Wednesday, July 31, 2024

Ajay Naudiyal Appointed as New Director of Secondary Education, Uttarakhand

Dehradun, July 31, 2024 — Ajay Naudiyal has officially taken over as the new Director of Secondary Education, Uttarakhand. Prior to this prestigious appointment, Mr. Naudiyal was serving as the Additional Director of the State Council of Educational Research and Training (SCERT) and the State Institute of Educational Management and Training (SIEMAT) in Uttarakhand, where he played a pivotal role in shaping educational policies and programs.

Mr. Naudiyal brings a wealth of experience and expertise to his new position, with a strong background in educational administration and leadership. His tenure at SCERT and SIEMAT was marked by significant achievements, including the successful implementation of teacher training programs and initiatives aimed at improving the quality of education across the state.

In his new role as Director of Secondary Education, Mr. Naudiyal is will in lead to continue his dedication to enhancing the educational landscape of Uttarakhand. He is committed to fostering a collaborative environment among educators and stakeholders, ensuring that secondary education in the state continues to thrive and meet the needs of its students. The education community warmly welcomes Mr. Naudiyal and looks forward to the positive impact of his leadership in the years to come.

Mahavir Bisht, Director of Secondary Education, Retires with Grand Valedictory Ceremony

Dehradun, July 31, 2024 — Mahavir Bisht, the esteemed Director of Secondary Education, Uttarakhand, has retired after a distinguished career spanning several decades. A grand valedictory ceremony was held in his honor, attended by education officers, the union of teachers, and various dignitaries from the education sector.

The ceremony, which took place at the Directorate of Education, was a fitting tribute to Mr. Bisht's unwavering start with dedication and contributions to the education system. Colleagues, teachers, and friends gathered to celebrate his accomplishments and share heartfelt memories, highlighting his visionary leadership and commitment to educational excellence.

During his tenure, Mr. Bisht was instrumental in implementing numerous initiatives that enhanced the quality of education across the state. As he embarks on a new chapter, the education community extends its heartfelt gratitude and best wishes to Mr. Bisht, acknowledging his exceptional service and legacy that will continue to inspire future generations.

निदेशक माध्यमिक शिक्षा, महावीर बिष्ट बुधवार को सेवानिवृत्त हो गए है अब उनके बाद निदेशक पद पर अजय नौडियाल वर्तमान अपर निदेशक एस सी ई आर टी  को अब ये दायित्व दिया गया है। अजय नौडियाल वर्तमान मे विभागीय वरिष्ठा क्रम की सूची में वरिष्ठतम अधिकारियों में है। वे पहले अपर निदेशक कुमाऊ / गढ़वाल मंडल भी रह चुके है। 

Tuesday, July 30, 2024

डाइट, नई टिहरी,उत्तराखंड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सेमिनार: शिक्षकों और छात्रों के लिए नई राहें:निदेशक बंदना गर्ब्याल ने सेमिनार का शुभारंभ किया

 
तारीख: 30 जुलाई 2024- स्थान: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट), नई टिहरी, उत्तराखंड

कार्यक्रम का शुभारंभ


उत्तराखंड के अकादमिक  शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक बंदना  गर्ब्याल ने एकदिवसीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेमिनार का शुभारंभ किया। सेमिनार का आयोजन  टिहरी डाइट द्वारा किया गया था। निदेशक वंदना गर्ब्याल ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है। इस आयोजन में एस सी ईआर टी उत्तराखंड द्वारा भी डाइट टिहरी में 29,30 और 31 जुलाई से अनुश्रवन  कार्य भी किया जा रहा है। इस अवसर पर उपस्थित अनुश्रवण टीम के  डाइट प्राचार्य चंडी प्रसाद रतूडी ,एससीईआर टी के सहायक निदेशक के. एन. बिजलवाण, डॉ. रंजन भट्ट, डॉ. राकेश गैरोला, और सुब्रा सिंघल शामिल थे।

सेमिनार के प्रमुख वक्ता

सेमिनार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, चैटबॉट्स, और साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। एस सी ईआरटी के प्रवक्ता रमेश बडोनी, केंद्रीय विद्यालय के राजेंद्र भट्ट, रामजस कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर, और उत्तराखंड टीडीसी विश्वविद्यालय के डॉ. डोभाल, विवेक कुमार हाइड्रोलॉजी इंजीनियरिंग कॉलेज, भागीरथीपुरम  ने विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए।


