Saturday, December 27, 2025

Hackathon2.0; Phase1- Result of Shortlisted Declared – Celebrating Innovation by Teachers and Students in Uttarakhand

Hackathon 2.0: 2025

Innovation, creativity, and problem-solving took centre stage with the successful completion of the first phase of Hackathon 2025, an initiative facilitated by SCERT Uttarakhand to promote innovative thinking among teachers and students.

The hackathon witnessed enthusiastic participation from across the state:

  • 159+ Teachers
  • 340+ Students
  • Total Winners (to be announced after the final round)


The education ecosystem in Uttarakhand is nurturing a growing culture of innovation and hands-on learning, as evidenced by these numbers.

First Phase Shortlisting

After careful review and evaluation, the shortlisted ideas for Phase I have now been announced. The shortlisted projects demonstrated originality, relevance, feasibility, and alignment with real-world educational and social challenges.

All shortlisted entries are currently under verification, after which the selected participants will receive individual communication regarding the next stage.

Final Round: Physical Project Presentations

The final round will consist of physical project presentations at SCERT Uttarakhand, where participants will present their ideas before a jury of experts. This round will focus on:

  • Practical implementation

  • Innovation depth

  • Impact and scalability

  • Presentation and problem-solving skills

Final Showcase & Awards

Following the jury evaluation:

  • 20 outstanding student projects

  • 10 exceptional teacher projects

will be recognised and awarded during the Final Showcase & Awards Ceremony.

Please note that the currently released list is provisional and not the final result. Final winners will be announced only after the physical presentation round.

Check Your Result

Participants can check their First Round Hackathon Result here:

The Hackathon 2025 stands as a testament to the innovative spirit of Uttarakhand’s teachers and students. SCERT Uttarakhand remains committed to fostering creativity, critical thinking, and experiential learning across the state.

Best wishes to all shortlisted participants for the final round! 

Friday, December 26, 2025

SCERT उत्तराखंड द्वारा आयोजन एवं कार्यक्रम का शुभारंभ: वीर बाल दिवस: साहस, बलिदान और प्रेरणा का प्रतीक

 

हर वर्ष 26 दिसंबर को पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस साहिबजादा जोरावर सिंह एवं साहिबजादा फतेह सिंह के अद्वितीय साहस, अटूट विश्वास और सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु समर्पित है। अल्पायु में भी इन वीर बालकों ने अन्याय, अत्याचार और प्रलोभनों के सामने झुकने से इंकार करते हुए धर्म, सत्य और मानव मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया। उनका बलिदान आज भी समाज, विशेषकर बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा का अमर स्रोत है।

साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह, सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के सुपुत्र थे। मुगल शासक द्वारा दी गई अमानवीय यातनाओं के बावजूद उन्होंने अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका यह त्याग हमें सिखाता है कि सच्ची वीरता उम्र की मोहताज नहीं होती।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड द्वारा वीर बाल दिवस के अवसर पर विविध रचनात्मक, शैक्षिक एवं खेल गतिविधियों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अकादमिक निदेशक बन्दना गर्ब्याल एवं अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को साहिबजादों के बलिदान से प्रेरणा लेने और जीवन में सत्य, साहस एवं नैतिक मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया।

आयोजित प्रतियोगिताएँ एवं विजेता

इस अवसर पर विभिन्न आयु वर्गों में अनेक प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कविता वाचन (15–18 वर्ष वर्ग)

  • प्रथम: वीर सिंह – सनातन धर्म राजकीय इंटर कॉलेज, बन्नू

  • द्वितीय: जय मैनी – श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज

  • तृतीय: साहिल – सनातन धर्म इंटर कॉलेज, बन्नू

चित्रकला (6–10 वर्ष वर्ग)

  • प्रथम: मोनिका – राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नालापानी

  • द्वितीय: लक्ष्मी – राजकीय प्राथमिक विद्यालय, ननूर खेड़ा

  • तृतीय: राधिका – राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नूरखेड़ा

खेल प्रतियोगिता (6–11 वर्ष)

