Thursday, June 05, 2025

उत्तराखंड में गुणवत्तापरक शिक्षा की दिशा में नए निर्णय लेने होंगे: SCERT सभागार में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की महत्वपूर्ण बैठक


 दिनांक: 5/जून /2025 स्थान: SCERT सभागार, देहरादून

उत्तराखंड राज्य की शैक्षिक गुणवत्ता को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के सभागार में किया गया। इस सामूहिक बैठक की अध्यक्षता स्वयं महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा  अभिषेक रोहिला ने की। इस बैठक में SCERT के वरिष्ठ अधिकारियों, संकाय सदस्यों एवं विभागीय प्रमुखों की उपस्थिति रही।

निदेशक ने दी वर्तमान कार्यों की जानकारी

बन्दना गर्ब्याल, निदेशक अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण, ने बैठक की शुरुआत में परिषद द्वारा वर्तमान में संचालित योजनाओं एवं गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से सूचना तकनीकी (आईटी), नवाचार, INSPIRE अवॉर्ड मानक आदि क्षेत्रों में हो रहे उत्कृष्ट कार्यों की जानकारी साझा की। उन्होंने SCERT की टीम द्वारा किए जा रहे शैक्षिक नवाचारों की सराहना करते हुए उन्हें राज्य स्तर पर लागू करने की संभावना पर भी चर्चा की।

महानिदेशक ने लिया परिचय और प्रगति पर जानकारी 

अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने महानिदेशक को संकाय सदस्यों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी और बताया कि वे स्वयं परिषद में मात्र दो माह पूर्व जुड़े हैं, इसलिए वह कार्यों का अवलोकन कर रहे हैं और इनकी समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने परिषद की कार्यप्रणाली की पारदर्शिता और संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।

इसी क्रम में डॉ. के. एन. बिजलवाण ने स्वयं का परिचय देते हुए परिषद में रिक्त पदों एवं मानव संसाधन की चुनौतियों पर चर्चा की, जिससे परिषद के कार्यों की गति और गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ सकता है।

संकाय से संवाद और प्रस्तुति की योजना

बैठक के दौरान महानिदेशक रोहिला ने सभी संकाय सदस्यों से परिचय प्राप्त किया और उनसे उनके कार्य क्षेत्रों की संक्षिप्त जानकारी भी मांगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभागों को अपने-अपने कार्यों का एक प्रलेखित प्रस्तुतीकरण (डॉक्युमेंटेशन), प्रेजेंटेशन, आवश्यकताएं, समस्याएं एवं उनके संभावित समाधान पर आधारित एक विस्तृत प्रपत्र तैयार करना होगा। उन्होंने इसके लिए रॉस्टर (कार्यक्रम तालिका) बनाने के निर्देश दिए, ताकि इसे योजनाबद्ध ढंग से प्रस्तुत किया जा सके।

भविष्य की रणनीति और शिक्षण गुणवत्ता पर बल

महानिदेशक रोहिला ने यह स्पष्ट किया कि परिषद को अब राज्य में गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए सक्रिय रणनीतियों पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि SCERT जैसे संस्थान की भूमिका न केवल नीतिगत निर्माण में होनी चाहिए, बल्कि नवाचार, शिक्षक प्रशिक्षण, डिजिटल टूल्स के उपयोग, और मूल्य आधारित शिक्षा के सुदृढ़ीकरण में भी इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों की स्पष्ट रूपरेखा, लक्ष्य, और मापनीय उपलब्धियां निर्धारित कर कार्यान्वयन की पारदर्शिता बढ़ानी चाहिए। इसके लिए एक दीर्घकालीन रणनीति दस्तावेज (Strategic Action Plan) तैयार किया जाएगा, जिसे आगामी बैठकों में प्रस्तुत किया जाएगा।

SCERT उत्तराखंड में आयोजित यह सामूहिक बैठक केवल औपचारिक संवाद नहीं, बल्कि प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को पुनर्संगठित करने की दिशा में एक ठोस कदम है। महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा दिए गए निर्देशों से स्पष्ट है कि राज्य अब परिणामोन्मुख, नवाचारी और सहभागिता आधारित शिक्षा व्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहा है। आगामी दिनों में SCERT की टीम से पूरे राज्य को बहुत सी नवाचारी पहल और सशक्त शैक्षिक मॉडल की उम्मीद की जा सकती है।