Thursday, August 29, 2024

आशा रानी पैन्यूली होंगी एससीईआरटी उत्तराखण्ड की अपर शिक्षा निदेशक - पदोन्नति के आदेश जारी

आशा रानी पैन्यूली

उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (प्रशासनिक संवर्ग) सेवा में पदोन्नति की प्रक्रिया के तहत एससीईआरटी की संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली को अपर शिक्षा निदेशक पद पर पदोन्नत किया गया है। यह आदेश 29 अगस्त 2024 को जारी किया गया, जिसमें उन्हें वर्तमान पद से पदोन्नति प्रदान की गई है। इससे पहले वह एससीईआरटी में संयुक्त शिक्षा निदेशक के पद पर कार्यरत थीं।

आदेश में अन्य अधिकारियों की भी पदोन्नति का जिक्र है, जिनमें अशोक कुमार जुगरिया को भी अपर शिक्षा निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है। साथ ही, अंबादत्त बलोदी को मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा बनाया गया है। इस पदोन्नति प्रक्रिया में डॉक्टर मुकुल कुमार सती को अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा उत्तराखंड के रूप में नियुक्त किया गया है।


इस आदेश के अनुसार, उपरोक्त पदोन्नत अधिकारियों की तैनाती आदेश शीघ्र ही जारी की जाएगी और वे अपने नए पदों पर कार्यभार ग्रहण करेंगे। आदेश के अनुसार, आशा रानी पैन्यूली, रघुनाथ लाल आर्य, और डॉक्टर मुकुल कुमार सती को उनके वर्तमान पदों पर बने रहने का निर्देश दिया गया है जब तक कि उनके नए पदों के आदेश जारी नहीं हो जाते।
आशा रानी पैन्यूली को एससीईआरटी की अपर शिक्षा निदेशक के पद पर पदोन्नति मिलने पर विभाग के सभी अधिकारियों और संकाय सदस्यों ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है। उनकी उत्कृष्ट कार्यशैली और समर्पण के लिए सभी ने सराहना की और उनके भविष्य के कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

यह पदोन्नति आदेश शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली में सकारात्मक योगदान करेगा और अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में नए दायित्व प्रदान करेगा। 

Tuesday, August 27, 2024

कुसुम लता गरिया को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 : शिक्षा निदेशक बंदना गर्ब्याल और महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने दी शुभकामनाएं

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित कुसुम लता गरिया गवर्नमेंट अपर प्राइमरी स्कूल, वीणा, पोखरी को पाँच सितंबर को वर्ष 2024 का राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार महामहिम राष्ट्रपति भारत  के हाथों मिलेगा । इस सम्मानजनक पुरस्कार के लिए कुसुम लता गरिया का चयन उनके स्कूल में किए गए कई नवाचारी प्रोजेक्ट्स और शिक्षा में तकनीकी नवाचारों के लिए किया गया है। उनके प्रयासों ने न केवल स्कूल को एक विशेष आकर्षण केंद्र बना दिया है, बल्कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

कुसुम लता गरिया को इससे पहले राज्य शिक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनके द्वारा किए गए कार्यों में विशेष रूप से तकनीकी शिक्षण के अभिनव प्रयोग शामिल हैं, जिसने छात्रों की शिक्षा में एक नया आयाम जोड़ा है। आज उनकी इस उपलब्धि से उत्तराखंड शिक्षा विभाग में गर्व की लहर दौड़ गई है।


आगामी 5 सितंबर, 2024 को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। समारोह में उन्हें प्रशस्ति पत्र, 50,000 रुपये की नकद राशि, और एक रजत पदक प्रदान किया जाएगा। इस उपलब्धि के लिए कुसुम लता गरिया और उनके स्कूल को हार्दिक बधाई। उनके इस योगदान से प्रेरित होकर अन्य शिक्षक भी नवाचार और गुणवत्ता शिक्षा के क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।


शिक्षा निदेशक श्री अजय नौडियाल एवं प्रारम्भिक निदेशक रामकृष्ण उनियाल ,  निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल और महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कुसुम लता गरिया को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए बधाई संदेश देकर हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।  वरिष्ठ अधिकारियों ने उनके नवाचारी प्रयासों और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट योगदान की सराहना की।

शिक्षा निदेशक बंदना गर्ब्याल ने कहा, "कुसुम लता गरिया ने अपने समर्पण और मेहनत से शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका यह सम्मान प्रदेश के सभी शिक्षकों के लिए गर्व की बात है।"

महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी अपने संदेश में कहा, "कुसुम लता गरिया की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली को नई दिशा मिलेगी। उनके नवाचारी प्रोजेक्ट्स ने छात्रों की शिक्षा में गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।" 

प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि उनकी यह सफलता अन्य शिक्षकों को भी शिक्षा के क्षेत्र में नए नवाचार करने के लिए प्रेरित करेगी।

2024 के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित 50 शिक्षकों के नाम-

