Thursday, December 19, 2024

एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" के लिए लेवल-2 MOOCs कोर्स पर ऑनलाइन मीटिंग का आयोजन

 

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) उत्तराखंड द्वारा "Fundamentals of ICT Tools for School Teachers" विषय पर लेवल-2 MOOCs (Massive Open Online Course) के विकास हेतु एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में एसएमई (Subject Matter Experts) और कंटेंट रिव्यूअर्स ने भाग लिया। बैठक का संचालन कोर्स कोऑर्डिनेटर  रमेश प्रसाद बडोनी ने किया।

बैठक की अध्यक्षता निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बंदना गर्ब्याल ने की। उन्होंने इस कोर्स की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह शिक्षक समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने पहले लेवल के MOOCs  कोर्स की सराहना करते हुए कहा कि एसएमई और टीम द्वारा विकसित सामग्री उच्च गुणवत्ता की है और इससे शिक्षक लाभान्वित हो रहे हैं।

श्री रमेश प्रसाद बडोनी ने लेवल-2 कोर्स का परिचय देते हुए इसके उद्देश्यों और दिशानिर्देशों को साझा किया। उन्होंने बताया कि यह कोर्स शिक्षकों को आईसीटी (ICT) के उपयोग में अधिक दक्ष बनाने और उनके कौशल को उन्नत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को कोर्स सामग्री के विकास में दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी ताकि कोर्स अधिक प्रभावी और उपयोगी बन सके।

बैठक के मुख्य बिंदु:

  1. कोर्स का उद्देश्य:
    शिक्षकों को आईसीटी टूल्स के उन्नत उपयोग में प्रशिक्षित करना ताकि वे कक्षा शिक्षण को और अधिक प्रभावी बना सकें।

  2. लेवल-2 कोर्स की संरचना: इंटरएक्टिव मटेरियल  व्यावहारिक अभ्यास  मूल्यांकन और फीडबैक

  3.  निदेशक बंदना गर्ब्याल ने MOOCs के प्रथम लेवल की सफलता की सराहना की और लेवल-2 के लिए टीम को शुभकामनाएं दीं।

  4. सहयोग और मार्गदर्शन:
    एसएमई और कंटेंट रिव्यूअर्स ने अपने अनुभव साझा किए और कोर्स की गुणवत्ता सुधारने के लिए सुझाव दिए।

एससीईआरटी उत्तराखंड की इस पहल से राज्य के शिक्षकों को डिजिटल तकनीक में और अधिक दक्षता प्राप्त होगी, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सकेगी।

#SCERT_Uttarakhand #MOOCs #ICTForTeachers #DigitalEducation #TeacherTraining 

SCERT Uttarakhand Hackathon 2024-25: Advancing Educational Content Creation through Collaboration

 

The SCERT Uttarakhand Hackathon 2024-25 launched with a dynamic meeting that gathered a wide range of educators, content creators, and ICT experts, all committed to developing high-quality educational content. This year’s Hackathon aims to empower students and teachers by fostering creativity through innovative lesson planning, content development, and integrating ICT tools into the learning process.

Chaired by Bandana Garbyal, Director of Academic Research and Training, SCERT Uttarakhand, the meeting began with a call for the creation of exceptional content that would enhance teaching methodologies across Uttarakhand. She stressed the importance of innovation and quality in the submissions.

The meeting was attended by several notable participants, including R. P. Badoni, the Program Coordinator from SCERT Uttarakhand, and J. P. Dobhal, a National Awardee known for his educational contributions. Other prominent attendees were Pradeep Negi, Daulat Guasian, Manodhar Nainwal, Bhaskar Joshi from Uttarakhand, Sushmita Chaudhary from West Bengal, and Abhishek from Madhya Pradesh, all of whom contributed their expertise in content development and ICT. Lokesh Tiwari, a seasoned ICT coordinator, and Prakash C. Upadhyaya, an innovative content writer, were also present, alongside Navneet, an ICT Awardee teacher.

From the University of Petroleum and Energy Studies, Prof. Sugandha Sharma and Kaushik Ghosh joined as content writers, offering their insights on educational content. Additionally, Neeru Mittal, another ICT Awardee, participated, contributing her knowledge in technology integration within education. Together, these 21 subject matter experts (SMEs), including Dr. Kiran Lata Dangal, Anand Kumar, and Alpa Nigam, collaborated to share their experiences and contribute to the creation of innovative, engaging content for the Hackathon.

Key Focus Areas:

The meeting centered around essential points such as the need for clear guidelines for content creation, ensuring that all submissions adhere to SCERT’s educational objectives. Special attention was given to the accessibility of content, advocating for submissions in open document formats to ensure ease of review.

The participants emphasized the importance of developing lesson plans that integrate ICT tools, coding, robotics, and STEM learning, aiming to foster digital literacy and creativity among students and teachers. The goal is to collaboratively produce at least 100 content submissions for the Hackathon, ensuring the highest standards of quality.