  • प्रथम: नेहा कुमारी – प्राइमरी स्कूल, तरला आमवाला

  • प्रथम: सपना – प्राइमरी स्कूल, नालापानी

  • प्रथम: मानव – प्राथमिक स्कूल, ननूर खेड़ा

लेमन रेस

  • प्रथम: दीक्षित – प्राथमिक स्कूल, तरला आमवाला

  • द्वितीय: लकी – प्राथमिक स्कूल, ननूर खेड़ा

  • तृतीय: मैथिली – प्राथमिक स्कूल, ननूर खेड़ा

भाषण प्रतियोगिता

  • प्रथम: केदार गुप्ता – सनातन धर्म इंटर कॉलेज

  • द्वितीय: दीपिका – राजकीय इंटर कॉलेज, नालापानी

  • तृतीय: पुष्पा – गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल, राजपुर

कहानी वाचन (जूनियर)

  • प्रथम: हंसना – राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लक्खीबाग

  • द्वितीय: अनुष्का गोयल – गुरु राम राय इंटर कॉलेज, पटेल नगर

  • तृतीय: आलोक नाथ – राजकीय इंटर कॉलेज, नालापानी

निबंध प्रतियोगिता

  • प्रथम: मेधा – राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, रायपुर

  • द्वितीय: आदित्य चंद – सनातन धर्म इंटर कॉलेज, बन्नू

  • तृतीय: सांची गुलाटी – गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, पटेल नगर

कहानी वाचन (सीनियर वर्ग)

  • प्रथम: प्रिंस – सनातन धर्म इंटर कॉलेज, बन्नू

  • द्वितीय: निशांत – सनातन धर्म इंटर कॉलेज, बन्नू

🎤 कविता वाचन (11–14 वर्ष वर्ग)

  • प्रथम: फलक – राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लक्खीबाग

  • द्वितीय: राजलक्ष्मी – राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, लक्खीबाग

  • तृतीय: तनु – राजकीय इंटर कॉलेज, नालापानी

इन सभी गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत के गौरवशाली इतिहास से जोड़ना, उनकी रचनात्मक प्रतिभा को मंच प्रदान करना तथा उनमें साहस, राष्ट्रप्रेम, नैतिकता और आत्मविश्वास का विकास करना रहा।

वीर बाल दिवस केवल एक स्मरणीय दिवस नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को मूल्यों, बलिदान और निडरता के पथ पर अग्रसर करने का सशक्त माध्यम है। SCERT उत्तराखंड द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम निस्संदेह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास एवं राष्ट्रीय चेतना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।

Wednesday, December 24, 2025

प्रदेश के वीर बालक बलिकाएं वीर दिवस पर होंगी सम्मानित: साहस, बलिदान और प्रेरणा का प्रतीक होगा 26 दिसंबर 2025

 

वीर बाल दिवस: साहस, बलिदान और प्रेरणा का प्रतीक

हर वर्ष 26 दिसंबर को पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिवस साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के अद्वितीय साहस, अटूट विश्वास और सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित है। मात्र छोटी आयु में भी उन्होंने अन्याय और अत्याचार के सामने झुकने से इनकार कर दिया और धर्म व मानव मूल्यों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इस वर्ष विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड वीर बाल दिवस पर विशेष आयोजन कर भी आयोजित कर रहा है। 

वीर बाल दिवस का ऐतिहासिक महत्व

साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह, सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह  के सुपुत्र थे। मुगल शासक द्वारा दी गई यातनाओं और प्रलोभनों के बावजूद उन्होंने अपने धर्म और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका यह बलिदान आज भी बच्चों, युवाओं और समाज के लिए साहस, सत्य और आत्मबल का अनुपम उदाहरण है।

SCERT उत्तराखंड द्वारा आयोजन

राज्य स्तर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड द्वारा वीर बाल दिवस के अवसर पर राज्यभर में विविध रचनात्मक एवं शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।  इन गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत के गौरवशाली इतिहास से जोड़ना और उनमें नैतिक मूल्यों का विकास करना है।