  1. अविनाशा शर्मा - जीएमएसएसएस, एनआईटी 3, फरीदाबाद, हरियाणा
  2. सुनील कुमार - जीएसएसएस, खारगट, चंबा, हिमाचल प्रदेश
  3. पंकज कुमार गोयल - जीएसएसएस गर्ल्स, बरनाला, पंजाब
  4. राजिंदर सिंह - गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल, कोठे इंद्रा सिंह वाले, बठिंडा, पंजाब
  5. बलजिंदर सिंह ब्रार - गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, पदमपुर, गंगानगर, राजस्थान
  6. हुकम चंद चौधरी - गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बीकानेर, राजस्थान
  7. कुसुम लता गरिया - गवर्नमेंट अपर प्राइमरी स्कूल, वीणा, पोखरी, चमोली, उत्तराखण्ड
  8. चंद्रलेखा दामोदर मेस्त्री - सत्यवती सोइरो एंगल हायर सेकेंडरी स्कूल, दक्षिण गोवा, गोवा
  9. चंद्रेशकुमार भोला शंकर बोरिसागर - नवी बधाड़ा प्राइमरी स्कूल, गुजरात
  10. विनय शशिकांत पटेल - हाई स्कूल, वदाडला, गुजरात
  11. माधव पटेल - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, बालाच, गुजरात
  12. सुनीता गोढ़ा - एमएस हायर सेकेंडरी स्कूल, राजस्थान
  13. के. शारदा - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, कोच्चि, केरल
  14. नरसिम्हा मूर्ति एच. के. - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, कर्नाटक
  15. द्विती चंद्र साहू - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, ओडिशा
  16. संतोष कुमार कर - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, ओडिशा
  17. आशीष कुमार रॉय - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, पश्चिम बंगाल
  18. प्रसंता कुमार मरिक - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, पश्चिम बंगाल
  19. उर्फाना अमीन - गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल, जम्मू और कश्मीर
  20. रविकांत द्विवेदी - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, उत्तर प्रदेश
  21. श्याम प्रकाश मौर्य - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, उत्तर प्रदेश
  22. इनाक्षी कुमारी डॉ. एम. - गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल, तमिलनाडु
  23. सिकेंद्र कुमार - गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बिहार
  24. सुम के - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, केरल
  25. अनिता गुप्ता - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, बिहार
  26. अरु शर्मा - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, पंजाब
  27. राजेंद्र प्रसाद अशोक सेनगुप्ता - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, पश्चिम बंगाल
  28. एच. एन. गिरीश - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, कर्नाटक
  29. वाम्र - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय
  30. ज्योति पंका पी.एम. - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय
  31. लेफिज़ो अपोन - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, नागालैंड
  32. नंदिता चोंगथम - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, मणिपुर
  33. यांकीला लामा - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, सिक्किम
  34. जोसेफ वानलालरुआइया साइल - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, मिजोरम
  35. एवरलास्टिंग पायंग्रोप - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, मेघालय
  36. सुभाष नानी गोपाल देबनाथ - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, त्रिपुरा
  37. चंदन खानिकर - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, असम
  38. डॉ. आशा रानी - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, बिहार
  39. जिनु जॉर्ज - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, केरल
  40. के. शिवप्रसाद - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, आंध्र प्रदेश
  41. श्रीनिवास राव - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, तेलंगाना
  42. सुरेश कुना - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, आंध्र प्रदेश
  43. पेसरा प्रभाकर - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, आंध्र प्रदेश
  44. थदुरी संपत कुमार - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, आंध्र प्रदेश
  45. पल्लवी शर्मा - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, छत्तीसगढ़
  46. चारू मैनी - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, हरियाणा
  47. डीलेगो पिनाथ आर - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, तमिलनाडु
  48. मुरलीधरन सेथुरमन - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, तमिलनाडु
  49. सागर चित्तारंजन बगाडे - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, महाराष्ट्र
  50. सौ. एस. एम. लोहे - गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, महाराष्ट्र

ये नाम उन शिक्षकों के हैं जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है और उनके नवाचारों ने शिक्षा की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।

Saturday, August 24, 2024

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला के 'मेधावी छात्र सम्मान' कार्यक्रम में 108 मेधावी छात्रों को किया सम्मानित

देहरादून, ननूरखेड़ा - मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने एससीईआरटी उत्तराखंड के सेमिनार हॉल में शिक्षा निदेशालय के सहयोग से आयोजित अमर उजाला के "मेधावी छात्र सम्मान" कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न हिस्सों से 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 108 मेधावी छात्रों का सम्मान किया गया।समारोह के दौरान, मुख्यमंत्री ने राज्य के स्कूलों में मिड-डे मील कार्यक्रम को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 2,871 स्कूलों में भोजन तैयार करने के लिए दो गैस सिलेंडर और एक चूल्हा प्रदान करेगी, जिसके लिए ₹2.15 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने छात्रों को बधाई दी और भविष्य के नेताओं के रूप में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने उनकी उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सफलता ने उनके परिवारों, स्कूलों, शिक्षकों और सरकार को गौरवान्वित किया है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने परिवार, जिलों और राज्य का नाम रोशन करें और भविष्य की पीढ़ियों के लिए आदर्श बनें।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से ग्रामीण और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने राज्य के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लागू की जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास और वैज्ञानिक सोच पर ध्यान केंद्रित करते हुए शिक्षा में क्रांति लाना है।


