Wednesday, July 24, 2024

उत्तराखंड के SCERT भवन का भव्य लोकार्पण: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया उद्घाटन


 

आज उत्तराखंड को  शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि : राज्य शैक्षिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान परिषद (SCERT) के अत्याधुनिक नए भवन का उद्घाटन किया गया। इस  समारोह  में माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में नए भवन का किया लोकार्पण । इस कार्यक्रम में शिक्षा जगत के कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की और राज्य की शैक्षिक उन्नति पर विचार-विमर्श किया।

SCERT के नए परिसर की विशेषताएं: 

SCERT का नया परिसर अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जो उत्तराखंड की शैक्षिक व्यवस्था को और भी उत्कृष्ट बनाने में मदद करेगा। इसमें निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध हैं:

  • आवासीय सुविधाएं: शिक्षक और प्र-शिक्षकों के लिए विशेष आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिससे वे प्रशिक्षण के दौरान अपनी एकाग्रता बनाए रख सकें।
  • कॉन्फ्रेंस हॉल: एक विशाल कॉन्फ्रेंस हॉल बनाया गया है, जहां सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

  • विभागीय कार्यशालाएं: विभिन्न विभागों के लिए संसाधनों से युक्त कार्यशालाएं बनाई गई हैं, जहां शिक्षक और छात्र गहन अध्ययन और अनुसंधान कर सकते हैं।

  • ऑडिटोरियम: 200 लोगों की क्षमता वाला एक ऑडिटोरियम तैयार किया गया है, जो विशेष ध्वनिकी तकनीक से सुसज्जित है, जिससे दर्शकों को उच्च गुणवत्ता का अनुभव प्राप्त हो सके।

  • भविष्य के लिए स्टूडियो की योजना: भविष्य में शैक्षिक सामग्री के निर्माण और प्रसार के लिए स्टूडियो के विकास की योजना भी बनाई गई है।

  • प्रशासनिक भवन: एक समर्पित प्रशासनिक भवन की भी व्यवस्था की गई है, जो शैक्षिक कार्यों को सुगमता से संपन्न करेगा।

समारोह की मुख्य बातें और पुरस्कार वितरण

उद्घाटन समारोह में राज्य स्तर पर शैक्षिक उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले विद्यालयों और छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पंडित दीनदयाल उत्कृष्ट पुरस्कारों का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने हाथों से मेधावी छात्रों और विद्यालयों को पुरस्कृत किया।


विद्यालय पुरस्कार

  1. एस.डी. एकेडमी, गोविंदगढ़, देहरादून: इंटरमीडिएट स्तर पर सर्वोच्च परीक्षा परिणाम देने के लिए प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें 10 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

  2. ग्लोबल आईसी, डीडी हाट, पिथौरागढ़: द्वितीय पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिया गया।

  3. टीएमजी, खटीमा, उधम सिंह नगर: तृतीय पुरस्कार के रूप में 3 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

हाई स्कूल स्तर पर:

  1. ग्लोरियल स्कूल: प्रथम पुरस्कार के रूप में 8 लाख रुपए और मुख्यमंत्री ट्रॉफी प्रदान की गई।

  2. देवभूमि चिल्ड्रन एकेडमी: 4 लाख रुपए और मुख्यमंत्री ट्रॉफी के साथ प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

  3. शिखर स्कॉलर एकेडमी, गाजा, टिहरी गढ़वाल: तृतीय पुरस्कार के रूप में 2 लाख रुपए, मुख्यमंत्री ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिए गए।


मेधावी छात्र पुरस्कार

  • हाई स्कूल के मेधावी छात्र:

    • प्रियांशी रावत: 100% अंक प्राप्त करने के लिए जेबीएसजीआईसी गंगोलीहाट, पिथौरागढ़ को ₹15,000 और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
    • शिवम मलेथा: जनता एचएसएस मणिपुर, रुद्रप्रयाग के छात्र को द्वितीय पुरस्कार के रूप में ₹11,000 की धनराशि दी गई।
    • आयुष, एसबीएमआईसी, श्रीकोट गगनाली, पौड़ी गढ़वाल: तृतीय पुरस्कार ₹8,000 और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
    • अन्य 10 छात्रों को भी ₹5,100 की धनराशि और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
  • इंटरमीडिएट के मेधावी छात्र:

