Wednesday, November 19, 2025

सभी स्कूलों में बनेगा रोड सेफ्टी क्लब: सड़क सुरक्षा की दिशा में उत्तराखण्ड सरकार का बड़ा कदम

उत्तराखण्ड में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या लंबे समय से चिंता का विषय रही है। प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाएँ न सिर्फ जनहानि का कारण बनती हैं, बल्कि समाज के मानसिक और आर्थिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं। इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है—राज्य के सभी स्कूलों में ‘रोड सेफ्टी क्लब’ का गठन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।

सड़क सुरक्षा पर मुख्यमंत्री का फोकस

देहरादून में आयोजित सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में जनभागीदारी सबसे अहम है। यदि विद्यालय स्तर पर बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए, तो आने वाली पीढ़ी अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनेगी।

उन्होंने स्पष्ट कहा,
“भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है यदि हम आज से प्रयास शुरू करें।’’

एससीईआरटी उत्तराखण्ड द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए एक विशेष वीडियो सीरीज़ का निर्माण किया गया है, जिसे प्रदेश के सभी विद्यालयों में प्रसारित किया जाएगा। 

कक्षा 9 की आपदा प्रबंधन विषय में सड़क सुरक्षा नियमों पर आधारित एक पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। कक्षा 1 एवं 2 के लिए विकसित की जा रही नई पाठ्य-पुस्तकों में सड़क सुरक्षा संकेतों को सम्मिलित किया गया है। सड़क सुरक्षा जागरूकता पर आधारित 6 ऑडियो–वीडियो गीतों का निर्माण किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारियों एवं शिक्षकों को सम्मानित किया गया। शिक्षा विभाग से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु राजकीय प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रुक्मणी जी को सम्मानित किया गया। बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज जी सहित परिवहन विभाग, पुलिस, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा शिक्षा तथा शिक्षा विभाग के सचिवों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब क्यों जरूरी?

समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए, जिनमें यह तथ्य बेहद चौंकाने वाला है कि—

  • प्रदेश में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच होती हैं।

  • वर्ष 2023 में 1488 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई।

  • 157 स्थान ऐसे हैं जहाँ दुर्घटनाएँ बार-बार होती हैं—अर्थात ब्लैक स्पॉट्स

ऐसे में स्कूली शिक्षा से ही बच्चों को यातायात नियमों, सुरक्षा उपकरणों (हेल्मेट, सीट बेल्ट), सड़क संकेतों और सुरक्षित यात्रा के सिद्धांतों से परिचित कराना एक आवश्यक कदम है।

रोड सेफ्टी क्लब की प्रमुख गतिविधियाँ

प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित रोड सेफ्टी क्लब में निम्न गतिविधियाँ शामिल होंगी—

  • ट्रैफिक नियमों पर विशेष वर्कशॉप

  • सड़क सुरक्षा रैली

  • वीडियो एवं ऑडियो आधारित जागरूकता कार्यक्रम

  • स्थानीय ट्रैफिक पुलिस के साथ संयुक्त कार्यक्रम

  • स्टूडेंट सेफ्टी एम्बेसडर का चयन

इससे न केवल छात्र जागरूक होंगे, बल्कि वे अपने परिवारों और समुदाय में भी सुरक्षा संदेश फैलाएंगे।

खतरनाक सड़कें और समाधान की दिशा में प्रयास

समीक्षा बैठक में विभिन्न जिलों की खतरनाक सड़कों की स्थिति भी प्रस्तुत की गई। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में सड़क दुर्घटनाएँ अधिक हैं। 10 प्रमुख सड़कों को हाई-रिस्क रोड के रूप में भी चिन्हित किया गया है।

सरकार इन सड़कों पर—

  • ब्लैक स्पॉट्स की पहचान

  • साइन बोर्डों की व्यवस्था

  • सड़क चौड़ीकरण

  • रात में रिफ्लेक्टिव मार्किंग

  • स्पीड कंट्रोल उपाय

जैसे सुधारात्मक कदम उठाने जा रही है।

सड़क सुरक्षा: सरकार + स्कूल + समाज = सुरक्षित प्रदेश

यह पहल केवल सरकारी निर्देश नहीं है, बल्कि पूरे समाज के सम्मिलित प्रयास का परिणाम हो सकती है। जब बच्चे सड़क सुरक्षा सीखेंगे और परिवारों को भी जागरूक करेंगे, तब एक व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा।

सड़क पर सावधानी ही सुरक्षा है—और यह जागरूकता विद्यालयों से ही शुरू होती है।

Hackathon 2.0 – Registration are open upto 30th November 2025!

 


Hackathon 2.0 – Registration Date Extended until 30th November 2025!

The registration deadline for Hackathon 2.0 has now been extended up to 30th November 2025, giving more time to teachers and students across Uttarakhand to join this exciting journey of innovation and digital problem-solving.

Organized under the visionary leadership of SCERT Uttarakhand, Hackathon 2.0 aims to inspire schools, teachers, and students to develop creative, technology-driven solutions to some of today’s most pressing challenges—from education and environment to cyber safety, digital wellness, food safety, and healthcare innovation.

Who can participate:

  • Teachers and students from government, aided, and private schools

  • D.El.Ed. trainees and teacher educators

  • Anyone passionate about using technology for social good

Focus Themes:

  • Education and Learning Innovation

  • Climate and Environmental Solutions

  • Digital Well-being and Cybersecurity

  • Health, Nutrition & Food Adulteration

  • AI for Social Impact

Why Participate?