श्री चंडी प्रसाद रतूड़ी , प्राचार्य डायट रतूड़ा और डॉ. के. एन. बिजलवाण, सहायक निदेशक, भी इस चर्चा में शामिल रहे।

निदेशक का अभिभाषण

अपने अभिभाषण में निदेशक बंदना  गर्ब्याल ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का नैतिक और व्यवहारिक उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यालयों में छात्रों और अभिभावकों को इस दिशा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने और अपने अनुभवों को साझा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने टेक्नो  मेला और आने वाले समय मे हकथोंन प्रतियोगिता मे AI के अनुप्रयोगों पर जोर देने को कहा । विगत वर्षों मे राज्य के कई मेधावी छात्रों के डिजिटल डिजाइन और कार्तिकेय कक्षा 11 के छात्र का आई आई एस सी बंगलोर मे एस ई पी कार्यक्रम मे चयन के लिए सराहना कर , अन्यों को प्रेरणा लेने का आग्रह भी किया गया। 


निदेशक ने डायट टिहरी की प्राचार्य हेमलता भट्ट के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों और शिक्षकों को नई जानकारियों और कौशलों से अवगत होने का अवसर मिलता है। उन्होंने विभिन्न विभागों का अवलोकन कर वहां के कार्यों की प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे आयोजनों को बढ़ावा देने का आश्वासन दिया।

सेमिनार के उद्देश्य और सहभागिता

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन एवं सहयोग पर इस सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में प्रत्येक विकासखंड से पांच-पांच माध्यमिक शिक्षकों और नगर क्षेत्र के पांच माध्यमिक विद्यालयों के 25 विद्यार्थियों ने अपने मार्गदर्शक शिक्षकों के साथ भाग लिया।


सांस्कृतिक कार्यक्रम और विमोचन

इस अवसर पर गढ़वाली साक्षरता गीत "उल्लास" का विमोचन किया गया। निदेशक बंदना गर्ब्याल और प्राचार्य हेमलता भट्ट ने इस गीत का शुभारंभ किया।

अंत मे डायट प्राचार्य हेमलता भट्ट ने निदेशक बंदना  गर्ब्याल, एससीईआरटी की टीम, और विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया।


डाइट टेहरी के भ्रमण और सेमिनार के समापन सत्र के पश्चात, निदेशक ने कैंपस का भ्रमण किया। उन्होंने पुस्तकालय, विज्ञान और गणित लैब, क्राफ्ट वर्कशॉप, आईटी लैब, और ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग स्टूडियो का दौरा किया। इन सभी स्थानों के अच्छे प्रबंधन और गुणवत्ता के लिए उन्होंने पूरे संकाय और प्राचार्य की सराहना की। इसके बाद, रिकॉर्डिंग स्टूडियो की टीम ने निदेशक को कुछ बाइट्स देने के लिए आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने सहजता से स्वीकार किया और रिकॉर्डिंग दी।

अन्य प्रमुख उपस्थितियाँ

सम्पूर्ण कार्यक्रम पर संक्षिप्त विवरण और एंकर दीपक रतूड़ी  प्रवक्ता ने AI कार्यक्रम की शुरुवात की इसी क्रम मे संयोजक सरिता असवाल, तकनीकी सहायक संजीव भट्ट, और अन्य शिक्षक, जैसे दीपक रतूड़ी, डॉ. बीर सिंह रावत, राजेंद्र प्रसाद बडोनी, देवेंद्र भंडारी, विनोद पेटवाल, नरेश कुमाई, सीमा शर्मा, डॉ. मनवीर नेगी, सुशील डोभाल, हेमराज चमोली, रंजीत पवार, हरीश सुयाल, मदन मोहन उनियाल, विनोद सैंस्वाल, दिवाकर अंथवाल, अखिलेश कोहली आदि भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बने।


इस सेमिनार ने शिक्षकों और छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव और महत्व को समझने का अनूठा अवसर प्रदान किया। उत्तराखंड में इस तरह के आयोजनों से शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित होंगे, और तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक और व्यवहारिक समझ का भी विकास होगा।

