Friday, November 08, 2024

उत्तराखंड में पहला MOOC कोर्स लॉन्च: शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" के लिए ऑनलाइन किया शुभारंभ


आज उत्तराखंड के शिक्षा क्षेत्र में एक स्मरणीय दिन रहा, जब माननीय शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य का पहला Massive Open Online Course (MOOC) ‘Fundamentals of ICT Tools for School Teachers’ लॉन्च किया। यह कोर्स शिक्षकों को डिजिटल और तकनीकी कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे कक्षा में प्रभावी तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर अपने शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार कर सकें। यह शुभारंभ विद्या समीक्षा केंद्र, देहरादून में आयोजित किया गया, जहाँ महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, झरना कमठान ने शिक्षा मंत्री के साथ कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

इस अवसर पर निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बंदना गर्ब्याल ने माननीय मंत्री जी का स्वागत किया और कोर्स की आवश्यकता, उद्देश्य और इसके लाभों पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह कोर्स शिक्षकों को ICT के विभिन्न उपकरणों के बारे में जानकारी देगा और उन्हें अपने शिक्षण में इन तकनीकों को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों से इस कोर्स को अनिवार्य रूप से करने की अपील की ताकि वे डिजिटल युग में अपने छात्रों के लिए और अधिक प्रभावी हो सकें।


इस कार्यक्रम में निदेशक माध्यमिक शिक्षा, डॉ. मुकुल सती, अपर निदेशक, अजय नौडियाल, अपर राज्य परियोजना निदेशक, डॉ. कुलदीप गैरोला, अपर निदेशक, रघुनाथ आर्य, संयुक्त निदेशक, पदमेन्द्र सकलनी, आनंद भारद्वाज, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून, प्रदीप रावत, और उप परियोजना निदेशक, मदन मोहन जोशी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया और इसे सफल बनाने में उनकी अहम भूमिका रही।


कोर्स का संपूर्ण विवरण आईटी विभाग के रमेश बडोनी द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने इस कोर्स के विभिन्न मॉड्यूल्स और इसकी संरचना के बारे में जानकारी दी। कोर्स का लाइव डेमो विद्या समीक्षा केंद्र के ई सृजन बॉट के माध्यम से तेज रावत द्वारा दिखाया गया, जिसमें उन्होंने शिक्षकों को कोर्स से जुड़े विभिन्न कार्यों और गतिविधियों को समझाया।

माननीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस अवसर पर अधिकारियों से प्रश्न किया कि इस कोर्स को कितने समय में राज्य के सभी स्कूलों और छात्रों तक पहुँचाया जा सकता है। महानिदेशक झरना कमठान ने इस पर सहमति जताते हुए कोर्स के विभिन्न पहलुओं का अवलोकन किया और इसके परिणामों को मापने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने इस कोर्स को उत्तराखंड के शिक्षा के डिजिटल रूपांतरण की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।


लाइव स्ट्रीमिंग विडिओ : कोर्स एवं डेमो रन एप मूक्स 


कोर्स रेजिस्ट्रैशन लिंक और QR कोड 

विद्या समीक्षा केंद्र की टेक टीम में हेमेन्द्र सिंह, प्रकाश रावत, तेज सिंह, प्राची, और दीक्षा ने कार्यक्रम के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मेहनत और योगदान के कारण यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो सका।

कोर्स का लाभ और विवरण

Fundamentals of ICT Tools for School Teachersएक 10 घंटे का प्रमाणित कोर्स है, जो राज्य के सभी शिक्षकों को डिजिटल और शिक्षण कौशल में सुधार का अवसर प्रदान करता है। यह कोर्स ई सृजन बॉट के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध है और शिक्षकों को इसे अपने समय के अनुसार पूरा करने की सुविधा देता है। कोर्स की समाप्ति पर, सभी प्रतिभागी कोर्स प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे, जो उनके डिजिटल कौशल के प्रमाण के रूप में काम करेगा।

इस कोर्स के माध्यम से शिक्षक ICT (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) उपकरणों का उपयोग अपने कक्षाओं में और अधिक प्रभावी ढंग से कर पाएंगे, जिससे उनके छात्रों की सीखने की क्षमता में सुधार होगा और वे नई तकनीकों से बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे। शिक्षकों को अपने ज्ञान और कौशल को अद्यतन करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

शिक्षक ई सृजन बॉट - स्विफ्ट चैट के माध्यम से इस कोर्स के लिए पंजीकरण कर सकते हैं और इसे समयबद्ध रूप से पूरा करना अनिवार्य है ताकि वे प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकें। इस ऑनलाइन सत्र में लगभग 580  दर्शक शिक्षक और अधिकारी लाइव जुड़े और 12,000 से अधिक दर्शकों ने इसे यूट्यूब के माध्यम से लाइव जॉइन किया , जो इस कोर्स की व्यापक स्वीकार्यता और लोकप्रियता को दर्शाता है।