  • Showcase your ideas at a state-level innovation platform

  • Get mentored by experts in AI, coding, and design thinking

  • Earn certificates and recognition from SCERT Uttarakhand

  • Selected innovations will be considered for pilot implementation in schools

New Deadline: 30th November 2025
Submit Your Ideas Here: https://innovateuttarakhand.com/candidate/register

Let’s build the future together—with curiosity, creativity, and collaboration.
Join the movement. Innovate for Change. 

#Hackathon2_0 #SCERTUttarakhand #InnovationForEducation #DigitalUttarakhand #AIforGood

राज्य स्तरीय विज्ञान संगोष्ठी एवं विज्ञान महोत्सव 2025 – नवाचार, उत्साह और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनोखा संगम

डॉ देवराज सिंह राणा , राज्य विज्ञान समन्वयक 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम राज्य विज्ञान महोत्सव का आयोजन शुभारंभ आज खालसा नेशनल बालिका इंटर कॉलेज हल्द्वानी में प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन करते हुए तथा बाल  वैज्ञानिकों को अपनी शुभकामनाएँ देते हुए मुख्य अतिथि बंदना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड ने कहा कि विज्ञान की ऐसी प्रतियोगिताएँ बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करती हैं, और आगे बढ़कर यही बच्चे देश का कर्णधार बनेंगे।

इस अवसर पर बच्चों को शुभकामनाएँ देते हुए कार्यक्रम के मुख्य संयोजक गोविंद राम जायसवाल मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल ने सभी प्रतिभागी बच्चों और उनके मार्गदर्शक शिक्षकों को शुभकामनाएँ देते हुए सफल होने की कामना की,और बताया कि प्रथम और द्वितीय स्थान पर आने वाले बाल वैज्ञानिक राष्ट्रीय स्तर पर एक और दो दिसंबर को नई दिल्ली में प्रतिभाग करेंगे।उन्होंने सभी उपस्थित प्रतिभागियों को जागरूक मतदाता बनने की शपथ दिलाई।

विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ डी के मथेला सेवानिवृत्त अपर शिक्षा निदेशक, डॉ बीआर पनेरू सेवानिवृत्त संयुक्त शिक्षा निदेशक, एन सी कबड़वाल सेवानिवृत्त अपर शिक्षा निदेशक की गरिमामय उपस्थिति रही। 

इसके अतिरिक्त अन्य अतिथियों में डॉ के एन बिजल्वाण,सहायक निदेशक एस सी ई आर टी,  लालमिन किमगेन,सहायक प्राध्यापक एन सी ई आर टी नई दिल्ली, डॉ देवराज सिंह राणा राज्य विज्ञान समन्वयक एस सी ईआर टी एवं  पुष्कर लाल टम्टा जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ने भी सभी बाल वैज्ञानिकों को अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर खालसा नेशनल बालिका इंटर कॉलेज की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हल्द्वानी की बालिकाओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कुमाऊँ की लोक जनजाति और संस्कृति के ऊपर आधारित मुनस्यारी की कला को लेकर खालसा की बालिकाओं ने सुंदर लोकनृत्य नृत्य प्रस्तुत किया।

उक्त प्रतियोगिता में जूनियर स्तर पर कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों तथा सीनियर स्तर पर 9 से 12 स्तर के प्रोजेक्ट/मॉडल विद्यार्थियों के द्वारा प्रस्तुत किए गए हैं। जिसमें आज विभिन्न तेरह जनपदों से आए हुए विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न प्रोजेक्ट व मॉडल का प्रदर्शन किया। इनमें कई आश्चर्य मिश्रित कर देने वाले मॉडल भी प्रस्तुत किए गए।

 द्वितीय सत्र का शुभारंभ हल्द्वानी नगर निगम के मेयर गजराज सिंह बिष्ट ने किया,इस सत्र में विशिष्ट अतिथि अपर शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा गजेंद्र सिंह सोन थे,इस अवसर पर खंडशिक्षा अधिकारी हल्द्वानी तारा सिंह,अंशुल बिष्ट,गीतिका जोशी व सुलोहिता नेगी मौजूद रहे।

विज्ञान ड्रामा के अंतर्गत आज जनपद चमोली, अल्मोड़ा, ऊधम सिंह नगर और देहरादून के विद्यार्थियों ने अपने विज्ञान ड्रामा की प्रस्तुति दी। राजकीय इंटर कॉलेज पतलोट के छात्रों ने सुंदर छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया व गोपाल जोशी जी के द्वारा बांसुरी वादन ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अतिरिक्त जगदीश सिंह नेगी, शिप्रा कल्याण समिति के अध्यक्ष के द्वारा प्लास्टिक प्रबंधन और प्लास्टिक से होने वाली दुष्प्रभावों के विषय में एक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।


डॉ  सिमरन आर्यमन बिड़ला की परामर्शदाता ने तनाव प्रबंधन से उबरने के तरीकों को बच्चों को बताया। जिला विज्ञान समन्वयक  डॉ दिनेश जोशी ने बताया कि ये प्रतियोगिता 20 और 21 को भी जारी रहेगी। कल अन्य जनपदों के विज्ञान ड्रामा और विज्ञान क्विज़ की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। विद्यालय की प्रधानाचार्य और स्थलीय संयोजक कमला शैल के द्वारा सभी जनपदों के प्रतिभागियों और उनके मार्गदर्शक शिक्षकों का आभार प्रकट किया गया।

       इस राज्य विज्ञान महोत्सव 2025 में 13 जनपदों के 500 बाल वैज्ञानिक व 100 मार्गदर्शक शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। मंच संचालन अमर सिंह बिष्ट,मीनाक्षी कीर्ति,पुरुषोत्तम बिष्ट,मीना पलियाल व प्रीति मझगाई ने संयुक्त रूप से किया   

Monday, November 17, 2025

डाइट : सामाजिक विज्ञान महोत्सव जनपद चंपावत-एक रिपोर्ट 2025

 