Monday, July 29, 2024

राज्य में सात दिवसीय शिक्षा सप्ताह संपन्न

दिनांक 29 जुलाई 2024: कामक्षा मिश्रा, एन ई पी सेल 

भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग से प्राप्त निर्देशों के क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चौथी वर्षगांठ पर दिनांक 22 से जुलाई 28 जुलाई 2024 तक शिक्षा सप्ताह का आयोजन किया गया।    इसका  उद्देश्य विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के बीच सहयोग और नवाचार को की भावना को बढ़ावा देना है था । साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में नीति निर्धारकों तथा हिट धारकों के साथ नवाचारी गतिविधियों /बेस्ट प्रैक्टिसेज साझा करना था जिसके लिए इस कार्यक्रम द्वारा एक मंच प्रदान किया गया।  इस कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन तथा विगत 4 वर्षों की उपलब्धियां को साझा किया गया ।  यह कार्यक्रम एक सप्ताह के अंतर्गत संपादित किया जाना था ।

उक्त कार्यक्रम का प्रत्येक दिवस किसी एक थीम को समर्पित था। जैसे 22 जुलाई प्रथम दिवस टीचिंग लर्निंग मटीरियल डे के रूप में मनाया गया ।इसी क्रम में 23 जुलाई को एफएलएन डे, 24 जुलाई को स्पोर्ट्स डे, 25 जुलाई को कल्चरल डे, 26 जुलाई को स्किलिंग एंड डिजिटल इनीशिएटिव डे, 27 जुलाई को इको क्लब फॉर मिशन लाइफ/ स्कूल न्यूट्रिशन डे और 28 जुलाई को कम्युनिटी इंवॉल्वमेंट डे के रूप में मनाया गया। एससीईआरटी में समस्त दिवसों के कार्यक्रमों को समन्वित करते हुए 27 जुलाई को एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा की गई। अपर निदेशक तथा  संयुक्त निदेशक एससीईआरटी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। प्रदेश के समस्त तेरह डायटों में प्रतिदिन थीम के अनुसार प्रशिक्षुओं के साथ इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया जिसकी संकलित रिपोर्ट नियमित रूप से भारत सरकार के ट्रैक्टर पर अपलोड की गई । साथ ही क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान अजमेर के साथ साझा भी की गई ।


डायट द्वारा आयोजित गतिविधियों में प्रथम दिवस में पर्यावरण अनुकूल एवं उपयोगी टीएलएम निर्माण तथा उसका प्रदर्शन, पोस्टर निर्माण, स्टोरी कार्ड, खेल कार्ड, चार्ट निर्माण, खिलौना निर्माण, लघु नाटिका की प्रस्तुति, कहानी, कविता आदि का आयोजन किया गया। द्वित्तीय दिवस में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान से संबंधित जागरूकता अभियान ,आकर्षक गतिविधिया, ई जादुई पिटारा का प्रयोग, खेल आधारित गतिविधियां आदि संपन्न की गईं। तृतीय दिवस अर्थात खेल दिवस में विभिन्न स्वदेशी खेलों तथा खेल के महत्व से संबंधित प्रस्तुतीकरण संस्थानों में किया गया। चतुर्थ दिवस में संस्कृति  दिवस के अंतर्गत स्थानीय कलाकारों को विद्यालयों में आमंत्रित किया गया। साथ ही लोकगीत, लोक नृत्य नाटक आदि भी प्रस्तुत किए गए। पंचम दिवस में स्थानीय व्यवस्थाओं तथा डिजिटल शिक्षा से संबंधित नवाचार पर प्रकाश डाला गया,प्रस्तुतीकरण किए गए, साथ ही पीएम विद्या टीवी चैनलों का भी प्रचार प्रसार किया गया। डाइट प्रशिक्षुओं द्वारा निर्मित डिजिटल शिक्षण सामग्री, वीडियो, ई कंटेंट आदि को भी प्रस्तुत किया गया । षष्टम दिवस की मुख्य गतिविधि  ‌एक पेड़  मां के नाम रही जिसमें सामुदायिक सहभागिता के साथ बच्चों ने अपनी माता के साथ मिलकर पेड़ लगाया यह विद्यालय गतिविधि थी साथ ही डायट परिसर में भी शिक्षकों और प्रशिक्षकों ने मिलकर वृक्षारोपण कार्यक्रम किया।