Actionable Goals:

  • Review sample lesson plans to ensure clarity and alignment with educational goals.
  • Develop a minimum of 100 high-quality content submissions.
  • Clarify specific guidelines for writing content for teachers.
  • Encourage continuous collaboration by introducing all participants.

Conclusion:

The meeting successfully established a collaborative and innovative environment, with experienced educators like Prof. Sugandha Sharma, Kaushik Ghosh, Neeru Mittal, Bhaskar Joshi, Prakash C. Upadhyaya, and others leading discussions on content quality. Program Coordinator R. P. Badoni expressed confidence that this collective effort would drive significant improvements in educational content across Uttarakhand.

The SCERT Uttarakhand Hackathon 2024-25 is set to become a transformative event, providing a platform for teachers and students to explore and solve real-world educational challenges through creativity, digital tools, and collaborative learning.


विद्यालयी शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के ड्राफ्ट का प्रस्तुतीकरण

रिपोर्ट: मनोज किशोर बहुगुणा एन ई पी सेल एस सी ई आर टी 
बृहस्पतिवार को महानिदेशक विद्यालय शिक्षा,  झरना कमठान की अध्यक्षता में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के सभागार में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण  बंदना गर्ब्याल,अपर निदेशक एस सी ई आर टी डॉ. मुकुल कुमार सती तथा अपर निदेशक सीमैट अजय कुमार नौडियाल  सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक आहूत की गई। उक्त बैठक में  एस.सी.ई.आर.टी. के संयुक्त निदेशक  प्रदीप रावत द्वारा सभी अधिकारियों के सम्मुख राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रमुख अनुशंसाओं, राज्य में एन ई पी 2020 के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति तथा विद्यालय शिक्षा हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विस्तृत ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया।

एन ई पी प्रकोष्ठ के कार्यक्रम समन्वयक  रविदर्शन तोपाल ने स्पष्ट किया कि एनसीईआरटी से प्राप्त एन सी एफ-एस ई की तर्ज पर ही यह पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित की गई है, जिसमें उत्तराखंड राज्य पर आधारित संबोधो कों विशेष स्थान दिया गया है। उदाहरणतः राज्य की सांस्कृतिक विरासत, भौगोलिक पृष्ठभूमि, ऐतिहासिक गौरव गाथाएं, वनस्पति, जीव जंतु, संस्कृति आदि को विशेष रूप से पाठ्यचर्या का हिस्सा बनाने का प्रयास किया गया है।

कार्यक्रम समन्वयक एन ई पी प्रकोष्ठ मनोज बहुगुणा द्वारा निपसेड की उपनिदेशक डॉ. मोनिका शर्मा, हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर (गढ़वाल) के मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. मंजू खंडूरी पाण्डेय, राजकीय महाविद्यालय लोहाघाट चंपावत में मनोविज्ञान विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रेखा जोशी सहित ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त विभिन्न सुझावों को बैठक में उपस्थित सदस्यों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया।

 महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा निर्देशित किया गया कि समिति के सभी सदस्यों द्वारा उक्त ड्राफ्ट का बारीकी से अध्ययन किया जाए, जिससे अगली बैठक में इसे पूर्ण कर शासन में अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित किया जा सके। बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी गढ़वाल  एस.पी.सेमवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी ऊधम सिंह नगर  के. एस. रावत, अपर सचिव उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर डॉ. एस.पी. सिंह तथा  बी.एम.एस.रावत, प्राचार्य डायट रतूड़ा  सी. पी. रतूड़ी प्राचार्य डायट टिहरी  दीपक रतूड़ी, खंड शिक्षा अधिकारी जयहरीखाल  अमित कुमार चंद, खंड शिक्षा अधिकारी पोखरी  विनोद सिंह मटूडा, खंड शिक्षा अधिकारी बीरोंखाल  वर्षा भारद्वाज, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा  कमला बड़वाल, उपनिदेशक संस्कृत शिक्षा  पद्माकर मिश्र, प्रधानाचार्य दून इंटरनेशनल स्कूल डॉ. दिनेश बर्थवाल, प्रधानाचार्य धर्मा इंटरनेशनल स्कूल  स्वाति आनंद, प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज रानीपोखरी  के  एस गुसाईं, प्रधानाचार्य राजकीय इंटर कॉलेज भगवानपुर धारकोट डॉ. अतुल कुमार श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वाणी विहार  दिनेश सिंह रावत तथा एन ई पी प्रकोष्ठ से डॉ कामाक्षा मिश्रा तथा सचिन नौटियाल उपस्थित रहे।

परामर्श एवम निर्देशन पर हितधारकों का राज्य सम्मेलन ( State Conference of Stakeholders on Guidance & Counselling)

 


Wednesday, December 18, 2024

शीघ्र आ रहा है - इनोवेट उत्तराखंड हैकाथॉन : "नवाचार, सहयोग, परिवर्तन: साथ मिलकर एक सुदृढ़ भविष्य का निर्माण!"