श्री धामी ने हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने शैक्षिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए विभिन्न पहलों का उल्लेख किया, जैसे कि नए स्कूल भवनों का निर्माण, स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना, और कंप्यूटर और विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण। इसके साथ ही, शिक्षकों के प्रशिक्षण और छात्रों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रमों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और यह लक्ष्य केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाकर ही हासिल किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा महानिदेशक श्री बंसीधर तिवारी, शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण निदेशक श्रीमती बंदना गर्ब्याल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और अन्य विशिष्ट शिक्षा अधिकारी भी उपस्थित थे।

Friday, August 23, 2024

Two-Day State-Level Workshop on e-Governance Standards and Guidelines Organized by C-DAC Pune


The Center for Development of Advanced Computing (C-DAC), Pune, under the Ministry of Electronics & Information Technology (MeitY), Govt. of India, has organized a two-day State-Level Awareness Workshop on e-Governance Standards and Guidelines. The event is scheduled to take place on 23rd and 24th August 2024 in Dehradun, with the primary focus on enhancing the knowledge and understanding of e-Governance practices among key stakeholders in Uttarakhand.

The workshop, which will be held at Hotel Regenta in Dehradun, will provide a platform for participants to explore various aspects of e-Governance standards, guidelines, and best practices. The sessions will cover topics such as interoperability, data security, and the implementation of e-Governance frameworks to ensure seamless digital governance.

Key Participants:

  • Bandana Garbyal, Director of Academic Research and Training, Uttarakhand
  • SCERT Uttarakhand Faculty Members: Ramesh Badoni, Shiv Prakash Verma, and Rakesh Rawat.

The workshop's schedule includes expert-led sessions, interactive discussions, and case studies that will equip participants with the necessary tools and knowledge to drive e-Governance initiatives in their respective departments. The sessions are designed to cater to the specific needs of the Uttarakhand region, ensuring that the guidelines and standards discussed are relevant and actionable.

Workshop Details:

  • Dates: 23rd and 24th August 2024 (Friday & Saturday)
  • Time: 09:30 hrs to 18:00 hrs
  • Venue: Hotel Regenta, Mohabewala, Saharanpur Road, Dehradun, Uttarakhand – 248001 (next to Mercedes-Benz Showroom)

This workshop is expected to play a significant role in the digital transformation of governance in Uttarakhand, providing valuable insights and strategies to improve administrative efficiency and public service delivery through technology-driven solutions.

By participating in this workshop, attendees will be better equipped to contribute to the state's vision of a more transparent, efficient, and accountable government.

राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस हर्षोल्लास के साथ SCERT उत्तराखण्ड सभागार में मनाया गया


दिनांक 23 अगस्त 2024: डॉ अवनीश उनियाल एवं डॉ आर के चौरसिया 


निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड,  बन्दना गर्ब्याल के नेतृत्व में आज  राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के ऑडिटोरियम में प्रथम राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में भारत की अंतरिक्ष विज्ञान में उपलब्धियों को उजागर करते हुए विविध प्रस्तुतियाँ दी गईं।


कार्यक्रम डॉ. अवनीश उनियाल की  प्रस्तुति से हुआ, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की प्रमुख उपलब्धियों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके साथ ही, हाल ही में संपन्न चंद्रयान-3 मिशन की अद्वितीय सफलताओं पर प्रकाश डाला गया। डॉ. अजय कुमार चौरसिया ने चंद्रमा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा करते हुए कार्यक्रम में ज्ञानवर्धन किया।


सीमेट के विभागाध्यक्ष,  दिनेश चंद्र गौड़ ने कहा कि छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, और इसी संदर्भ में चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण और चंद्रमा पर उसकी सफल लैंडिंग का वीडियो भी दिखाया गया, जिसे सभी ने सराहा।

कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित रोचक तथ्यों को एक क्विज के माध्यम से साझा किया गया, जिसमें उपस्थित सीमेट मे ट्रैनिंग ले रहे प्रधानाचार्यों,अधिकारियों और संकाय सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर SCERT और सीमेट के अन्य कर्मचारियों ने  भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।


संयुक्त निदेशक  आशा रानी पैन्यूली,  कंचन देवराडी, और सहायक निदेशक डॉ. कृष्णा नंद बिजल्वाण ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। निदेशक बन्दना गर्ब्याल  ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए STEM शिक्षा पर विशेष जोर देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि SCERT को इस दिशा में टीम भावना से काम करना होगा।


कार्यक्रम में प्रारंभिक निदेशालय के संयुक्त निदेशक  हरीश चंद्र रावत, जीआईसी मझखाली के प्रधानाचार्य श्री दिनेश चंद्रा ने भी अपने विचार इस अवसर पर रखे । इस कार्यक्रम मे  डॉ. आर.के. भट्ट, सुभ्रा सिंघल, सुधीर नौटियाल, सौरभ जोशी, मनोज शुक्ला, डॉ. रमेश पंत, और अन्य संकाय सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस प्रकार के आयोजन से  छात्रों और शिक्षकों के बीच अंतरिक्ष अनुसंधान और विज्ञान के प्रति एक नई जागरूकता और उत्साह का संचार होगा।


