उत्तराखण्ड में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या लंबे समय से चिंता का विषय रही है। प्रतिदिन होने वाली दुर्घटनाएँ न सिर्फ जनहानि का कारण बनती हैं, बल्कि समाज के मानसिक और आर्थिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं। इस गंभीर मुद्दे को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है—राज्य के सभी स्कूलों में ‘रोड सेफ्टी क्लब’ का गठन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
सड़क सुरक्षा पर मुख्यमंत्री का फोकस
देहरादून में आयोजित सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में जनभागीदारी सबसे अहम है। यदि विद्यालय स्तर पर बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए, तो आने वाली पीढ़ी अधिक संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनेगी।
एससीईआरटी उत्तराखण्ड द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए एक विशेष वीडियो सीरीज़ का निर्माण किया गया है, जिसे प्रदेश के सभी विद्यालयों में प्रसारित किया जाएगा।
कक्षा 9 की आपदा प्रबंधन विषय में सड़क सुरक्षा नियमों पर आधारित एक पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। कक्षा 1 एवं 2 के लिए विकसित की जा रही नई पाठ्य-पुस्तकों में सड़क सुरक्षा संकेतों को सम्मिलित किया गया है। सड़क सुरक्षा जागरूकता पर आधारित 6 ऑडियो–वीडियो गीतों का निर्माण किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारियों एवं शिक्षकों को सम्मानित किया गया। शिक्षा विभाग से सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु राजकीय प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रुक्मणी जी को सम्मानित किया गया। बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज जी सहित परिवहन विभाग, पुलिस, पीडब्ल्यूडी, चिकित्सा शिक्षा तथा शिक्षा विभाग के सचिवों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
स्कूलों में रोड सेफ्टी क्लब क्यों जरूरी?
समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए, जिनमें यह तथ्य बेहद चौंकाने वाला है कि—
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प्रदेश में अधिकांश सड़क दुर्घटनाएँ शाम 6 बजे से रात 9 बजे के बीच होती हैं।
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वर्ष 2023 में 1488 लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हुई।
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157 स्थान ऐसे हैं जहाँ दुर्घटनाएँ बार-बार होती हैं—अर्थात ब्लैक स्पॉट्स।
ऐसे में स्कूली शिक्षा से ही बच्चों को यातायात नियमों, सुरक्षा उपकरणों (हेल्मेट, सीट बेल्ट), सड़क संकेतों और सुरक्षित यात्रा के सिद्धांतों से परिचित कराना एक आवश्यक कदम है।
रोड सेफ्टी क्लब की प्रमुख गतिविधियाँ
प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित रोड सेफ्टी क्लब में निम्न गतिविधियाँ शामिल होंगी—
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ट्रैफिक नियमों पर विशेष वर्कशॉप
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सड़क सुरक्षा रैली
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वीडियो एवं ऑडियो आधारित जागरूकता कार्यक्रम
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स्थानीय ट्रैफिक पुलिस के साथ संयुक्त कार्यक्रम
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स्टूडेंट सेफ्टी एम्बेसडर का चयन
इससे न केवल छात्र जागरूक होंगे, बल्कि वे अपने परिवारों और समुदाय में भी सुरक्षा संदेश फैलाएंगे।
खतरनाक सड़कें और समाधान की दिशा में प्रयास
समीक्षा बैठक में विभिन्न जिलों की खतरनाक सड़कों की स्थिति भी प्रस्तुत की गई। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में सड़क दुर्घटनाएँ अधिक हैं। 10 प्रमुख सड़कों को हाई-रिस्क रोड के रूप में भी चिन्हित किया गया है।
सरकार इन सड़कों पर—
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ब्लैक स्पॉट्स की पहचान
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साइन बोर्डों की व्यवस्था
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सड़क चौड़ीकरण
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रात में रिफ्लेक्टिव मार्किंग
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स्पीड कंट्रोल उपाय
जैसे सुधारात्मक कदम उठाने जा रही है।
सड़क सुरक्षा: सरकार + स्कूल + समाज = सुरक्षित प्रदेश
यह पहल केवल सरकारी निर्देश नहीं है, बल्कि पूरे समाज के सम्मिलित प्रयास का परिणाम हो सकती है। जब बच्चे सड़क सुरक्षा सीखेंगे और परिवारों को भी जागरूक करेंगे, तब एक व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा।
सड़क पर सावधानी ही सुरक्षा है—और यह जागरूकता विद्यालयों से ही शुरू होती है।












