सामाजिक विज्ञान मनुष्य, समाज, संस्कृति, राजनीति, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के बीच के अंतर्संबंधों को समझने की क्षमता विकसित करता है। नयी शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यार्थियों में समालोचनात्मक सोच, रचनात्मक अभिव्यक्ति और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने के उद्देश्य से उत्तराखंड राज्य प्रथम सामाजिक विज्ञान महोत्सव – 2025 का आयोजन 10 और 11 दिसंबर 2025 को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), पिथौरागढ़ (डीडीहाट) में भव्य रूप से किया गया। यह आयोजन राज्य स्तर पर सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभा के प्रदर्शन और शिक्षण की अभिनव विधियों के आदान‑प्रदान हेतु एक ऐतिहासिक पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ 10 दिसंबर को प्रातः 10 बजे राष्ट्रगान एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन मुख्य अतिथि जितेन्द्र प्रसाद, अध्यक्ष, जिला पंचायत, पिथौरागढ़ ने किया। मंच पर विशिष्ट अतिथि शिव प्रसाद सेमवाल, अपर निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) कुमाऊँ मण्डल, सहायक निदेशक SCERT डॉ कृष्णानंद बिजल्वाण, राज्य समन्वयक SCERT डॉ. राकेश गैरोला, DIET प्राचार्य भाष्करानंद पांडे, खण्ड शिक्षा अधिकारी डीडीहाट हिमांशु नौगाई, पूर्व प्राचार्य डी.एस. पांगती तथा कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार पाठक सहित अनेक शिक्षा सेवी एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। परिसर को आकर्षक सजावट, प्रेरक उद्धरणों और विद्यार्थियों के मॉडलों से सजाया गया था तथा आगंतुकों का स्वागत पारंपरिक उत्तराखंडी लोकगीतों और पुष्पगुच्छ से किया गया।
मुख्य अतिथि जितेन्द्र प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक विज्ञान संवेदनशील नागरिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों को विकसित करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में विषय के प्रति गहरी रुचि और शोध की भावना विकसित होती है। विशिष्ट अतिथि श्री शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि वर्तमान युग ज्ञान और अनुसंधान का युग है तथा सामाजिक विज्ञान महोत्सव जैसे आयोजन विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और समस्या समाधान की क्षमता विकसित करने में सहायक हैं। सहायक निदेशक SCERT डॉ कृष्णानंद बिजल्वाण ने कहा कि सामाजिक विज्ञान महोत्सव न केवल प्रतियोगिता का मंच है बल्कि यह साझा सीखने एवं शिक्षण पद्धतियों के आदान‑प्रदान का भी अवसर है। राज्य समन्वयक डॉ. राकेश गैरोला ने महोत्सव की भव्यता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह आयोजन राज्य स्तर पर सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में एक नई परंपरा की शुरुआत करेगा। प्राचार्य भाष्करानंद पांडे ने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, शिक्षक‑मार्गदर्शकों और आयोजन दल को धन्यवाद देते हुए कहा कि DIET पिथौरागढ़ सदैव नवाचार और शैक्षिक गुणवत्ता के प्रति समर्पित रहेगा।
राज्य के 13 जनपदों से कुल 39 प्रतिभागी छात्र‑छात्राएँ इस महोत्सव में भाग लेने पहुंचे। प्रत्येक प्रतिभागी के साथ उनके मार्गदर्शक शिक्षक, अभिभावक प्रतिनिधि और संबंधित DIET से सामाजिक विज्ञान समन्वयक उपस्थित रहे। यह विविधता केवल राज्य के भौगोलिक फैलाव को नहीं दर्शाती बल्कि राज्यभर के विद्यालयों में सामाजिक विज्ञान शिक्षा की सक्रियता और विद्यार्थी सहभागिता को भी प्रमाणित करती है। प्रतिभागियों को तीन मुख्य गतिविधियों—मॉडल प्रदर्शनी, भाषण प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिता—में भाग लेने का अवसर दिया गया।
मॉडल प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने सामाजिक विज्ञान के विविध आयामों पर अपने नवीन और रचनात्मक मॉडल प्रस्तुत किए। इन विषयों में पर्यावरण संतुलन, सतत विकास, पंचायत व्यवस्था, जल संरक्षण और ऐतिहासिक धरोहरें शामिल थीं।
महोत्सव के दौरान प्रतिभागियों और बच्चों ने उत्कृष्टता केंद्र के अंतर्गत राजेश कुमार पाठक द्वारा निर्मित सामाजिक विज्ञान प्रयोगशाला का अवलोकन और अध्ययन भी किया। यह प्रयोगशाला देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है और हाल ही में महाराष्ट्र के एक शैक्षिक सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित की गई, जहाँ देशभर से आए शिक्षाविदों और राज्यों के निदेशकों ने इसकी सराहना की।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बंदना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड तथा पदमेंद्र सकलानी, अपर निदेशक SCERT उत्तराखंड ने DIET पिथौरागढ़ तथा SCERT की टीम की प्रशंसा की और बधाई प्रेषित की। सभी प्रतिभागियों ने आयोजन की भव्यता और उत्कृष्टता की सराहना की।
अंततः, उत्तराखंड राज्य प्रथम सामाजिक विज्ञान महोत्सव – 2025 ने विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मकता, विश्लेषणात्मक सोच और सामाजिक उत्तरदायित्व प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया। यह आयोजन न केवल प्रतियोगिता था बल्कि सामाजिक विज्ञान शिक्षा की नई परंपरा की शुरुआत भी है, जो आने वाले वर्षों में शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाएगा।