अंतरिक्ष दिवस के मुख्य बिंदु:

  1. क्विज़ प्रतियोगिता 
  2. अंतरिक्ष अनुसंधान में ऐतिहासिक उपलब्धियों पर चर्चा।
  3. विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की भूमिका।
  4. SCERT में राज्य शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थानों के विकास पर जोर।
  5. अंतरिक्ष अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, और इंजीनियरिंग में कैरियर के अवसरों को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य।



Wednesday, August 21, 2024

आपदा प्रबंधन पर पुस्तक लेखन कार्यशाला में जनपद देहरादून की आपदा प्रबंधन अधिकारी डा. दीपशिखा ने विशेषज्ञ लेखकों को महत्वपूर्ण सुझाव दिए

देहरादून: आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील प्रदेश उत्तराखंड में विद्यार्थियों और जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) उत्तराखंड द्वारा कक्षा 9 और 10 के लिए आपदा प्रबंधन विषय पर पाठ्यपुस्तकों का विकास किया जा रहा है। पहले चरण में कक्षा 9 की पाठ्यपुस्तक लेखन कार्य पूर्ण हो चुका है, और वर्तमान में दूसरे चरण के अंतर्गत कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए देहरादून के अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सभागार में पुस्तक लेखन कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में प्रदेशभर से विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है।

आज कार्यशाला के दूसरे दिन जनपद देहरादून की आपदा प्रबंधन अधिकारी डॉ. दीपशिखा ने विशेषज्ञ लेखकों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने प्रत्येक पाठ की गहन समीक्षा की और उसमें आवश्यक सुधार हेतु बहुमूल्य सुझाव दिए। डॉ. दीपशिखा ने कहा कि यह पुस्तक न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि अभिभावकों और आम जनमानस के लिए भी आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता का एक महत्वपूर्ण साधन बन सकेगी। उन्होंने पुस्तक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल करने के लिए सुझाव दिए और लेखकों की शंकाओं का समाधान भी किया।

कार्यशाला के समन्वयक डॉ. एस. पी. सेमल्टी और सोहन नेगी द्वारा डॉ. दीपशिखा का औपचारिक स्वागत किया गया, और उन्हें पाठ्यपुस्तक विकास की संपूर्ण प्रक्रिया और अब तक की कार्य प्रगति के बारे में जानकारी दी गई।

इस अवसर पर प्रदीप बहुगुणा, गिरीश सुंदरियाल, अरुण थपलियाल, डॉ. दिनेश रतूड़ी, सुनील भट्ट, सुरेंद्र आर्यन, डॉ. राकेश गैरोला, डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट, अखिलेश डोभाल, रवि दर्शन तोपाल, रमेश प्रसाद बडोनी, डॉ. सुशील राणा, रजनी रावत, सीमा शर्मा, देवेश जोशी, डॉ. आलोक प्रभा पांडे, गोपाल घुगत्याल, कंचन रावत, अवनीश सिंह, संजय रावत, हेमलता बिष्ट, सोहन रावत, राजकुमार और सिद्धार्थ आदि लेखक, चित्रकार, और सहयोगी उपस्थित रहे।

Tuesday, August 20, 2024

"National Space Day." August 23, 2023: Message from Director Academic Research and Training, Uttarakhand SCERT

प्रिय अधिकारियों, DIETs और विद्यालय के प्रधानाचार्यों ,

भारत के अंतरिक्ष यात्रा के इस महत्वपूर्ण पड़ाव को ध्यान में रखते हुए, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उत्तराखंड एससीईआरटी 23 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन ने भारत को चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश और 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र तक पहुंचने वाला पहला देश बना दिया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के सम्मान में हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस" घोषित किया है।

इस वर्ष, राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस - 2024 की थीम है "जीवन को छूते हुए चंद्रमा को छूना: भारत की अंतरिक्ष गाथा।" इस थीम के तहत देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें भारत की अंतरिक्ष में अद्वितीय उपलब्धियों, समाज को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से मिल रहे अपार लाभों, और सभी लोगों के लिए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में भागीदारी के असीमित अवसरों को उजागर किया जाएगा।

मैं राज्य के सभी संस्थानों , DIETs और विद्यालयों से अपील करती हूँ कि इस उत्सव में सक्रिय रूप से भाग लें। कृपया अंतरिक्ष विज्ञान, नवाचार और भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों से संबंधित योजनाबद्ध गतिविधियाँ आयोजित करें और इन गतिविधियों को उत्साह और सृजनात्मकता के साथ पूरा करें। गतिविधियों के पूर्ण होने के बाद, कृपया उनकी रिपोर्ट और मीडिया को एससीईआरटी में जमा करें ताकि हम इन्हें हमारी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित कर सकें और आपके प्रयासों को व्यापक समुदाय के साथ साझा कर सकें।

