आयोजन का उद्देश्य:
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प्रोफेसर के. विश्वाल (NIEPA) ने प्रशिक्षण व क्षमता संवर्द्धन की महत्ता पर बल देते हुए विस्तृत विचार साझा किए।
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निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय कुमार नौड़ियाल ने कहा कि किसी भी संस्थान की प्रभावशीलता उसके मानवीय संसाधनों की गुणवत्ता पर आधारित होती है।
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बैठक के समन्वयक प्रो. एन.के. मोहंती ने बैठक के उद्देश्यों, एजेंडा और कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी दी।
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प्रो. एन.के. मोहंती ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमैट की भूमिका NEP 2020 के क्रियान्वयन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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प्रो. गीता रानी (NIEPA), प्रो. सुमन नेगी (NIEPA)
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डॉ. मुकुल कुमार सती (निदेशक माध्यमिक शिक्षा)
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कुलदीप गैरोला (अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा)
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पद्मेन्द्र सकलानी (अपर निदेशक, SCERT)
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विनोद कुमार ढौंडियाल (मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून)
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सीमैट संकाय सदस्यगण: डॉ. मोहन बिष्ट, डॉ. मदन मोहन उनियाल, डॉ. जगमोहन विष्ट, डॉ. विनोद ध्यानी, विनीत त्रिपाठी, राजेन्द्र प्रसाद बडोला।
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क्षमता संवर्द्धन क्यों आवश्यक है?
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इसके विभिन्न स्वरूप जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम, नेतृत्व विकास, सतत व्यावसायिक विकास आदि।
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शिक्षा क्षेत्र में मानव संसाधन विकास के लिए क्षमता संवर्द्धन कैसे नींव रखता है।
यह बैठक न केवल उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। सीमैट की इस नेतृत्वकारी भूमिका से आने वाले वर्षों में विद्यालय नेतृत्व एवं शैक्षिक प्रशासन की गुणवत्ता में निश्चित रूप से अभूतपूर्व सुधार देखने को मिलेगा।
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