एससीईआरटी में भी अपर निदेशक महोदय द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया साथ ही डाइट और एससीईआरटी स्तर पर एक क्लब निर्मित करने की घोषणा भी की गई। सप्तम दिवस पूर्ण रूप से समुदाय को समर्पित था जिसमें डाइट द्वारा भी समुदाय के साथ संपर्क कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षुओं ने समुदाय सदस्यों से मिलकर  उन्हें विद्यांजलि और अन्य गतिविधियों के विषय में बताया। साथ ही उन्होंने अभिभावकों को इस बात के लिए भी जागरूक किया कि वह किस प्रकार अपने संसाधनों द्वारा या अपनी सेवाओं द्वारा अपने निकटता विद्यालयों में अपना सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।इसके साथ ही समुदाय सदस्यों को तिथि भोजन योजना की जानकारी भी दी गई समस्त थीम आधारित गतिविधियों को संपादित करते हुए यह साथ दिवसीय शिक्षण सप्ताह पूरे प्रदेश में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया।

Saturday, July 27, 2024

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई एन.ई.पी. की चौथी वर्षगांठ; उत्तराखंड के सभी जनपदों के संस्थान ऑनलाइन जुड़े

27 जुलाई 2024: मनोज बहुगुणा 

राष्ट्रीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार दिनांक 22 से 28 जुलाई 2024 तक मनाए जा रहे शिक्षा सप्ताह के छठे दिवस को एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इसके तहत एस.सी.ई.आर.टी. सभागाार में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्रीमती कंचन देवराड़ी संयुक्त निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में कृत महत्वपूर्ण कार्यवाहियों से सदन को अवगत कराया गया। इसके पश्चात श्री रविदर्शन तोपाल समन्वयक एन.ई.पी द्वारा बुनियादी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के विषय में विस्तृत जानकारी साझा की गयी, जिसमें सिटीजन सर्वे, फोकस ग्रुप, फोकस पेपर निर्माण, उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में एस.सी.एफ.-एफ.एस. निर्माण हेतु सम्पन्न कार्यशालाओं का विवरण शामिल था। इसी क्रम में श्री मनोज किशोर बहुगुणा समन्वयक एन.ई.पी. द्वारा राज्य स्तर पर एन.ई.पी.- 2020 के क्रियान्वयन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उनके द्वारा एन.ई.पी.- 2020 के सन्दर्भ में वर्तमान तक जारी विभिन्न दिशा निर्देशों एवं शासनादेशों के अतिरिक्त एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एन.ई.पी. के क्रियान्वयन एवं समीक्षा हेतु निर्मित गूगल ट्रैकर पर की जा रही मासिक अंकनाओं के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई।

अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. श्री अजय कुमार नौड़ियाल द्वारा एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखण्ड द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में किये गये कार्यों की प्रगति एवं राज्य में बालवाटिका हस्त पुस्तिका, तीन अभ्यास पुस्तिकाओं को निर्मित किये जाने तथा SEZ के निर्धारण पर शासनादेश निर्गत होने आदि कार्यों की सराहना की गई। उनके द्वारा विद्यार्थियों हेतु निर्मित किये गये क्यू आर कोड को बच्चों के साथ साझा किये जाने तथा शिक्षकों को पाठ्य सामग्री का निर्माण कर राज्य को प्रेषित किये जाने हेतु भी निर्देशित किया गया। श्री नौडियाल के द्वारा इस अवसर पर एस.सी.ई.आर.टी. परिसर में बृक्षारोपण भी किया गया। 