 "नवाचार, सहयोग, परिवर्तन: एक सुदृढ़ भविष्य का निर्माण!"

उत्तराखंड एक ऐतिहासिक कार्यक्रम का गवाह बनने के लिए तैयार है, क्योंकि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड ने गर्व से आगामी हैकाथॉन "इनोवेट उत्तराखंड" की घोषणा की है। यह कार्यक्रम जनवरी 2025 में आयोजित होने की संभावना है, जिसमें राज्य के होनहार प्रतिभागी एकजुट होकर चुनौतीपूर्ण समस्याओं का समाधान निकालेंगे और एक सुदृढ़ व सतत भविष्य के लिए नवाचारी समाधान प्रस्तुत करेंगे।

हैकाथॉन का उद्देश्य क्या है?

यह हैकाथॉन उत्तराखंड के कक्षा 6 से 12 के छात्रों और शिक्षकों को AI, कोडिंग और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर लागू होने वाले और टिकाऊ डिजिटल समाधान विकसित करने के लिए सशक्त बनाएगा। यह निम्नलिखित वास्तविक जीवन की समस्याओं पर केंद्रित है:

  1. शिक्षा: शिक्षण-प्रक्रिया को सुदृढ़ बनाना, आकलन उपकरण विकसित करना, और कक्षा में नवाचार को बढ़ावा देना।
  2. स्वास्थ्य: सुलभ और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए डिजिटल समाधान प्रस्तावित करना।
  3. पर्यावरण: जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, और ग्लेशियर संरक्षण जैसी समस्याओं का समाधान।
  4. साइबर तकनीक: साइबर सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता से जुड़े मुद्दों का समाधान।
  5. SDG-17: सतत विकास लक्ष्यों के लिए साझेदारी को मजबूत बनाना।

यह हैकाथॉन प्रतिभागियों को सतत विकास में योगदान देने और वैश्विक समुदाय को प्रेरित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

कौन कर सकता है भागीदारी?

  • कक्षा 6 से 12 के छात्र: युवाओं को आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच के लिए प्रोत्साहित करना।
  • उत्तराखंड के शिक्षक: शिक्षण में नवाचार और समस्या-समाधान क्षमता को बढ़ावा देना।

विशेष रूप से बालिकाओं और महिला शिक्षकों को भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:

  • इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स: विशेषज्ञों से कोडिंग, AI और समस्या-समाधान तकनीकों को सीखने का अवसर।
  • मार्गदर्शन: उद्योग और अकादमिक विशेषज्ञों के साथ अपने विचारों को परिष्कृत करने का मौका।
  • रोमांचक पुरस्कार: सबसे नवाचारी और प्रभावशाली समाधान के लिए सम्मान।

भाग लेने के लाभ:

  • अपनी प्रतिभा को एक प्रतिष्ठित मंच पर प्रदर्शित करें।
  • उत्तराखंड को सुरक्षित, स्मार्ट, और सतत बनाने में योगदान दें।
  • नवाचारी लोगों के साथ सीखने और बढ़ने का अवसर।

टैगलाइन:

"नवाचार, सहयोग, परिवर्तन: साथ मिलकर एक सुदृढ़ भविष्य का निर्माण!"
यह टैगलाइन टीमवर्क, रचनात्मकता और उज्जवल भविष्य की साझा दृष्टि को दर्शाती है।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

आधिकारिक इवेंट पोर्टल (जल्द ही लाइव होगा): innovateuttarakhand.com पर जाकर अपनी नवाचारी विचार और प्रस्ताव सबमिट करें।

यह हैकाथॉन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के युवाओं और शिक्षकों को सशक्त बनाना है, ताकि वे सतत भविष्य के लिए समाधानकारी बदलाव ला सकें।

अधिक जानकारी के लिए जुड़े रहें और तैयार हो जाएं "इनोवेट उत्तराखंड" के लिए!


Monday, December 16, 2024

Upcoming Soon: Hackathon "Innovate Uttarakhand"

 


"Innovate, Collaborate, Transform: Building a Resilient Future Together!"

Uttarakhand is all set to witness a groundbreaking event as the State Council of Educational Research and Training (SCERT), Uttarakhand, proudly announces the upcoming Hackathon "Innovate Uttarakhand". The event is expected scheduled to be held on  January 2025, bringing together the brightest minds from across the state to tackle pressing challenges and drive innovative solutions for a resilient and sustainable future.

What is the Hackathon About?