    • पियूष खोलिया: विवेकानंद इंटर कॉलेज, रानीधारा, अल्मोड़ा के छात्र को 97.6% अंक प्राप्त करने पर ₹21,000 और प्रशस्ति पत्र दिया गया।
    • कंचन जोशी: एचजीएस इंटर कॉलेज, कुसुमखेड़ा, हल्द्वानी, नैनीताल को भी प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹21,000 प्रदान किया गया।
    • अंशुल नेगी: एपी जवाहर नगर, रुद्रप्रयाग के छात्र को द्वितीय पुरस्कार के रूप में ₹15,000, प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो से सम्मानित किया गया।
    • शेष अन्य 10 छात्रों को ₹11,000 और ₹5,100 की क्रमवार धनराशि देकर सम्मानित किया गया।


जादुई पीटारा, साहित्य लेखन और पीएमई विद्या का प्रदर्शन

इस कार्यक्रम में SCERT द्वारा विकसित जादुई पीटारा, साहित्य लेखन, और पीएमई विद्या के विभिन्न पहलुओं को भी शोकेस किया गया। यह प्रदर्शनी छात्रों और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत साबित हुई। जादुई पीटारा के माध्यम से शिक्षकों को नई तकनीकों और संसाधनों के बारे में जानकारी दी गई, जिससे उनकी शिक्षण विधियों में सुधार होगा। साहित्य लेखन ने रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया और छात्रों को अपनी सोच को लेखन के माध्यम से व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया। पीएमई विद्या के तहत डिजिटल लर्निंग के नए आयामों पर भी प्रकाश डाला गया।


मुख्यमंत्री का अभिभाषण और भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अभिभाषण में कहा, "यह नया SCERT भवन उत्तराखंड की शिक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। हमारी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है, और हम भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रखेंगे।"


उन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी शैक्षणिक कार्यों को डिजिटल बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इससे पारदर्शिता और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, "उत्तराखंड को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना हमारा उद्देश्य है। हम शिक्षा के क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाकर राज्य को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे।"


क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा की अपील

विधायक उमेश शर्मा काऊ ने मुख्यमंत्री से न्यू SCERT प्रांगण में बरसात के पानी की निकासी के लिए उचित व्यवस्था करने की अपील की। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए एमडीडीए के उपाध्यक्ष को निर्देश दिए कि वे परिसर के चारों ओर उचित निकासी व्यवस्था करें, ताकि भवन की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

स्वागत समारोह 

महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी (आई ए एस) ने सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया और राज्य की शैक्षिक उपलब्धियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा, "उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ बनाने के लिए SCERT का यह नया भवन एक महत्वपूर्ण कदम है।"

समारोह का समापन मुख्यमंत्री के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को शैक्षिक क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है, और इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।"

उपस्थित गणमान्य अतिथियों का स्वागत

इस कार्यक्रम में विद्यालय शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशिका बंदना गर्ब्याल , प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्री रामकृष्ण उनियाल, अपर निदेशक अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली, कंचन देवराड़ी एवं डॉ के एन बीजलवान SCERT के सभी सम्मानित शिक्षा संकाय के सदस्य उपस्थित थे।  इस महत्वपूर्ण अवसर पर शिक्षा जगत के कई अन्य अधिकारी  मौजूद थे जिनमे डॉ. मुकुल सती समग्र शिक्षा अपर राज्य परियोजना निदेशक, एम.एम. जोशीडेप्यूटी परियोजना निदेशक, डॉ. मोहन बिष्ट, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण के मंच संचालक, जिन्होंने कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी संभाली,डॉ. कुलदीप गैरोला संयुक्त निदेशक,  पदमेन्द्र सकलानी और आनंद भारद्वाज ,प्रदीप रावत मुख्य शिक्षा अधिकारी, इनके अलावा अन्य कई अधिकारी और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिन्होंने SCERT के नए भवन के उद्घाटन को सफल बनाया।

इस प्रकार, SCERT के नए भवन के उद्घाटन के साथ ही उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जुड़ गया, जो आने वाले वर्षों में राज्य की शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