 डायट लोहाघाट में मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट एवं जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एवं डायट प्राचार्य मान सिंह के दिशा निर्देशन में प्रभारी प्राचार्य डॉ आशुतोष वर्मा, डॉ नवीन जोशी, डॉ ए के मिश्रा ने सामाजिक विज्ञान महोत्सव का शुभारंभ किया, जिसने छात्रों की रचनात्मक क्षमता और ज्ञान-विस्तार को एक नया आयाम प्रदान किया। आयोजन में जिले के दूरदराज के चारों  विकासखंडों के प्रथम स्थान प्रतिभागियों ने भाषण, क्विज तथा मॉडल प्रदर्शनी में अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन किया। जनपद सह समन्वयक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय के संचालन में आयोजित महोत्सव में विद्यार्थियों ने समसामयिक सामाजिक विषयों पर अपने विचार रखे। जनपद समन्वयक डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने महोत्सव की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की तथा सभी अतिथियों का भावपूर्ण स्वागत किया। 


        इस अवसर पर बच्चों द्वारा तैयार किए गए मॉडल विशेष आकर्षण का केंद्र बने, जिसमें प्रतिभागियों ने पर्यावरण संरक्षण, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत जैसे विषयों पर नवाचारी प्रयोग किए। महोत्सव की सर्वाधिक रोचक प्रतियोगिता क्विज के चारों चरणों को संचालक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय द्वारा शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसे बच्चों ने अत्यधिक पसंद किया। क्विज प्रतियोगिता में रैपिड फायर राउंड तथा बजर राउंड सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र रहे। अतिथिगणों द्वारा विद्यार्थियों को सामाजिक विज्ञान विषय के अध्ययन को जीवन से जोड़ने तथा व्यवहारिक ज्ञान विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में विश्लेषणात्मक क्षमता को बढ़ाते हैं और उन्हें जागरूक नागरिक बनने की दिशा में आगे बढ़ाते हैं।

          कार्यक्रम के अंत में समस्त प्रतिभागियों और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर सामाजिक विज्ञान महोत्सव के जनपद सह समन्वयक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय को सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में नवाचारी प्रयासों तथा बच्चों को ऊंचे मुकामों में पहुंचाने तथा शैलेश मटियानी राज्य उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने के उपलक्ष्य में शॉल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। भाषण प्रतियोगिता में सिमरन जोशी, असद अली खान तथा आयुष ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार मॉडल प्रदर्शनी में भावना जोशी, शिवम तथा रितिक बोहरा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्विज प्रतियोगिता में तेजस अधिकारी, रितिक भंडारी, मनीष पचौली ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया।


    समापन सत्र में बीईओ घनश्याम भट्ट ने सभी प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए। अंत में जनपद संयोजक डॉ अनिल कुमार मिश्रा तथा जनपद सह संयोजक प्रकाश चन्द्र उपाध्याय द्वारा अतिथियों, निर्णायकों, समस्त संकुल एवं विकासखंड समन्वयकों, मार्गदर्शक शिक्षकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में सामाजिक विज्ञान महोत्सव को और शानदार तरीके से आयोजित करने का संकल्प लिया तथा राज्य हेतु चयनित प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी। 

  कार्यक्रम के सफल आयोजन में निर्णायक के रूप में डॉ भूप सिंह धामी, राजीव नवोदय प्राचार्य राम कुमार मिश्रा, केंद्रीय विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता गौरव कुमार यादव, संकाय सदस्य शिवराज सिंह तड़ागी, लता आर्य, दीपक सोराडी तथा अभिलेखीकरण में खंड समन्वयक महरोज मियां, प्रकाश सिंह, बी एन गोस्वामी, इंद्रलाल वर्मा, गणेश दत्त पंत, मेनका वर्मा, राखी गहतोड़ी, रवीश पचौली, सुरेश राम आर्य, चन्द्र लाल शाह, विनोद प्रसाद गहतोड़ी, अनिल कुमार, त्रिभुवन सिंह, जगदीश चन्द्र, रेनू मेहता, गीता सांगुड़ी आदि ने विशेष सहयोग किया। मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट तथा जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक एवं डायट प्राचार्य मान सिंह ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।

DIET उत्तरकाशी, बड़कोट में सामाजिक विज्ञान महोत्सव: प्रतिभाओं ने दिखाया रचनात्मक कौशल

डाइट बड़कोट उत्तरकाशी उत्तराखण्ड 

शनिवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान उत्तरकाशी, बड़कोट  में सामाजिक विज्ञान महोत्सव 2025-26 का रंगारंग शुभारंभ किया गया जिसकी थीम सतत पोषणीय विकास, सुदृढ़ और समृद्ध भविष्य का आधार जागरूक बालमन एवं उत्तरदाई समाज पर आधारित थी| इसमें प्रत्येक विकासखंड से तीन-तीन छात्र-छात्राओं द्वारा भाषण प्रतियोगिता, मॉडल निर्माण प्रतियोगिता एवं सामाजिक विज्ञान सामान्य ज्ञान क्विज प्रतियोगिता में जनपद के 18 छात्रों व उनके मार्गदर्शन शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया | 
प्रतियोगिता के माध्यम से छात्र-छात्राओं में सामाजिक विज्ञान विषय के प्रति रुचि उत्पन्न करना व समाज को स्थिरता और दिशा देने वाले सामाजिक विज्ञान विषय के महत्व पर प्रकाश डाला गया| कार्यक्रम का शुभारंभ डायट प्राचार्य संजीव जोशी व राज्य शैक्षिक  अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड देहरादून से राज्य समन्वयक डॉ. राकेश चंद्र गैरोला के दीप प्रज्वलन  के साथ किया गया| प्राचार्य द्वारा अपने संबोधन में प्रतिभागियों को प्रेरित किया गया| सामाजिक विज्ञान महोत्सव 2025 में जनपद से एक नवाचारी शिक्षक संतोष प्रसाद, सहायक अध्यापक रा. इ.का सांकरी, विकासखंड मोरी को नवीन शिक्षण पद्धतियों का प्रयोग व अपनी विद्यालय में विद्यार्थियों में रचनात्मक, आलोचनात्मक सोच एवं सक्रिय अधिगम को प्रोत्साहित करने हेतु नवाचारी शिक्षक के रूप में  पुरस्कृत किया गया है।


