Charting Progress and Accountability in Uttarakhand


A pivotal meeting was recently convened at the State Council of Educational Research and Training (SCERT) Uttarakhand to review the implementation of tasks assigned under the National Education Policy (NEP) 2020, with an emphasis on completing key milestones by the 2030 deadline.


Chaired by Director Bandana Garbyal (Academic Research and Training) and supported by Additional Director Padmendra Saklani and Assistant Director Dr. K.N. Bijalwan, the session served as a comprehensive checkpoint on the state's progress under NEP 2020’s SARTHAQ implementation plan. NEP coordinators Manoj Kishore Bahuguna and Ravi Darshan Topal from the NEP CELL of SCERT led the detailed task presentation. Subra Singhal also lent support during key moments of the presentation.


The gathering witnessed a robust exchange of ideas as faculty members from SCERT engaged in a healthy discussion, raising queries and offering insights. All counter-questions were constructively addressed, and a collective resolution was reached: Every stakeholder present is now accountable for completing the assigned NEP 2020 tasks in a time-bound and result-oriented manner.


1. Early Childhood Care and Education (ECCE)

TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
Develop and adopt ECCE Curriculum FrameworkNCERT, SCERT2021–242024National and State Curriculum for ECCE in local context
Develop TLM and bridge language gapSCERT, DIETs2022–242024Teaching resources using local toys, stories, puppets
Professional training for ECCE educatorsSCERT, DIET, BRC, CRC2022–302030ECCE-qualified workforce across all primary schools
Integrate Anganwadis with school complexesState Govts, MWCD2021–252025Seamless ECCE delivery and transition to primary
Implement 1-year Preparatory Class/BalvatikaStates/UTs, MWCD, MoE2022–302030Universal access to foundational learning

2. Foundational Literacy and Numeracy (FLN)
TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
National FLN Mission launch & targetsMoE2021DoneMission established with goals till 2026
FLN Curriculum Framework and TLMNCERT, SCERT2021–242024Consistent curriculum and joyful resources
State FLN implementation frameworkSCERT, States2021–262026Localized mission mode operations
Develop digital resources & assessmentsNCERT, SCERT2021–252025DIKSHA-based materials, Progress Cards, item banks
Achieve FLN proficiency in Grade 3States/UTs2021–26202675% children reaching grade-level reading & numeracy

3. Curriculum & Pedagogy Reform

TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
Develop NCF (School Education)NCERT2022–232023Framework aligned with NEP 2020
SCF Development & new textbooksSCERT2022–252025State curriculum and textbooks with Indian ethos
Implement 5+3+3+4 structureAll Boards, SCERTs2022–302030Grade-wise reorganization of school education
Competency-based assessmentsSCERT, CBSE, BOAs, PARAKH2022–302030Focus on conceptual, critical and creative learning
Multilingual education integrationSCERT, BOAs2022–252025Use of home/mother tongue till Grade 5

4. Teacher Education and Support

TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
Implement National Professional Standards for Teachers (NPST)NCTE, NCERT, SCERT2022–242024Role clarity, tenure, promotion guidelines
Move to 4-year Integrated B.Ed.NCTE, HEIs2021–302030All teacher education institutions restructured
Annual CPD of 50+ hours for teachersSCERTs, States2021–302030 (Continuous)Skill upgrades and peer learning
Transparent teacher transfer and recruitmentStates/UTs2022–252025Equitable teacher deployment

5. Universal Access and Equity

TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
Mainstream Out-of-School ChildrenStates/UTs2021–252025All children in school system
Expand residential schools and hostelsStates/UTs2021–302030Universal access, including for girls & rural areas
Create inclusive learning environment (CwDs, SEDGs)SCERT, States2021–302030Equity in participation and learning outcomes
Community and volunteer engagementStates/UTs2021–252025Use of alumni, local mentors, volunteers

6. Digital & Online Education

TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
Develop and integrate digital content on DIKSHANCERT, SCERT2021–242024Regional language content for all grades
Strengthen CIET & SIETsMoE, SCERT2021–252025EdTech hubs for innovation
Digital readiness of schoolsStates/UTs2021–302030Blended learning infrastructure across schools

7. Assessment Reforms (via PARAKH)

TaskResponsibilityTimelineTo Be Completed ByOutcome
Setup PARAKH and common normsMoE, NCERT2021–232023National assessment regulatory body
Implement census exams (Grades 3, 5, 8)SCERT, NCERT, CBSE2021–252025Standardized benchmarking of learning outcomes
Introduce modular board exams and improvement examsCBSE, BOAs2022–302030Flexible and low-stakes exam ecosystem

Friday, May 23, 2025

कौशलम् राज्य एक्सपो 2025: नवाचार, आत्मविश्वास और उद्यमिता का उत्सव


देहरादून, 23 मई 2025: उत्तराखंड राज्य के स्कूली युवाओं ने ‘कौशलम् राज्य एक्सपो 2025’ के माध्यम से अपनी रचनात्मकता, नवाचार और उद्यमशीलता की प्रेरणादायक मिसाल पेश की। यह आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) एवं उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