आइए, हम सब मिलकर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस 2024 को उत्तराखंड के सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एक यादगार और प्रेरणादायक आयोजन बनाएं।

सादर,

बंदना गर्ब्याल
निदेशक, शैक्षिक शोध एवं प्रशिक्षण
उत्तराखंड एससीईआरटी

यहाँ से डाउनलोड करें विडिओ सीरीज :क्लिक



अधिक जानकारी के लिए पत्र का संज्ञान लेंगे -




उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन पर कक्षा 10 की पाठ्यपुस्तक विकास कार्यशाला का शुभारंभ

उत्तराखंड के विद्यालयी शिक्षा में आपदा प्रबंधन को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) द्वारा कक्षा 10 के छात्रों के लिए एक विशेष पाठ्यपुस्तक लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला देहरादून के तरला आमवाला स्थित अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सभागार में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल और संयुक्त निदेशक आशा रानी पैन्यूली  के निर्देशन में शुरू हुई।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए निदेशक बंदना गर्ब्याल ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है, इसलिए इस महत्वपूर्ण विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के लिए एससीईआरटी द्वारा चरणबद्ध रूप से पाठ्यपुस्तक विकास का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में कक्षा 9 के लिए आपदा प्रबंधन पर पाठ्यपुस्तक का विकास पूरा हो चुका है और अब कक्षा 10 के लिए यह कार्यशाला प्रारंभ की गई है।


इस पुस्तक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में स्थानीयता, भारतीय ज्ञान प्रणाली, और मूल्य आधारित शिक्षा को ध्यान में रखते हुए, जाति, लिंग, और भाषा के भेदभाव से मुक्त सामग्री को रोचक और सरल तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।


उद्घाटन सत्र में संयुक्त निदेशक एससीईआरटी आशा रानी पैन्यूली ने पुस्तक लेखन के उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की और विषय विशेषज्ञों से अनुरोध किया कि वे छात्रों के मानसिक स्तर के अनुरूप सामग्री तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि पाठ्य सामग्री का प्रस्तुतीकरण सरल और रोचक तरीके से किया जाना चाहिए, ताकि छात्रों की रुचि बनी रहे और वे आसानी से समझ सकें।


सहायक निदेशक डॉ. के.एन. बिजल्वाण ने पाठ्यपुस्तक लेखन के सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा करते हुए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2023 के मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार गतिविधियों और चर्चाओं को शामिल करने की बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाठों को इस प्रकार से तैयार किया जाए कि छात्र स्वयं ज्ञान का निर्माण कर सकें।


कार्यशाला के समन्वयक डॉ. एस.पी. सेमल्टी और सोहन सिंह नेगी ने पुस्तक में समाहित किए जाने वाले पाठों और सामग्री का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। एससीईआरटी के संकाय सदस्य डॉ. दिनेश प्रसाद रतूड़ी ने कौशल आधारित गतिविधियों और प्रश्नों के विभिन्न प्रकारों की जानकारी दी और कहा कि इनका समावेश प्रत्येक पाठ में किया जाना चाहिए, जिससे पाठ्यपुस्तक के विकास और मूल्यांकन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया जा सके।


इस कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों के रूप में  सुनील  भट्ट, डॉ. अवनीश उनियाल, प्रदीप बहुगुणा, गिरीश सुंदरियाल, अरुण थपलियाल, डॉ. दिनेश रतूड़ी, सुरेंद्र आर्यन, डॉ. राकेश गैरोला, डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट, अखिलेश डोभाल, रवि दर्शन तोपाल, रमेश प्रसाद बडोनी, डॉ. सुशील राणा, रजनी रावत, सीमा शर्मा, देवेश जोशी, डॉ. आलोक प्रभा पांडे, गोपाल घुगत्याल, और कंचन रावत ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त, चित्रकार अवनीश सिंह, संजय रावत, और हेमलता बिष्ट ने चित्रण कार्य में सहयोग दिया। तकनीकी सहायता राजकुमार, सोहन रावत, और सिद्धार्थ द्वारा प्रदान की जा रही है।


इस महत्वपूर्ण पहल के माध्यम से उत्तराखंड के छात्रों को आपदा प्रबंधन के विषय में न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक व्यवहारिक कौशल भी विकसित कर सकेंगे।

Friday, August 16, 2024

रा० इ० का० उप्पू टिहरी गढ़वाल और रा० इo का० पटेल नगर के छात्रों ने देहरादून में प्रतिष्ठित स्कूलों के बीच बनाई जगह, "Innovative Sustainable Development" प्रतियोगिता के दूसरे चरण में प्रवेश

