Monday, December 01, 2025

आज का खास कार्यक्रम: बच्चों की जुबानी कहानी : DIET Ratura Rudrapryag Initiative

 

आज दिनांक 29 नवंबर 2025 को अपराह्न 12.15  बजे हमारे संस्थान का अभिनव कार्यक्रम "आज की कहानी बच्चों की जुबानी" रेडियो मंदाकिनी की आवाज, रेडियो केदार और रेडियो ऋषिकेश से प्रसारित होगा।

हम सभी से विनम्र अनुरोध है कि इस कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक सुनें और अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को भी सुनाने हेतु उचित व्यवस्था करें। निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने भी इस नवाचारी पहल की तारीफ अपने संदेश मे की । 

कार्यक्रम की विशेष झलक

  • कहानी प्रस्तुतकर्ता: रा०प्रा०वि० फली फसालत वि०ख० ऊखीमठ के कक्षा दो के छात्र स्वाति और वैभव

  • मार्गदर्शक शिक्षिका:  अर्चना बगवाड़ी

  • विशेष संदेश: कहानी से पूर्व निदेशक महोदया, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड,  बंदना गर्ब्याल  का प्रेरणादायी संदेश । इसी क्रम मे अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने भी इस पहल की शुरुवात के लिए प्राचार्य डाइट सी पी रतूडी को बधाई दी । 

कार्यक्रम का उद्देश्य

  • भाषाई दक्षता का विकास: बच्चों को अपनी भाषा में सहज और प्रवाहपूर्ण अभिव्यक्ति का अवसर मिलता है।

  • आत्मविश्वास और एक्सपोजर: रेडियो मंच पर प्रस्तुति से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें व्यापक श्रोताओं तक पहुँचने का अनुभव मिलता है।

  • नवाचार और प्रेरणा: यह कार्यक्रम शिक्षा में नवाचार का उदाहरण है, जो बच्चों को सीखने के साथ-साथ प्रेरित भी करता है।

क्यों है यह कार्यक्रम खास?

कक्षा १ और २ के छोटे बच्चों द्वारा रेडियो स्टेशन पर जाकर अपनी कक्षा के स्तर के अनुरूप कहानी का वाचन करना अपने आप में एक अनूठा अनुभव है। यह न केवल उनकी सीखने की यात्रा को रोचक बनाता है, बल्कि उन्हें समाज के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर भी देता है।

Saturday, November 29, 2025

Hackathon 2.0 – Deadline Extended Again! Register Your Innovation Idea by 10 December 2025

 

Great news for all young innovators, teachers, and creative thinkers!

Due to the overwhelming response and requests from schools across the state, the last date for submitting ideas for Hackathon 2.0 has been extended once again—now up to 10 December 2025.

This is your final opportunity to be a part of Uttarakhand’s biggest school-level innovation movement, organized under the leadership of SCERT Uttarakhand. Hackathon 2.0 encourages students and teachers to design practical, technology-enabled, AI-driven solutions to real-life challenges around us.

Who Can Participate?

  • Students (Classes 6–12)
  • Teachers (Classes 1–12)
  • D.El.Ed trainees & teacher educators
  • Anyone passionate about solving problems creatively

Major Themes:

  • Education & Learning Enhancement
  • Environment & Climate Resilience
  • Digital Safety & Well-being
  • Food Safety, Health & Nutrition
  • AI for Social Good & Community Needs

Why You Should Hurry:

  • Opportunity to present your idea on a state-level innovation platform
  • Access to expert mentoring and AI-based guidance
  • Certificates from SCERT Uttarakhand
  • Selected ideas may be chosen for pilot implementation in schools
  • A chance to contribute to real change in your community

New and Final Deadline: 10 December 2025
Hurry Up! Submit Your Idea Here: (official link) 

 Or Scan QR 

Think. Create. Innovate. 💡✨

लोक चित्रांकन के प्रयोगात्मक पक्ष पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण – प्रथम चरण सफलतापूर्वक सम्पन्न