इसके उपरान्त सहायक निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. डॉ. के. एन. बिजल्वाण द्वारा निपुण भारत मिशन तथा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के राज्य में क्रियान्वयन विषयक विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी। प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी. श्री सुनील भट्ट द्वारा हमारी विरासत तथा महान विभूतियाँ विभूतियों नामक पुस्तकों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। श्री अखिलेश डोभाल द्वारा अधिगम शिक्षण सामग्री (एल.टी.एम.) के विषय मे बोलते हुए गुणवत्तापरक टीचिंग लर्निंग मैटीरियल के बारे में जानकारी साझा की गयी। डॉ॰ उषा कटियार द्वारा सांस्कृतिक क्रियाकलापों पर प्रस्तुति देते हुए विभिन्न भाषाओं के लोक गीत एवं संगीत की पंक्तियों को गायन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में श्री सुशील गैरोला द्वारा बच्चों में खेल के महत्व पर प्रकाश डाला गया, श्री विनय थपलियाल द्वारा प्रदेश में ईको क्लब की स्थापना विषयक जानकारी प्रदान की गई। श्री रमेश बडोनी द्वारा आई.टी. के क्षेत्र में किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। उनके द्वारा एस.सी.ई.आर.टी. द्वारा तैयार किये गये MOOCS कोर्स, Teachers Exchange  Programme, एस.सी.ई.आर.टी. वेब साइट, ब्लॉग तथा न्यूज लेटर आदि का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में डॉ॰ राकेश गैरोला द्वारा सामुदायिक सहभागिता पर प्रस्तुतीकरण के माध्यम से सदन के साथ आवश्यक जानकारी साझा की गई। कार्यक्रम में सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्य डायट्स, जिला शिक्षा अधिकरियों, खण्ड शिक्षा अधिकारियों तथा कुछ विद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा छात्रों द्वारा ऑन लाइन मोड में प्रतिभाग किया गया। इसी क्रम में राज्य के समस्त 13 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों एवं विद्यालयों में शिक्षा सप्ताह के छठे दिवस Eco Club for Mission Life/School Nutrition Day  के उपलक्ष में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये गये।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती  बंदना गर्बयाल द्वारा समस्त डायट एवं एससीईआरटी को निर्देश दिए गए कि राज्य और जनपद स्तर पर इन दोनों संस्थानों में भी ईको क्लब का गठन किया जाना चाहिए, इससे हम सभी में जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और हम दृढ़ संकल्प होकर पर्यावरण संरक्षण की ओर कदम उठा सकेंगे। साथ ही निदेशक महोदया द्वारा निर्देश दिए गए कि दिनांक 28 जुलाई 2024 को मनाए जाने वाले सामुदायिक सहभागिता दिवस को डायट प्रशिक्षकों के माध्यम से सफल बनाया जाए। प्रशिक्षु अपने आसपास के सेवा क्षेत्र के समुदाय सदस्यों से मिलकर उन्हें विद्यालय को सहयोग करने के विषय में बताएं कि किस प्रकार वे अपने संसाधनों अपने उपकरणों और अपनी सेवाओं के माध्यम से सेवित क्षेत्र के विद्यालय को सहयोग दे सकते हैं।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा कहा गया कि प्रदेश के समस्त विद्यालय अनिवार्य रूप से विद्यांजलि पोर्टल में पंजीकरण करें जिससे इच्छुक व्यक्ति उन विद्यालयों को गोद ले सकें और अपनी सेवाएं दे सके। डायट मैंटर और डायट प्राचार्य जब विद्यालयों के अनुश्रवण में जाएं तो विद्यांजलि पोर्टल के विषय में अवश्य बताएं। उन्होने कहा कि अब समय आ गया है कि हमारे द्वारा किए गए प्रयासों को धरातल पर जाकर क्रियान्वित होते देखा जाए, इसका आकलन किया जाए कि हमारे प्रशिक्षकों द्वारा संप्रेषित कार्यक्रमों का कितना लाभ विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मिल रहा है, अधिकारियों द्वारा इसका निश्चित तौर पर अनुश्रवण किया जाए।

विद्यालई शिक्षा का लोगो (Logo)  एससीईआरटी द्वारा किया जाना है ,इस संदर्भ में निर्देश दिए गए कि डाइट मैंटर प्राचार्य तथा जनपद व राज्य के अधिकारियों द्वारा ऐसे कलाकारों को चिन्हित किया जाए जो डिजिटल डिजाइनिंग का हुनर रखते हों, जिससे एक प्रभावी लोगो भविष्य में बनकर सामने आ सके। निदेशक महोदया ने समस्त अधिकारियों तथा प्रवक्ताओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चौथी वर्षगांठ पर बधाई देते हुए आह्वान किया कि इस नीति की अनुशंसाओं को क्रियान्वित करने के लिए सभी का साथ चलना आवश्यक है और एस.सी.ई.आर.टी. हमेशा सभी के सहयोग की अपेक्षा करता है, जिससे हम पूरी सफलता के साथ 2030 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को सफलता से प्राप्त कर सकें।

कार्यक्रम का समापन करते हुए श्रीमती आशा रानी पैन्यूली संयुक्त निदेशक एससीईआरटी द्वारा सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एन.ई.पी. के क्रियान्वयन हेतु शुभकामनाएं प्रेषित की गई तथा कहा गया कि किसी भी कार्यक्रम की सफलता एक सामूहिक प्रयास से संभव है, इसे कोई एक व्यक्ति अकेले मिलकर नहीं कर सकता।