निदेशक बंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आशारानी पैन्यूली, अजय नौडियाल , संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी,  उप निदेशक शैलेन्द्र अमोली , सहायक  निदेशक डॉ के एन बिजलवान , आदि   के सहयोग के बिना यह कोर्स संभव नहीं हो पाता। इस पहल के लिए सभी विशेषकर  कोर्स निर्माताओं और अधिकारियों को बधाई। यह कदम उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली को डिजिटल युग के लिए तैयार करने और छात्रों की शिक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।


Thursday, November 07, 2024

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राज्य विज्ञान महोत्सव - 2024: एक नई दिशा में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की ओर

 

उत्तराखंड में इस साल का डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राज्य विज्ञान महोत्सव - 2024 एक महत्वपूर्ण आयोजन के रूप में प्रस्तुत होने जा रहा है, जिसका उद्देश्य युवा पीढ़ी में वैज्ञानिक चिंतन और दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम समन्वयक के अनुसार यह महोत्सव राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड द्वारा 8 से 10 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा। उद्घाटन समारोह शुक्रवार, 8 नवंबर, 2024 को सुबह 10 बजे होगा, जो श्री गुरु राम राय लक्ष्मण इंटर कॉलेज, पटेल नगर, देहरादून में आयोजित होगा।

इस महोत्सव में उत्तराखंड प्रदेश के 13 जनपदों से लगभग 650 बाल वैज्ञानिक भाग लेंगे, जो सात प्रमुख थीम्स पर आधारित अपने मॉडल प्रस्तुत करेंगे। इन थीम्स में सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खाद्य स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, परिवहन एवं संचार, प्राकृतिक खेती, आपदा प्रबंधन, गणितीय प्रतिरूपण, कचरा प्रबंधन, और संसाधन प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। सहायक निदेशक डॉ के एन बिजलवाण ने कहा इन मॉडल्स के माध्यम से, बाल वैज्ञानिकों को युवाओं के बीच वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सोच को विकसित करने का एक मंच मिलेगा।

मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. धन सिंह रावत (शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार) समारोह में उपस्थित होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोद चमोली  (विधायक धर्मपुर विधानसभा ) इस अवसर पर होंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महंत देवेंद्र दास जी महाराज (दार्शनिक संप्रदाय) करेंगे, जो इस महोत्सव की महत्ता को और बढ़ाएंगे।

इस महोत्सव का उद्देश्य केवल विज्ञान के प्रति युवाओं में रुचि जागृत करना ही नहीं, बल्कि "वसुधैव कुटुंबकम" (One Earth, One Family, One Future) के माध्यम से एकता और पर्यावरण संरक्षण की भावना को भी प्रोत्साहित करना है।

इस महोत्सव को सफल बनाने में श्रीमती बंदना गर्ब्याल (निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण  उत्तराखंड) सतत परीक्षण और व्यवस्थाओं का अवलोकन कर रही हैं। उनके नेतृत्व में यह आयोजन युवाओं के लिए एक प्रेरणा और भविष्य के वैज्ञानिकों के लिए एक मजबूत कदम साबित होगा। जबकि संयोजक प्रदीप कुमार (मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून) इस पूरे कार्यक्रम की व्यवस्थाओं का प्रबंधन  कर रहे हैं। 

अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा यह महोत्सव न केवल उत्तराखंड के लिए एक गर्व का क्षण है, बल्कि यह देशभर में युवा वैज्ञानिकों को एक नई दिशा और पहचान देने की ओर एक कदम है।

अवधारणा  पत्र (Concept Note)

सभी बच्चे स्वाभाव से जिज्ञासु एवं खोजी प्रवृत्ति के होते हैं तथा समाज की विविध समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर नवाचार करते हैं। मानव समुदाय ने अधिक सुविधाओं और सुरक्षा की तीव्र गति से प्राप्त करने के लिए विश्व के सीमित संसाधनों पर अधिक दबाव बनाया है और इनके परिणामस्वरूप उत्पन्न समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्र निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रमुख साधनों के रूप में कार्य करते हैं। मानव की मूलभूत समस्याओं को सुलझाने में विज्ञान, गणित एवं प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग हेतु बच्चों एवं शिक्षकों के बीच जागरूकता एवं अभिरुचि के उद्देश्यों से प्रत्येक वर्ष अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड द्वारा विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया जाता है। विज्ञान महोत्सव, विज्ञान प्रदर्शनी एवं विज्ञान ज्ञान का सामूहिक कार्यक्रम है।

  1. विज्ञान प्रदर्शनी – यह गतिविधि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एन.सी.ई.आर.टी) नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित की जाती है। इसका प्रमुख उद्देश्य विद्यालयों में हो रहे परिवर्तनों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डालना, राष्ट्रीय विकास तथा वैश्विक परिवर्तन में विज्ञान की भूमिका की महत्ता के संदर्भ में प्रासंगिकता विकसित करना, आत्मविश्वास तथा शैक्षिक संस्थाओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु विद्यालयों को प्रेरित करना, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को स्कूल में अध्ययन की गुणवत्ता को संवारा है और उसके उपयोग के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना है। इसमें विभिन्न विद्यालयों द्वारा किसी समस्या का समाधान प्रस्तुत करने हेतु मॉडल या पोस्टर के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