जनपद स्तर से चयनित छात्र-छात्राओं द्वारा राज्य स्तर प्रतियोगिता हेतु जनपद पिथौरागढ़ में प्रतिभाग किया जाएगा जिसमें छात्रों में सामाजिक विज्ञान के विषय को लेकर रोचक संवेदनशील और प्रगति दायक भावना का विकास होगा एवं परीक्षाओं के लिए छात्र-छात्राएं तैयार होंगे | कार्यक्रम के आरंभ में  कार्यक्रम समन्वयक संगीता रावत कोठारी द्वारा प्रतियोगिताओं की रूपरेखा और जानकारी  साझा की गई | इस प्रतियोगिता में लोक कल्याण हेतु सामाजिक विज्ञान का व्यावहारिक अनुप्रयोग छात्रों द्वारा किया गया| भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से सतत पोषणीय विकास के मुद्दे पर छात्रों द्वारा कर गर्वित भाषण प्रस्तुत किया गया|,सामाजिक विज्ञान सामान्य ज्ञान क्विज प्रतियोगिता के माध्यम से समसामयिक घटनाएं उत्तराखंड की सामाजिक भौगोलिक एवं ऐतिहासिक घटनाएं और स्थानीय प्रवेश को क्विज के माध्यम से छात्रों के मध्य रखा गया |

जनपद स्तर पर मॉडल निर्माण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कुमारी मीना रा. उ. प्रा. विद्यालय गांधी विद्या मंदिर उत्तरकाशी भटवाड़ी, द्वितीय स्थान पर आयुष रा. उ.प्रा. वि.गेवला डुंडा एवं तृतीय स्थान पर कुमारी जाह्नवी रही| इस प्रकार अन्य प्रतियोगिता जैसे भाषण प्रतियोगिता में कुमारी प्रिया रा. उ. प्रा. वि. चंदेली पुरोला, कुमारी वैष्णवी  भटवाड़ी एवं कुमारी सोनाक्षी रा उ प्रा वि भाटिया नौगांव क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे | क्विज प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर क्रमशः अभय रा उ प्रा वि रैथल भटवाड़ी, अंशिका रा. बा. इ. का. बड़कोट नौगांव तथा समित रावत पीएम श्री इंटर कॉलेज बनचौरा चिन्यालीसौड़ रहे| प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्रों में प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को प्राचार्य महोदय और मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कार वितरण किया गया |

इस प्रतियोगिता में निर्णायक भूमिका में हेमू बिष्ट, सुशील चंद्र जोशी, गोपाल सिंह राणा, शोभना थापा,बबीता सजवान, रिचा उनियाल, अंजना सजवान, बृजेश कुमार मिश्रा और सुषमा महर रहे | कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य एवं कार्यक्रम समन्वयक  द्वारा सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की गई।

स्टरलाइट एडइंडिया फ़ाउंडेशन एवं SCERT उत्तराखंड द्वारा शिक्षण योजना प्रतियोगिता का चरण-2 सफलतापूर्वक संपन्न

 

देहरादून, नवम्बर 2025: DLED Dept 
स्टरलाइट एडइंडिया फ़ाउंडेशन और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में 17 नवम्बर को देहरादून में राज्य स्तरीय शिक्षण योजना प्रतियोगिता के चरण-2 का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में उत्तराखंड के 13 DIETs और 6 B.Ed. कॉलेजों के छात्र-शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

शिक्षण योजना प्रतियोगिता छात्र-शिक्षकों की मूलभूत अध्यापन दक्षताओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। यह प्रतियोगिता छात्र-शिक्षकों को सुविचारित शिक्षण योजनाएँ तैयार करने, बाल-केंद्रित शिक्षण पद्धतियाँ अपनाने और नवाचारी कक्षा-शिक्षण तरीकों का प्रदर्शन करने के लिए एक संरचित मंच प्रदान करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की विज़न के अनुरूप, जो अनुभव-आधारित अधिगम, दक्षता-आधारित शिक्षा तथा चिंतनशील और कुशल शिक्षकों के विकास पर बल देती है, यह प्रतियोगिता रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन और कक्षा-प्रस्तुति कौशल को प्रोत्साहित करती है। इस प्रक्रिया के माध्यम से छात्र-शिक्षक आत्मविश्वास विकसित करते हैं, अपनी शिक्षण पद्धतियों में सुधार करते हैं, और 21वीं सदी की कक्षाओं की आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं को अधिक सक्षम बनाते हैं।


इस प्रतियोगिता का आयोजन एक व्यवस्थित और व्यवहार-उन्मुख प्रक्रिया के अंतर्गत किया गया है। चरण-1 में सभी शिक्षक शिक्षा संस्थानों को पूर्व निर्धारित विषय दिए गए, जिनके आधार पर छात्र-शिक्षकों ने विस्तृत शिक्षण योजनाएँ तैयार कीं। इसके पश्चात प्रत्येक संस्थान ने दो श्रेष्ठ प्रतिभागियों—एक भाषा श्रेणी से और एक विषय श्रेणी से—का चयन किया।