SCERT संकाय और अधिकारियों के साथ समापन विचार

अपने धन्यवाद ज्ञापन के अंत में, बंदना गर्ब्याल ने कहा:"हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाना है, और इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। यह नया SCERT भवन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और हम आशा करते हैं कि इसके माध्यम से हम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकेंगे।" प्रोग्राम एवं मोनिट्रिंग विभाग से डॉ रंजन भट्ट के सपर्पण के लिए और सतत प्रबंधन के लिए निदेशक ने सराहना की । डॉ के एन बिजलवाण और डॉ अजय चौरसिया, डॉ गैरोला, सुबरा सिंघल और सूर्यकांत ममगाईं एवं निदेशक ने अन्य सदस्यों के योगदान को याद कर कहा कि उन्होंने कार्यक्रम की सफलता में प्रेरणादायक भूमिका निभाई।

"मैं आप सभी का धन्यवाद करती हूँ और विश्वास दिलाती हूँ कि हम शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। हमारे विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य ही हमारा सर्वोच्च लक्ष्य है, और हम इसके लिए हर संभव प्रयास करेंगे।" बंदना गर्ब्याल

Sunday, July 21, 2024

Head Teachers and Key Resource Persons (KRP) Orientation Training Program on Foundational Literacy and Numeracy (FLN)

In a significant move towards enhancing f Foundational literacy and numeracy skills among elementary grade students, SCERT Uttarakhand, in collaboration with allied educational institutes like the Azim Premji Foundation (APF), has launched a rigorous and cohesive training program for head teachers and key resource persons (KRPs).


The orientation training program, meticulously developed by SCERT and its educational partners, aims to equip educators with effective strategies and methodologies to improve FLN in young learners. The training sessions are being led by Assistant Director Dr. K. N. Bijalwan, who initially highlighted the objectives and the future course of action for the program.

Mentor teachers Dr. Gairola, Subra Singhal, and Akhilesh Dobhal and others are also playing a crucial role in assisting the sessions alongside trainers and facilitators. Their collective expertise and dedication are expected to ensure that the training is both comprehensive and impactful.

Joint Directors Kanchan Devradi and Asha Rani Painuly are maintaining a close oversight of the training program, ensuring its smooth execution and alignment with the set goals. Additionally, Ajay Nautiyal, the Additional Director, has expressed optimism that this FLN training will significantly nurture the fundamental skills of young students in schools across the state.

The Director of Academic Research and Training, Bandana Garbyal, has congratulated the course developers and the training team for organizing the KRP sessions in a manner that fosters fruitful interactions and discussions. This collaborative effort is anticipated to lay a strong foundation for the academic growth of elementary grade students, setting them on a path to future success.

The training program underscores SCERT Uttarakhand's commitment to educational excellence and its proactive approach to addressing  Foundational literacy and numeracy  challenges in the state.

Saturday, July 20, 2024

पी एम ई विद्या एक परिचय : सुधीर नौटियाल

 



पी एम ई विद्या उत्तराखण्ड : भारत सरकार की पहल के साथ 


एक बेहतरीन पहल : विद्यालयी शिक्षा के लिए संस्कृत पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण हेतु संस्कृत सन्दर्शिका

विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर संस्कृत पाठ्यचर्या के निर्माण के लिए एक विशेष सन्दर्शिका का लेखन किया गया है। इस संस्कृत सन्दर्शिका का उद्देश्य नीति-निर्धारकों, शिक्षक-प्रशिक्षकों, पाठ्यचर्या-विकासकर्ताओं एवं शिक्षकों को संस्कृत पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण में सहायक सामग्री प्रदान करना है।

संस्कृत, उत्तराखण्ड राज्य की द्वितीय राजभाषा होने के कारण, इस सन्दर्शिका का लेखन अत्यन्त प्रासंगिक है। विद्यालयी शिक्षा एवं शिक्षक-शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न हितधारक इस सन्दर्शिका के माध्यम से 'संस्कृत पाठ्यचर्या की रूपरेखा' के निर्माण में प्रमुख बिन्दुओं पर विचार कर सकते हैं।

डॉ. साधना डिमरी, जो इस सन्दर्शिका की लेखिका हैं, वर्तमान में इसके 'द्वितीय संस्करण' पर कार्य कर रही हैं। उन्होंने सभी सम्बंधित व्यक्तियों से अनुरोध किया है कि वे इस सन्दर्शिका का अध्ययन करें, इसकी समीक्षा करें, और अपने अमूल्य सुझाव प्रदान करें। इससे 'द्वितीय संस्करण' को अधिक सुग्राह्य एवं उपादेयपूर्ण बनाया जा सकेगा।

