Friday, August 09, 2024

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उत्तराखंड द्वारा कक्षा 9 के छात्रों के लिए आपदा प्रबंधन विषय पर पुस्तक लेखन कार्यशाला का समापन

 देहरादून, 8 अगस्त 2024 - राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), उत्तराखंड ने कक्षा 9 के छात्रों के लिए आपदा प्रबंधन पर पुस्तक लेखन कार्यशाला का सफल समापन किया। यह कार्यशाला पिछले पांच जुलाई से देहरादून स्थित अजीम प्रेमजी फाउंडेशन सभागार में चल रही थी, जिसमें उत्तराखंड राज्य की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विषय-वस्तु को तैयार किया गया।

विशेष विषय विशेषज्ञों का योगदान

इस कार्यशाला में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से चयनित विषय विशेषज्ञों ने पांच दिनों तक गहन विचार-विमर्श कर पुस्तक लेखन में योगदान दिया। कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने राज्य की आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। विशेषज्ञों में शामिल थे डॉ. उमेश चमोला, डॉ. दिनेश रतूड़ी, प्रदीप बहुगुणा, सुरेंद्र आर्यन, डॉ. दीपक मेहता, रविंद्र रौतेला, गिरीश सुंद्रियाल, डॉ. राकेश गैरोला, डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट, डॉ. अवनीश उनियाल, अखिलेश डोभाल, सुशील गैरोला, अरुण थपलियाल, रवि दर्शन तोपाल और बलवंत सिंह नेगी। इसके अलावा, चित्रकार अवनीश सिंह, संजय रावत, और हेमलता बिष्ट ने चित्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तकनीकी सहयोग सोहन रावत, राजकुमार और सिद्धार्थ द्वारा प्रदान किया गया।

निदेशकों की सहभागिता और योगदान

कार्यशाला के दौरान, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, बंदना गर्ब्याल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा,  अजय कुमार नौडियाल, संयुक्त निदेशक, आशा रानी पैन्यूली और सहायक निदेशक, डॉ. के. एन. बिजल्वाण ने मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। उन्होंने विशेषज्ञों के साथ मिलकर सामग्री का विश्लेषण किया और महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

निदेशक बंदना गर्ब्याल ने अपने संबोधन में कहा, "उत्तराखंड राज्य आपदा की दृष्टि से संवेदनशील है, इसलिए बच्चों को आपदाओं से बचाव के प्रति जागरूक करना अति आवश्यक है। एससीईआरटी द्वारा विकसित यह पुस्तक इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"



निदेशक माध्यमिक,अजय कुमार नौडियाल ने कहा, "यह पुस्तक संपूर्ण उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करेगी और इसमें मैदानी क्षेत्र तथा पहाड़ी क्षेत्रों में आने वाली आपदाओं के स्वरूप और उनके अंतर को समझाने का प्रयास किया गया है।"

संयुक्त निदेशक श्रीमती आशा रानी पैन्यूली ने बताया कि, "पुस्तक में विषय सामग्री के साथ-साथ बच्चों के कौशल विकास के लिए प्रोजेक्ट कार्य भी शामिल किए गए हैं। इससे उनके मूल्यांकन में भी सहायता मिलेगी।"

आपदा प्रबंधन के प्रमुख बिंदु

कार्यशाला के मुख्य समन्वयक सोहन सिंह नेगी और सह समन्वयक डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी ने बताया कि इस पुस्तक के प्रथम चरण में कक्षा 9 के लिए आपदा प्रबंधन की सामग्री तैयार की जा रही है। इसके बाद कक्षा 10 के छात्रों के लिए भी इसी विषय पर पुस्तक तैयार की जाएगी। इस पुस्तक में आपदा प्रबंधन के घटक, आपदाओं के प्रकार, आपदा न्यूनीकरण, सड़क सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में समुदाय की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाहित किया गया है।

समापन सत्र और भविष्य की योजनाएँ

समापन सत्र के दौरान सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानंद बिजल्वाण ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक उत्तराखंड की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगी। उन्होंने कहा, "इस पुस्तक के माध्यम से छात्र आपदाओं के प्रति जागरूक होंगे और इससे उनका ज्ञानवर्धन होगा।"

यह कार्यशाला न केवल शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह राज्य के बच्चों को भविष्य में आपदाओं से निपटने के लिए तैयार करने की दिशा में भी एक अहम प्रयास है। इस पुस्तक के प्रकाशन के बाद, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र इसके माध्यम से आपदा प्रबंधन की बारीकियों को समझें और अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।

एससीईआरटी उत्तराखंड का यह प्रयास निश्चय ही राज्य के शैक्षिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा और छात्रों को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सक्षम बनाने की दिशा में सहायक होगा।