लोक कला किसी भी समाज की आत्मा होती है, और उसकी जड़ों से जुड़कर ही शिक्षा में संवेदनशीलता, रचनात्मकता और सांस्कृतिक गर्व का संचार किया जा सकता है। इसी उद्देश्य के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड द्वारा 25 नवंबर से 29 नवंबर 2025 तक लोक चित्रांकन के प्रयोगात्मक पक्ष पर आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रथम चरण आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण परिषद भवन में सम्पन्न हुआ जिसमें राज्य के विभिन्न जनपदों से आए कला शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया । प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन परिषद के सहायक निदेशक डाॅ० के० एन० बिजल्वान की अध्यक्षता में हुआ। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 के आलोक में उत्तराखंड राज्य में कला शिक्षा की दिशा और भविष्य पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया। डॉ. बिजल्वान ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि कला शिक्षा न केवल रचनात्मकता का विस्तार करती है बल्कि विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास में सेतु का कार्य भी करती है।


कार्यक्रम के समन्वयक एवं प्रशिक्षक डॉ० संजीव चेतन ने लोक चित्रकला की अवधारणा, उसकी शैक्षिक उपयोगिता और समेकित शिक्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को विस्तार से समझाया। उन्होंने प्रशिक्षण की पूरी रूपरेखा स्पष्ट करते हुए प्रतिभागियों को विभिन्न लोक कला शैलियों की बारीकियों से अवगत कराया।


इस क्रम में—

  • रवि दर्शन चोपाल ने नई शिक्षा नीति 2020 की मूल भावना और उसमें कला शिक्षा की भूमिका को सरल ढंग से प्रस्तुत किया।
  • प्रिया गुसाईं ने कला के मनोवैज्ञानिक पहलुओं को अत्यंत सरल एवं व्यवहारिक रूप में समझाया।
  • डॉ दीपक प्रताप ने बच्चों के शैक्षिक आकलन से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं को क्रमबद्ध तरीके से रखने का कार्य किया।


राज्य के नौ जनपदों — देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, ऊधमसिंह नगर, टिहरी, हरिद्वार, उत्तरकाशी, बागेश्वर तथा रुद्रप्रयाग — के कला शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया।

  • कैनवास पर विभिन्न रूपों में लोक कला तत्वों का चित्रण किया,
  • पारंपरिक कला में नवाचार और फ्यूजन की संभावनाओं को परखा,
  • समेकित शिक्षा (Inclusive Education) में लोक कला की भूमिका को समझते हुए इसकी सरलता और सहजता को विद्यार्थियों तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता दोहराई।


इस प्रशिक्षण से शिक्षकों ने न केवल लोक कला की मूल आत्मा को जाना बल्कि बदलते समय में इसके नए रूपों को अपनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी बढ़ाए। लोक चित्रांकन प्रशिक्षण का द्वितीय चरण 2 से 6 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रतिभागियों को और उन्नत तकनीकों, नवाचारी अभ्यासों तथा लोक कला के विस्तृत आयामों से अवगत कराया जाएगा।


यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कला शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ है। इससे न केवल कला शिक्षकों को नई दृष्टि मिली, बल्कि लोक चित्रांकन की धरोहर को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की दिशा में नया मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका सुधा पैन्यूली का सम्मानित सेवा-निवृत्ति समारोह – एक अविस्मरणीय विदाई

 

अवसर: अधिवर्षता पूर्ण होने पर सेवा-निवृत्ति सम्मान समारोह : विशेष अतिथि एवं प्रतिभाग: SCERT संकाय सदस्य, अधिकारी, कर्मचारी, पूर्व छात्र, परिजन

SCERT उत्तराखण्ड के सभागार में आज का दिन अत्यंत भावनात्मक, प्रेरक और ऐतिहासिक रहा, जब राष्ट्र द्वारा सम्मानित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार -2020 प्राप्त शिक्षिका  सुधा पैन्यूली के सेवा-निवृत्ति समारोह का आयोजन पूरे उत्साह, गरिमा और सौहार्द के साथ किया गया। यह केवल एक विदाई नहीं थी, बल्कि एक महान शिक्षिका के योगदान, उनके तप, अनुशासन, नवाचार और अमिट पहचान का उत्सव था।

दीप प्रज्वलन और शुभकामनाओं के साथ हुआ शुभारंभ

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। मंच संचालन करते हुए डॉ. अवनीश उनियाल ने बड़ी गंभीरता और सहजता से कार्यक्रम को संजोया और एक–एक कर सभी अतिथियों को आमंत्रित किया कि वे अपने-अपने अनुभवों, गीतों, शुभकामनाओं और संदेशों के माध्यम से सुधा पैन्यूली के प्रति सम्मान प्रकट करें।