 
रा० इ० का० उप्पू ब्लॉक थौलधार टिहरी गढ़वाल और रा० इ  का० पटेल नगर देहरादून ने Innovative Sustainable Development Part-2 प्रतियोगिता में देहरादून (उत्तराखंड) के 47 नामी पब्लिक स्कूलों के बीच अपनी जगह बनाई है। गणित शिक्षक जगदंबा डोभाल के छात्रों ने इस प्रतियोगिता के दूसरे चरण में प्रवेश किया है, जहां उन्हें आकर्षक पुरस्कार और सम्मान मिलने की संभावना है। रा इ का उप्पू  के ये छात्र आयुषी, आदित्य एवं आयुष गुसाईं है।  इसी विद्यालय की कुमारी संचिता नेगी कक्षा 10 की छात्रा ने पिछले वर्ष गणित के अमूर्त रूप को मूर्त रूप में बदलने का एक मॉडल बनाया था जो राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हुआ था



इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों को भविष्य की चुनौतियों जैसे ऊर्जा, पानी, और अपशिष्ट निपटान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए नवीन और टिकाऊ (सस्टेनेबल) इंजीनियरिंग परियोजनाएँ विकसित करने के लिए प्रेरित करना है। यह प्रतियोगिता छात्रों को व्यावहारिक और कार्यात्मक मॉडल बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो विभिन्न इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उपयोगी हो सकते हैं। इसके माध्यम से, छात्रों में न केवल तकनीकी कौशल विकसित करने की दिशा में जागरूकता बढ़ाई जाती है, बल्कि उन्हें स्थिरता के सिद्धांतों के प्रति भी संवेदनशील बनाया जाता है, ताकि वे भविष्य के लिए जिम्मेदार और नवाचारी समाधान प्रस्तुत कर सकें।

इस प्रतियोगिता में छात्रों को निम्नलिखित पुरस्कार और सम्मान मिलेंगे:

1st Prize (INNOVATOR):

  • 100% Scholarship: Amrita द्वारा इंग्लिश कोर्सेज में 100% छात्रवृत्ति।
  • Winning Trophy: विजेता ट्रॉफी।
  • Certificate of Appreciation: प्रशंसा प्रमाणपत्र।
  • Medal: मेडल।
  • Gift Vouchers: टीम के लिए रु. 15,000/- तक के गिफ्ट वाउचर।

2nd Prize (CHALLENGER):

  • One on One Career Guidance: Amrita फैकल्टी द्वारा करियर गाइडेंस सत्र।
  • Certificate of Appreciation: प्रशंसा प्रमाणपत्र।
  • Medal: मेडल।
  • Gift Vouchers: टीम के लिए रु. 9,000/- तक के गिफ्ट वाउचर।

अन्य सम्मान के साथ सभी प्रतिभागियों को एक Participation Certificate भी प्रदान किया जाएगा।


छात्रों की इस सफलता पर विद्यालयों में खुशी की लहर है, और गणित शिक्षक जगदंबा डोभाल का योगदान इस सफलता में सराहनीय रहा है। 

रा० इ० का० उप्पू टिहरी के शिक्षक जगदंबा डोभाल और रा० ई० का० पटेल नगर के प्रधानाचार्य को उनके छात्रों के नवाचारी और सतत प्रयासों के लिए निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड, बंदना गर्ब्याल ने बधाई दी। उन्होंने अन्य शिक्षकों से भी अपील की कि वे इस प्रेरणा से प्रदेश और देश की शिक्षा में सक्रिय योगदान देने का संकल्प लें।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एससीईआरटी सभागार में प्राथमिक सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए

देहरादून: शुक्रवार को एससीईआरटी सभागार में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 236 चयनित अभ्यर्थियों को प्राथमिक सहायक अध्यापक के नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 16,000 सरकारी नौकरियां दी हैं, और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य का कोई भी राजकीय प्राथमिक विद्यालय जर्जर स्थिति में नहीं रहेगा, इसके लिए विभाग को 50 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा रही है। जरूरत पड़ने पर और भी राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए नवाचारों को अपनाना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य के बच्चे प्रारंभिक शिक्षा से ही इनोवेशन के प्रति जागरूक और प्रेरित हों।



मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए अभ्यर्थियों से आग्रह किया कि वे शिक्षक के रूप में नहीं, बल्कि उस विद्यालय और पंचायत के मालिक बनकर काम करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा में नवाचार को शामिल करना आवश्यक है ताकि राज्य के बच्चे पहली कक्षा से ही इनोवेशन के प्रति जागरूक हों।


इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, और माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक अजय नौडियाल भी मौजूद रहे। इस अवसर पर डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि 2,906 प्राथमिक सहायक अध्यापक भर्ती की पहली काउंसलिंग में 473 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। दूसरी काउंसलिंग 18 अगस्त को आयोजित की जाएगी, और बची हुई सीटों के लिए तीसरी व अंतिम काउंसलिंग होगी।

शिक्षा मंत्री  ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि चयनित अभ्यर्थियों की पहली नियुक्ति दुर्गम स्कूलों में दी गई है, और सभी शिक्षक यह ध्येय बना लें कि उन्हें पहले पांच साल दुर्गम में नौकरी करनी है।

अंत मे मुख्यमंत्री के अनुसार एक  शिक्षक का प्रभाव छात्र के जीवन में गहरा होता है, और अगर शिक्षक खुद को विद्यालय स्तम्भ  मानकर कार्य करेगा, तो यह न केवल विद्यार्थियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की कि वे इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाएंगे।

Thursday, August 15, 2024

Bal Vatika Initiative in Uttarakhand:Overview

 

1. Introduction: Strengthening Early Childhood Education Uttarakhand has taken a significant step towards holistic early childhood development with the launch of the "Bal Vatika" initiative. This program focuses on the comprehensive development of young children by integrating multiple learning goals through structured workbooks and creating supportive learning environments at home.