चरण-2 में इन चयनित प्रतिभागियों ने अपनी शिक्षण योजनाओं की सीधी कक्षा-प्रस्तुति निर्णायक मंडल के समक्ष दी। यह लाइव-डेमो प्रारूप एक वास्तविक शिक्षण वातावरण तैयार करता है, जिसमें प्रतिभागी अपनी पाठ प्रस्तुति, पद्धतिगत स्पष्टता, शिक्षण-सामग्री के उपयोग तथा विद्यार्थियों की सहभागिता सुनिश्चित करने की क्षमता का प्रदर्शन करते हैं। इन शिक्षण योजनाओं की प्रस्तुति  रा. प्रा. वि. कंडोली एवं रा. उ. प्रा. कंडोली, देहरादून में संपन्न हुई, जहाँ प्रतिभागियों ने रचनात्मक एवं प्रभावी अध्यापन पद्धतियाँ प्रदर्शित कीं।

इसके उपरांत SCERT देहरादून में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। पुरस्कार के रूप में प्रथम विजेता को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र तथा ₹3100 की नकद धनराशि प्रदान की गई।  द्वितीय विजेता को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र तथा ₹2100 की नकद धनराशि दी गई। तृतीय विजेता को ट्रॉफी, प्रमाणपत्र तथा ₹1100 की नकद धनराशि प्रदान की गई। समारोह के दौरान DIET तथा B.Ed. कॉलेज के भाषा एवं विषय श्रेणी से अलग-अलग विजेताओं को सम्मानित किया गया। । DIET श्रेणी के विजेता निम्नवत रहे-

डी.एल.एड.

भाषा आधारित

 

प्रथम पुरस्कार

द्वितीय पुरस्कार

तृतीय पुरस्कार

 निमिषा गौड़

 विष्णु प्रिया जोशी

अंशुमान सिंह

विषय आधारित

प्रथम पुरस्कार

द्वितीय पुरस्कार

तृतीय पुरस्कार

 अमीषा भट्ट

रहनुमा सैफी

 नीरज कुमार शर्मा

बी.एड.

भाषा आधारित

 

प्रथम पुरस्कार

द्वितीय पुरस्कार

तृतीय पुरस्कार

निष्ठा छिब्बर

खुशी राना

 सुप्रिया सोरोत

विषय आधारित

प्रथम पुरस्कार

द्वितीय पुरस्कार

तृतीय पुरस्कार

 तेज सिंह नेगी

 कैलाश गौर

साक्षी रावत

 इनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना सभी निर्णायक मंडल एवं शैक्षिक विशेषज्ञों ने की।

इस अवसर पर SCERT उत्तराखंड की निदेशक डॉ. वंदना गबरियाल तथा सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजल्वाण उपस्थित रहे। डॉ. बिजल्वाण ने पूरी पहल की सराहना की।   इस कार्यक्रम के सफल संचालन में DIET देहरादून के छात्र-शिक्षकों का स्वयंसेवी (volunteering) रूप में विशेष सहयोग रहा।

यह प्रतियोगिता प्री-सेवा शिक्षकों के लिए अपनी नवाचारी शिक्षण पद्धतियों को प्रस्तुत करने का एक बेहतरीन अवसर रही। इससे राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को बढ़ावा मिलेगा।  स्टरलाइट एडइंडिया फ़ाउंडेशन प्रतिनिधि ने कहा कि SCERT उत्तराखंड के साथ इस सार्थक पहल में सहयोगी बनना हमारे लिए गौरव की बात है। प्रतिभागियों का उत्साह और तैयारी शिक्षक शिक्षा के उज्ज्वल भविष्य का संकेत देता है।

Sunday, November 16, 2025

Video Series Launched : Road Safety Awareness for students, teachers and the community

Launched: Road Safety Video Series by SCERT Uttarakhand

The State Council of Educational Research and Training (SCERT), Uttarakhand has launched a special video series on Road Safety Awareness by Dr Dhan Singh Rawat Minister of Education Uttarakhand along with Director Academic, Bandana Garbyal, Director Secondary, Dr Mukul Sati and Director Elementory Ajay Naudiyal for students, teachers, and the wider community.

This initiative aims to:

  • Educate young learners and families about essential road safety rules
  • Promote responsible behavior among pedestrians, cyclists, and drivers
  • Build a culture of safety and awareness across schools and communities

Program coordinator Vinay Thapliyal and supporting team detailed that the video series is now open for all schools in Uttarakhand to view, share, and integrate into their learning activities. By watching and discussing these videos, schools can help spread vital knowledge that protects lives and strengthens community responsibility.

Watch the Road Safety Video Series here: https://youtube.com/playlist?list=PLdDLeUeECllgMvT-a8y3gR5v_jyTm-Z55&si=8EkR9sGVBnY1LXlr 

Let’s join hands to make our roads safer for everyone. Teachers, students, and parents are encouraged to watch, share, and practice the safety measures highlighted in these videos.

Together, we can ensure that “Safety First” becomes a way of life. 