SCERT के संकाय सदस्यों ने अपने-अपने अनूठे तरीकों से उनका सम्मान किया। डॉ. संदीप चेतन ने अपने मधुर गायन से समारोह में नया उत्साह भरा। शिव-स्तुति के साथ कई शिक्षकों ने अपना भावपूर्ण सम्मान व्यक्त किया। सुधा पैन्यूली के बड़े भाई ने भी एक गीत के माध्यम से अपनी शुभकामनाएँ दीं, जिसमें बहन के प्रति गर्व और आत्मीयता स्पष्ट झलक रही थी। 

  • पदमेन्द्र सकलानी अपर निदेशक, SCERT द्वारा पुष्प–गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया और उनके आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएँ प्रदान की गईं।
  • निदेशक माध्यमिक शिक्षा, डॉ. मुकुल कुमार सती ने भी उन्हें सम्मानित करते हुए उनके कार्यों की प्रशंसा की।
  • इसके उपरांत सहायक निदेशक  डॉ. के. एन. बिजलवान ने पुष्पगुच्छ एवं माल्यार्पण कर आदर प्रकट किया। परिवार और पूर्व छात्रों की भावुक प्रतिक्रियाएँ


सुधा पैन्यूली की छोटी बहन ने उनके व्यक्तित्व पर बोलते हुए कहा कि—

“अनुशासन, समयपालन और दृढ़ निश्चय की प्रेरणा मुझे अपनी बड़ी बहन से ही मिली। आज मैं जो भी हूँ, उन्हीं की वजह से हूँ।”

उनके पूर्व छात्र, जो एकलव्य विद्यालय में उनके निर्देशन में पढ़े थे, भावुक होते हुए बोले—
“सुधा मैम सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक जागृत इंसान बनाने वाली मार्गदर्शक रहीं। उन्होंने हमें कौशल, चरित्र और जीवन-मूल्यों के साथ खड़ा होना सिखाया।” 

सुधा पैन्यूली की जीवन-यात्रा पर बनाई गई विशेष डॉक्यूमेंट्री

IT विभाग द्वारा तैयार की गई उनकी यात्रा पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
इसमें—

  • उनके नवाचार, समुदाय कार्य, एकलव्य विद्यालय में किए गए परिवर्तन, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के पीछे की उनकी तपस्या, का सुंदर चित्रण किया गया। डॉक्यूमेंट्री ने पूरे सभागार को भावुक और गौरवान्वित कर दिया।

दो वर्षों में SCERT में उल्लेखनीय योगदान

SCERT में पिछले दो वर्षों में उन्होंने- नवाचार एवं पाठ्यक्रम विकास विभाग  में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आगे बढ़ाया और संस्थान की पहचान को ऊँचा उठाया। उनकी मेहनत, समयपालन, लीडरशिप और कार्य के प्रति गहन निष्ठा को सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने विशेष रूप से रेखांकित किया। 


बन्दना गर्ब्याल (निदेशक, अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण) का  संदेश 

सुधा पैन्यूली एक दृढ़ निश्चयी, अनुशासित, सृजनशील और अत्यंत कर्मठ शिक्षिका हैं। उन्होंने जहां भी कार्य किया, उस स्थान को अपनी कार्यशैली से समृद्ध किया।” 

सभी वक्ताओं का एक स्वर — “अनुशासन और तार्किक सोच उनकी पहचान”

सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी बातों में हमेशा स्पष्टता, निर्णय लेने की मजबूत क्षमता, और हर मुद्दे पर तार्किक दृष्टिकोण दिखाई देता था।

विभागीय कारणों से सेवा विस्तार न मिल पाने के बावजूद भी उन्होंने अपनी सादगी, विनम्रता और सकारात्मकता बनाए रखी—जो एक सच्चे शिक्षक की पहचान है। 

सुधा पैन्यूली का स्वयं का संदेश — “शिक्षा मेरा मिशन है”

अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा—

  • “मैंने जो भी कार्य किया, पूरी निष्ठा और अपनी इच्छा से किया।”

  • “विद्यालय शिक्षा और समुदाय के लिए मैं जीवन पर्यंत समर्पित रहूँगी।”

  • अपने गुरु और मार्गदर्शक डॉ. जी. सी. बडोनी का भी विशेष उल्लेख किया, जिनके मार्गदर्शन ने उन्हें नई ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा दी। उनकी वाणी में विनम्रता, कृतज्ञता और मिशन भाव साफ झलक रहा था। 