The Hackathon aims to empower students (Grades 6–12) and teachers from Uttarakhand to develop scalable and sustainable digital solutions using AI, coding, and modern applications. It focuses on solving real-world problems related to:

  • Education: Enhancing teaching-learning processes, assessment tools, and classroom innovations.
  • Health: Proposing digital solutions for accessible and effective healthcare.
  • Environment: Tackling issues like climate change, deforestation, and glacier conservation.
  • Cyber Technology: Addressing challenges of cyber safety and digital literacy.
  • SDG-17: Strengthening partnerships for sustainable development goals.

This Hackathon is an opportunity for participants to ideate, innovate, and present solutions that contribute to sustainable development and inspire progress for the global community.

Who Can Participate?

The Hackathon is open to:

  • Students from Grades 6–12: Encouraging young minds to think critically and creatively.
  • Teachers across Uttarakhand: Promoting innovative teaching practices and problem-solving abilities.
    Special emphasis is being placed on encouraging female students and women educators to participate, recognizing their vital role in addressing the unique challenges faced in the hilly terrains of Uttarakhand.

Event Highlights:

  1. Interactive Workshops: Learn coding, AI, and problem-solving techniques from experts.
  2. Mentorship: Collaborate with industry leaders and academic mentors to refine your ideas.
  3. Exciting Awards: Recognition for the most innovative and impactful solutions.

Why Participate?

  • Showcase your talent on a prestigious platform.
  • Contribute to building a safer, smarter, and sustainable Uttarakhand.
  • Learn and grow with like-minded innovators.

Tagline:

"Innovate, Collaborate, Transform: Building a Resilient Future Together!"

The tagline embodies the spirit of teamwork, creativity, and a shared vision for a brighter tomorrow.

How to Register?

Visit the official Event portal ( coming soon- live): innovateuttarakhand.com to enroll for the event. Where you will submit your innovative ideas and proposals for tackling real-world challenges.

This Hackathon is more than a competition—it is a movement to empower the youth and educators of Uttarakhand to become change-makers, driving solutions for a sustainable future.

Stay tuned for more updates and get ready to "Innovate Uttarakhand"!  

Saturday, December 14, 2024

Faculty SCERT: Dr Manoj Shukla Joins National Training Workshop on Multisensory and Inclusive Education


On December 12-13, 2024, Dr Manoj Shukla, a dedicated educator and faculty member, had the privilege of participating in a prestigious two-day national training workshop at the National Institute of Visually Handicapped (NIEPVD), Dehradun. The workshop was organized by NCERT with a focus on developing Multisensory and Inclusive Theme Books for children in the foundational years (ages 3-8).

Purpose of the Workshop

The training aimed to create educational resources that cater to children with diverse learning needs, including those with visual and auditory challenges. These inclusive theme books are designed to enrich learning experiences using innovative features such as:

  • Tactile Engagement: Materials with textured surfaces to facilitate hands-on learning.
  • Audio Assistance: Embedded audio chips providing playback for rhymes, music, and interactive stories.
  • Sensory Integration: Introduction of familiar scents to enhance comprehension and sensory experiences.

This initiative aligns with NCERT’s mission to ensure equitable education for all and to empower children with innovative learning tools.


Dr Manoj Shukla’s Role

Dr Manoj Shukla’s participation in the workshop highlighted his expertise in mathematics education and his commitment to innovative teaching methodologies. Collaborating with experts from Delhi and other parts of India, he contributed valuable insights to the development of these theme books. His involvement in hands-on activities and brainstorming sessions showcased his dedication to creating accessible and engaging educational resources for children.

A Step Towards Inclusive Education

The workshop was a unique platform for educators to exchange ideas and develop tools that will make a lasting impact on early childhood education. Dr Manoj Shukla expressed his gratitude to NCERT for organizing the workshop and for the opportunity to contribute to this meaningful initiative.

This experience marks another step forward in his journey to empower learners and foster inclusivity in education. The inclusive theme books will soon be a transformative resource in classrooms, benefiting children across the nation.

"Together, we can make education accessible, engaging, and enjoyable for every child," says Manoj Shukla.

दूरदर्शन पर ‘विज्ञान प्रभा’: विज्ञान को सरल बनाने की नई पहल

 

Source : 

उत्तराखंड के दूरदर्शन चैनल पर विज्ञान को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम ‘विज्ञान प्रभा’ का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विज्ञान सरलीकरण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया।

इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से  कुलदीप गैरोला, (अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा, उत्तराखंड) ने सत्र का नेतृत्व किया। उन्होंने भौतिक विज्ञान के जटिल सिद्धांतों को आसान और व्यावहारिक गतिविधियों के माध्यम से समझाया। गैरोला ने सरल प्रयोगों के जरिए यह प्रदर्शित किया कि विज्ञान को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रखने के बजाय इसे रोजमर्रा की जिंदगी से कैसे जोड़ा जा सकता है।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियां:

  1. संचालन: कार्यक्रम का संचालन दूरदर्शन एंकर अनिल कुमार भारती ने किया, जिन्होंने दर्शकों को विषय से जोड़ने के लिए रोचक सवाल और विज्ञान के उपयोगितापूर्ण पहलुओं पर चर्चा की।