Friday, November 14, 2025

सड़क सुरक्षा और नई पाठ्यचर्या: उत्तराखंड में शिक्षा का नया SCF-SE हुआ लागू

 

देहरादून में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दो महत्वपूर्ण पहलों का शुभारंभ किया—

  1. नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विमोचन

  2. सड़क सुरक्षा नियमों पर आधारित जन-जागरूकता ऑडियो-वीडियो गीतमाला का लोकार्पण

 नई पाठ्यचर्या की रूपरेखा

  • एनईपी-2020 का समावेश: एससीईआरटी द्वारा तैयार पाठ्यचर्या विद्यालयों की कार्य संस्कृति और प्रक्रियाओं में बदलाव लाने में सक्षम है।

  • भारतीयता और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर: छात्रों को स्थानीय शिल्प और कौशल जैसे पिरूल-रिंगाल क्राफ्ट, मशरूम उत्पादन, फूलों की खेती, जैम-जैली खाद्य प्रसंस्करण आदि सीखने का अवसर मिलेगा।

  • सर्वांगीण विकास: कला, खेल, स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा को भी पाठ्यचर्या में प्रमुख स्थान दिया गया है।

  • विषय चयन की स्वतंत्रता: कक्षा 11 से छात्रों को अपनी रुचि और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार विषय चुनने की आज़ादी होगी।

  • शैक्षणिक सत्र का ढांचा: कुल 240 दिवस—200 शिक्षण दिवस, 20 परीक्षा दिवस, और 20 दिवस बस्ता रहित/अन्य गतिविधियों के लिए निर्धारित।

  • स्तरवार विषय संरचना:

    • प्राथमिक (कक्षा 3–5): 6 विषय

    • उच्च प्राथमिक (कक्षा 6–8): 9 विषय

    • माध्यमिक (कक्षा 9–12): 10 विषय

सड़क सुरक्षा गीतमाला

  • जन-जागरूकता का नया माध्यम: सड़क सुरक्षा नियमों को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए 6 ऑडियो-वीडियो गीत तैयार किए गए।

  • लक्ष्य समूह: विद्यालयी शिक्षक, छात्र और समाज के अन्य वर्ग।

  • उद्देश्य: यातायात नियमों को समझना और उनका पालन करना आसान बनाना।

  • पृष्ठभूमि: यह पहल उत्तराखंड 2017 के अंतर्गत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में की गई है।

यह कार्यक्रम उत्तराखंड में शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के नए आयाम खोलता है। नई पाठ्यचर्या छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से बल्कि कौशल और रोजगारपरक दृष्टि से भी सशक्त बनाएगी। वहीं सड़क सुरक्षा गीतमाला बच्चों और समाज को सुरक्षित यातायात की ओर प्रेरित करेगी।

 यह पहल शिक्षा और जीवन कौशल को जोड़ते हुए एक सुरक्षित, सक्षम और भविष्य-उन्मुख उत्तराखंड की दिशा में कदम है।


राज्य स्तरीय बाल दिवस समारोह 2025

 

स्थान: रा ई का कोटी, भानीयावाला, देहरादून 

राज्य स्तरीय बाल दिवस समारोह का आयोजन देहरादून के रा ई का कोटी भानीयावाला में बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और अकादमिक निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साथ ही प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल भी उपस्थित रहे। 


इस पर्व पर छात्रों को CLAP VAN के माध्यम से डिजिटल तकनीकी से जोड़ने का अनूठा प्रयास किया गया।

  • बच्चों ने क्रोमबुक पर गेमिंग वीडियोज़ और कहानियों का आनंद लिया।

  • उन्हें हैंड्स-ऑन गतिविधियों के जरिए तकनीक से सीखने का अवसर मिला।

  • यह पहल बच्चों को डिजिटल शिक्षा और आधुनिक तकनीक के महत्व से परिचित कराने का एक सशक्त माध्यम बनी।


स्कूल के प्रिंसिपल ने सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उनके स्वागत भाषण ने समारोह की गरिमा को और बढ़ा दिया।

बाल दिवस केवल बच्चों के लिए एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह उनके सपनों, उनकी जिज्ञासा और उनके उज्ज्वल भविष्य का उत्सव है। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि शिक्षा और तकनीक के संगम से ही बच्चों को सशक्त बनाया जा सकता है।

देहरादून में आयोजित यह राज्य स्तरीय बाल दिवस समारोह बच्चों के लिए प्रेरणा और आनंद का संगम रहा। शिक्षा मंत्री और निदेशकों की उपस्थिति ने इसे विशेष महत्व दिया, वहीं CLAP VAN और डिजिटल गतिविधियों ने बच्चों को भविष्य की शिक्षा की झलक दी।

शिक्षा मंत्री विद्यालयी शिक्षा ने किया राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा (SE) एवं सड़क सुरक्षा पर विडिओ सीरीज का विमोचन

 
रविदर्शन तोपाल एन ई पी सेल, एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड 

दिनांक 14 नवम्बर 2025 एस सी ई आर टी सभागार मे माननीय मंत्री विद्यालयी शिक्षा, डा. धन सिंह रावत  ने  विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2025  का विमोचन तथा यातायात नियमों पर अधारित वीडियो गीतमाला का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ के एन बिजलवाण द्वारा किया गया । विमोचन समारोह से पूर्व शिक्षा मंत्री ने दीप प्रज्वलन किया । अकादमिक शिक्षा निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने डॉ धन सिंह रावत का स्वागत करते हुए इस पाठ्यचर्या दस्तावेज और सड़क सुरक्षा विडिओ सीरीज विमोचन से पूर्व इन पर ब्रीफ़ मे परिचय दिया। 



में निम्नांकित अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे-


  • बंदना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड।
  • डाॅ. मुकुल कुमार सती , निदेशक, माध्यमिक शिक्षा उत्तराखण्ड उत्तराखण्ड।
  • अजय कुमार नौड़ियाल, निदेशक, प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड।
  • प्रदीप रावत, से.नि. अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड।
  • राकेश चन्द्र जुगरान, से.नि. प्राचार्य डायट, देहरादून।
  • आकांक्षा राठौर, उप निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड।
  • अजीत भण्डारी उपनिदेशक एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड 
  • डाॅ. के.एन.बिजल्वाण, सहायक निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड।
  •  रविदर्शन तोपाल, कार्यक्रम समन्वयक (NEP), एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड।
  • मनोज किशोर बहुगुणा, कार्यक्रम समन्वयक (NEP), एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड।
  • विनय थपलियाल, प्रवक्ता, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड।