इस पहल से न केवल विद्यालयी शिक्षा में संस्कृत की महत्ता बढ़ेगी, बल्कि संस्कृत भाषा के प्रति विद्यार्थियों और शिक्षकों का रुझान भी प्रबल होगा। यह सन्दर्शिका संस्कृत भाषा और संस्कृति के संवर्धन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Feedback by Fulbright Teachers: Danielle Brown and Corinna Christman on the VSK System

Danielle Brown:

"Today, we had the remarkable opportunity to observe the Vidya Samiksha Kendra (VSK) system firsthand. This experience was eye-opening and inspiring. The VSK system is an extraordinary advancement in education technology, providing real-time data to monitor student attendance and academic achievement. By capturing and analyzing this data, educators, and administrators can make informed decisions and take immediate steps to address issues and support student success. This is the first time I have seen something like this. The capability of the VSK system to gather data from remote areas and integrate it seamlessly into a comprehensive database is nothing short of revolutionary. This tool is poised to be an invaluable asset in helping both students and educators thrive."

Corinna Christman:

"Observing the VSK system today was an incredible experience. The real-time data collection and analysis that VSK provides are truly groundbreaking. By monitoring student attendance and academic performance in real-time, the system enables educators to intervene promptly and effectively, ensuring that no student is left behind. The scope and precision of the data collected are impressive, allowing for a detailed understanding of individual and collective educational progress. This system's ability to impact educational outcomes positively is immense. It represents a significant leap forward in using technology to support and enhance the educational process. I am excited about the VSK system's potential and eager to share these insights with my colleagues back home."  

Click here : https://youtu.be/wGCwuhKGuW0

Thursday, July 18, 2024

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक का किया विमोचन


देहरादून,दिनांक 18 जुलाई 2024 , उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी द्वारा 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' नामक पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर कैबिनेट मंत्री एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, सतपाल महाराज, प्रेम चंद्र अग्रवाल,  मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी गरिमा के साथ इस पुस्तक विमोचन में प्रतिभाग किया।

इस कार्यक्रम में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली, कंचन देवराड़ी, सहायक निदेशक कृष्णानंद बिजलवाण  और कार्यक्रम समन्वयक सुनील भट्ट एवं गोपाल घुघत्याल भी रहे मौजूद ।


विगत वर्ष मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, राज्य सरकार ने उत्तराखंड के आंदोलन के इतिहास और लोक संस्कृति के विभिन्न आयामों को पाठ्यपुस्तकों में शामिल करने का प्रयास किया। इसी के अनुरूप 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' नामक पुस्तक का विकास किया गया। इस पुस्तक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की अनुशंसाओं का पालन करते हुए, भारतीय ज्ञान परंपरा, मूल्य और संस्कृति को प्रमुखता दी गई है। पुस्तक का निर्माण उत्तराखंड के शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए किया गया है।


'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक में उत्तराखंड राज्य की लोक कथाएं, स्थानीय संस्कृति, मेले, व्यंजन, वेशभूषा, उत्तराखंड राज्य आंदोलन का इतिहास, उत्तराखंड के नायकों, महत्वपूर्ण व्यक्तियों, समाज सुधारकों की जीवन गाथा, वीरांगनाओं और कारगिल के शहीदों का वर्णन किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन स्थल और राम के धाम आदि विषयों को भी पुस्तक में समाहित किया गया है।

पुस्तकों को बाल मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जहां कथावस्तु को रंगीन चित्रों और रोचक भाषा शैली द्वारा प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक कक्षा की पुस्तक के आवरण पृष्ठ पर उत्तराखंड की भौगोलिक विरासत को दर्शाया गया है, जिसमें कक्षा 6 के आवरण पर पंचाचुली, कक्षा 7 पर नंदा एवं त्रिशूल और कक्षा 8 पर चौखंभा चोटियां शामिल हैं। उत्तराखंड की आध्यात्मिकता का प्रतीक ओम पर्वत भी पुस्तक के आवरण पर अंकित किया गया है। पुस्तकों में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के लिए प्रत्येक पृष्ठ के निचले भाग पर उत्तराखंड की संस्कृति के प्रतीक एपण को भी विकसित किया गया है।