    प्रतिभागी वर्ग – कक्षा 6-12 में अध्ययनरत विद्यार्थी। प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित की जाती है –
    (अ) जूनियर वर्ग – कक्षा 6 से 8 में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं।
    (ब) सीनियर वर्ग – कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं।

  2. विज्ञान नाट्य प्रतियोगिता – यह गतिविधि राष्ट्रीय विज्ञान केन्द्र, भैरों मार्ग, प्रगति मैदान नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित की जाती है। विद्यार्थी खेल-खेल में अभिनय द्वारा सारी बात समझ लेते हैं। प्रचार-प्रसार के इस सुगम एवं आनंददायक माध्यम से अभिप्रेरित होकर शिक्षाविदों द्वारा सोचा गया कि क्यों न सांस्कृतिक की इस सरलता एवं आसन विधा को विज्ञान के साथ जोड़ दिया जाए, जिससे छात्र-छात्राएं इसे आत्मसात कर सकें। यह प्रतियोगिता एक समूह (Team) में आयोजित की जाती है। एक समूह (Team) में अधिकतम 8 छात्र/छात्राएं प्रतिभाग करते हैं।

    प्रतिभागी वर्ग – कक्षा 6-10 तक में अध्ययनरत विद्यार्थी।

कुल प्रतिभागी – 546 लगभग (विद्यार्थी एवं मार्गदर्शक शिक्षकों सहित)
आयोजन तिथि – दिनांक 08 नवम्बर से 10 नवम्बर, 2024।
आयोजन स्थल – श्री लक्ष्मण विद्यालय, इंटर कालेज, देहरादून।

SCERT: तृतीय दिवस की KRP एवं एम टी प्रशिक्षण में आचरण के सिद्धांत और जेंडर संवेदनशीलता पर सत्र

 

उत्तराखण्ड में आयोजित KRP (कक्षा शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम) के तृतीय दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें आचरण के सिद्धांत और जेंडर संवेदनशीलता पर विस्तृत चर्चा की गई। इस सत्र में शिक्षा क्षेत्र में जेंडर पर समझ को बढ़ाने और आचरण के सिद्धांतों को सही तरीके से लागू करने के महत्व पर जोर दिया गया।

सत्र का उद्घाटन और दिशा-निर्देश:

सत्र की शुरुआत में, निदेशक अकादमिक और शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड, बन्दना गर्ब्याल ने प्रशिक्षण के संबंध में दिशा-निर्देश दिए और सभी प्रशिक्षकों से जनपद स्तर पर प्रशिक्षण को कुशलतापूर्वक संचालित करने की अपेक्षाएँ जताईं। उन्होंने विशेष रूप से यह भी कहा कि प्रशिक्षण के दौरान अनुशासन का पालन करना और अनुश्रवण के साथ -साथ Active Listening की प्रक्रिया को बढ़ावा देना आवश्यक समझा है। यह सुनिश्चित करना कि प्रशिक्षु पूरी तरह से सत्र में भाग लें और चर्चा के विषय पर गहराई से विचार करें, प्रशिक्षण की सफलता के लिए महत्वपूर्ण है।


मुख्य संदर्भदाता के साथ परिचर्चा :

मुख्य संदर्भदाता के रूप में मौजूद विशेषज्ञों ने जेंडर संवेदनशीलता पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जेंडर से जुड़े मुद्दों को समझने और सुलझाने के लिए एक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। उनका मानना था कि यदि शिक्षक और शिक्षकाएं अपने आचरण और दृष्टिकोण को जेंडर-संवेदनशील बनाते हैं, तो वे न केवल कक्षा में एक समान अवसर प्रदान कर सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

जेंडर संवेदनशीलता के सिद्धांतों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए, संदर्भदाताओं ने बताया कि यह केवल कक्षा में ही नहीं, बल्कि समाज के हर क्षेत्र में समानता की ओर एक कदम बढ़ाने के लिए आवश्यक है। उदाहरण स्वरूप, अगर हम बच्चों को बचपन से ही समान अधिकार, अवसर और सम्मान की भावना देते हैं, तो यह उनके मानसिक विकास में सहायक होता है और एक निष्पक्ष समाज के निर्माण में योगदान करता है।


सत्र का उद्देश्य और प्रभाव:

इस सत्र का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को न केवल जेंडर-संवेदनशील बनाने का था, बल्कि उन्हें आचरण के उन सिद्धांतों से भी अवगत कराना था जो उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देते हैं। जेंडर संवेदनशीलता से संबंधित मामलों में प्रशिक्षकों की भूमिका को प्रभावी ढंग से समझाया गया और यह बताया गया कि शिक्षा में जेंडर से जुड़े भेदभाव को समाप्त करने के लिए शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं।

निष्कर्ष:

आज के सत्र ने शिक्षकों को यह समझने में मदद की कि कैसे वे कक्षा में, समाज में और व्यक्तिगत जीवन में जेंडर संवेदनशीलता और आचरण के सिद्धांतों को प्रभावी रूप से लागू कर सकते हैं। यह न केवल शिक्षा प्रणाली में सुधार लाएगा, बल्कि आने वाले समय में यह बच्चों में समानता, सम्मान और आपसी समझ का एक मजबूत आधार भी तैयार करेगा।


यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखण्ड के शिक्षा क्षेत्र में एक नए दृष्टिकोण को जन्म देगा, जिसमें शिक्षक और शिक्षकाएं जेंडर-सम्बंधी समस्याओं से निपटने के लिए अधिक सक्षम और जागरूक होंगे। आज के सत्र संचालन मे योगदान देने वाले रिसोर्स पर्सन  डॉ प्रेम सिंह, निशा जोशी, डॉ दीपक प्रताप, डॉक्टर मदन मोहन उनियाल और डॉ रमेश पंत , डॉ राकेश गैरोला, श्री प्रवीण चंद पोखरियाल एवं नितिन कुमार प्रमुख रहे । 

Wednesday, November 06, 2024

रियल टाइम डिजिटल उपकरणों के माध्यम से समृद्ध शिक्षण अनुभव – KRP और MT प्रशिक्षण सत्र की एक झलक

 
आज दूसरे सेशन मे : आयोजित KRP (Key Resource Persons) और MT (Master Trainers) प्रशिक्षण सत्र में डिजिटल उपकरणों और शिक्षण विधियों पर केंद्रित गहन सत्र हुए, जिसमें आई टी विभाग के प्रवक्ता  रमेश बडोनी ने सहभागियों को शिक्षण को अधिक रोचक और प्रभावी बनाने के कई तरीकों से परिचित कराया। सत्र में प्रतिभागियों को तकनीकी उपकरणों के उपयोग, सामग्री निर्माण और कक्षा में छात्रों की सहभागिता बढ़ाने के बारे में व्यापक जानकारी दी गई।

प्रमुख बिंदु:

  1. गूगल उपकरणों का कुशल उपयोग:  संदर्भदाता ने  Google Presentations और Google Docs का उपयोग करके प्रभावी शिक्षण योजनाएँ बनाने, साझा करने और उनके माध्यम से रोचक पाठ प्रस्तुत करने के तरीके सिखाए। उन्होंने 5E (Engage, Explore, Explain, Elaborate, Evaluate) मॉडल पर आधारित शिक्षण योजनाओं को बनाने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की, जिससे कक्षा में छात्रों की सहभागिता और समझ को बढ़ावा मिलता है।

  2. सिमुलेशन और इंटरएक्टिव गतिविधियाँ: तकनीक का उपयोग कर कक्षा में इंटरेक्टिव और सिमुलेटिव तरीके से पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने पर जोर दिया गया। संदर्भदाता ने Geogebra, PhET, और Quizizz जैसे उपकरणों का उपयोग कर छात्रों को ऑनलाइन एनिमेशन, वीडियो, और ऑडियो के माध्यम से कठिन विषयों को समझाने के तरीके बताए। इन डिजिटल साधनों से शिक्षण न केवल सरल बल्कि अधिक आकर्षक बन जाता है।

  3. साइबर एथिक्स और इंटरनेट सुरक्षा: सत्र में इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग और साइबर एथिक्स के महत्व को भी रेखांकित किया गया। इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग कैसे सुनिश्चित करें, इसके लिए आवश्यक सुझाव दिए गए ताकि शिक्षक और छात्र दोनों एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण में कार्य कर सकें।

  4. प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी: संदर्भदाता ने विभिन्न उदाहरणों (exemplars) और गतिविधियों के माध्यम से प्रतिभागियों को सत्र में भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कुछ उदाहरणात्मक गतिविधियाँ करवाईं, जिससे प्रतिभागियों को तकनीकी उपकरणों को कक्षा में लागू करने के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी मिली और उन्हें छात्रों के साथ इन टूल्स का उपयोग कर पाठ को रोचक बनाने की प्रेरणा मिली।


अंतिम विचार: इस सत्र में प्रतिभागियों ने डिजिटल उपकरणों का कुशलता से उपयोग कर रोचक और समृद्ध पाठ योजनाएँ बनाने, सामग्री साझा करने और कक्षा में सक्रियता बढ़ाने के अनगिनत नए तरीके सीखे। आज के सत्र ने न केवल शिक्षकों की तकनीकी समझ बढ़ाई बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और प्रभावी शिक्षण वातावरण बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का आत्मविश्वास भी दिया। कार्यक्रम समन्वयक रमेश पंत और डॉ राकेश गैरोला ने प्रतिभागियों को  सतत सत्र इनरैक्शन के लिए संदर्भदाता के के साथ परिचर्चा  को प्रोत्साहित किया । 


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Tuesday, November 05, 2024

एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा शिक्षकों के लिए तैयार है पहला MOOCs "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" विद्या समीक्षा केंद्र में होगा लॉन्च – महानिदेशक झरना कमठान करेंगी उद्घाटन