पुत्री सौम्या का भावुक संबोधन

सुधा पैन्यूली की पुत्री ने   सौम्या  कहा— “मैं आज जो भी हूँ, अपनी मां के अनुशासन, मूल्य और उनके मार्गदर्शन की वजह से हूँ।” समारोह में उनकी पुत्री, दामाद, भाई और बहनोई की उपस्थिति ने कार्यक्रम को पारिवारिक ऊष्मा से भर दिया। 

समापन – एक अमिट छाप और प्रेरणा

समारोह का अंत इस मंत्रवत संदेश के साथ हुआ— “जहां रहो, वहां अग्रिम रहो। अपनी छाप ऐसी छोड़ो कि वह आने वाली पीढ़ियों को दिशा दे।” निस्संदेह, सुधा पैन्यूली द्वारा बनाए गए फुटप्रिंट्स SCERT, उत्तराखण्ड और शिक्षा-जगत में सदैव मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। उनकी अनुशासित कार्यशैली, नवाचारी सोच, समुदाय के प्रति समर्पित दृष्टि और शिक्षा को जीवन-मिशन की तरह जीने का तरीका-  आगामी पीढ़ियों के शिक्षकों के लिए मील का पत्थर है। 

SCERT उत्तराखण्ड परिवार की ओर से

सादर नमन एवं शुभकामनाएँ
शुभ भविष्योदय, स्वास्थ्य, ऊर्जा और निरंतर प्रेरणा के लिए।

Thursday, November 27, 2025

प्रथम बार आयोजित जनपद स्तरीय सामाजिक विज्ञान महोत्सव में छात्र-छात्राओं ने किया अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन


डॉ राकेश गैरोला , एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड 

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हरिद्वार, रुड़की में आज जनपद स्तरीय सामाजिक विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गयाI शिक्षा विभाग, उत्तराखंड की एक अभिनव पहल के अंतर्गत समग्र शिक्षा एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड के संयुक्त तत्वावधान में नवाचार कार्यक्रम के रूप में प्रथम बार सामाजिक विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैI कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि  वीरेंद्र जाती, माननीय विधायक झबरेड़ा, दीपक रामचंद्र सेट ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की, अभिषेक शुक्ला खंड शिक्षा अधिकारी रुड़की,  मनोज किशोर बहुगुणा सदस्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड,  कैलाश डंगवाल प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रुड़की, डॉ अशोक सैनी, वरिष्ठ प्रवक्ता डायट, रुड़की, भूपेंद्र सिंह कार्यक्रम प्रभारी एवं डॉ संतोष कुमार चमोला जिला सामाजिक विज्ञान समन्वयक ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया । 

डीएलएड प्रशिक्षुओं ने सरस्वती वंदना के माध्यम से मां सरस्वती का वंदन एवं नमन कियाI आयोजन समिति जनपद स्तरीय सामाजिक विज्ञान महोत्सव के सदस्यों के द्वारा मुख्य अतिथि विशिष्ट अतिथि एवं आगन्तुक अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंट कर तथा शाल भेंट कर स्वागत किया गयाI सभी मार्गदर्शक शिक्षकों, निर्णायकों एवं6 अन्य अतिथियों का बैज अलंकरण कर उनका स्वागत किया गयाI मूलराज कन्या इंटर कॉलेज रुड़की की छात्राओं द्वारा सभी आगंतुकों का स्वागत गान से अभिनंदन किया गयाI  जिला सामाजिक विज्ञान समन्वयक डॉ. संतोष कुमार चमोला ने सामाजिक विज्ञान महोत्सव के बारे में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य अच्छे मनुष्य का विकास करना है जो विचारों और कार्य करने में सक्षम हो और जिसमें सहानुभूति, साहस, लचीलापन, वैज्ञानिक स्वभाव, रचनात्मक कल्पना का भाव, अच्छे नैतिक विश्वास और मूल्य विद्यमान हो। 


