Monday, December 11, 2023

उत्तराखण्ड बुनियादी स्तर पर राज्य पाठ्यचर्या का विमोचन

आज दिनांक 11 दिसंबर 2023 को बुनियादी स्तर पर राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज का  माननीय शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी द्वारा लोकार्पण किया गया इस कार्यक्रम में श्री बंशीधर तिवारी, महानिदेशक विद्यालय शिक्षा, श्रीमती वंदना गर्व्याल निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण, श्रीमती सीमा जौनसारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, श्री रामकृष्ण उनियाल , निदेशक प्रारंभिक शिक्षा. अपर निदेशक अजय नौडियाल सहित सभी शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित हुए।  

साथ ही विभिन्न संस्थाओं के प्रधानाचार्य ,प्रवक्ता, अध्यापक, एनजीओ के सदस्य आदि ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की । सर्वप्रथम  शिक्षा मंत्री जी द्वारा दीप  प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ किया गया । अपर निदेशक डॉक्टर खाली ने मंत्र उच्चारण के साथ तीनों शिक्षा निदेशकों, अपर निर्देशकों समेत समस्त अतिथियों और  प्रतिभागियों का कार्यक्रम में स्वागत किया । 

कार्यक्रम के प्रारंभ में निदेशक, अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण द्वारा बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया । उनके द्वारा एचसीएफ ।  के निर्माण की पूरी प्रक्रिया को विस्तार पूर्वक बताया गया इसके पश्चात माननीय मंत्री जी ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण तथा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा के साथ  संयुक्त रूप से बुनियादी राज्य स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज का लोकार्पण किया गया ।


 इसी क्रम में माननीय मंत्री जी द्वारा दस्तावेज का डिजिटल लोकार्पण कर इस दस्तावेज को जन सामान्य हेतु वेबसाइट पर लॉन्च किया गया । तत्पश्चात माननीय मंत्री जी द्वारा इस दस्तावेज क्रियान्वयन हेतु निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण को सोपा गया।  इसके पश्चात महानिदेशक विद्यालय शिक्षा द्वारा बुनियादी स्तर हेतु राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा दस्तावेज के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 हमे दिशा देती है कि शिक्षा में संस्कार कैसे समाहित  किए जाएं।  बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह दस्तावेज अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।  इसी क्रम में निदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्री रामकृष्ण उनियाल जी द्वारा भारतीय संस्कृति के मूल्य तत्व धर्म ,अर्थ, काम और मोक्ष पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा गया कि बच्चे की शिक्षा में इनका बहुत अधिक महत्व है और एचसीएफ बच्चों के संपूर्ण विकास में सहायक सिद्ध होगा । निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्रीमती सीमा जौनसारी ने एससी एफ  के लोकार्पण पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि इस दस्तावेज के निर्माण में 8 महीने की मेहनत लगी है और यह दस्तावेज है बॉटम तो टॉप  अप्रोच के आधार पर बना है. । 


यह महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग का एक संयुक्त प्रयास है । उनके द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।  इस लोकार्पण कार्यक्रम मे एन ई पी सेल के उपनिदेशक शैलेन्द्र अमोली और कार्यक्रम संन्यवयक  श्री रवी दर्शन तोपवाल ने विद्यालय शिक्षा हेतु पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विजन और इसके पश्चात पांच महत्वपूर्ण भागों पर प्रकाश डाला गया । माननीय मंत्री जी ने अपने उद्बोधन में शिक्षा विभाग को एससीएफ के लोकार्पण पर बधाई देते हुए कहा कि पूरे राष्ट्र में इस दस्तावेज को तैयार कर लोकार्पित करने में उत्तराखंड राज्य प्रथम स्थान पर रहा है।  इसके अतिरिक्त बाल वाटिका प्रारंभ करने में उत्तराखंड ने अपना पहला स्थान बना बनाए रखा है । उन्होंने कहा कि क्योंकि बच्चों का 85% विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है इसलिए बुनियादी शिक्षा का  गुणवत्तापूर्ण होना अति आवश्यक है । यद्यपि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूर्ण होने  में कुछ समय लगेगा लेकिन यह आवश्यक है कि सभी आंगनबाड़ियों को विद्यालय से जोड़ा जाए । माननीय मंत्री जी द्वारा समस्त डाइट प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए कि प्रत्येक जनपद में हमारी विरासत पुस्तक डाइट के माध्यम से प्रकाशित की जानी है।  इसके लिए समाज के लोगों से सहयोग लिया जाए । साहित्यकारों को बुलाया जाए । बच्चों से भी संवाद किया जाए।  महिला मंगल दल  को बुलाकर उनके विचार लिए जाएं और तब क्षेत्र विशेष पर आधारित व्यवस्था क्वे अनुरूप  डाइट और  जनपद द्वारा निर्मित किया जाए । माननीय मंत्री द्वारा आह्वान किया गया कि हम सभी के लिए यह विचारणीय बिंदु है कि अपने राज्य में हम किस प्रकार शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं।  भारतीय भाषा उत्सव के समापन अवसर पर भी उन्होंने सबको बधाई दी । उन्होंने कहा कि हमारे देश में विभिन्न भाषाएं हैं किंतु उनके भाव एक ही है । कार्यक्रम के समापन सत्र में संयुक्त निदेशक एनसीईआरटी श्रीमती कंचन देवरानी द्वारा सभी  प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।