अतः एस.सी.ई.आर.टी., डायट तथा समस्त शिक्षा अधिकारियों का यह कर्तव्य है कि वे  इस नीति के सफल क्रियान्वयन में अपना हर संभव सहयोग प्रदान करें, जिससे हम राष्ट्र में एक सफल राज्य के रूप में अपनी छवि बना सकें। समस्त प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए शुभेच्छाओं के साथ कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई कार्यक्रम का संचालन समन्वयक एन.ई.पी. श्रीमती कामाक्षा मिश्रा द्वारा किया गया।

वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से 223+ स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य और तंबाकू सेवन पर जागरूकता कार्यक्रम

दिनांक: 27 जुलाई 2024- सोहन सिंह नेगी 
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड के तत्वाधान में आज वर्चुअल स्टूडियो के माध्यम से प्रदेश के 223 से भी अधिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य एवं तम्बाकू सेवन के प्रति जागरुक करने के लिए एक अभिमुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर "फॉरगिवनेस फाउण्डेशन" के मनोवैज्ञानिक डॉ. पवन शर्मा ने बच्चों से वर्चुअल माध्यम से सीधा संवाद किया। उन्होंने बच्चों एवं उपस्थित शिक्षकों-शिक्षिकाओं को मानसिक स्वास्थ्य के विषय में विस्तृत जानकारी दी तथा बताया कि स्वस्थ मन से स्वस्थ शरीर का निर्माण होता हैं उन्होंने बताया कि स्वस्थ मन होगा तो व्यक्ति स्वतः ही व्यसनों एवं बुराइयों से दूर रहता है। उन्होंने कहा कि मानसिक कमजोरियों के कारण ही व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यसनों के जाल में फंसता चला जाता है।

इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति व छात्र अपने मानसिक स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान केन्द्रित करे जितना कि वह शारीरिक बीमारियों के प्रति सजग होता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों व गतिविधियों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रश्नों का निराकरण किया।

प्रश्नोत्तर सत्र में बच्चों द्वारा अपनी विभिन्न समस्याओं व जिज्ञासाओं से सम्बन्धित प्रश्न विशेषज्ञ वक्ता से पूछे। विशेषज्ञ डॉ. शर्मा द्वारा इनका त्वरित व यथोचित समाधान किया गया।


इस अवसर पर अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की निदेशक श्रीमती  बंदना गर्बयाल ने बच्चों का आह्वान किया कि व्यसनों से दूर रहें। व्यसन मुक्त जीवन ही सफलता व अच्छे स्वास्थ्य का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे अपनी भूमिका को पहचान कर छात्रों के साथ निरन्तर संवाद कायम करते हुए छात्रों का मार्गदर्शन करते रहें तथा उन्हें हर संभव सहायता विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराते रहें। यह आज के समय की हम सबके लिए सामाजिक चुनौती है जिसका मुकाबला हमें मिलकर करना होगा।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक आशारानी पैन्यूली ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रसन्न मन ही अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है। उन्होंने खुशी की महत्ता को बताते हुए कहा कि दिन में एक बार हंसने पर पूरे दिन के लिए सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से छात्रों / शिक्षकों का मार्गदर्शन किया।कार्यक्रम से जुड़े प्रदेश के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं बच्चों द्वारा कार्यक्रम की सराहना की गयी एवं समय-समय पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की गयी। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक सोहन नेगी, सह सहमन्वयक गोपाल घुघत्याल, डॉ. एस. पी. सेमल्टी के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।


Friday, July 26, 2024

शिक्षा सप्ताह : पंचम दिवस प्रदेश भर में डिजिटल शिक्षा तथा कौशल पर प्रस्तुतियाँ

 

26-July 2024: Manoj Bahuguna, NEP Cell

राष्ट्रीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान एवं एससीईआरटी उत्तराखंड के निर्देशन में दिनांक 22 से 28 जुलाई 2024  तक  मनाए जा रहे शिक्षा सप्ताह के पंचम दिवस डिजिटल शिक्षा तथा कौशल दिवस के अवसर पर आज दिनांक 26 जुलाई 2024 को राज्य के विद्यालयों, विकास खंड, जनपद एवं राज्य स्तरीय कार्यालयों एवं सभी 13 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इसके अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप शिक्षा के विभिन्न आयामों को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के प्रयोग एवं महत्व पर प्रकाश डालने के साथ साथ ऑन लाइन तथा डिजिटल शिक्षा के महत्व आदि पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए गए।