सामाजिक विज्ञान महोत्सव के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर सामाजिक विज्ञान विषय की उपादेयता तथा उपयोगिता को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा हैI कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न स्तरों जैसे- विद्यालय स्तर, संकुल स्तर, विकासखंड स्तर, जनपद स्तर तथा प्रदेश स्तर पर सामाजिक विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैI राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गुलाब शाहपीर की छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कियाI जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हरिद्वार, रुड़की में कार्यक्रम के प्रभारी  भूपेंद्र सिंह ने बताया इस कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद स्तर पर तीन प्रमुख विधाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही है तथा इन प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों द्वारा राज्य स्तर पर प्रतिभाग  किया जाएगा I मुख्य अतिथि ने कहा कि इस प्रकार के अभिनव प्रयास शिक्षा की गुणवत्ता के लिए जरूरी है और बच्चों को ऐसे कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लेना चाहिए। विद्यालयों के द्वारा छात्र-छात्राओं को इस प्रकार के आयोजनों में प्रतिभाग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिएI उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हरिद्वार, रुड़की में आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों, मार्गदर्शक शिक्षकों एवं गणमान्य नागरिकों को इस सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।


विशिष्ट अतिथि ने कहा कि सामाजिक विज्ञान न केवल एक विषय है बल्कि इसके माध्यम से एक स्वस्थ नागरिक का निर्माण होता है, अतः सामाजिक विज्ञान न केवल एक विषय बल्कि मानव समाज का व्यवस्थित और वैज्ञानिक अध्ययन है जिसमें अतीत और वर्तमान में मानव समाज संस्कृति विचारों रचनाओं विकास कार्यों का गुणात्मक अध्ययन सम्मिलित है। इस विषय का ज्ञान बच्चों को विश्व समाज देश और समुदाय को समझने में मदद करता हैI राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड से उपस्थित विशिष्ट अतिथि मनोज किशोर बहुगुणा सदस्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ, उत्तराखंड ने कहा कि सामाजिक विज्ञान विषय की प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्वपूर्ण भूमिका होती हैI अतः कक्षा शिक्षण में इस विषय को रोचक बनाया जाना नितांत जरूरी हैI इसी परिपेक्ष में विभिन्न स्तरों पर सामाजिक विज्ञान महोत्सव विषय को रोचक और महत्वपूर्ण बनाने में सहायक सिद्ध हो रहा हैI इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक विज्ञान विषय में एक रोचक संवेदनशील और प्रगति दायक वातावरण तैयार करना हैI विशिष्ट तिथि अभिषेक शुक्ला खंड शिक्षा अधिकारी, रुड़की ने कहा कि सामाजिक विज्ञान महोत्सव के माध्यम से विद्यार्थियों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक चिंतन, संप्रेषण और सहयोग जैसी 21वीं सदी के प्रमुख कौशलों का विकास किया किया जा सकता हैI

कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. संतोष कुमार चमोला, जिला समन्वयक सामाजिक विज्ञान ने बताया की विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड की इस अभिनव पहल के अंतर्गत कक्षा 6 से 8 के छात्र-छात्राओं ने इस महोत्सव में प्रतिभाग कियाI सामाजिक विज्ञान महोत्सव 2025 की थीम 'सतत पोषणीय विकास- सुदृढ़ और समृद्ध भविष्य का आधार, जागरूक बालमन- एक उत्तरदायी समाज' के अंतर्गत इस महोत्सव का आयोजन किया गयाI कार्यक्रम में मॉडल मूल्यांकन चल अथवा अचल प्रदर्शनी प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता और सामाजिक विज्ञान पर आधारित क्विज प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया I इसमें विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गयाI सामाजिक विज्ञान महोत्सव के माध्यम से छात्र-छात्राओं में नेतृत्व सहयोग की भावना का विकास होगा इसके साथ ही विद्यार्थियों में स्थानीय और वैश्विक मुद्दों पर सामाजिक पर्यावरणीय आर्थिक समस्याओं को समझने और सोचने की योग्यता विकसित होगी। इसके अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे- भाषण मॉडल निर्माण सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी आदि के माध्यम से छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास होगा। विद्यार्थियों में राष्ट्रीय और स्थानीय संदर्भों के अंतर्गत भारतीय संविधान, लोकतंत्र, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, सामाजिक समरसता जैसे महत्वपूर्ण विषयों के प्रति संवेदनशीलता विकसित होगीI


जनपद स्तरीय सामाजिक विज्ञान महोत्सव में आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे-

1. मॉडल मूल्यांकन (चल अथवा अचल) प्रदर्शनी प्रतियोगिता में कु. आफरीन कक्षा 7, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गुलाब शाह पीर ने प्रथम, आर्यन, कक्षा 8,राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रोहिलाकी दयालपुर ने द्वितीय तथा कु. करुणा, कक्षा 6 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेड़ी कला, लक्सर ने तृतीय स्थान प्राप्त कियाI

2. भाषण प्रतियोगिता में कुमारी आराधना, कक्षा 6, पीएम श्री राजकीय कन्या इंटर कॉलेज ज्वालापुर ने प्रथम, कु. जया कक्षा 6, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गुलाब शाह पीर ने द्वितीय तथा कु. फातिमा परवीन कक्षा 7, राजकीय स्टार प्राथमिक विद्यालय मानक मजरा ने तृतीय स्थान प्राप्त कियाI 

3. सामाजिक विज्ञान पर आधारित क्विज प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में अर्णव सैनी, कक्षा 8, पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की ने प्रथम, कामाक्षी कक्षा 8, राजकीय कन्या उत्तर माध्यमिक विद्यालय दक्ष कनखल ने द्वितीय तथा प्रिंस धीमन कक्षा 8 उच्च माध्यमिक विद्यालय लिबरहेडी ने तृतीय स्थान प्राप्त कियाI

प्राचार्य  कैलाश डंगवाल ने बताया कि संस्थान में अध्यनरत डीएलएड प्रशिक्षुओं के द्वारा इस आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय रूप से सहयोग किया गयाI

आशुतोष भंडारी मुख्य शिक्षा अधिकारी, हरिद्वार तथा अभिषेक शुक्ला खंड शिक्षा अधिकारी, रुड़की,  शशि चौहान, वैष्णव कुमार, डॉ ज्ञान प्रकाश सिलस्वाल,  प्रेरणा बहुगुणा, विनोद कुमार यादव,  संदीप सैनी,  गरिमा, शिप्रा, योगेश कुमार, संतोषी बिष्ट, कल्पना, सत्येंद्र कुमार,  शैलेंद्र गौड, डॉ प्रवीण कुमार,  ताजीम अली आदि ने कार्यक्रम के आयोजन में मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान किया गया I डॉ. रविंद्र कुमार चौहान, पंकज कुमार, सुशील कुमार चौधरी,  संदीप कुमार, परवेज आलम, मनोज कुमार, रविंद्र सिंह रावत,  विवेक सैनी, श्रीमती अरुणा तोमर,  आलोक द्विवेदी, आदि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष सहयोग प्रदान किया। 


कार्यक्रम के अंत में कैलाश डंगवाल, प्राचार्य,  जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान  ने सभी आगंतुक अतिथियों, विशिष्ट अतिथियों, मार्गदर्शक शिक्षकों तथा प्रतिभागियों के सक्रिय सहयोग हेतु हार्दिक आभार व्यक्त किया। 

Wednesday, November 26, 2025

150 Years of Vande Mataram and Constitution Day Celebration

 

Dehradun, 26 November 2025 — A historic day unfolded as India marked 150 years of the national song Vande Mataram alongside the commemoration of Constitution Day, adopted on 26 November 1949 and implemented on 26 January 1950. The occasion brought together the entire school education fraternity in Uttarakhand, symbolizing unity, heritage, and the spirit of democracy.

  • Representatives from secondary and elementary education clusters, SCERT, SIEMAT, and officials from the Director General’s office and Samagra Shiksha joined hands in a collective rendition of Vande Mataram.

  • The soulful choir was performed by students of Rajiv Gandhi Navodaya Vidyalaya, Dehradun, filling the hall with patriotic fervor.

  • The gathering reflected the harmony of tradition and progress, echoing the timeless message of the song as India’s educators pledged to uphold constitutional values.

  • Deputy Director Pankaj Sharma opened the day with remarks on the significance of beginning with the national song, setting the tone for reflection and celebration.

  • Director Secondary Education Dr. Mukul Kumar Sati addressed the gathering, highlighting the deep connection between Vande Mataram and the Constitution of India. He emphasized that both symbolize India’s journey toward freedom, unity, and democratic empowerment.

  • The Director Secondary Education’s briefing underscored the importance of the day, reminding participants that the Constitution is not just a document but a living guide for justice, liberty, equality, and fraternity.

The event was more than ceremonial—it was a reminder of India’s enduring values:

  • Vande Mataram, penned 150 years ago, continues to inspire generations with its call to honor the motherland.

  • The Constitution, adopted in 1949 and implemented in 1950, remains the cornerstone of India’s democratic identity.

  • Together, they represent the soul and structure of the nation—heritage and governance intertwined.