  2. सरल और सस्ती गतिविधियाँ:
     गैरोला ने यह दिखाया कि कैसे दैनिक जीवन में उपलब्ध सामग्री का उपयोग कर विज्ञान के सिद्धांतों को सरलता से समझा और सिखाया जा सकता है। उन्होंने कई   विषयों पर गतिविधियों का प्रदर्शन किया:

  3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहन:

  4. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विज्ञान को केवल एक विषय के रूप में नहीं, बल्कि एक सोच और दृष्टिकोण के रूप में अपनाने पर जोर देना था।  गैरोला ने समझाया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण न केवल समस्याओं को हल करने में मदद करता है, बल्कि नवाचार और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित करता है।

शिक्षा और जागरूकता के लिए पहल:

‘विज्ञान प्रभा’ जैसे कार्यक्रम राज्य के शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। यह पहल न केवल छात्रों को विज्ञान में रुचि बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि शिक्षकों को भी आसान और प्रभावी शिक्षण विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।

उद्यम का भविष्य:

समग्र शिक्षा उत्तराखंड के तहत ऐसी और पहलें की जाएंगी, जिनका उद्देश्य विज्ञान शिक्षण में नवाचार और गुणवत्ता सुधार लाना है। डॉ. गैरोला के प्रयास और दूरदर्शन के माध्यम से यह कार्यक्रम छात्रों और शिक्षकों के लिए विज्ञान को सरल और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कार्यक्रम को राज्यभर में शिक्षकों और छात्रों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलीं। यह प्रयास निश्चित रूप से विज्ञान शिक्षा को सशक्त और प्रभावी बनाएगा।

(अगले एपिसोड के लिए बने रहें, जहां और भी रोचक वैज्ञानिक अवधारणाओं और उनके आसान प्रयोगों को प्रस्तुत किया जाएगा।)

अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें : https://youtu.be/i-Wz8lyXD5c?si=wo7AB4ftWBAe0OFW

Friday, December 13, 2024

एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखंड में सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु के0आर0पी0/एम0टी0 प्रशिक्षण का आयोजन

 रिपोर्ट: अखिलेश डोभाल

एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड देहरादून द्वारा दिनांक 10 दिसम्बर 2024 से 14 दिसम्बर 2024 तक सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण (प्रारंभिक) 2024-25 के अंतर्गत उच्च प्राथमिक कक्षाओं के सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु के.आर.पी./एम.टी. के प्रशिक्षण का प्रथम चरण आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों को अधिगम-शिक्षण प्रक्रिया में अर्वाचीन तकनीक का उपयोग करते हुए तकनीक आधारित मिश्रित(ब्लेंडेड)अधिगम शिक्षण प्रक्रिया  से  परिचित कराने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण (प्रारंभिक) 2024-25  हेतु शिक्षकों/शिक्षक-प्रशिक्षकों  को के.आर.पी./एम.टी. के रूप में विकसित करना है, जोकि उक्त कार्यक्रमान्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों में  होने वाले आगामी प्रशिक्षण में कुल 2545 शिक्षकों को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान कर सकें।

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक, एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड ने कहा कि  वर्तमान समय में तकनीक ने अधिगम शिक्षण प्रक्रियाओं में नयी क्रांति लाते हुए शिक्षकों को तकनीक को एक नए उपकरण के रूप में उपयोग करने का एक आकर्षक अवसर दिया है, जोकि अधिगम-शिक्षण प्रक्रियाओं को अत्यधिक गत्यात्मकता प्रदान करता है | उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिगम शिक्षण प्रक्रियाओं को अधिक लोकतान्त्रिक, प्रभावी और आकर्षक बनाने में मदद करेगा।



डॉ. के. एन. बिजल्वाणसहायक निदेशकएस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड ने नए तकनीकी उपकरणों की बारीकियां को समझने पर जोर देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की सामयिक आवश्यकता हेतु तकनीक आधारित मिश्रित अधिगम शिक्षण प्रक्रिया का उपयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि तकनीक का ज्ञान व्यक्ति को वैश्विक परिदृश्य में नवाचारी बनाता हैजिस हेतु उक्त प्रशिक्षण विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों से बेहतर तरीके से पार करने में सक्षम बना पायेगा 



इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक अखिलेश डोभाल, प्रवक्ता एस.सी.ई.आर.टी. उत्तराखंड ने बताया कि कोविड-19 महामारी के पश्चात् अधिगम शिक्षण प्रक्रिया में नवीन तकनीक के योजन ने अधिगम शिक्षण प्रक्रिया को जहाँ एक ओर शिक्षा को अधिक गत्यात्मक बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर अधिकांश शिक्षकों  हेतु इसमें दक्षता प्राप्त करने की नयी चुनौतियां पेश की हैं|