एससीईआरटी, उत्तराखण्ड में एक नई और महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की जा रही है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, झरना कमठान द्वारा ई सृजन बॅाट् - विद्या समीक्षा केंद्र उत्तराखण्ड से "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" नामक पहले MOOCs (Massive Open Online Courses) को लॉन्च किया जाएगा। यह कोर्स विशेष रूप से स्कूल शिक्षकों के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि उन्हें ICT उपकरणों और तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग सिखाया जा सके, जो उनकी शैक्षिक कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी और आधुनिक बना सके।

यह कोर्स निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण; बन्दना गर्ब्याल के नेतृत्व में तैयार किया गया है। अपर निदेशक अजय नौड़ियाल के निर्देशन और आई टी विभाग के द्वारा यह कोर्स डिजाइन किया गया है जो अब सभी शिक्षकों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि शिक्षक ICT (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) के बुनियादी उपकरणों और उनके उपयोग को सीख सकें और अपनी कक्षाओं में इन्हें बेहतर तरीके से लागू कर सकें। इस कोर्स का उद्देश्य शिक्षकों को डिजिटल शिक्षा के प्रति जागरूक और सक्षम बनाना है, जिससे छात्रों को  सीखने और सिखाने  की प्रक्रिया और अधिक आकर्षक और प्रभावी बन सके।

अपर निदेशक एस सी इ आर टी ; आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि इस पहल से  MOOCs कोर्स शिक्षकों को डिजिटल साक्षरता, ऑनलाइन पाठ्य सामग्री, वर्चुअल कक्षा प्रबंधन, और अन्य आधुनिक तकनीकी उपकरणों के साथ अद्यतन रहने का अवसर प्रदान करेगा। इस पहल के माध्यम से एससीईआरटी उत्तराखण्ड ने NEP 2020 के तहत शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो राज्य के शिक्षकों को डिजिटल उपकरणों के माध्यम से शिक्षण विधियों को सशक्त बनाने का अवसर देगा।

आयोजक- बंदना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड

Zoom लिंक- https://us02web.zoom.us/j/81245208042

लाइव प्रसारण यूट्यूब लिंक-

https://www.youtube.com/live/IHhCbjz4Pak?feature=shared

आशा रानी पैन्यूली ने संभाला एससीईआरटी के अपर निदेशक का कार्यभार, निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने दी शुभकामनाएं, सभी अधिकारी और संकाय सदस्यों ने बधाई दी

 एससीईआरटी, उत्तराखंड में आशा रानी पैन्यूली ने अपर निदेशक के पद का कार्यभार संभाल लिया है। यह अवसर एससीईआरटी के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि अब संस्थान के संचालन में नया नेतृत्व और दिशा मिलने जा रही है। इस पदभार ग्रहण समारोह में निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनकी नेतृत्व क्षमता के प्रति विश्वास व्यक्त किया।

निदेशक बन्दना गर्ब्याल ने आशा रानी पैन्यूली को उनके नए पद की बधाई दी और उन्हें संस्थान के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आपका अनुभव और समर्पण एससीईआरटी को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद करेगा।

इस दौरान आशा रानी पैन्यूली ने अपने नए कार्यभार को ग्रहण करते हुए कहा कि वह संस्थान के विकास, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बेहतर कार्यप्रणालियों के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि संस्थान के साथ मिलकर काम करना उनके लिए गर्व की बात है, और वह हमेशा एक टीम की तरह काम करने पर विश्वास रखती हैं।

कार्यक्रम में एससीईआरटी के अन्य अधिकारियों और संकाय सदस्यों ने भी आशा रानी पैन्यूली को बधाई दी। सभी ने उनके नेतृत्व में काम करने की इच्छा व्यक्त की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। यह कदम एससीईआरटी के भीतर सकारात्मक बदलाव की शुरुआत का प्रतीक माना जा रहा है, जो शिक्षा के क्षेत्र में कई नई पहल और सुधारों को लाने में सहायक होगा।अपर निदेशक अजय नौडियाल के स्थान पर आशा रानी पैन्यूली ने यह पदभार ग्रहण किया है ।

सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस अवसर पर मिलकर अपने विश्वास और उम्मीदें व्यक्त की कि आशा रानी पैन्यूली के नेतृत्व में एससीईआरटी, उत्तराखंड शिक्षा के क्षेत्र में अपनी नई पहचान बनाएगा और राज्य की शिक्षा प्रणाली को और भी सशक्त करेगा।

National Seminar on the 194th Birth Anniversary of Pandit Nain Singh Rawat

October 20-21, 2024 | District Institute of Education and Training (DIET), Pithoragarh, Uttarakhand

In commemoration of the 194th birth anniversary of Pandit Nain Singh Rawat, a two-day National Symposium (held on October 20–21, 2024) was organized at the District Education and Training Institute, Pithoragarh, DIET. The event’s chief guest was Mrs. Bandana Garbyal, Director, Academic Research and Training, Uttarakhand, and prominent historian, 'Padma Shri' awardee Mr. Shekhar Pathak, along with Gandhi and Philosophy expert Mr. Samir Banerjee, honored the event with their esteemed presence.