विद्यार्थियों को वृक्षों और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रत्येक पाठ के अंत में वृक्षों को भी चित्रित किया गया है। इन पुस्तकों में नवीनता और रोचक कहानियों के साथ उत्तराखंड की विरासत एवं विभूतियों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  ने पुस्तक के अनावरण के दौरान कहा, "हम सभी को अपनी संस्कृति का दुनिया में खूब प्रचार-प्रसार करना चाहिए और समय-समय पर अपने इतिहास को उजागर करना चाहिए ताकि हम उत्तराखंड की संस्कृति पर गर्व कर सकें।"

माननीय मुख्यमंत्री ने अपने बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामना संदेश मे कहा एससीईआरटी उत्तराखंड, देहरादून द्वारा ने  'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तकों का लेखन और संपादन जिस तत्परता से किया गया, वह निश्चित रूप से सराहनीय है। समन्वयक श्री सुनील भट्ट और  गोपाल घुघत्याल प्रशंसा के पात्र हैं। इस महत्वपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण श्रीमती वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक श्री अजय नौडियाल और संयुक्त निदेशक श्रीमती आशा रानी पैन्यूली का निर्देशन भी अत्यंत सराहनीय है।

Wednesday, July 17, 2024

Fulbright TGC Game based learning Mathematics

Fulbright TGC program came up with innovation, creative teaching methodology, Danielle Brown and Corinna Christman made significant contributions in their host school GGIC Rajpur Road Dehradun, while also exploring the rich cultural landscape of India. Their journey exemplifies the essence of the Fulbright program—promoting mutual understanding and collaboration across cultures.

Monday, July 15, 2024

विश्व युवा कौशल दिवस पर उत्तराखण्ड में कौशलम् एक्स्पो का आयोजन

देहरादून, 15 जुलाई 2024: आज विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड (SCERT) और सहयोगी संस्था उद्यम लर्निंग फाउंडेशन ने माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए 'कौशलम् एक्स्पो 2024' का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों में उद्यमिता की मानसिकता का विकास करना और उन्हें 21वीं सदी के कौशलों में दक्ष बनाना है, ताकि वे शिक्षा पूर्ण करने के बाद उद्यमिता के क्षेत्र में करियर बना सकें और राज्य में बेरोजगारी एवं पलायन की समस्या का समाधान कर सकें।

कौशलम् पाठ्यचर्या का शुभारंभ राज्य में वर्ष 2022-23 से माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए किया गया था। इस पाठ्यचर्या के माध्यम से छात्रों को रोजगार सृजन और उद्यमिता की ओर प्रेरित किया जाता है।

कार्यक्रम की शुरुआत

कौशलम् एक्स्पो 2024 का आरंभ बंदना गर्ब्याल, निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड, द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। एक्स्पो में प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों से आए छात्रों ने अपने नवाचारी आइडिया और उत्पादों का प्रदर्शन किया। बंदना गर्ब्याल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे स्वरोजगार की ओर अग्रसर हों और उद्यमिता के क्षेत्र में करियर बनाकर नौकरी खोजने वाले के बजाय नौकरी देने वाले बनें।

विशेषज्ञों के उद्बोधन

उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के श्री हरीश मनवानी ने बताया कि इस वर्ष कौशलम् पाठ्यचर्या प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों के माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए संचालित की जाएगी। ममता नेगी चौहान, सहायक निदेशक, सेवा योजन, ने छात्रों को उद्यमिता के क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न अवसरों और नवीन उद्यमियों की सहायता के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में बताया। हिमशक्ति फाउंडेशन के संस्थापक हर्षित सहदेव ने अत्यंत रोचक तरीके से छात्रों को उद्यमशील मानसिकता और उत्तराखण्ड में उद्यमिता के अवसरों के बारे में जानकारी दी।

उपस्थित गणमान्य

कार्यक्रम का संचालन कौशलम् कार्यक्रम के राज्य समन्वयक श्री राजेश खत्री ने किया। इस अवसर पर श्रीमती आशा रानी पैन्यूली, संयुक्त निदेशक SCERT, श्रीमती कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक SCERT, डॉ. कृष्णानंद बिजलवाण, सहायक निदेशक SCERT, और उद्यम लर्निंग फाउंडेशन के सदस्य भी मौजूद थे।

कौशलम् एक्स्पो 2024 ने छात्रों में उद्यमिता और नवीनता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जो भविष्य में राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Additional Details

The Skillam Expo 2024 not only showcased the talents and innovative ideas of students but also provided them with a platform to interact with successful entrepreneurs and industry experts. Various stalls were set up where students displayed their projects, which ranged from technology-based solutions to handmade crafts and sustainable products. Workshops and interactive sessions were conducted to give students practical insights into starting and running a business.