2. Curriculum and Learning Tools To support the holistic development of children in Bal Vatika, three workbooks have been developed. These workbooks are centered around key developmental goals, fostering cognitive, social, and emotional growth. Additionally, awareness campaigns have been conducted to encourage parents to create conducive learning spaces at home, ensuring that education extends beyond the classroom.

3. Volunteer Engagement: Empowering Communities The initiative has actively engaged volunteers from the National Service Scheme (NSS) and Nehru Yuva Kendra (NYK). These volunteers work with parents, providing guidance on how to support their children's learning at home. They utilize Information, Education, and Communication (IEC) materials, awareness videos, and a specially designed School Management Committee (SMC) handbook to facilitate this process.

4. Learning at Scale: Success Stories The Bal Vatika initiative draws inspiration from successful foundational literacy programs like the Scaling-Up Early Reading Intervention (SERI) implemented in Champawat, Uttarakhand. This program is recognized as one of the eight most effective large-scale foundational literacy programs globally, as highlighted by a study conducted by the Research Triangle Institute (RTI) International.

5. Data-Driven Planning: FLN Index A data-oriented approach has been adopted to enhance foundational learning and numeracy (FLN) in the state. The FLN Index Report has been developed to assess the overall state of foundational learning and identify potential challenges, allowing for targeted interventions.

6. Community Radio Initiative: Learning Never Stops In a bid to ensure uninterrupted learning, especially for students in remote areas, the Uttarakhand Education Department developed 30 radio episodes focused on FLN. These episodes were broadcasted via community radio stations, effectively reaching children in the farthest corners of the state.

7. Pragati App: Leveraging EdTech for Better Outcomes The state has introduced the Pragati App, a user-friendly mobile application designed for teacher-led in-class assessments of foundational literacy and numeracy. The app also serves as a monitoring tool, supporting the continuous professional development of primary grade teachers.

8. Embracing Multilingualism: Promoting Inclusive Education Recognizing the linguistic diversity in Uttarakhand, which is home to 21 language groups, the state education department has developed learning materials in regional languages. This promotes multilingual learning and ensures that children from diverse linguistic backgrounds receive quality education.

9. Healthy Body Equals Healthy Mind: Mid-Day Meal Scheme Supporting the developmental goal of good health and well-being, the state has revitalized the mid-day meal scheme. Various initiatives have been introduced to ensure that foundational stage learners receive the best possible nutrition, fostering both physical and mental development.

10. NIPUN Bharat Mission: Reaching All Stakeholders On 9 September 2021, the Education Minister launched the NIPUN Bharat Mission in Uttarakhand, aligning the state's efforts with national goals. The mission aims to reach all stakeholders and enhance foundational literacy and numeracy outcomes.

11. Blended Learning: Exposure to a World of Text The state promotes a blended approach to learning, combining physical and digital resources. By making a wide variety of texts accessible, children are encouraged to develop strong reading skills, opening up a world of knowledge and opportunities.

The Bal Vatika initiative represents Uttarakhand's commitment to providing a strong foundation for early childhood education, with a focus on holistic development, community engagement, and the integration of innovative teaching methods.

एससीईआरटी उत्तराखंड के नए कैंपस और ऑडिटोरियम में मनाया गया 78वां स्वतंत्रता दिवस

एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) उत्तराखंड ने अपने नए कैंपस और अत्याधुनिक ऑडिटोरियम में 78वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपर निदेशक आशा पैन्यूली  और संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी  की गरिमामयी उपस्थिति पर्व का शुभारंभ हुआ। पूरे प्रदेश से संकाय सदस्य, कर्मचारी, अधिकारी, बाहर से आए अतिथि और शिक्षक इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए एकत्रित हुए और स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया। इस कार्यक्रम का संचालन सुनील भट्ट द्वारा किया गया, जिन्होंने अपने कुशल संचालन एवं बुलंद आवाज से कार्यक्रम को और भी यादगार बना दिया।


शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का संदेश

स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह का संदेश अपर निदेशक आशा पैन्यूली ने सार्वजनिक रूप से पढ़ा। अपने संदेश में मंत्री जी ने उत्तराखंड राज्य की शिक्षा व्यवस्था में किए गए सुधारों और  राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत प्राप्त की गई सफलताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य है जिसने बाल वाटिका जैसे कार्यक्रमों को सबसे पहले प्रदेश में लागू किया और बुनियादी शिक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम निर्माण की पहल की।

