उत्तराखंड के छात्रों ने एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा और नवाचार से प्रदेश का नाम रोशन किया है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इन्सपायर अवार्ड - MANAK योजना के अंतर्गत उत्तराखंड के तीन होनहार छात्रों के प्रोटोटाइप्स को पेटेंट प्राप्त हुआ है। इस सम्मानजनक उपलब्धि पर निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण बन्दना गर्ब्याल एवं एस सी ई आर टी के अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी ने इन मेधावी छात्रों को हार्दिक बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इन्सपायर अवॉर्ड योजना क्या है?
INSPIRE (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research) - MANAK (Million Minds Augmenting National Aspirations and Knowledge) कार्यक्रम भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF) द्वारा संचालित एक पहल है। इसका उद्देश्य कक्षा 6वीं से 12वीं तक के छात्रों में नवाचार और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना है।
हर वर्ष पूरे देश भर से लाखों छात्रों के नवाचार प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। चुने गए श्रेष्ठ प्रस्तावों को प्रोटोटाइप निर्माण हेतु अनुदान (₹10,000) और फिर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन के अवसर मिलते हैं। इस योजना का अंतिम चरण होता है – पेटेंट आवेदन और तकनीकी रूप से व्यावसायीकरण की दिशा में अग्रसर करना।
उत्तराखंड के तीन छात्रों के अद्भुत नवाचार जिनको मिला पेटेंट:
1. नीरज कोहली (GIC , चंपावत)
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आविष्कार: ऑटोमैटिक वॉटर टैंक
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उद्देश्य: दिव्यांग लोगों की सहायता हेतु यह टैंक ऐसे लोगों के लिए बनाया गया है जो पानी भरने में असमर्थ होते हैं। विशेष सेंसर तकनीक से यह पानी का स्तर पहचान कर खुद-ब-खुद टैंक भर देता है।
2. धर्मेंद्र सिंह (GHHS, भामरियाखाल, पौड़ी)
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आविष्कार: मल्टीपर्पज फिल्ट्रेशन मशीन
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उद्देश्य: यह मशीन मजदूरों एवं किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इसमें एक कंटेनर होता है जिसमें से तेल, अन्य द्रव और फसलों को छानने के लिए अलग-अलग छन्नियां लगाई जाती हैं।
3. ऋतिक चमयाल (GIC, उत्तरकाशी)
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आविष्कार: पैडल राइस मशीन
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उद्देश्य: यह मशीन धान से भूसी अलग करने के लिए साइकिल पैडल आधारित रिसाइकल बॉक्स के साथ बनाई गई है। पर्यावरण अनुकूल यह मशीन बिजली के बिना भी कार्य कर सकती है।
उपलब्धि की खास बात:
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पूरे देश से 10 लाख से अधिक छात्रों के प्रस्तावों में से मात्र 31 छात्रों को उनके प्रोटोटाइप पर पेटेंट प्राप्त हुआ।
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उत्तराखंड से तीन छात्र इस सूची में शामिल होकर पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय बने।
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इन्सपायर अवॉर्ड 2024–25 के लिए भी चयन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है, जिसमें 1886 बच्चों का चयन किया गया है।
ये तीनों नवाचार इस बात का उदाहरण हैं कि जब छात्रों को सही मार्गदर्शन, मंच और संसाधन मिलते हैं, तो वे समाज के लिए परिवर्तनकारी आविष्कार कर सकते हैं। इन्सपायर अवॉर्ड जैसी योजनाएं छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रचनात्मकता, और सामाजिक उत्तरदायित्व को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
एस सी ई आर टी उत्तराखण्ड से राज्य समन्वयक इन्सपाइर डॉ अवनीश उनियाल , प्रदेश विद्यालयी शिक्षा विभाग और हम सभी जनमानस को इन होनहार बच्चों पर गर्व है!
स्रोत: दैनिक समाचार clipping, SCERT रिपोर्ट एवं INSPIRE MANAK योजना
अधिक जानकारी के लिए:
https://www.inspireawards-dst.gov.in