इस हेतु विगत वर्ष लगभग  8000 प्रारंभिक शिक्षकों से लिए गए  प्रशिक्षण आवश्यकता सर्वे के विश्लेषणों के आधार पर उक्त प्रशिक्षण आयोजित किया गया जा रहा है, जिसमें से अधिकांश शिक्षकों ने उक्त प्रशिक्षण को वर्त्तमान समय में आवश्यक बताया |

अखिलेश डोभाल ने बताया कि उक्त प्रशिक्षण के अंतर्गत ब्लेंडेड एजुकेशन का परिचय कराते हुए आधारभूत आई.सी.टी. कौशलों यथा वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट, ऑनलाइन मूल्याङ्कन/सर्वे उपकरण,प्रस्तुतीकरण उपकरणों, ड्राइंग टूल्स, LMS, ऑडियो विडियो टूल्स, AI तथा साइबर एथिक्स/ सिक्योरिटी का प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

    ए डी डॉ मुकुल कुमार सती ने कहा   कि राज्य के उच्च प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षक तकनीक आधारित मिश्रित अधिगम शिक्षण प्रक्रियाओं में दक्ष हो पाएं, जो विद्यार्थियों  को अधिक लचीली और व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव प्रदान कराते हुए डिजिटल संसाधनों और पारंपरिक कक्षा पद्धतियों के  मिश्रण युक्त  लोकतान्त्रिक, सुलभ और समावेशी शिक्षा प्रदान करने में मदद करेगा।


प्रशिक्षण कार्यक्रम में  अखिलेश डोभाल, अशोक भट्ट, मनोधर नैनवाल, मोहम्मद अहमद, प्रदीप नेगी, भास्कर जोशी तथा राजमोहन रावत ने सन्दर्भदाता के रूप में प्रस्तुतीकरण किया | कार्यक्रम में एस.सी.ई.आर.टी. से डॉ. रमेश पन्त, प्रवीण चन्द्र पोखरियाल, विनय थपलियाल, दिनेश चौहान, अरुण थपलियाल, मनोज कुमार महार, नितिन कुमार आदि द्वारा भी प्रतिभाग किया गया |


राज्य स्तरीय निपुण विद्यालय पुरस्कार समारोह-2024: निपुण भारत मिशन की उत्कृष्टता का उत्सव

 डॉ.  के एन बीजलवाण सहायक  निदेशक- एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड  रिपोर्ट 

राज्य स्तरीय निपुण विद्यालय पुरस्कार समारोह 13 दिसंबर 2024, निपुण भारत मिशन  के अंतर्गत USAID और Room to Read संस्था और एस सी ई आर टी  द्वारा संयुक्त रूप से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड के सभागार में निपुण विद्यालय पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। इस  समारोह में प्रदेश के प्रत्येक जनपद से पांच निपुण घोषित विद्यालयों अर्थात राज्य के कुल 65 राजकीय प्राथमिक विद्यालयों सहित 13 डाइट के निपुण समन्वयको जनपद परियोजना कार्यालय के समन्वयको तथा के आर पी को पुरस्कृत किया गया।


इस अवसर पर संयुक्त निदेशक एस. सी.ई आर. टी.  प्रदीप रावत द्वारा सभी प्रधानाध्यापको , समन्वयको तथा संदर्भित व्यक्तियों को बधाई देते हुए कहा गया कि पुरस्कार इस अभियान का अंतिम चरण नहीं है। विद्यालय स्तर पर बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान में बच्चों की उपलब्धि ही पुरस्कार की सार्थकता को सिद्ध करेगी। यही हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।


बंदना गर्ब्याल निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा सभी आगंतुकों  का अभिवादन करते हुए USAID और Room to Read को विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया तथा  इन संस्थाओं द्वारा राज्य में संचालित समस्त कार्यक्रमो  सराहना की । साथ ही उन्होंने भविष्य में इस प्रकार के सहयोग की अपेक्षा भी की है।

निदेशक ने कहा कि वर्तमान में डिजिटल लिटरेसी की नितांत आवश्यकता है , इसके लिए  भावी योजना तैयार किए जाने की आवश्यकता है। निदेशक  ने निपुण विद्यालयों को संबोधित करते हुए कहा कि ये विद्यालय निपुण मानकों पर खरे उतरे हैं और इसे बरकरार रखना इनके लिए निश्चित रूप से एक चुनौती होगी। उन्होंने कहा कि FLN कार्यक्रम के अंतर्गत धीमी गति से सीखने वाले बच्चों और दिव्यांग बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

शिक्षक प्रशिक्षण गतिविधि-आधारित और प्रभावकारी होने चाहिए जिससे उनका प्रभाव धरातल पर देखने को मिल सके। डॉ के एन बिजलवान सहायक निदेशक एस सी ई आर टी ने निपुण भारत के अंतर्गत इस कार्यक्रम के समन्वयक एवं मंच का सफल संचालन किया उनके इस पूरे प्रोग्राम के लिए उन्हे विशेष सम्मान दिया गया। 