मंत्री जी ने यह भी उल्लेख किया कि शिक्षा विभाग ने पाठ्यक्रम निर्माण को आम जनमानस के सुझावों के लिए ओपन फोरम में रखा है, ताकि शिक्षा और इससे जुड़े अन्य अभिभावक गण अपनी राय सरकार तक पहुंचा सकें। उन्होंने सभी शिक्षकों से आग्रह किया कि वे अपने सतत कौशल विकास पर ध्यान दें और पेडागोजी में ऐसे परिवर्तन लाएं जो छात्रों के हित में हो, जिससे कक्षा का शिक्षण रोचक और प्रभावी बन सके।

शिक्षा सचिव रविनाथ रमन का संदेश

इसके पश्चात संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी  ने विद्यालय शिक्षा सचिव रविनाथ रमन का संदेश पढ़कर सुनाया। शिक्षा सचिव ने प्रदेश में गुणवत्ता शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे आनंदम, कौशलम, तकनीकी शिक्षा, और डिजिटल टेक्नोलॉजी से निर्मित पाठ्यक्रम। उन्होंने इन सभी प्रयासों को प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताया और कहा कि इन्हीं प्रयासों की बदौलत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आ रहा है।

निदेशक माध्यमिक, शिक्षा अजय नौडियाल का संदेश

कार्यक्रम के अगले चरण में डॉ के एन बिजलवाण ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा अजय नौडियाल का संदेश सभी संकाय सदस्यों और अधिकारियों के बीच पढ़ा। इस संदेश में निदेशक ने शिक्षकों को छात्र केंद्रित शिक्षा प्रदान करने और गुणवत्ता शिक्षा के विकास के लिए सतत प्रयासरत रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के साथ मिलकर काम करना जरूरी है ताकि प्रदेश में शिक्षा का स्तर और ऊंचा उठ सके।

निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल का संदेश 

निदेशक, अकादमिक  शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल ने अपने संदेश  में डिजिटल तकनीकी शिक्षा के महत्व और नैतिक मूल्यों के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम किसी भी कर्मचारी या अधिकारी की बातों को ध्यान से सुनते और समझते हैं, तो हम सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। इसलिए, नैतिक मूल्यों का विकास अत्यंत आवश्यक है। निदेशक का संदेश वाचन एस सी ई आर टी प्रवक्ता,डॉ साधना डिमरी ने किया । 

बंदना गर्ब्याल ने एस सी ईआर टी की संपूर्ण फैकल्टी से ट्रेनिंग और कोलैबोरेशन मोड में सीखने का आह्वान किया, ताकि तकनीकी में संवर्धन कर अपने कार्यक्रमों को सुचारू रूप से नियोजित किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हमें डिजिटल तकनीकी शिक्षा के द्वारा शिक्षकों और छात्रों को निरंतर अभिमुखीकरण करने की आवश्यकता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने कार्य स्वयं कर सकें।

अंतिम सत्र और समापन

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली , संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी , और सहायक निदेशक डॉ  के एन  बिजलवाण  ने समस्त संकाय सदस्यों और अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ  के एन  बिजलवाण ने अपने सत्र में कहा कि हमें अपने कार्यों के प्रति ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा दिखानी चाहिए, जिससे परिषद के विकास और गुणवत्ता शिक्षा में सुधार आए।

इसके साथ ही, कार्यक्रम में कई शिक्षाविदों, अधिकारियों, और संकाय सदस्यों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। प्रवक्ता डॉ संजीव चेतन और सुधा पैन्यूली ने देश प्रेम के गीत गाकर सभी को भाव विभोर किया । डॉ अविनाश उनियाल ने अपनी ग़ज़ल से और रविदर्शन तोपवाल  ने आजादी और शिक्षा में हो रहे बदलाव पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रवक्ता  मनोज बहुगुणा ने कविता और गीत के माध्यम से सभी को प्रेरित किया। प्रवक्ता शुभ्रा सिंगल और उषा कटियार ने भी अपनी गीत एवं कविताओं  से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। प्रवक्ता सोहन सिंह नेगी द्वारा उत्तराखण्ड आंदोलन के  फाउन्डर मेम्बर होने से लेकर उनका आंदोलन मे रहकर प्रदेश के लिए समाज मे आरक्षण और अपने प्रदेश के लिए संपर्पण और त्याग के प्रतीक इस प्रदेश की  स्वाधीनता के लिए मार मिटने वालों पर बड़े जोशीले अंदाज मे अपनी बात रखकर सबगर को अभिप्रेत किया। 

कार्यक्रम का समापन अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक के अभिभाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी शिक्षकों और छात्रों से आने वाले समय में डिज़ाइन थिंकिंग, टेक्नो मेला, साइंस फेयर, और इंस्पायर अवार्ड मानक जैसे कार्यक्रमों की तैयारी के लिए आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि नया भवन एससीईआरटी की जिम्मेदारी है, और हमें इसके रखरखाव का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी कार्यक्रम के संचालन में कोई व्यवधान न हो।

अंत में, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक ने सभी अधिकारियों, संकाय सदस्यों, और उपस्थित अतिथियों को धन्यवाद दिया और कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि हमें अपने कार्यों को ईमानदारी और समर्पण के साथ पूरा करना चाहिए, ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और प्रभावी बनाया जा सके।