13/6/2025 देहरादून, उत्तराखंड।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), उत्तराखंड द्वारा आयोजित विषयवार पाठ्यक्रम विभाजन कार्यशाला का सफल समापन 13 जून को हुआ। यह कार्यशाला 11 जून से प्रारंभ होकर तीन दिवसीय रही, जिसमें कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम का मासिक विभाजन तैयार किया गया।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र के दौरान स्पष्ट दिशा-निर्देश प्रदान करना है कि वे प्रत्येक माह कौन-कौन से पाठ और गतिविधियाँ सम्पन्न करें।
उद्देश्य और महत्त्व
समापन सत्र में सहायक निदेशक डॉ. कृष्णा नन्द बिजलवाण ने कहा – "पाठ्यक्रम विभाजन से शिक्षकों को अपने विषय के शिक्षण की बेहतर योजना बनाने में सहायता मिलेगी और छात्रों के अधिगम परिणामों में भी सुधार होगा।"
समन्वय और आभार
कार्यशाला समन्वयक सुनील भट्ट ने सभी विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया और इस महत्वपूर्ण कार्य को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के लिए टीम को धन्यवाद दिया।
विषयवार कोर ग्रुप के योगदान
विज्ञान एवं पर्यावरण अध्ययन
- डॉ. दिनेश रतूड़ी, डॉ. उमेश चमोला, राकेश चंद्र, प्रेरणा बहुगुणा, अर्चना पंत, डॉ. प्रिया जैसवाल
- आलोक, अवनीश, गिरीश बड़ोनी
सामाजिक विज्ञान
- डॉ. गंगा घुघत्याल, ज्योत्स्ना रतूड़ी, जगदम्बा कुकरेती, सुमन सेमवाल, रजनी रावत
- विजय, हेमंत चौकियाल, विजय आनंद नौटियाल
गणित
- डॉ. मनोज कुमार शुक्ला, नीलम पंवार, लक्ष्मी सजवाण, रुचि पुंडीर, अनामिका
- प्रवीण उनियाल, बबीता सजवाण, ललित पाण्डेय, अनीता नौटियाल
अंग्रेजी
- सुधा पेंन्युली, गोपाल घुघत्याल, उर्वशी, भाग्य श्री, पूनम
- ममता बहुगुणा, सुनैना कंडारी, राजेश खत्री, ममता बड़ोनी
हिन्दी व संस्कृत
- डॉ. साधना डिमरी, खजान सिंह, कनकलता सेमवाल, गीता भट्ट, वरतुल
- संगीता फरासी, डॉ. सुरेन्द्र आर्यन, दिनेश रावत, पूनम घिल्डियाल, दीक्षता
साझेदारी और उपस्थिति
इस अवसर पर अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से अंबरीश बिष्ट की विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने कार्यशाला के दौरान अकादमिक संवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह कार्यशाला उत्तराखंड की स्कूली शिक्षा में एक संरचित, मासिक शिक्षण रूपरेखा को अपनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।