छात्र/छात्राओं तथा प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार द्वारा संचालित पी एम ई विद्या कार्यक्रम की विस्तृत एवं विभिन्न विषयों में लाभदायक साॅफ्टवेयर तथा ऐप की जानकारी प्रदान की गई। छात्रों को कम्प्यूटर की जानकारी प्रदान करते हुए एम एस वर्ड, एक्सेल, पाॅवरप्वाइण्ट, पेण्ट आदि साॅफ्टवेयर पर कार्य करना सिखाया गया। इसके अतिरिक्त छात्रों में उद्यमशील मानसिकता को विकसित करने के विषय में भी जानकारी प्रदान की गई। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के अनुरूप विद्यालयों में कौशलम कार्यक्रम के तहत संचालित व्यावसायिक शिक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की गई। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती बंदना गबर्याल ने बताया कि तकनीकी के माध्यम से शिक्षा को कहीं भी और कभी भी पहुँचाया जा सकता है।

ऑनलाइन पाठ्यक्रम, ई-लर्निंग प्लेटफार्म, और डिजिटल संसाधन छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा की पहुँच प्रदान करते हैं। उन्होने बताया कि एनसीईआरटी एवं भारत सरकार द्वारा ऑन लाइन तथा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य को पाॅच शैक्षिक चैनल आवंटित किये गये हैं, जिनके माध्यम से सप्ताह के सातों दिन चैबीस घण्टे शैक्षिक पाठ्य सामग्री का प्रसारण किया जा रहा है।


कौशल विकास के अन्तर्गत राज्य के समस्त माध्यमिक विद्यालयों में कौशलम कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। श्रीमती गबर्याल ने बताया कि उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप डिजिटल शिक्षा तथा कौशल विकास के क्षेत्र में कार्य करने हेतु निरन्तर प्रयासरत है। अपर निदेशक एससीईआरटी श्री अजय कुमार नौडियाल ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान परिदृश्य में प्रौद्योगिकी के प्रयोग के बिना शिक्षा की संकल्पना नहीं की जा सकती है।


शिक्षा को सरल तथा सुलभ बनाने के लिए निरन्तर नवीन तकनीकीयों की खोज हो रही है। राज्य के प्रत्येक डायट को विषयवार उत्कृष्टता केन्द्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिनके माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले तकनीकी आधारित नवाचारों को विद्यालय स्तर तक प्रचारित प्रसारित किया जायेगा।

Thursday, July 25, 2024

शिक्षा सप्ताह के चतुर्थ दिवस के रूप में प्रदेश भर में मनाया गया सांस्कृतिक दिवस

दिनांक : 25/07/2024 , एस सी ई आर टी ; एन ई पी सेल : मनोज बहुगुणा
राष्ट्रीय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान एवं एससीईआरटी उत्तराखंड के निर्देशन में दिनांक 22 से 28 जुलाई 2024  तक  मनाए जा रहे शिक्षा सप्ताह के चतुर्थ दिवस सांस्कृतिक दिवस के अवसर पर आज दिनांक 25 जुलाई 2024 को राज्य के विद्यालयों, विकास खंड, जनपद एवं राज्य स्तरीय कार्यालयों एवं सभी 13 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 

इसके अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप मातृभाषा तथा स्थानीय बोली/भाषाओं को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करते हुए क्षेत्रीय बोलियों में नुक्कड़ नाटक, लोक कथाओं जैसे राजुला मालूशाही, रामी बौराणी, तीलू रौतेली, जीतू बगड़वाल आदि पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसके अतिरिक्त झोड़ा, चांचरी, छपेली, तांदी, नाटी, जागर आदि लोक गीत एवं लोक नृत्य,  ऐपण तथा मुखौटे जैसे स्थानीय कला, आर्ट और क्राफ्ट आदि पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती बंदना गर्बयाल ने बताया कि उत्तराखंड अपनी समृद्ध सांकृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अनुशंसाओं के अनुसार राज्य की इस अनमोल धरोहर को सजाने, संवारने और प्रसारित करने का कार्य विभिन्न कार्यों के माध्यम से किया जा रहा है। 