इसके पश्चात सभी जनपदों द्वारा पीपीटी के माध्यम अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज का प्रस्तुतीकरण दिया गया। सचिव विद्यालयी शिक्षा, रविनाथ रामन, का स्वागत करते हुए डॉ. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक एस. सी. ई आर. टी. द्वारा बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश के 1080 विद्यालय निपुण विद्यालय हो चुके हैं और आज पुरस्कृत किए जाने वाले 65 विद्यालय सभी के लिए प्रेरणा स्रोत का कार्य करेंगें ।


सचिव विद्यालयी शिक्षा,  रविनाथ रामन ने USAID  और Room to Read  के पूनम स्मिथ सिरीन (USAID) और पूर्णिमा गर्ग कन्ट्री निदेशक (Room to Read) और राज्य  समन्वयकों (Room to Read) का आभार व्यक्त करते हुए सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज निपुण पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी प्रधानाध्यापक और  समन्वयक समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है तथा अन्य  शिक्षकों भी प्रेरित करेगे । रविनाथ रामन ने कहा कि हमे निपुण भारत मिशन का उद्देश्य है कि बच्चे पढ़कर समझने में सक्षम बने।  हमें निपुण भारत के निर्धारित  लक्ष्यों को  प्राप्त करने के लिए सभी विशेष प्रयास करने होंगे । इसके लिए बच्चों को अनुकूल वातावरण प्रदान करना शिक्षक का दायित्व है। सचिव ने कहा कि विद्यालयों में किए गए नवाचारों का अभिलेखीकरण जरूर होना चाहिए। डाइट और शिक्षा अधिकारियों को को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचारी शिक्षक जो पूर्ण रूप से विद्यालय को समर्पित होकर परिश्रम कर रहे हैं और अपना अभिलेखिकरण नहीं कर पा रहे हैं, उन्हे निश्चित रूप से चिन्हित कर कार्यवाही की  जाय 


यह है SERI (Scale-Up Early Reading Intervention), जो प्रारंभिक पठन कौशल को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष पहल है। इसे Room to Read के सहयोग से और USAID द्वारा वित्त पोषित किया गया है। उत्तराखंड में SERI कार्यक्रम का शुभारंभ 2007-08 में हुआ था। तब से, यह पहल बच्चों के पठन कौशल को सुधारने और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसका उद्देश्य बच्चों में प्रारंभिक पठन और समझ के कौशल को मजबूत करना है, ताकि वे शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें। SERI ने शिक्षकों को प्रशिक्षित करने, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री प्रदान करने और बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए कई अभिनव प्रयास किए हैं। इस परियोजना ने उत्तराखंड के कई स्कूलों और समुदायों में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है।


निपुण पुरस्कार वितरण के दौरान निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा, रामकृष्ण उनियाल और अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा , कुलदीप गैरोला ने अपने सम्बोधन मे सभी नवाचारी सम्मानित शिक्षको को बधाई देते हुए राज्य के लिए निरंतर सहयोग करने के लिए आग्रह भी किया ।  इस कार्यक्रम मे डॉ दिनेश चंद्र गौड, डॉ राकेश गैरोला, शुभ्रा सिंघल, प्रदेश के 13 जनपदों के प्रतिनिधि, रूम टू रीड के सदस्य मौजूद रहे । 

Tuesday, December 10, 2024

रं भाषा की पुस्तकों की परिमार्जन एवं शब्दकोश निर्माण कार्यशाला प्रारंभ


Report: Manoj Bahuguna NEP Cell, SCERT
प्रधानमंत्री , नरेंद्र मोदी जी द्वारा 09 नवम्बर 2024 को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में राज्य के निवासियों एवं अतिथियों से किए गए नौ आग्रहों  के क्रम में तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 के अंतर्गत लोकभाषा रं के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विकसित सहायक पुस्तकों के परिमार्जन के साथ साथ शब्द कोश निर्माण कार्यशाला का पी.एम.श्री दानवीरा जसुली बुढ़ी दताल सौक्यानी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धारचूला जनपद पिथौरागढ़ में शुभारंभ हुआ ।

कार्यशाला का उद्घाटन संयुक्त निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. श्री प्रदीप रावत तथा खंड शिक्षा अधिकारी श्री डी.एल.आर्य द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।  दिनांक 10 नवंबर से 12 नवंबर 2024 तक चलने वाली तीन दिवसीय कार्यशाला में एस सी ई आर टी द्वारा कक्षा 1 से 5 के लिए विकसित सहायक पुस्तकों का परिमार्जन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य में बोली जाने वाली लोक भाषाओं के शब्द कोश का भी निर्माण एस सी ई आर टी उत्तराखंड द्वारा गतिमान है। कार्यशाला में रं भाषा के शब्दों को भी अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा।

कार्यशाला में एस सी ई आर टी उत्तराखंड देहरादून से  संयुक्त निदेशक प्रदीप रावत के साथ साथ पाठ्यक्रम विभाग से सोहन सिंह नेगी, डॉ शक्ति प्रसाद सेमल्टी तथा एन ई पी प्रकोष्ठ से रविदर्शन तोपाल, मनोज किशोर बहुगुणा तथा सचिन नौटियाल कार्यशाला का समन्वयन कर रहे हैं।  डायट डीडीहाट पिथौरागढ़ से राजेश पाठक भी कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे हैं।


इस अवसर पर रं संग्रहालय के कृष्ण सिंह गर्ब्याल भी उपस्थित रहे। कार्यशाला में धारचूला की  तीनों घाटियों व्यास, दारमा तथा चौदास से शिक्षक शिक्षिकाएं प्रतिभाग कर रही हैं। कार्यशाला में ब्लॉक समन्वयक जगदीश चंद, श्रीमती आभा फ़कलियाल, श्रीमती रजनी नपलच्याल, गिरधर सिंह रौतेला, संजय नगन्याल श्रीमती नारायणी एतवाल, हिरंदा कुटियाल, पूनम ग्वाल, त्रिभुवन गर्ब्याल, हेमवती गर्खाल, रेणुका फ़िरमाल, राजेश्वरी सोनाल तथा जस्ता तितियाल सहित तीस प्रतिभागी  प्रतिभाग  कर रहे हैं।

Monday, December 09, 2024

उत्तराखंड के 157 मेधावी छात्रों को मिला भारत भ्रमण का सुनहरा अवसर

देहरादून, 2024: उत्तराखंड के छात्रों को देशभर में अपने राज्य का गौरव बढ़ाने का एक अनूठा मौका मिला। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एससीईआरटी (SCERT) के प्रांगण से 2024 के हाईस्कूल परीक्षा के 157 मेधावी छात्र-छात्राओं को भारत भ्रमण के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।

भारत भ्रमण का उद्देश्य

इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल छात्रों को शैक्षिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करना है, बल्कि उन्हें उत्तराखंड के ब्रांड एंबेसडर के रूप में देशभर में राज्य की संस्कृति, इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, और परंपराओं का परिचय देने का मौका भी देना है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि इन मेधावी छात्र-छात्राओं को भारत के विभिन्न राज्यों में भ्रमण के दौरान उत्तराखंड की पवित्र नदियों, देवस्थलों, पर्यटन स्थलों, और जलवायु की विशेषताओं को साझा करने का प्रयास करना चाहिए।


मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "यह भारत भ्रमण छात्रों के लिए सीखने और अनुभव प्राप्त करने का एक अनमोल अवसर है। आप जहां भी जाएं, उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करें और हमारे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पूरे देश के सामने प्रस्तुत करें।"

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय छात्रों के व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में सहायक होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "देश की नई शिक्षा नीति" के तहत इस तरह की योजनाओं को प्रेरणा बताया और कहा कि इससे उत्तराखंड के युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

शैक्षिक अनुभवों का दस्तावेजीकरण

मुख्यमंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने इस यात्रा अनुभव का दस्तावेजीकरण करें, ताकि राज्य सरकार भविष्य में इस योजना का विस्तार कर सके। उन्होंने शिक्षकों और अधिकारियों को भी निर्देश दिया कि वे इन छात्रों के अनुभवों का मूल्यांकन कर योजनाओं में आवश्यक सुधार करें।

एक नई शुरुआत

इस कार्यक्रम के साथ ही मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में तकनीकी विकास और छात्रों के समग्र विकास पर जोर देते हुए, भविष्य में और अधिक छात्रों को इस तरह के शैक्षिक भ्रमण में शामिल करने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस पहल का दूसरा चरण जल्द ही शुरू होगा, जिसमें और भी ज्यादा छात्रों को इस अवसर का लाभ मिलेगा।

गणमान्य लोगों की उपस्थिति

इस अवसर पर कई गणमान्य हस्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई:

  • शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत
  • शिक्षा सचिव रविनाथ रमन
  • महानिदेशक झरना कमठान
  • क्षेत्रीय विधायक उमेश काउ
  • विधायक खजान दास
  • विधायक सविता कपूर
  • निदेशक माध्यमिक शिक्षा एस बी जोशी 
  • निदेशक प्रारम्भिक रामकृष्ण उनियाल 
  • अपर निदेशक डॉ मुकुल सती एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड 
यह भारत भ्रमण उत्तराखंड के छात्रों के लिए सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक सपनों की उड़ान है। यह अवसर न केवल उनके ज्ञान को समृद्ध करेगा, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के प्रति अपने कर्तव्यों का एहसास भी कराएगा।