The event also featured a panel discussion where entrepreneurs from different sectors shared their success stories and the challenges they faced. This interactive session aimed to motivate students to think creatively and take calculated risks in their entrepreneurial journeys.

Skillam Expo 2024 played a significant role in promoting entrepreneurship and innovation among students, which is expected to have a lasting impact on the state's development. By equipping students with the necessary skills and mindset, the expo aimed to create a new generation of entrepreneurs who can drive economic growth and create job opportunities in Uttarakhand.

Uttarakhand PMeVidya Channel Initiatives

The Uttarakhand PMeVidya initiative is a transformative educational project to enhance digital learning across the state. By creating and curating video content for five channels (178 to 182) covering classes 1 to 12, the program seeks to make high-quality education accessible to all students. This initiative is spearheaded by subject matter experts who develop and record educational videos in the state-of-the-art virtual lab studio at Rajiv Gandhi Navodaya Vidyalaya, Dehradun.

Content Creation and Distribution

The e-content videos produced are made available live on the State PMeVidya official YouTube channel and broadcasted on Satellite channels assigned to Uttarakhand by GOI, NCERT New Delhi. This ensures that students across the state can access these educational resources both online and via satellite TV, bridging the digital divide and ensuring equitable access to education.

Program Coordination and Management

The program is coordinated by DIET faculty members Sudhir Nautiyal and Pushpa Aswal. They oversee content development under the DIKSHA program and manage the allocated budget from the DIKSHA head at IT department of SCERT. Their leadership ensures that the project runs smoothly and that the content meets the highest educational standards.


Faculty members Ramesh Badoni and Shiv Prakash Verma play crucial roles in assisting and supporting the team. Team Members at PMeVidya are responsible for building, managing, uploading, reviewing, and vetting the e-content on both the DIKSHA platform and the PMeVidya channels. Their diligent efforts ensure the quality and reliability of the educational materials provided.

Collaborative Efforts

In streamlining work flow a dedicated team and resource personnel are assigned to develop e-content. Experts from schools, universities, and the public sector are invited to contribute their expertise in e-content development. This collaborative approach leverages the strengths of various educational institutions and professionals to produce high-quality content.

 Achievements and Future Plans

Since the initiative's inception after COVID-19, about 3,000 pieces of e-content have been developed and in the process of vetting will be made available on the DIKSHA portal and PMeVidya channels. This extensive library of educational resources serves as a valuable tool for students and teachers alike.


In addition to content for students, the platform also hosts several online courses and teachers' training programs. These initiatives aim to enhance the skills and knowledge of educators, ensuring that they are well-equipped to teach in the digital age.

The IT department of SCERT is continuously working to improve the quality of e-content. They are in the process of selecting competitive resource personnel to further elevate the standard of educational materials broadcasted on the five channels.

Conclusion

The Uttarakhand PMeVidya initiative represents a significant step forward in the state's educational landscape. By leveraging digital technologies and fostering collaboration among educational experts, the program ensures that quality education is accessible to all students. With ongoing efforts to enhance content quality and expand the library of educational resources, the initiative is set to make a lasting impact on the educational outcomes in Uttarakhand.

Thursday, July 11, 2024

Fulbright TGC Program: Summary of the Program

Expression of Gratitude on the Successful Completion of the Fulbright TGC Program

Its truly honored to stand before you as we conclude the incredible journey of the Fulbright TGC Program. On behalf of our state education system, the director of academics, and our school principal, we extend heartfelt thanks to everyone who made this program a success.

Our sincere gratitude goes to the Fulbright Teacher Exchanges, funded by the U.S. Government and administered by the International Research & Exchanges Board (IREX). We deeply grateful for being nominated as a host for this transformative program, which fosters global education and development.

Special thanks to the inspirational Fulbright teacher scholars, Ms. Danielle Brown and Ms. Corinna Christman. Your remarkable contributions have significantly enhanced our classroom teaching. Your feedback, energy, and innovative methods have been phenomenal. The dedication you both showed, working tirelessly for our students, is truly commendable.

Your efforts have enriched our educational environment and inspired us to strive for excellence. We are immensely grateful for the positive changes and lasting impact you have brought to our classrooms.

To the entire Fulbright TGC program team and leaders, thank you for this exceptional opportunity. Your support and guidance have been crucial to the program's success.