आयोजित प्रमुख गतिविधियाँ

वीर बाल दिवस के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित प्रतियोगिताएँ एवं कार्यक्रम आयोजित होंगी :

  • खेल खेल मे सीखना ( Palyway Learning)
  • निबंध लेखन (Essay Writing)
  • कविता पाठ (Poetry Recitation)
  • कहानी वाचन (Story Telling)
  • चित्रकला (Painting)
  • डिजिटल प्रतियोगिता (Digital Contest)
  • रचनात्मक लेखन (Creative Writing)

इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को साहिबजादों के जीवन, उनके त्याग और वीरता से परिचित कराया गया तथा नई पीढ़ी को प्रेरित और सशक्त बनाने का प्रयास होगा । 


बालक-बालिका वीरता सम्मान

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बालक-बालिकाओं को सम्मान प्रदान कर उनके आत्मविश्वास और प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह पहल बच्चों में सकारात्मक सोच, नेतृत्व क्षमता और राष्ट्रप्रेम की भावना को सुदृढ़ करती है।

वीर बाल दिवस हमें यह सिखाता है कि उम्र भले ही छोटी हो, लेकिन साहस, आत्मसम्मान और सत्य के प्रति निष्ठा किसी भी व्यक्ति को महान बना सकती है। साहिबजादों का बलिदान आज की पीढ़ी को यह संदेश देता है कि कठिन परिस्थितियों में भी सही मार्ग पर डटे रहना ही सच्ची वीरता है।

वीर बाल दिवस केवल एक स्मृति दिवस नहीं, बल्कि बच्चों और युवाओं को चरित्र, साहस और देशभक्ति के मार्ग पर अग्रसर करने का अवसर है। 

Tuesday, December 23, 2025

समग्र प्रगति कार्ड (Holistic Progress Card) पर दो दिवसीय शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन

 

देहरादून, उत्तराखंड:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यालयी मूल्यांकन प्रणाली को अधिक समग्र, विद्यार्थी-केंद्रित एवं विकासोन्मुख बनाने के उद्देश्य से उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद, रामनगर द्वारा समग्र प्रगति कार्ड (Holistic Progress Card) पर आधारित दो दिवसीय शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड के सभागार में किया गया।


कार्यशाला की अध्यक्षता एवं शुभारंभ

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला की अध्यक्षता निदेशक अकादमिक, SCERT उत्तराखंड बन्दना गर्ब्याल एवं डॉ. मुकुल सती द्वारा संयुक्त रूप से की गई। इस अवसर पर एनसीईआरटी से डॉ इंद्राणी ने online सम्बोधन से प्रतिभागियों को एच पी सी पर चर्चा की । 
कार्यक्रम का स्वागत उद्बोधन सचिव, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (बोर्ड परीक्षा)  विनोद सेमल्टी एवं नोडल अधिकारी बी.एम.एस. रावत द्वारा किया गया। इस कार्यशाला का सफल संचालन बोर्ड प्रतिनिधि शैलेन्द्र जोशी द्वारा किया गया । 


कार्यशाला का उद्देश्य

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को समग्र प्रगति कार्ड (HPC) की अवधारणा, इसकी संरचना तथा कक्षा स्तर पर इसके प्रभावी क्रियान्वयन की प्रक्रिया से अवगत कराना था। समग्र प्रगति कार्ड के माध्यम से विद्यार्थियों के केवल शैक्षणिक प्रदर्शन ही नहीं, बल्कि उनके:

  • सामाजिक एवं भावनात्मक विकास
  • रचनात्मकता एवं आलोचनात्मक चिंतन
  • व्यवहारिक कौशल एवं जीवन मूल्यों का भी समुचित मूल्यांकन किया जा सकेगा।

प्रशिक्षण सत्रों की प्रमुख विषयवस्तु

दोनों दिनों में आयोजित सत्रों के दौरान विशेषज्ञों द्वारा निम्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई:

