
देहरादून, 21 अप्रैल 2025
उत्तराखंड राज्य के समस्त राजकीय विद्यालयों में आज एक विशेष उमंग और उल्लास के साथ प्रवेश उत्सव 2025-26 का आयोजन किया गया। यह उत्सव राज्य के नौनिहालों के जीवन में शिक्षा की एक नई शुरुआत का प्रतीक बना। सभी विद्यालयों में नए छात्रों का पारंपरिक रीति-रिवाजों से तिलक, पुष्पमालाएं और मिठाई के साथ हार्दिक स्वागत किया गया।
विद्यालयों ने बच्चों को पठन-पाठन सामग्री, स्कूल बैग, स्टेशनरी और मूल्यांकन पुस्तिकाएं भी प्रदान कीं। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल नए छात्रों का अभिनंदन करना था, बल्कि उनके भीतर विद्यालय के प्रति अपनापन और शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न करना भी था।
इस राज्यव्यापी पहल में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा, झरना कमठान ने स्वयं एक राजकीय विद्यालय में जाकर विद्यार्थियों से मुलाकात की और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि यह उत्सव सरकारी विद्यालयों को नए सिरे से पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। झरना कमठान ने शिक्षक सरोजनी रावत को भी इस अवसर पर सम्मानित किया जिन्होंने एन ई पी 2020 के आलोक मे टी एल एम किट का निर्माण किया है जो निपुण भारत मिशन और दीक्षा जैसे प्लेटफॉर्म पर उपयोगी साबित होगी ।
कार्यक्रम में एससीईआरटी उत्तराखंड की अहम भूमिका रही। अपर निदेशक पद्मेंद्र सकलानी और सहायक निदेशक डॉ. के. एन. बिजलवाण के साथ साथ प्रवक्तों ने विभिन्न विद्यालयों में पहुंचकर बच्चों के साथ समय बिताया और अध्यापकों को इस आयोजन की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सव बालकों को शैक्षणिक परिवेश में सहजता से ढालने का बेहतरीन माध्यम हैं।
अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक, श्रीमती बंदना गर्ब्याल ने अपने संदेश में कहा कि "प्रवेश उत्सव जैसी पहलें शिक्षा के क्षेत्र में नवचेतना लाने का कार्य करती हैं। इन आयोजनों से न केवल बच्चों में शिक्षा के प्रति जिज्ञासा बढ़ती है, बल्कि अभिभावकों का विश्वास भी सरकारी विद्यालयों में सुदृढ़ होता है।"
छात्र-छात्राओं के चेहरों पर जहां एक ओर विद्यालय में प्रवेश की खुशी झलक रही थी, वहीं दूसरी ओर उनके अभिभावकों ने भी विद्यालयों की तैयारियों और स्वागत कार्यक्रम की सराहना की। स्कूलों में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, बाल कविता पाठ और खेलों का भी आयोजन किया गया, जिससे पूरा वातावरण उल्लासमय बन गया।
प्रवेश उत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उत्तराखंड में शिक्षा को सशक्त और सर्वसुलभ बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। यह आयोजन बच्चों को विद्यालय से जोड़ने, सरकारी विद्यालयों की छवि सुधारने और शिक्षा के प्रति समाज की सोच को सकारात्मक दिशा देने में सहायक सिद्ध होगा।