At this National Symposium, representatives from the district’s six-block education officers, speakers from the State’s District Education and Training Institutes, social science experts, and representatives from NCERT Uttarakhand also delivered their addresses. Mrs. Sudha Painuly and Dr. Sadhana Dimri provided notable presentations. Mr. Rajesh Kumar Pathak conducted the event.

एस सी ई आर टी सभागार मे सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण (प्रवक्ता): मुख्य संदर्भदाता प्रशिक्षण शुरू

 


एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड में वर्ष 2024-25 में प्रदेश के हिन्दी एवं जीव विज्ञान विषयों के प्रवक्ताओं के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण हेतु मुख्य संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। प्रशिक्षण में प्रदेश के डायट्स के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण के समन्वयक और विद्यालयों के हिन्दी तथा जीव विज्ञान विषयों के अनुभवी प्रवक्ता सहित 75 सदस्य प्रतिभाग कर रहे हैं। इस वर्ष प्रदेश में हिन्दी, राजनीति विज्ञान, इतिहास तथा जीव विज्ञान के प्रवक्ताओं का सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण प्रस्तावित है। प्रथम चरण में हिन्दी एवं जीव विज्ञान विषयों के प्रवक्ताओं के प्रशिक्षण हेतु मुख्य संदर्भदाता तैयार किये जा रहे हैं।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए निदेशक श्रीमती बन्दना गर्ब्याल ने कहा कि प्रशिक्षण शिक्षकों के शिक्षण-कौशल के साथ-साथ उनकी कार्यक्षमता में बृद्धि करता है। यह प्रशिक्षण हिन्दी एवं जीव विज्ञान विषयों के शिक्षकों को शैक्षिक नवाचार एवं परिवर्तनों से अवगत करायेगा तथा कक्षा-शिक्षण को रोचक और गतिविधिपूर्ण बनायेगा।

अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. श्रीमती आशा पैन्यूली ने कहा कि इस वर्ष के प्रशिक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा शिक्षा के क्षेत्र में नवीन विषयों को शामिल किया गया है जो शिक्षकों को कक्षा-शिक्षण में सहायक होंगे। अपर निदेशक श्री अजय कुमार नौडियाल  के अनुसार यह कार्यशाला प्रतिभागियों के क्षमता संवर्धन मे कारगर होगी । संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी  ने कहा कि इस प्रशिक्षण में डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम का राज्य स्तर से नियमित अनुश्रवण किया जायेगा।

सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण ने कहा कि प्रशिक्षण की सफलता प्रतिभागियों के सकारात्मक दृष्टिकोण पर निर्भर करती है, अतः प्रतिभागियों की प्रशिक्षण में अधिकतम सहभागिता और सक्रियता आवश्यक है।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ. रमेश पन्त ने विगत वर्ष के प्रवक्ता प्रशिक्षण का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया तथा इस वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा को प्रतिभागियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल्स का विकास किया जा चुका है तथा डायट्स में यह प्रशिक्षण सम्बन्धित विषय के प्रवक्ताओं को दिया जायेगा।

डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला ने इस वर्ष के प्रशिक्षण के बिन्दुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और कहा कि इस वर्ष का प्रशिक्षण 5 दिवसीय होगा जिसमें 3 दिन पैडागॉजी से सम्बन्धित विषय तथा 2 दिन विषयों के कठिन स्थलों पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। यह प्रशिक्षण विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। इस प्रशिक्षण में एस.सी.ई.आर.टी. के साथ डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।

इस प्रशिक्षण में एस.सी.ई.आर.टी. से विषय विशेषज्ञ के रूप में हिन्दी में डॉ. शक्ति प्रसाद सिमल्टी, इतिहास में डा. दीपक प्रताप सिंह, जीव विज्ञान में अखिलेश डोभाल, प्रवीन चन्द्र पोखरियाल तथा डॉ. रंजन कुमार भट्ट मार्गदर्शन कर रहे हैं।

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 की कार्ययोजना

       5 दिनों के प्रशिक्षण में पैडागॉजी एवं विषयगत बिन्दु।

       तीन दिन पैडागॉजी एवं दो दिन विषयगत।

       राज्य स्तर पर मुख्य संदर्भदाताओं का प्रशिक्षण।

       जनपद स्तर पर डायट्स विषयगत प्रवक्ताओं का प्रशिक्षण।

       जिला स्तर पर डायट के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण के समन्वयक के द्वारा प्रशिक्षण का समन्वयन।

       भावी प्रशिक्षण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण आकलन

       प्रशिक्षण पूर्व आकलन- प्रशिक्षण से पूर्व

       प्रशिक्षण पश्चात आकलन- प्रशिक्षण के अन्त में

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 हेतु मुख्य संदर्भदाता प्रशिक्षण की समय-सारणी