इस दिशा में एनसीईआरटी द्वारा विकसित बरखा सीरीज की पुस्तकों का स्थानीय  बोलियों गढ़वाली, कुमाऊनी तथा जौनसारी में अनुवाद किया गया है। गढ़वाली, कुमाऊनी, गुरमुखी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में द्विभाषी पुस्तकें विकसित करने का निर्णय लिया गया है।


एससीईआरटी के पाठ्यक्रम विभाग द्वारा हमारी विरासत हमारी विभूतियां नाम से पुस्तकें विकसित की गई हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ (एन. ई.पी. सेल) द्वारा राज्य में बोली जाने वाली विभिन्न स्थानीय बोलियों में शब्द कोश विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।

Wednesday, July 24, 2024

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ पर उत्तराखंड में शिक्षा सप्ताह का आयोजन

 विस्तृत कार्यक्रम:विवरण:


राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की चतुर्थ वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में और SCERT उत्तराखंड के निर्देशन में 22 से 28 जुलाई 2024 तक एक विशेष शिक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस सप्ताह का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चार वर्षों की उपलब्धियों को प्रतिबिंबित करना है।

सप्ताह के प्रत्येक दिन एक विशिष्ट कार्यक्रम निर्धारित है, जो निम्नलिखित है:

24 जुलाई 2024 का कार्यक्रम:

आज, 24 जुलाई 2024 को, राज्य के विद्यालयों, विकास खंडों, जनपद एवं राज्य स्तरीय कार्यालयों और सभी 13 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में पारंपरिक खेल कूदों का आयोजन किया गया। इसमें खो खो, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, कैरम आदि विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, श्रीमती वंदना गर्ब्याल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के चार वर्ष पूर्ण होने पर शिक्षा मंत्रालय द्वारा 22 जुलाई से 28 जुलाई तक शिक्षा सप्ताह के रूप में मनाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस दौरान प्रत्येक दिवस के लिए एक विशिष्ट विषय निर्धारित किया गया है, और पूरे प्रदेश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

प्रदेश भर में आयोजित कार्यक्रमों की दैनिक आख्या SCERT उत्तराखंड में राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रकोष्ठ (NEP Cell) के समन्वयकों श्री रविदर्शन तोपाल, श्री मनोज किशोर बहुगुणा, और श्रीमती कामाक्षा  मिश्रा द्वारा संकलित की जा रही है।

SCERT स्टॉल्स : नवाचार का प्रदर्शन



 उत्तराखंड के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के नए भवन का उद्घाटन आज माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत द्वारा किया गया। इस अत्याधुनिक सुविधा का उद्देश्य राज्य के शैक्षिक मानकों को उन्नत संसाधनों और आधुनिक ढांचे के माध्यम से ऊँचा उठाना है।

उद्घाटन समारोह के दौरान, SCERT के संकाय सदस्य और अधिकारी विभिन्न शैक्षिक स्टॉल्स का उत्सुकता से निरीक्षण करते नजर आए, जहां नवीन परियोजनाओं और शैक्षिक उन्नति का प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शनियों में एस सी ई आर टी के ई टी विभाग एवं संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली के निर्देशन मे  विकसित "जादुई पीटारा" शामिल था, गंगा घुगत्याल समन्वयक ने सभी का ध्यान इस ओर इंगित किया कि यह पिटारा इंटरेक्टिव गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के लिए सीखने को रोचक बनाने के लिए एक अनोखा शिक्षण उपकरण है। एक और उल्लेखनीय प्रदर्शनी "साहित्यिक रचनाएँ" थी, जिसका नेतृत्व डॉ. साधना डिमरी  और डॉ मानोज शुक्ला  कर रहे थे, जो छात्रों के लेखन कौशल और रचनात्मकता को बढ़ाने के प्रयासों को उजागर कर रही थी।



डिजिटल शिक्षण क्षमताओं के लिए समन्वयक सुधीर नौटियाल और पुष्पा असवाल  PME विद्या प्लेटफ़ॉर्म ने महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया। इसके अतिरिक्त,  स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट जैसी भी  प्रस्तुतियाँ रही , जो शिक्षा में तकनीकी एकीकरण की राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

समापन भाषण में, निदेशिका वंदना गर्ब्याल ने सभी उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया और उत्तराखंड के लिए उज्जवल शैक्षिक भविष्य को आकार देने में इस भवन की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम ने शिक्षा को आगे बढ़ाने और शिक्षकों को सफलता के लिए आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित करने की राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।