Tuesday, June 10, 2025

देश में एन.ई.पी.-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन में सीमैट की भूमिका तथा विजन-2047 के प्रमुख शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शैक्षिक प्रशासकों एवं विद्यालय प्रमुखों की क्षमता संवर्द्धन पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय बैठक


 आयोजन का उद्देश्य:

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) के प्रभावी क्रियान्वयन तथा विजन-2047 के लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु शैक्षिक प्रशासनिक नेतृत्व की भूमिका को सशक्त बनाना, एवं उनके क्षमता संवर्द्धन के लिए कार्ययोजना बनाना इस तीन दिवसीय राष्ट्र स्तरीय बैठक का मुख्य उद्देश्य रहा।

आयोजनकर्ता संस्थान:
राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट), उत्तराखंड द्वारा यह बैठक आयोजित की गई है, जिसे राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA), नई दिल्ली के सहयोग से सम्पन्न किया जा रहा है। यह उत्तराखण्ड राज्य के लिए पहली बार है कि उसे इस तरह की राष्ट्रीय बैठक के लिए सहयोगी संस्था के रूप में चुना गया है।


 प्रतिभागी एवं अतिथिगण:
इस बैठक में देश के 30 राज्यों के सीमैट निदेशकगण प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गोवा, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, नागालैंड, राजस्थान, तेलंगाना आदि शामिल हैं।

बैठक का शुभारंभ एवं वक्तव्य:
बैठक का उद्घाटन राजस्थान सरकार के संयुक्त सचिव एवं निदेशक सीमैट मनीष गोयल (आई.ए.एस.) के द्वारा किया गया। शुभारंभ के अवसर पर:

  • प्रोफेसर के. विश्वाल (NIEPA) ने प्रशिक्षण व क्षमता संवर्द्धन की महत्ता पर बल देते हुए विस्तृत विचार साझा किए।

  • निदेशक प्रारंभिक शिक्षा  अजय कुमार नौड़ियाल ने कहा कि किसी भी संस्थान की प्रभावशीलता उसके मानवीय संसाधनों की गुणवत्ता पर आधारित होती है।

  • बैठक के समन्वयक प्रो. एन.के. मोहंती ने बैठक के उद्देश्यों, एजेंडा और कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी दी।

  • प्रो. एन.के. मोहंती ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमैट की भूमिका NEP 2020 के क्रियान्वयन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।


विशिष्ट उपस्थिति:
बैठक में कई विशिष्ट अतिथिगण व राज्य स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें शामिल हैं:

  • प्रो. गीता रानी (NIEPA), प्रो. सुमन नेगी (NIEPA)

  • डॉ. मुकुल कुमार सती (निदेशक माध्यमिक शिक्षा)

  •  कुलदीप गैरोला (अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा)

  •  पद्मेन्द्र सकलानी (अपर निदेशक, SCERT)

  • विनोद कुमार ढौंडियाल (मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून)

  • सीमैट संकाय सदस्यगण: डॉ. मोहन बिष्ट, डॉ. मदन मोहन उनियाल, डॉ. जगमोहन विष्ट, डॉ. विनोद ध्यानी, विनीत त्रिपाठी, राजेन्द्र प्रसाद बडोला।


सत्र की झलक:
बैठक के प्रथम सत्र में प्रोफेसर के. विश्वाल द्वारा क्षमता संवर्द्धन पर अत्यंत प्रभावशाली प्रस्तुति दी गई। उन्होंने बताया:

  • क्षमता संवर्द्धन क्यों आवश्यक है?

  • इसके विभिन्न स्वरूप जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम, नेतृत्व विकास, सतत व्यावसायिक विकास आदि।

  • शिक्षा क्षेत्र में मानव संसाधन विकास के लिए क्षमता संवर्द्धन कैसे नींव रखता है।


यह बैठक न केवल उत्तराखंड के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। सीमैट की इस नेतृत्वकारी भूमिका से आने वाले वर्षों में विद्यालय नेतृत्व एवं शैक्षिक प्रशासन की गुणवत्ता में निश्चित रूप से अभूतपूर्व सुधार देखने को मिलेगा।

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