इस कार्यक्रम मे आई टी विभाग के साथ साथ अन्य संकाय सदस्यों की मौजूदगी ने विमोचन कार्यक्रम मे ऊर्जा संचार का कार्य किया । 

इस पाठ्यचर्या निर्माण के समन्वयक रविदर्शन ने कहा कि उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रुपरेखा एक ऐसा दस्तावेज है जिसकी अनुशंसाओं के अनुरूप अब शिक्षाक्रम संचालित होगा इसे राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के अनुरूप तैयार किया गया है जिसमे राज्य की अपेक्षाओं - आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य संदर्भित विषय वस्तु, कार्यसंस्कृति, विधालय संचालन की प्रक्रियाएं को समाहित किया गया है ।

यह दस्तावेज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप नयें शिक्षा ढांचे में प्रीपेटरी, मिडिल और सेकेंड्री स्तर के सभी छात्रों की शिक्षा नीति को निर्धारित करती है जिसमे कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों के शिक्षाक्रम को परिभाषित किया गया है उनके विषय, पठन-पाठन के दिन, घंटे,  पाठ्यक्रम के लक्ष्य, आकलन के तरीके आदि निर्धारित किए गए हैं । 

इस पाठ्यचर्या की अनुशंसाओं के अनुरूप पाठ्यपुस्तकों में स्थानीय संदर्भित विषयवस्तु को समाहित किया जा सकेगा जिससे छात्रों को  राष्ट्रीय , अंतरराष्ट्रीय विषयवस्तु के साथ राज्य संदर्भित विषय वस्तु के अध्ययन का अवसर मिलेगा । 


पाठ्यचर्या में यह भी स्पष्ट किया गया कि छात्रों को सत्र में 200 शिक्षण के दिवस सिर्फ पढ़ाई के लिए रखे जांय परीक्षा या आकलन के लिए पृथक से 20 दिवस रखें गए हैं 10 दिवस बस्तरहित और विद्यालयों में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों को भी 10 दिवस रखे गए हैं इस प्रकार कुल 240 दिवसों का शैक्षणिक सत्र संचालित होगा।  
प्रीपेटरी या प्राथमिक स्तर कक्षा 3 से 5 तक 6 विषयों का अध्ययन कराया जाएगा जिसमें 3 भाषाएं, गणित, हमारे चारों ओर का संसार, कला शिक्षा तथा शारीरिक शिक्षा सम्मिलित है । जिनके अध्ययन के वार्षिक घंटे भी निर्धारित किए गए हैं जिसमे भाषाओं के लिए वार्षिक 370 घंटे या 555 वादन निर्धारित किए गए हैं , गणित के लिए 185 घंटे या 277 वादन, हमारे चारों ओर के संसार के लिए 200 घंटे या 300 वादन और कला शिक्षा तथा शारीरिक शिक्षा के लिए 100 - 100 घंटे या 150 - 150 वादन निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार कुल 34 सप्ताह के सत्र में प्रति सप्ताह 32 घण्टे शिक्षण के लिए निर्धारित किए गए हैं।

मिडल या उच्चप्राथमिक स्तर पर छात्र 9 विषयों का अध्ययन करेंगे जिसमे 3 भाषाएं, गणित, विज्ञान , सामाजिक विज्ञान, कला शिक्षा , शारीरिक शिक्षा तथा व्यावसायिक शिक्षा सम्मिलित हैं । इन विषयों के अध्ययन हेतु भी समय निर्धारित है भाषाओं के लिए 210 घंटे या 315 वादन, गणित के लिए 115 घंटे या 172 वादन, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए 160 - 160  घंटे या 240 - 240 वादन तथा कला शिक्षा व शारीरिक शिक्षा  लिए 100 - 100 घंटे या 150 -150 वादन रखे गए हैं । जबकि  व्यावसायिक शिक्षा के  110 घंटे या 165 वादन निर्धारित हैं .

सेकेण्डरी स्टेज या माध्यमिक स्तर पर 10 विषयों का अध्ययन कराया जाएगा जिसमें 3 भाषाएं, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अन्तर-विषयक विषय, कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा विषयों का अध्ययन करवाया जाएगा। भाषाओं के लिए वार्षिक 210 घण्टे या 252 वादन, गणित व विज्ञान के लिए 135-135 वार्षिक घण्टे या 162-162 वादन, सामाजिक विज्ञान तथा अन्तर-विषयक विषय के लिए 125-125 घण्टे या 150-150  वादन कला शिक्षा के लिए 115 घण्टे या 138 वादन, शारीरिक शिक्षा के लिए 90 घण्टे या 108 वादन तथा व्यावसायिक शिक्षा के लिए 110 घण्टे या 132 वादन निर्धारित किए गए हैं।


गणित विषय को कक्षा 09 व 10 में अनिवार्य कर दिया गया है, किन्तु आकलन 02 स्तरों (सामान्य व उच्च स्तर) पर किया जाएगा। छात्रों के पास विकलप होगा कि वे गणित की परीक्षा सामान्य स्तर से उत्तीण करना चाहते हैं या उच्च स्तर से।