उद्घाटन और विशिष्ट उपस्थिति

कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य परियोजना निदेशक एवं महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, अभिषेक रोहिला IAS ने किया। निदेशक (अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण) बन्दना गर्ब्याल ने पुष्प गुच्छ भेंट कर महानिदेशक का स्वागत किया। इस अवसर पर SCERT के अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल सती, विभिन्न जनपदों से आए शिक्षा अधिकारी एवं डाइट प्राचार्य भी उपस्थित रहे।


गैलरी वॉक और नवाचारों का प्रदर्शन

कार्यक्रम की शुरुआत एक गैलरी वॉक से हुई, जहाँ राज्य के 13 जनपदों से चयनित 117 विद्यार्थियों की 39 टीमों ने अपने-अपने व्यावसायिक विचारों और प्रोटोटाइप्स का प्रदर्शन किया। कई टीमों ने ‘बाय एंड सेल’ मॉडल अपनाते हुए अपने उत्पादों की बिक्री भी की, जिससे उनकी व्यावहारिक सोच और बाज़ार की समझ स्पष्ट झलकी।


स्थानीयता, नवाचार और स्थिरता का संगम

विद्यार्थियों ने स्थानीय संसाधनों, पर्यावरणीय चेतना और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के उत्पाद विकसित किए। किसी ने पारंपरिक और आधुनिक फैशन का मिश्रण प्रस्तुत किया, तो किसी ने पुराने कपड़ों से पर्यावरण-संवेदनशील हैंडबैग बनाए। बांस, जड़ी-बूटियाँ, कृषि उत्पाद और तकनीकी नवाचारों ने भी स्टॉलों की शोभा बढ़ाई।


बीएसएफ फंडिंग से मिली उड़ान

उद्यम लर्निंग फाउंडेशन द्वारा राज्य के 500 सरकारी स्कूलों को ₹5,000 का सीड फंड उपलब्ध कराया गया था, जिससे छात्रों को अपने प्रोटोटाइप को वास्तविक उत्पाद में बदलने और व्यवसाय प्रारंभ करने में सहायता मिली। इस फंडिंग ने विद्यार्थियों के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई दी।

हर स्टॉल पर महानिदेशक का निरीक्षण और सराहना

महानिदेशक  अभिषेक रोहिला ने हर स्टॉल पर जाकर विद्यार्थियों के विचारों को सुना, उनके मॉडल्स की समीक्षा की और प्रेरणादायक शब्दों से उनका उत्साहवर्धन किया। निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने भी सभी उत्पादों को देखा, विशेष रूप से फूड प्रोडक्ट्स का स्वाद लेकर विद्यार्थियों की रचनात्मकता की सराहना की।

जूरी द्वारा मूल्यांकन और पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम में उपस्थित जूरी सदस्यों ने प्रत्येक स्टॉल का गहन निरीक्षण कर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीमों को चयनित किया। विजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए गए और शिक्षकों को उनके मार्गदर्शन के लिए सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर ‘उद्यमशील शिक्षक’ विषय पर एक प्रेरणादायक पुस्तक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम की जूरी में शामिल डॉ. दिनेश रतूड़ी, श्री गोपाल घुगत्याल, श्रीमती सुब्रा सिंघल, डॉ. अमरीश बिष्ट और श्याम सूर्य नारायण (उद्यम फाउंडेशन)  और डॉ. मनोज शुक्ला (SCERT, उत्तराखंड) ने सभी प्रस्तुतियों का गहराई से मूल्यांकन कर श्रेष्ठ टीमों का चयन किया। 

पैनल चर्चा कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण रही, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों ने शैक्षिक नवाचार, उद्यमशीलता और युवाओं की क्षमता विकास पर विचार साझा किए। इस पैनल में  राजेश खत्रीडॉ. के. एन. बिजल्वाणहरीश मनवाणी (नेशनल हेड)पुष्पलता रावत (रूम टू रीड) और उद्यमी  हर्षित सचदेव शामिल रहे। इन वक्ताओं ने छात्रों के व्यावसायिक विचारों में सामाजिक प्रभाव, व्यावहारिकता और नवाचार की महत्ता को रेखांकित किया। 


कौशलम् कार्यक्रम: नई पीढ़ी के लिए नया नजरिया

कौशलम् कार्यक्रम उत्तराखंड के 2,127 स्कूलों में संचालित हो रहा है, जिसमें 2.97 लाख से अधिक विद्यार्थी और 6,727 शिक्षक जुड़े हुए हैं। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों—‘करके सीखना’, नवाचार, और 21वीं सदी के कौशल—के अनुरूप है।


उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के राज्य समन्वयक रोहित गुप्ता ने कार्यक्रम में अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा, “हमने बच्चों को केवल सपने देखते नहीं, बल्कि समस्याओं के समाधान बनाते देखा। इस एक्सपो में आई ऊर्जा, प्रतिबद्धता और स्थानीय समझ किसी भी राष्ट्रीय मंच को टक्कर देने में सक्षम है।” इस वर्ष के शीर्ष तीन विजेता दलों ने अपने नवाचार और प्रस्तुति कौशल से सबका ध्यान आकर्षित किया।

प्रथम स्थान पर रहा जीआईसी सल्ला चिंगरी (पिथौरागढ़), द्वितीय स्थान मिला जीआईसी मुष्टिक सौड़ (उत्तरकाशी) को, और तृतीय स्थान पर रहा जीआईसी दड़मियां (अल्मोड़ा)यह एक्सपो एक जीवंत प्रमाण है कि जब शिक्षा, नवाचार, अवसर और रचनात्मकता एक मंच पर मिलते हैं, तो विद्यार्थी न केवल ज्ञान अर्जित करते हैं, बल्कि समाज और देश के लिए नई दिशाएं भी तय करते हैं।


कार्यक्रम समन्वयक 

इस आयोजन के सफल संचालन मे सुनील भट्ट और गोपाल घुगत्याल जैसे अनेक संकाय सदस्यों ने अहम योगदान दिया । ‘कौशलम् राज्य एक्सपो 2025’ केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक आंदोलन था—जिसमें युवा सोच, स्थानीयता, नवाचार और आत्मनिर्भरता के संकल्प को मूर्त रूप दिया गया।

यह आयोजन न केवल प्रतिभाशाली छात्रों के लिए एक मंच बना, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में व्यावहारिकता और उद्यमिता के महत्व को भी रेखांकित करता है।


EXPO Exhibit


School Showcase – District-wise Display of Local Products

S. NoDistrictSchool NameShowcase – Display (Local Products & Crafts)
1AlmoraGovt. Inter College, KulanteshwarLocal Chatani, Sattu, Badiyan
Govt. Inter College, DadmiyaVhimal Soap, Shampoo
Govt. Girls Inter College, RaingalApan Art Clay, Fruits Charts, Local Salt
2BageshwarGovt. Inter College, GarurLemon Grass Essence Oil, Apan Art
Govt. Inter College, TiladiLocal Product and Craft
Govt. Inter College, DobaBroom of Different Grass
3ChamoliGovt. Inter College, KankhulKandali Papad
Govt. Inter College, Koti ChandpurKala Bhatt Chirquani
Govt. Girls Inter College, JoshimathFoot Rest and Asan
Govt. Girls Inter College, GaucharCraft Work
4ChampawatGovt. Inter College, MadlakDhoop Work
Govt. Girls Inter College, ChampawatBajre ki Gajak
Govt. Inter College, MauAmla Candy
5DehradunGovt. Inter College, NathuwawalaSoaps
Govt. Inter College, BadwalaDairy Products
Govt. Girls Inter College, RaipurCotton Bags and Craft
Govt. Inter College, GujradaWall Hangings
6UttarkashiGovt. Inter College, MustikasoudHerbal Products, Hilly Jadi Buti
Govt. Inter College, UttarkashiNatural Flower Work
Govt. Inter College, ChinyalisoudHaldi Products
G.I.C FoldSoap and Herbs
7NainitalGovt. Inter College, KasiyalekhBird Homes
Govt. Inter College, BanjaBurans ka Namak and Tea
Govt. Inter College, ChaurlekhRingal Products
Govt. Inter College, Padampur MidalSoap Products
8PauriGovt. Inter College, SweetHerbal Products
Govt. Girls Inter College, PauriHerbal Products
Govt. Inter College, JagteshwarDecoratives and Jewelry
Govt. Inter College, BasteCheura Ghee Products
Govt. Inter College, GaurihatAgarbatti
G.I.C DidihatHerbal Products
G.I.C Bagarihat, Kanali ChhinnaBedsheets and Paintings
9RudraprayagGovt. Inter College, KotmaJuices & Jam (Burans, Malta)
Govt. Inter College, GhanghasuRingal Baskets
Govt. Inter College, TrijugiNarayanMandwa ke Laddu
Govt. Inter College, ChoptaMultipurpose Tool Kits for Home
10Tehri GarhwalGovt. Inter College, GhumetidharLED Bulb Production
Govt. Girls Inter College, KilkileshwarCow Dung Cake (Gobar Products)
Govt. Inter College, Nagarajadhar NagunVariety of Pickles and Spices
11Udham Singh NagarGovt. Girls Inter College, DineshpurVisual Arts
Govt. Girls Inter College, PantnagarAlpana Painting
Govt. Girls Inter College, Fazilpur MeharolaWaste Product into Boutique
12HaridwarGovt. Inter College, ShyampurStone Paintings
Govt. Inter College, DaulatpurCraft and Painting
Govt. High School, Schdev PurArt and Craft
Govt. Inter College, SamelpurDhoop Work
Govt. Girls Inter College, GulabshahpeerArt and Craft

Students'Voice: