Tuesday, June 17, 2025

Strategic Review & Planning Roadmap 2025–26: A Visionary Step by SCERT Uttarakhand

 

Dehradun, 18 June 2025 — In a major advance towards strengthening the quality of teacher education in Uttarakhand, the Department of Planning & Monitoring, SCERT Uttarakhand, convened a one-day Strategic In-line Review Meeting & Roadmap 2025–26 with all 13 District Institutes of Education & Training (DIETs) at SCERT Headquarters, Dehradun.

The meeting was chaired by Abhishek Rohila, Director General of School Education, Uttarakhand, who emphasised the need for data-driven decision-making, field-level impact, and alignment with national education policy goals.

The gathering witnessed the esteemed presence of  Padmendra Saklani, Additional Director of SCERT Uttarakhand, and Dr. K. N. Bijalwan, Assistant Director and Program Coordinator at SCERT. Alongside them, key officials and core faculty members of SCERT actively participated in the proceedings. Notably, the principals and planning coordinators from all 13 District Institutes of Education & Training (DIETs) across Uttarakhand were also present, contributing valuable insights and feedback to the strategic review and planning process.


Key Highlights of the Meeting

The meeting focused on collaborative dialogue and critical analysis of the past three years' implementation progress, while also setting a focused agenda for the upcoming academic year. The meeting addressed and reviewed the following major points.

1. Strengthening Teacher Education under Samagra Shiksha

Detailed discussions were held on enhancing the quality and reach of teacher training programs under the Samagra Shiksha framework. DIETs were instructed to ensure timely execution, field applicability, and teacher feedback integration.

2. Enhanced Coordination Mechanism

The need for seamless coordination among State Project Office (SPO), District Project Offices (DPOs), and field functionaries was underlined. DIETs were urged to bridge communication gaps and build stronger linkages with district-level administration and stakeholders.

3. Innovation in Pedagogy and Planning

DIETs were encouraged to design and execute innovative programs aligned with 21st-century skills, digital tools, and localised educational needs. The Director General advocated for creating scalable and replicable models across districts.

4. Review of Three-Year Progress Reports

The Director General conducted an intensive review of the achievements and challenges of DIETs from 2022–23 to 2024–25. Progress was measured on qualitative and quantitative parameters including training hours, outreach, community participation, and capacity-building indicators.

5. Civil Works Monitoring

The status of infrastructure development and civil works in DIET campuses was reviewed. We identified timely completion of projects, optimal use of allocated funds, and quality assurance as priority areas.

6. Model Bal Vatika Centres

We discussed the establishment and functioning of Model Bal Vatika Centres in all DIETs, taking into account the foundational literacy emphasis of NEP 2020. These centres are envisioned as demonstration models for early childhood care and education (ECCE) practices.

7. Academic Calendar for 2025–26

A roadmap for the upcoming academic session was shared. The calendar will align teacher training modules with state and national priorities, including FLN (Foundational Literacy and Numeracy), ICT integration, inclusive education, and school leadership development.


This meeting marks a pivotal moment in ensuring that planning is not merely procedural but purpose-driven and result-orientated. The collaborative engagement and strategic vision shared during the session lay the foundation for a more robust, accountable, and innovative teacher education system in Uttarakhand.

As the state progresses on its educational transformation journey, SCERT’s proactive approach in institutional planning and monitoring continues to encourage change and excellence.

Monday, June 16, 2025

IMPORTANT UPDATE: CBSE Introduces New Evaluation Pattern for Class 10 & 12 Board Exams—2026

In a landmark step towards making school education more application-oriented and competency-based, the Central Board of Secondary Education (CBSE) has announced a major revision in its evaluation pattern for the upcoming Class 10 and 12 Board Examinations in 2026.

This new pattern has been designed in close collaboration with NCERT and SCERTs across the country, with a special emphasis on reducing rote memorization and encouraging conceptual understanding among students.

Highlights of the New Pattern:

  • The new pattern places a greater emphasis on Objective/MCQs to test the clarity of concepts.

  • Short-answer-type questions will encourage analytical thinking.

  • Internal assessments retain their role for holistic evaluation.

Revised Assessment Structure (CBSE 2026):

What It Means for Schools and Students

This structural shift aims to make assessments more meaningful by evaluating students’ problem-solving abilities, critical thinking, and practical application of knowledge. We encourage principals and educators to align teaching-learning practices accordingly and prepare students for this forward-looking change.

#CBSESchools #Principal #NCERT #SCERT #CBSE2026 #CompetencyBasedEducation #BoardExams #SchoolLeaders

गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेंट निर्माण हेतु उत्तराखण्ड में छह दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

 

देहरादून, उत्तराखण्ड।

डिजिटल युग में गुणवत्तापूर्ण और रोचक शैक्षिक संसाधनों की महत्ता को देखते हुए, राज्य शिक्षा विभाग के आईटी प्रकोष्ठ द्वारा एक 6 दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला दीक्षा पोर्टल एवं पीएम ई-विद्या प्लेटफॉर्म के लिए ई-कंटेंट निर्माण पर केंद्रित थी।

इस कार्यशाला में राज्य के चयनित 20 विषय विशेषज्ञ शिक्षक (SMEs/Content Writers) ने भाग लिया, जिन्होंने विभिन्न विषयों पर समकालीन और आकर्षक डिजिटल कंटेंट निर्माण की दिशा में रचनात्मक सहयोग प्रदान किया।

प्रशिक्षण का नेतृत्व व मार्गदर्शन

इस महत्वपूर्ण कार्यशाला का निर्देशन आईसीटी अवार्डी शिक्षिक सुप्रिया बहुखंडी द्वारा किया गया। उन्होंने प्रतिभागियों को न केवल तकनीकी कौशल में दक्ष किया बल्कि उन्हें यह भी सिखाया कि किस प्रकार पाठ्यवस्तु को बच्चों के लिए प्रभावशाली और बोधगम्य बनाया जा सकता है।

प्रशासनिक सुझाव और सहभागिता

एससीईआरटी उत्तराखण्ड के अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा:

"डिजिटल संसाधनों का सही उपयोग कर हम शिक्षा को न सिर्फ रोचक बना सकते हैं, बल्कि इसे बच्चों की समझ और रुचि के अनुसार ढाल सकते हैं। गुणवत्तापूर्ण कंटेंट ही नई शिक्षा प्रणाली की रीढ़ होगा।"

सहायक निदेशक डॉ. के एन बिजलवाण ने ई-कंटेंट की विषयवस्तु की प्रामाणिकता, बाल मनोविज्ञान के अनुरूप प्रस्तुति और स्थानीयकरण पर विशेष सुझाव दिए।

इस अवसर पर आईटी संकाय सदस्य आर.पी. बडोनी ने कुछ उत्कृष्ट Exemplar Content Models पर प्रस्तुति दी, जो प्रतिभागियों के लिए व्यवहारिक रूप से अत्यंत उपयोगी रही।

सुनियोजित समन्वयन और संचालन

पूरे कार्यक्रम का समन्वयन  एस.पी. वर्मा द्वारा कुशलता से किया गया, जिनका सहयोग  संकाय पुष्पा असवाल ने किया। कार्यशाला का संचालन आधुनिक तकनीक से सुसज्जित राज्य स्तरीय आईटी लैब में किया गया, जिसने प्रशिक्षण को और भी सशक्त और प्रभावशाली बनाया।

यह कार्यशाला न केवल ई-कंटेंट निर्माण में गुणवत्ता को स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह उत्तराखण्ड के शिक्षकों को डिजिटल युग के अनुरूप शिक्षण के लिए तैयार करने की दिशा में भी एक प्रभावशाली पहल है। दीक्षा और पीएम ई-विद्या जैसे राष्ट्रीय प्लेटफॉर्मों पर प्रदेश का गुणवत्तापूर्ण कंटेंट अब देशभर के शिक्षार्थियों तक पहुंचेगा।

#DigitalEducation #DIKSHA #EContent #PMEVidya #SCERTUttarakhand #ICTforEducation #TeacherTraining

उत्तराखण्ड में बनेगा राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम

 
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है। राज्य के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अब "राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण" के गठन की तैयारी चल रही है। यह प्राधिकरण विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं, शिक्षण-प्रशिक्षण, अधोसंरचना एवं शैक्षिक परिवेश के न्यूनतम मानकों को निर्धारित करेगा और उनके अनुपालन को सुनिश्चित करेगा।

प्राधिकरण का गठन क्यों आवश्यक है?

प्रदेश में निजी विद्यालयों द्वारा मनमानी फीस वसूली और बुनियादी सुविधाओं के अभाव की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने सीबीएसई, असम और पंजाब जैसे राज्यों में लागू प्राधिकरणों का अध्ययन करने के बाद शासन को एक प्रस्ताव भेजा है।

प्राधिकरण की संरचना एवं भूमिका

प्रस्तावित प्राधिकरण में अध्यक्ष और सदस्य के रूप में विशेषज्ञ शिक्षाविद्, प्रशासनिक अधिकारी, अधिवक्ता, अभिभावक प्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ, चिकित्सा विशेषज्ञ तथा बाल मनोवैज्ञानिक जैसे अनुभवी लोग शामिल होंगे। यह प्राधिकरण एक अर्ध-न्यायिक निकाय के रूप में काम करेगा, जिससे यदि कोई विद्यालय मानकों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा सकेगी।

21897 विद्यालयों में होंगे न्यूनतम मानक लागू

प्रदेश के 16501 सरकारी और 5396 निजी विद्यालयों में यह न्यूनतम मानक सुनिश्चित किए जाएंगे। इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, स्वच्छता और सुरक्षा का माहौल मिल सकेगा।

एससीईआरटी उत्तराखण्ड की सक्रिय भूमिका

इस दिशा में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। एससीईआरटी की टीम ने विभिन्न राज्यों के मॉडल का अध्ययन कर उत्तराखण्ड के संदर्भ में उपयुक्त प्रावधानों की रूपरेखा बनाई है।

एससीईआरटी उत्तराखण्ड के अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने कहा:

"गुणवत्ता आधारित शिक्षा के लिए मानकीकरण एक अनिवार्य कदम है। राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण से न केवल विद्यालयों में आवश्यक सुविधाओं की सुनिश्चितता होगी, बल्कि इससे छात्रों का समग्र विकास भी संभव होगा। यह उत्तराखण्ड को शिक्षा की दिशा में एक नई पहचान देगा।"

प्राधिकरण के गठन से पहले शासन से अंतिम स्वीकृति प्राप्त की जा रही है। यह पहल उत्तराखण्ड में शिक्षा की पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता को एक नए स्तर तक ले जाने का कार्य करेगी।

स्रोत: अमर उजाला समाचार, 17 जून 2025

Friday, June 13, 2025

SCERT News Bulletin : 2025

 Created by Rpbadoni

SCERT Uttarakhand: News Bulletin

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उत्तराखंड में कक्षा 3 से 8 के लिए पाठ्यक्रम विभाजन कार्यशाला का सफल समापन

13/6/2025  देहरादून, उत्तराखंड।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड द्वारा आयोजित विषयवार पाठ्यक्रम विभाजन कार्यशाला का सफल समापन 13 जून को हुआ। यह कार्यशाला 11 जून से प्रारंभ होकर तीन दिवसीय रही, जिसमें कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम का मासिक विभाजन तैयार किया गया।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र के दौरान स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करना है कि वे प्रत्येक माह कौन-कौन से पाठ और गतिविधियाँ सम्पन्न करें।

उद्देश्य और महत्त्व

समापन सत्र में सहायक निदेशक डॉ. कृष्णा नन्द बिजलवाण ने कहा – "पाठ्यक्रम विभाजन से शिक्षकों को अपने विषय के शिक्षण की बेहतर योजना बनाने में सहायता मिलेगी और छात्रों के अधिगम परिणामों में भी सुधार होगा।"

समन्वय और आभार

कार्यशाला समन्वयक सुनील भट्ट ने सभी विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया और इस महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए टीम को धन्यवाद दिया।


विषयवार कोर ग्रुप के योगदान

विज्ञान एवं पर्यावरण अध्ययन

  • डॉ. दिनेश रतूड़ी, डॉ. उमेश चमोला, राकेश चंद्र, प्रेरणा बहुगुणा, अर्चना पंत, डॉ. प्रिया जैसवाल
  • आलोक, अवनीश, गिरीश बड़ोनी

सामाजिक विज्ञान

  • डॉ. गंगा घुघत्याल, ज्योत्स्ना रतूड़ी, जगदम्बा कुकरेती, सुमन सेमवाल, रजनी रावत
  • विजय, हेमंत चौकियाल, विजय आनंद नौटियाल

गणित

  • डॉ. मनोज कुमार शुक्ला, नीलम पंवार, लक्ष्मी सजवाण, रुचि पुंडीर, अनामिका
  • प्रवीण उनियाल, बबीता सजवाण, ललित पाण्डेय, अनीता नौटियाल

अंग्रेजी

  • सुधा पेंन्युली, गोपाल घुघत्याल, उर्वशी, भाग्य श्री, पूनम
  • ममता बहुगुणा, सुनैना कंडारी, राजेश खत्री, ममता बड़ोनी

हिन्दी व संस्कृत

  • डॉ. साधना डिमरी, खजान सिंह, कनकलता सेमवाल, गीता भट्ट, वरतुल
  • संगीता फरासी, डॉ. सुरेन्द्र आर्यन, दिनेश रावत, पूनम घिल्डियाल, दीक्षता

 साझेदारी और उपस्थिति

इस अवसर पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से अंबरीश बिष्ट की विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यशाला के दौरान अकादमिक संवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह कार्यशाला उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा में एक संरचित, मासिक शिक्षण रूपरेखा को अपनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।

Wednesday, June 11, 2025

राष्ट्रीय निदेशक सम्मेलन में उत्तराखंड SCERT की नवाचारों और उत्कृष्ट कार्यप्रणालियों की सराहना


 उत्तराखंड SCERT के अभिनव प्रयासों की राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुति

आज आयोजित राष्ट्रीय स्तर के निदेशक सम्मेलन में डॉ. के. एन. बिजलवान ने उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) का प्रतिनिधित्व करते हुए परिषद की Best Practices एवं Innovations का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया।

डॉ. बिजलवान ने परिषद द्वारा परिषद के सभी विभागों के कार्यों एवं नयाचारों को प्रस्तुत किया गया । इसी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी (ICT) क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों के साथ-साथ शैक्षिक नवाचारों, डिजिटलीकरण, ई-सामग्री निर्माण, शिक्षक प्रशिक्षण, तथा समग्र शैक्षिक सशक्तिकरण जैसे विषयों को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया।


SCERT उत्तराखंड द्वारा संचालित आईटी सेक्टर की विभिन्न योजनाओं और नवाचारों को सम्मेलन में विशेष रूप से सराहा गया, जिनमें शामिल हैं:

ऑनलाइन कोर्स निर्माण:
प्रथम/द्वितीय स्तर के शिक्षकों के लिए डिजिटल संसाधनों के साथ ऑनलाइन कोर्स निर्माण।

🔹 हैकाथॉन जैसे ऑनलाइन इवेंट्स:
शिक्षकों और विद्यार्थियों में नवाचार को बढ़ावा देने हेतु तकनीकी प्रतियोगिताएं।

🔹 CLAP कार्यक्रम समन्वयन:
डिजिटल बेंचमार्किंग और प्रक्रियात्मक सुधार हेतु तकनीकी प्लेटफॉर्म।

🔹 इनोवेशन एवं डिज़ाइन थिंकिंग:
शिक्षकों व छात्रों में रचनात्मक सोच के विकास के लिए कोर्स निर्माण।

🔹 दीक्षा पोर्टल एवं पी.एम. ई-विद्या हेतु ई-कंटेंट निर्माण:
कक्षा 3 से 12 तक के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं गुणवत्तापूर्ण ई-सामग्री निर्माण।

🔹 वेबसाइट अपग्रेडेशन:
SCERT वेबसाइट का तकनीकी उन्नयन एवं यूज़र-फ्रेंडली इंटरफेस।

🔹 सोशल मीडिया प्रचार-प्रसार:
कार्यक्रमों की पारदर्शिता, सहभागीता व अपडेट्स हेतु डिजिटल माध्यम का प्रभावशाली उपयोग।

🔹 ई-मैगज़ीन – "रतब्याणी"  :
SCERT की गतिविधियों, शोध व नवाचारों का दस्तावेजीकरण।

डॉ. बिजलवान की प्रस्तुति के बाद विभिन्न राज्यों के निदेशकों ने उत्तराखंड SCERT की कार्यशैली, नवाचारों, और तकनीकी एकीकरण की खुले दिल से सराहना की। यह प्रस्तुति न केवल उत्तराखंड के शैक्षिक नेतृत्व की दूरदृष्टि को उजागर करती है, बल्कि पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक मॉडल के रूप में उभर रही है।

राष्ट्रीय सम्मेलन में उत्तराखंड SCERT द्वारा प्रस्तुत नवाचारों और उत्कृष्ट शैक्षिक कार्यों को जो सराहना मिली, वह संपूर्ण शैक्षिक समुदाय के लिए एक प्रेरणा है। परिषद निरंतर इसी प्रकार नवीन प्रयोग, डिजिटल शिक्षा, शिक्षक सशक्तिकरण और गुणवत्तापूर्ण अधिगम की दिशा में अग्रसर रहेगा।