इसी प्रकार सेकेण्डरी स्टेज या माध्यमिक स्तर के कक्षा 11 और 12 में छात्रों को अनिवार्य रूप से 06 विषयों का अध्ययन करना होगा, यदि छात्र किसी अन्य विषय का अध्ययन भी करने का इच्छुक है तो वह अतिरिक्त 7वां विषय के रूप में किसी एक विषय का चयन कर सकेगा। छात्रों को विषय चयन करने का विकल्प कक्षा 11वीं से प्रदान किया गया है। इस हेतु समस्त विषयों को 04 समूहों में संयोजित किया गया है। पहला समूह भाषाओं का है जिससे छात्र 02 भाषा विषय अनिवार्य रूप से पढ़ेंगे जिसमें से 01 भाषा भारतीय भाषा पढ़नी अनिवार्य होगी। दूसरा समूह कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा एवं स्वस्थता, तथा व्यावसायिक शिक्षा के विभिन्न विषयों का होगा। तृतीय समूह सामाजिक विज्ञान तथा अन्तर-विषयक क्षेत्र का होगा और चतुर्थ समूह गणित और कम्प्यूटेशनल चिंतन तथा विज्ञान विषयों का होगा। इन समूहो  में इनसे सम्बन्धित अनेक विषयों के अध्ययन का विकल्प दिया गया है।

छात्र इन तीन समूहों (द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ) से चार विषयों को चुनने का विकल्प छात्रों को दिया गया है, किन्तु प्रतिबन्ध यह होगा कि किसी एक ही समूह से छात्र चारांे विषयों का चयन नहीं करेगा। सातवां विषय वह अपनी इच्छानुसार चयन कर सकेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा की शिक्षा अब मुख्य धारा के साथ जोड़ दी गयी है। जिसके अन्तर्गत व्यवसायिक शिक्षा को जैव रूपों के साथ मशीनी उपकरणो और सामग्रियों के साथ तथा मानवीय सेवाओं के कौशल आधारित शिक्षा प्रदान की जाएगी।

उत्तराखण्ड की विशिष्ट भौगोलिक विभिन्नताओं के अनुरूप भिन्न-भिन्न व्यावसायिक अध्ययन का विकल्प रखा गया है। जिसमें डेरी फार्मिंग, रेशम कीट पालन, लघु मुर्गी पालन, मृदा जल परीक्षण, बागवानी, फूलांे की खेती, मशरूम उत्पादन, भेड़ बकरी पालन तथा रिंगाल पिरूल बांस तथा मालू सांगोन आदि के पत्तांे का क्राफ्ट, कृषि मशीनरी संचालन, प्लम्बरिंग हाईटेक तकनीकी सेवाएं, फील्ड तकनीशियन, आॅटो सेवा तकनीशियन, बेकिंग मिलेट बेकरी, जैम जैली कैचप प्रसशकरण, फ्रन्ट लाइन स्वास्थ्यकार्यकर्ता, नेत्र तकनीशियन, हेरिटेज टूर गाइड, ब्यूटी थेरेपिस्ट, योग प्रशिक्षक, हेयर स्टाइल, आहार विशेषज्ञ, घर के लिए स्वास्थ्य सहायक आदि क्षेत्रों में व्यावसायिक अध्ययन की अनुशंसा इस पाठ्यचर्या की रूपरेखा में की गयी है। 


राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में पहली बार अन्तरविषयक क्षेत्रों की शिक्षा के अन्तर्गत भारतीय ज्ञान प्रणाली के अध्ययन के साथ विधिक अध्ययन, पत्रकारिता,संधारणीयता और जलवायु परिवर्तन, लेखांकन, व्यावसायिक अध्ययन के अलावा समाज में व्यक्ति और पर्यावरण शिक्षा प्रदान की जाएगी। इस पाठ्यचर्या की रूपरेखा में शारीरिक शिक्षा और स्वस्थ्यता तथा कला शिक्षा को भी अन्य विषयों की तरह महत्वपूर्ण  विषय के रूप में स्वीकारा गया है तथा इन विषयों के अध्ययन को भी पर्याप्त समय या वादन निर्धारित किए गए हैं ताकि छात्र का सर्वांगीण विकास हो सके। 

राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा में मूल्यांकन के स्वरूप में अपेक्षित बदलाव किया गया है। छात्रों का मूल्यांकन के स्थान पर आकलन किया जाएगा जो सीखने-सिखाने की उपलब्धियां का मापान करेगा। योगात्मक आकलन की जगह रचनातम्क आकलन को अधिक महत्व दिया जाएगा।

यह पाठ्यचर्या विद्यालय की स्वस्थ संस्कृति विकसित किए जाने पर जोर देती है। तथा विद्यालयों के संचालन की प्रक्रियाओं पर भी महत्वपूर्ण ध्यान आकृष्ट करती है। बच्चों की सुरक्षा, साइवर सुरक्षा तथा अनुशासन पर भी पर्याप्त घ्यान देने की अनुशंसा की गयी है।

साथ ही कार्यक्रम मे सड़क सुरक्षा पर बनी विडिओ सीरीज का विमोचलन भी डॉ धन सिंह रावत द्वारा किया गया । शिक्षा मंत्री ने सड़क सुर्ख विडिओ सीरीज को एक बार बड़े समुदाय मे प्रदर्शन और समीक्षा के लिए कहा जिस पर समन्वयक विनय थपलियाल  ने भी अपनी तरफ से मंत्री को इस सीरीज की जानकारी भी दी गई । एक स्वस्थ सहयोगी पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण हो इस हेतु सीखने सिखाने के लिए उपयुक्त वातावरण निर्माण की अनुशंसा की गयी है। शिक्षकों को सक्षम और सशक्त बनाने के लिए भी आवश्यक विचार इस पाठ्यचर्या में प्रदान किया गया है। साथ ही समुदाय की विद्यालय के साथ एक स्वस्थ सहभागिता बनी रहे इस हेतु अभिभावकों को विद्यालय से जोड़ा जाए इस हेतु विद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों में अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को आवश्य आमंत्रित किए जाने की अनुशंसा की गयी है।