  • पारंपरिक अंकों आधारित मूल्यांकन से आगे बढ़कर योग्यता आधारित मूल्यांकन
  • समग्र प्रगति कार्ड की आवश्यकता और उपयोगिता
  • शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक की भूमिका
  • कक्षा शिक्षण से जुड़े व्यावहारिक उदाहरण
  • सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की प्रक्रिया

कार्यशाला को संवादात्मक सत्रों, प्रस्तुतीकरण एवं प्रश्नोत्तर के माध्यम से प्रभावी बनाया गया।


शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता

राज्य के विभिन्न जनपदों से आए शिक्षकों ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी की। शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि समग्र प्रगति कार्ड से विद्यार्थियों की व्यक्तिगत क्षमताओं की पहचान, सीखने की प्रगति को समझने तथा सकारात्मक फीडबैक देने में सहायता मिलेगी।

शिक्षा सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

समापन सत्र में यह रेखांकित किया गया कि समग्र प्रगति कार्ड का सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब शिक्षक इसे केवल एक औपचारिक दस्तावेज न मानकर, शिक्षण–अधिगम प्रक्रिया का अभिन्न अंग बनाएं। यह पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड में गुणवत्ता आधारित और समावेशी शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी।

पीएम ई-विद्या पर आईटी विभाग SCERT उत्तराखंड के कार्यों की समीक्षा

 

संसाधन उन्नयन एवं ICT गुणवत्ता सुधार पर उच्च स्तरीय बैठक

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) उत्तराखंड में पीएम ई-विद्या एवं ICT पहलों को लेकर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड –  दीप्ति सिंह द्वारा की गई।

बैठक के प्रारंभ में अकादमिक निदेशक  – बन्दना गर्ब्याल द्वारा महानिदेशक महोदया का पुष्प-भेंट कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक  पदमेन्द्र सकलानी तथा संयुक्त निदेशक डॉ. सयाना की गरिमामयी उपस्थिति रही।

ICT Initiatives of SCERT Uttarakhand : प्रमुख सारांश

आई टी विभाग प्रस्तुति के माध्यम से SCERT उत्तराखंड के आईटी विभाग द्वारा किए गए प्रमुख नवाचारों एवं उपलब्धियों को प्रस्तुत किया गया, जिनमें मुख्य रूप से—

  • UNESCO (IITE) द्वारा वैश्विक मान्यता
  • SCERT उत्तराखंड की ICT एवं AI पहलों को UNESCO की अंतरराष्ट्रीय गाइड में State Case Study के रूप में शामिल किया गया, जिससे राज्य को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर पहचान मिली।
  • MOOCs के माध्यम से शिक्षक क्षमता संवर्धन
  • ICT विभाग द्वारा विकसित MOOCs (Level 1 & 2) के माध्यम से 47,000+ शिक्षकों को ICT टूल्स, डिजिटल असेसमेंट, AI टूल्स एवं नवाचारी शिक्षण पद्धतियों में प्रमाणित किया गया।
  • PM eVIDYA एवं DIKSHA के लिए डिजिटल कंटेंट निर्माण
  • कक्षा 3 से 12 तक SRG के माध्यम से पाठ्यक्रम आधारित गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेंट विकसित कर DIKSHA पोर्टल एवं PM eVIDYA YouTube चैनल पर उपलब्ध कराया गया।
  • राज्य स्तरीय हैकाथॉन एवं नवाचार इकोसिस्टम
  • 4900+ प्रस्तावों के साथ ऑनलाइन हैकाथॉन, 250+ शॉर्टलिस्टेड प्रोजेक्ट्स और छात्रों-शिक्षकों को राज्य स्तरीय पहचान।
  • SCERT वेबसाइट डिजिटलीकरण एवं ई-मैगज़ीन ‘रतब्याणी’
  • शोध, प्रशिक्षण, नवाचार एवं श्रेष्ठ प्रथाओं का डिजिटल रिपॉज़िटरी के रूप में विकास।
  • CLAP परियोजना एवं डिजिटल वैन
  • दूरस्थ एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लर्निंग की पहुँच सुनिश्चित करना।

बैठक में दिए गए प्रमुख सुझाव (ICT के माध्यम से गुणवत्ता सुधार)

1. महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा – दीप्ति सिंह के सुझाव

  • पीएम ई-विद्या चैनलों के लिए उन्नत तकनीकी संसाधनों (High-end systems, studio support, cloud storage) का प्रावधान।
  • कंटेंट में शैक्षिक गुणवत्ता, पहुँच और निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु मानक (Quality Benchmarks) विकसित किए जाएँ।
  • ICT पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर स्केलेबल मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने पर बल।
  • माध्यमिक स्तर पर AI, डिजिटल असेसमेंट और वर्चुअल लैब के समन्वय पर बल।

2. निदेशक अकादमिक बन्दना गर्ब्याल ने संस्थान के मुखिया के तौर पर इस बिन्दुओ पर चर्चा मे रखा -

  • उच्च गुणवत्ता के संसाधन के लिए संसाधन दिए जाने पर कार्ययोजना 
  • ICT को केवल तकनीक न मानकर पैडागॉजी से जोड़ने की आवश्यकता।
  • शिक्षकों द्वारा तैयार ई-कंटेंट की शोध-आधारित समीक्षा एवं डॉक्यूमेंटेशन
  • वैश्विक पहचान को राष्ट्रीय मंचों, सम्मेलनों एवं नीति संवाद तक ले जाने की रणनीति।

3. निदेशक माध्यमिक शिक्षा – डॉ. मुकुल कुमार सती के सुझाव

  • सभी ICT प्रस्तावों को शैक्षिक परिणामों (Learning Outcomes) से जोड़ने पर जोर।
  • संसाधन पूर्ति हेतु स्पष्ट प्रस्ताव एवं योजना आधारित डिमांड प्रस्तुत करने का सुझाव।

4. अपर निदेशक – पदमेन्द्र सकलानी के अनुसार 

  • ICT विभाग के लिए मानव संसाधन एवं तकनीकी संसाधनों का सुदृढ़ीकरण
  • PM eVIDYA, DIKSHA, MOOCs एवं हैकाथॉन को एकीकृत डिजिटल रणनीति के तहत संचालित करने की आवश्यकता।

संयुक्त निदेशक विनोद कला ने बैठक में ICT पहलों की मैदानी उपयोगिता और नीतिगत क्रियान्वयन पर विशेष कहा कि ताकि ICT आधारित सभी शैक्षिक कार्यक्रमों को विद्यालय स्तर तक प्रभावी रूप से लागू करने हेतु स्पष्ट Implementation Framework तैयार किया जाना चाहिए। 
इसी क्रम मे सहायक निदेशक डॉ के एन बिजलवान ने कहा कि PM eVIDYA, DIKSHA और MOOCs जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग केवल कंटेंट तक सीमित न रहकर कक्षा-कक्ष शिक्षण, मूल्यांकन एवं रेमेडियल सपोर्ट से जोड़ा जाए। डॉ सायना के अनुसार  ICT के माध्यम से नीति, नवाचार और कक्षा-कक्ष के बीच की दूरी को कम किया जा सकता है, बशर्ते इसे योजनाबद्ध और सतत रूप से लागू किया जाए। इस बैठक में संयुक्त निदेशक कमला बड़वालकैलाश डंगवाल,  रमेश बडोनी,  शिव प्रकाश वर्मा, पुष्पा असवाल,  सौरभ जोशी,  विनय उनियाल,  हिमानी भट्ट सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
यह समीक्षा बैठक SCERT उत्तराखंड के ICT विभाग के लिए दिशा-निर्देशन्  एवं  दीक्षा -पीएम ई-विद्या के माध्यम से किए जा रहे नवाचार, वैश्विक मान्यता और राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए, संसाधन उन्नयन एवं गुणवत्ता सुधार हेतु ठोस सुझाव प्राप्त हुए ताकि  ICT के माध्यम से उत्तराखंड शिक्षा को नवाचार, समावेशन और गुणवत्ता की नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए SCERT निरंतर प्रयास करता रहे ।