दिनांक: 10 मार्च 2025
स्थान: होटल अकेता, देहरादून
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) के तत्वावधान में एससीईआरटी उत्तराखंड द्वारा राष्ट्रीय जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम की वार्षिक परियोजना समीक्षा बैठक और कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस कार्यशाला में देशभर से 75 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
कार्यशाला का उद्घाटन: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया। उन्होंने विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
प्रतिभागियों द्वारा अनुभव साझा: सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभवों को साझा किया और परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।
भविष्य की कार्ययोजना: कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
संवेदनशील मुद्दों पर जोर: किशोर-किशोरियों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए विभिन्न गतिविधियों पर मंथन किया गया।
प्रस्तुतिकरण और शोध निष्कर्ष:
जम्मू-कश्मीर
एड्स जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
राज्य में विभिन्न भाषाओं में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है।
पंजाब
राज्य में मादक पदार्थों के सेवन पर शोध कार्य प्रस्तुत किया गया।
इसे किशोरों की गंभीर समस्या बताया गया और रोकथाम के लिए विशेष उपाय सुझाए गए।
आंध्र प्रदेश
विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य पर शोध अध्ययन प्रस्तुत किया गया।
निष्कर्ष में सरकारी स्कूलों के छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य निजी स्कूलों के छात्रों की तुलना में बेहतर पाया गया।
उड़ीसा
मोबाइल फोन के उपयोग पर शोध प्रस्तुत किया गया।
38% से अधिक विद्यार्थी लगातार मोबाइल का अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
आगामी प्रस्तुतिकरण:
अन्य राज्यों के प्रतिनिधि आगामी दिनों में अपने शोध कार्य प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला के प्रमुख अधिकारी एवं अतिथि:
निदेशक प्रारंभिक शिक्षा: अजय नौडियाल
अपर निदेशक एससीईआरटी: प्रदीप कुमार रावत
सहायक निदेशक: डॉ. केएन बिजलवान
कार्यक्रम समन्वयक: नीलम पवार, उषा कटियार, सुनील भट्ट, देवराज सिंह राणा
एनसीईआरटी (नई दिल्ली) से राष्ट्रीय समन्वयक एवं विशेषज्ञ टीम: प्रोफेसर गौरी श्रीवास्तव, प्रोफेसर श्रीधर श्रीवास्तव, प्रोफेसर हरीश मीणा एवं अन्य अधिकारीगण।
यह कार्यशाला चार दिनों तक चलेगी और इसमें विभिन्न राज्यों द्वारा नवाचारों व उत्कृष्ट शैक्षिक कार्यक्रमों को साझा किया जाएगा।