Thank you all for your unwavering commitment to education and for making this program a remarkable experience.

Flash Back here

फुलब्राइट टीजीसी कार्यक्रम का समापन समारोह: एक यादगार विदाई


देहरादून, 11 जुलाई 2024 — राजपुर रोड, देहरादून के गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कॉलेज में फुलब्राइट टीचिंग एक्सीलेंस एंड अचीवमेंट (टीजीसी) कार्यक्रम का समापन समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन एक समृद्ध और शिक्षाप्रद सात-दिवसीय कार्यक्रम का समापन था, जिसने यूएसए और भारत के शिक्षकों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित किया। इस समारोह की मुख्य अतिथि शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण की निदेशक बंदना गर्ब्याल थीं, जिन्होंने अतिथि फुलब्राइट शिक्षकों, कोरिना और डेनिएल ब्राउन को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किए।


मेजबान फुलब्राइट स्कॉलर शिक्षक, रमेश बडोनी ने कार्यक्रम की गतिविधियों का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कक्षा शिक्षण और स्थल यात्राओं के संयोजन को उजागर किया, जो फुलब्राइट और आईआरईएक्स द्वारा निर्धारित समयरेखा और कार्य एजेंडा के अनुसार, मेजबान स्कूल के सहयोग से योजनाबद्ध था। यह कार्यक्रम शैक्षिक गतिविधियों, खेलों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का मिश्रण था, जिससे सभी प्रतिभागियों के लिए एक गतिशील और आकर्षक वातावरण बना।


अतिथि शिक्षकों, कोरिना और डेनिएल ब्राउन, ने विभिन्न कक्षाओं के छात्रों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ते हुए अपने ज्ञान को साझा किया और गहरी सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा दिया। छात्रों ने समर्पित गीतों के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त किया, जिसमें कक्षा 6 के छात्रों ने डेनिएल के लिए और कक्षा 9 के छात्रों ने कोरिना के लिए गीत गाए, जिससे दोनों शिक्षक भावुक हो गए। शिक्षकों और छात्रों के बीच भावनात्मक संबंध स्पष्ट था, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सफलता को दर्शाता है।


समापन समारोह के दौरान, कोरिना और डेनिएल ने पारंपरिक उत्तराखंड की पोशाकें पहनीं, जिससे स्थानीय संस्कृति के प्रति उनका सम्मान और सराहना प्रकट हुई। कोरिना ने "बेडू पाको बारामासा" लोकगीत का मधुर प्रस्तुति दी, जिसे उपस्थित सभी लोगों, विशेष रूप से निदेशक द्वारा सराहा गया। छात्रों और मेजबान शिक्षकों ने अपने विचार साझा किए, अतिथि शिक्षकों द्वारा पेश की गई नवाचारी शिक्षण विधियों की प्रशंसा की और वैश्विक समझ बढ़ाने और शैक्षिक चुनौतियों का समाधान करने में ऐसे आदान-प्रदान कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया।


संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने पूरे कार्यक्रम की सराहना की, उसकी सफलता की रिपोर्ट निदेशक को दी और इसके निरंतरता की वकालत की। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों और छात्रों पर पड़े महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर किया और कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए प्रिंसिपल प्रेमलता बौराई के प्रयासों की सराहना की। प्रेमलता बौराई, जो एक गतिशील प्रिंसिपल हैं, को उनकी समर्पण और योगदान के लिए भी मान्यता दी गई।


समारोह का समापन छात्रों द्वारा प्रस्तुत गीतों, नृत्यों और अतिथि शिक्षकों के प्रति हार्दिक भावनाओं के साथ हुआ। संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और फुलब्राइट टीजीसी कार्यक्रम को उत्तराखंड में लाने के लिए रमेश बडोनी की सराहना की। कार्यक्रम के अंत में, छात्र और संकाय के साथ फोटो सत्र हुए, जिसमें अतिथि शिक्षकों के प्रति प्रेम और सराहना को कैद किया गया। जैसे ही समारोह समाप्त हुआ, अतिथि शिक्षक, कोरिना और डेनिएल ब्राउन, भारत के अन्य राज्य में अपनी यात्रा जारी रखने के लिए हवाई अड्डे के लिए रवाना हो गए, ज्ञान, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और हार्दिक संबंधों की विरासत छोड़ते हुए।