As the voices of students and educators resonated in unison, the day reaffirmed a collective vision: to nurture future citizens who are not only academically empowered but also deeply rooted in constitutional ideals and cultural pride.

Six Days of Digital Content Mapping: A Step Toward Future‑Ready Classrooms

 

From 21st to 26th November 2025, SCERT Uttarakhand hosted a transformative six‑day workshop on digital content mapping and resource development aligned with the new NCERT books. The workshop was chaired and concluded in the presence of Deputy Director Ajeet Bhandari, whose guidance pointed out the importance of the hour—creating accessible, high‑quality e‑content for students across all classes.

  • Visionary leadership: Deputy Director Ajeet Bhandari inspired participants and subject matter experts (SMEs) to embrace digital innovation in education.

  • Expert facilitation: Resource individuals Supriya Bahukhandi and Bhaskar Joshi guided participants through the structure of e‑content creation, focusing on ICT tools for planning and script writing.

  • Innovative initiation: IT faculty R.P. Badoni introduced the concept of content mapping and analysis, laying the foundation for script writing and video production for DIKSHA and PM eVidya channels.

  • Seamless coordination: Shive Prakash Verma and Pushpa Aswal ensured smooth execution of the six‑day program, balancing sessions in the seminar hall and IT lab.

  • Collaborative contributions: SMEs shared their experiences in open sessions, enriching the dialogue on digital pedagogy.

  • Creative showcase: On the final day, participants presented sample texts and videos, offering a glimpse into the future of classroom‑ready digital content.


The workshop was not just about learning tools—it was about reimagining education. Participants explored:

  • Mapping content analysis before script writing.

  • Using ICT tools to design bilingual, accessible scripts.

  • Creating video lessons tailored for diverse learners.

  • Building confidence to contribute to national platforms like DIKSHA and PM eVidya.


The valedictory session reflected a collective commitment, as participants expressed their readiness to carry forward the vision of creating inclusive and future-oriented content. National ICT and State awardee teachers, along with subject matter experts (SMEs), are contributing to the creation of e-content and have already produced sample videos; we have sown the seeds of innovation. The workshop serves as a milestone in empowering educators to integrate traditional knowledge with digital tools, ensuring that learning remains engaging, equitable, and inspiring.

Friday, November 21, 2025

ए पी जे अब्दुल कलाम राज्य विज्ञान महोत्सव 2025 समापन दिवस एवं सम्मान समारोह

देवराज सिंह राणा राज्य विज्ञान समन्वयक 
ए पी जे अब्दुल कलाम राज्य विज्ञान महोत्सव 2025 के समापन दिवस के अवसर पर उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि अजय भट्ट , माननीय सांसद नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ किया। आज के अन्य अतिथियों में बंदना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड, मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल एवं कार्यक्रम संयोजक गोविंद राम जयसवाल जी की गरिमामय उपस्थिति समापन कार्यक्रम के दौरान रही।

सांसद माननीय अजय भट्ट जी ने बाल वैज्ञानिकों को अपना आशीर्वाद देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर विजेता बाल वैज्ञानिकों को अपनी बधाई प्रेषित की।   विज्ञान ड्रामा में उत्तरकाशी जनपद की राजकीय इंटर कालेज कवाएटहली ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, इनके विज्ञान ड्रामा का शीर्षक "कल्पतरु की छाँव में ग्रीन टेक्नोलॉजी" था। द्वितीय स्थान पर विज्ञान ड्रामा में ऊधम सिंह नगर जनपद के गुरु गुरुकुल अकादमी इंटर कॉलेज खटीमा का नाटक "सभी के लिए स्वच्छता" रहा। 


तृतीय स्थान पर पिथौरागढ़ जनपद का विज्ञान ड्रामा "डिजिटल इंडिया" रहा।  विज्ञान मॉडल में सीनियर वर्ग में जनपद नैनीताल के राजकीय इंटर कॉलेज गरजौली के आदित्य ने सतत कृषि वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्वास्थ्य और स्वच्छता वर्ग में टिहरी गढ़वाल की राजकीय इंटर कॉलेज गौनीखाल की दीप्ति रावत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जल संरक्षण और प्रबंधन वर्ग में नैनीताल जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज चांफी की कुमारी यामिनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जूनियर वर्ग में अपशिष्ट प्रबंध और प्लास्टिक के विकल्प वर्ग में अल्मोड़ा के इंटर कॉलेज रानीधारा के हर्षित बिष्ट ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मनोरंजक गणित मॉडल वर्ग में देहरादून के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हरिपुर कालसी की राशि ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जल संरक्षण और प्रबंधन वर्ग में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड देहरादून की समीरा जाड़ा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त भी कई वर्गों में बच्चों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पुरस्कार जीते।


अंत में, कार्यक्रम के संयोजक मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल गोविंद राम जायसवाल जी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और विजेता बच्चों को आगामी राष्ट्रीय प्रतियोगिता हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

आज के समापन कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक पुष्कर लाल टमटा, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक हर्ष बहादुर चंद, एम बी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डी के पंत, कार्यक्रम की स्थलीय संयोजक कमला शैल,राज्य विज्ञान समन्वयक एस सी इ  आर टी देवराज राणा,डॉ के एन बिजलवाण संयुक्त निदेशक सहायक निदेशक एस सी इ आर टी,जिला विज्ञान समन्वयक डॉ दिनेश जोशी, सह समन्वयक प्रदीप जोशी, खंड शिक्षा अधिकारी हलवानी तारा सिंह, डॉ कन्नू जोशी, गिरीश कंडपाल आदि उपस्थित रहे।के अवसर पर उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि अजय भट्ट जी, माननीय सांसद नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का प्रारंभ किया।


आज के अन्य अतिथियों में बंदना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड, मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल एवं कार्यक्रम संयोजक  गोविंद राम जयसवाल जी की गरिमामय उपस्थिति समापन कार्यक्रम के दौरान रही।


सांसद माननीय अजय भट्ट ने बाल वैज्ञानिकों को अपना आशीर्वाद देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर विजेता बाल वैज्ञानिकों को अपनी बधाई प्रेषित की।   विज्ञान ड्रामा में उत्तरकाशी जनपद की राजकीय इंटर कालेज कवाएटहली ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, इनके विज्ञान ड्रामा का शीर्षक "कल्पतरु की छाँव में ग्रीन टेक्नोलॉजी" था। द्वितीय स्थान पर विज्ञान ड्रामा में ऊधम सिंह नगर जनपद के गुरु गुरुकुल अकादमी इंटर कॉलेज खटीमा का नाटक "सभी के लिए स्वच्छता" रहा। तृतीय स्थान पर पिथौरागढ़ जनपद का विज्ञान ड्रामा "डिजिटल इंडिया" रहा।

विज्ञान मॉडल में सीनियर वर्ग में जनपद नैनीताल के  राजकीय इंटर कॉलेज गरजौली के आदित्य ने सतत कृषि वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। स्वास्थ्य और स्वच्छता वर्ग में टिहरी गढ़वाल की राजकीय इंटर कॉलेज गौनीखाल की दीप्ति रावत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

जल संरक्षण और प्रबंधन वर्ग में नैनीताल जनपद के राजकीय इंटर कॉलेज चांफी की कुमारी यामिनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। जूनियर वर्ग में अपशिष्ट प्रबंध और प्लास्टिक के विकल्प वर्ग में अल्मोड़ा के इंटर कॉलेज रानीधारा के हर्षित बिष्ट ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मनोरंजक गणित मॉडल वर्ग में देहरादून के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हरिपुर कालसी की राशि ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

जल संरक्षण और प्रबंधन वर्ग में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज राजपुर रोड देहरादून की समीरा जाड़ा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त भी कई वर्गों में बच्चों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पुरस्कार जीते।


अंत में, कार्यक्रम के संयोजक मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल गोविंद राम जायसवाल जी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और विजेता बच्चों को आगामी राष्ट्रीय प्रतियोगिता हेतु शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।

आज के समापन कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक पुष्कर लाल टमटा, जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक हर्ष बहादुर चंद, एम बी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डी के पंत, कार्यक्रम की स्थलीय संयोजक कमला शैल,राज्य विज्ञान समन्वयक एस सी इ  आर टी देवराज राणा,डॉ के एन बिजलवाण संयुक्त निदेशक सहायक निदेशक एस सी इ आर टी,जिला विज्ञान समन्वयक डॉ दिनेश जोशी, सह समन्वयक प्रदीप जोशी, खंड शिक्षा अधिकारी हलवानी तारा सिंह, डॉ कन्नू जोशी, गिरीश कंडपाल आदि उपस्थित रहे।