प्रथम दिवस-

       राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 का परिचय

       विद्यालयी शिक्षा विभाग के अन्तर्गत विविध छात्रवृत्ति परीक्षाएं

       निर्देशन एवं परामर्श

द्वितीय दिवस-

       स्वजागरूकता का विकास

       कक्षा-कक्ष शिक्षण में आई.सी.टी. का प्रयोग एवं साइबर सुरक्षा

       राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशलों का विकास

       राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में गुणवत्तायुक्त शिक्षा

तृतीय दिवस-

       कार्यस्थल में आचरण के सिद्धान्त

       जेण्डर संवेदनशीलता

       मूल्यांकन एवं प्रश्नपत्र निर्माण

       विद्यार्थियों एवं अध्यापकों का तनाव प्रबंधन

चतुर्थ दिवस एवं पंचम दिवस-

       विषयगत कठिन बिन्दुओं पर प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के सत्रों की गतिविधियाँ

  • समूह चर्चा
  • ब्रैन स्टॉर्मिंग
  • समूह में प्रस्तुतीकरण
  • ग्रुप रीडिंग
  • व्याख्यान
  • प्रतिदिन विषय के एक कठिन टॉपिक का कक्षा-शिक्षण

सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण 2024-25 के अनुश्रवण की कार्ययोजना

       डायट द्वारा नियमित रूप से

       जिला स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के द्वारा

       मण्डल स्तर पर मण्डलीय अधिकारियों के द्वारा

       राज्य स्तर पर- एस.सी.ई.आर.टी. तथा राज्य स्तरीय अधिकारियों के द्वारा

(रिपोर्ट- डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, प्रवक्ता, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड, देहरादून)

छात्रों की समझ की होगी परख, एनसीईआरटी ने जनपद स्तरीय समन्वयकों को दिया प्रशिक्षण


उत्तराखंड सहित देश के अन्य राज्यों में स्कूली बच्चों के अधिगम स्तर के आकलन हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली द्वारा ‘परख – राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024’ का आयोजन किया जाएगा। उत्तराखंड में इसके क्रियान्वयन के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। सर्वेक्षण के आयोजन हेतु राज्य के डी.एल.सी (जनपदीय शिक्षा अधिकारी) तथा जनपदीय मास्टर ट्रेनर्स (डायट फैकल्टी) का अभिमुखीकरण एस.सी.ई.आर.टी, उत्तराखण्ड के सभागार में संपन्न हुआ। “परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-2024” आगामी 4 दिसम्बर 2024 को किया जाना प्रस्तावित है।


प्रशिक्षण में डॉ. इन्द्राणी भादुड़ी, सी.ई.ओ., “परख” एन.सी.ई.आर.टी नई दिल्ली ने प्रतिभागियों को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित किया। एन.सी.ई.आर.टी से आए संदर्भदाता द्वारा भी महत्वपूर्ण बिन्दुओं की जानकारी दी गई। इस दौरान उन्होंने सर्वे संबंधी प्रमुख विशेषताएँ, राज्य, जनपद, आर.सी.सी (रिसोर्स कस्टडी सेंटर), जनपद स्तरीय समन्वयक (डी.एल.सी) तथा क्षेत्र अन्वेषक (एफ.आई) आदि के कार्य दायित्वों पर चर्चा की। सर्वे हेतु महत्वपूर्ण सैंपलिंग प्रक्रियाओं पर जानकारी प्रदान कर भ्रम दूर किए गए। सैंपल से संबंधित स्कूल लेवल सैंपलिंगसेक्सन सैंपलिंग को विस्तार से समझाया गया। साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि सर्वे ग्रेड 3, 6 और 9 के छात्रों के लिए किया जाएगा, जिसमें उनकी पिछली कक्षाओं की दक्षताओं का भी आकलन होगा। सर्वेक्षण के लिए छात्र प्रश्नावली, शिक्षक प्रश्नावली और स्कूल प्रश्नावली का उपयोग किया जाएगा। यह सर्वे पेपर बेस्ड और ओ.एम.आर आधारित होगा, जिसमें ग्रेड 3 और 6 के लिए भाषा, गणित और द वर्ल्ड अराउंड अस, तथा ग्रेड 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान जैसे विषयों का आकलन किया जाएगा।

परख सर्वेक्षण एन.सी.ई.आर.टी और सी.बी.एस.ई के संयुक्त प्रयासों से पूरे देश में संपन्न किया जा रहा है।

इस अवसर पर निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने कहा कि यह सर्वेक्षण राज्य के भावी शैक्षिक हस्तक्षेपों, क्रियाकलापों, कार्यक्रमों और योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सभी को अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए, क्योंकि यह कार्य सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही सफल हो सकता है।

कार्यक्रम में अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ीडॉ. दिनेश प्रसाद रतूड़ी, डॉ. दीपक प्रताप सिंह, तथा भुवनेश्वर प्रसाद पन्त सहित कई अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। सभी ने अपनी-अपनी महत्वपूर्ण भूमिकाओं और सुझावों के साथ सर्वेक्षण के महत्व और उसकी सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदमों पर जोर दिया।

रिपोर्ट प्रेस नोट : भुवनेश पंत 

Monday, November 04, 2024

एससीईआरटी उत्तराखंड: "शिक्षकों के लिए आईसीटी उपकरणों के आधारभूत अनुप्रयोग" पर जल्द आ रहा है पहला MOOCs


राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) उत्तराखंड जल्द ही राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए अपने पहले मूक्स  (मासिव ओपन ऑनलाइन कोर्स) की शुरुआत करने जा रहा है। इस कोर्स का नाम "शिक्षकों के लिए आईसीटी उपकरणों के आधारभूत अनुप्रयोग" है, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को कक्षाओं में शिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक डिजिटल कौशल प्रदान करना है।

निदेशक के अनुसार 

अकादमिक  शोध एवं प्रशिक्षण  निदेशक, श्रीमती बंदना गर्ब्याल ने कहा कि यह अपने प्रकार का पहला मूक्स  शिक्षकों के लिए सतत व्यावसायिक विकास (सीपीडी) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका उद्देश्य उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले ई-सामग्री निर्माण कौशल प्रदान करना है, जो छात्रों की रुचि बढ़ाने और शिक्षण विधियों में सुधार लाने में सहायक होगा। यह कोर्स जल्द ही उत्तराखंड के सभी एससीईआरटी और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटी) के संकाय सदस्यों के लिए उपलब्ध होगा।

कोर्स की रूपरेखा और मॉड्यूल:



यह एक सप्ताह का, 10 घंटे का कोर्स है, जिसे सात मॉड्यूल में विभाजित किया गया है। इनमें शिक्षकों को शिक्षा में आईसीटी के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि उत्पादकता उपकरणों से लेकर सुरक्षित ऑनलाइन प्रथाओं तक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा। कोर्स की संरचना इस प्रकार है:
  1. मॉड्यूल 1: शिक्षा में आईसीटी का परिचय

    • इसमें शिक्षण में आईसीटी के महत्व, मल्टीमीडिया सामग्री निर्माण, और आईसीटी एकीकरण के लाभों और चुनौतियों को शामिल किया गया है।
  2. मॉड्यूल 2: बुनियादी उत्पादकता उपकरण

    • गूगल डॉक और शीट्स जैसे उपकरणों का उपयोग करते हुए, वर्ड प्रोसेसिंग, स्प्रेडशीट की मूल बातें और सहयोगी दस्तावेज संपादन पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  3. मॉड्यूल 3: प्रस्तुति उपकरण

    • गूगल स्लाइड्स और अन्य मल्टीमीडिया उपकरणों का उपयोग करके शिक्षकों को आकर्षक प्रस्तुतियाँ बनाने के तरीके सिखाए जाते हैं।
  4. मॉड्यूल 4: संचार और सहयोग उपकरण

    • ईमेल और ऑनलाइन संचार के सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में शिक्षा दी जाती है, जिसमें Microsoft Teams और Google Meet का परिचय भी शामिल है।
  5. मॉड्यूल 5: इंटरनेट सुरक्षा और डिजिटल नागरिकता

    • इसमें साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन शिष्टाचार और डिजिटल उपकरणों के जिम्मेदार उपयोग पर आवश्यक जानकारी दी जाती है।
  6. मॉड्यूल 6: पाठ योजनाओं में आईसीटी का एकीकरण

    • शिक्षकों को आईसीटी से समृद्ध पाठ योजनाओं को डिज़ाइन करने और विभिन्न शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए सर्वोत्तम आईसीटी उपकरणों का चयन करने में सहायता प्रदान की जाती है।
  7. मॉड्यूल 7: मूल्यांकन, चिंतन और निष्कर्ष

    • आईसीटी संचालित मूल्यांकन रणनीतियों, एक आईसीटी-साक्षर शिक्षक के रूप में आत्म-मूल्यांकन और कोर्स की संपूर्ण पुनरावृत्ति और मूल्यांकन को शामिल किया गया है।

प्रमुख विशेषताएँ और परिणाम

  • इंटरैक्टिव सामग्री: शिक्षकों को शिक्षण में रुचि बढ़ाने के लिए वीडियो, क्विज़, चर्चाएं और व्यावहारिक गतिविधियों का मिश्रण अनुभव कराया जाएगा।
  • प्रमाण पत्र : अंतिम मूल्यांकन के बाद सफल प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जो उनके आईसीटी दक्षताओं को मान्यता देगा।
  • उन्नत शिक्षण कौशल: इस कोर्स को पूरा करने के बाद, शिक्षकों को डिजिटल उपकरणों में दक्षता प्राप्त होगी जो छात्र सहभागिता और सीखने के परिणामों को बेहतर बना सकते हैं।

नामांकन और उपलब्धता

यह कोर्स जल्द ही सभी शिक्षकों के लिए नामांकन के लिए खुलेगा और वी एस के  प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। यह कोर्स उत्तराखंड के सभी एससीईआरटी और डीआईईटी के संकाय सदस्यों के लिए भी इस मूल्यवान प्रशिक्षण अवसर का अधिकतम लाभ उठाने अवसर प्राप्त होगा। 

इस परिवर्तनकारी व्यावसायिक विकास कार्यक्रम के नामांकन और अन्य विवरण के लिए बने रहें!